पैसे लेकर मेरा बिस्तर गर्म किया दोस्त की बीवी ने

मैं गोरखपुर में एक फाइनेंस कम्पनी में जॉब कर रहा था। मेरे साथ में कई लड़के थे जो साथ नौकरी कर रहे थे। हम लोगों का काम था की जादा से जादा लोगो को लोन देना और मुनाफा कमाना। कुछ दिनों बाद मेरी अर्जुन नाम के लड़के से अच्छी दोस्ती हो गयी। Hot Randi

मैं उसके घर भी आने जाने लगा। अर्जुन शादीशुदा था और एक बस्ती में किराए पर कमरा लेकर रहता था। उसका पुस्तैनी घर तो गाँव में था। पर जिस तरह से अर्जुन की सिर्फ 12 हजार की सैलरी थी मुझे उसकी बीबी पर शक होता था।

जिस तरह से वो महीने में 4 5 बार दिन शौपिंग पर जाती थी मुझे उसकी बीबी मीनाक्षी पर शक होता था। आये दिन मीनाक्षी कोई न कोई समान खरीदती रहती थी। पिछले महीने उसके बड़ा सा led टीवी लिया था और इस महीने उसके 30 हजार का फुल साइज फ्रिज ख़रीदा।

“यार अर्जुन!! इतना माल आ कहाँ से रहा है?? हर महीने तेरी बीवी कोई न कोई समान लेती रहती है। राज क्या है??” मैंने उससे एक दिन पूछा.

अर्जुन मेरा सवाल सुनकर थोडा घबरा गया।

“नही यार! ऐसी कोई बात नही है। उसके पापा अक्सर पैसे भेजते रहते है। कस्टम में है इसलिए घूस भी खूब मिलती है” अर्जुन बोला.

पर दोस्तों मुझे बार बार अर्जुन की बीवी पर शक होता था की ये कोई ऐसा वैसा काम जरुर करती है। एक दिन मैं अर्जुन के घर पर गया था। एक जवान आदमी मीनाक्षी से बैठे कर बात कर रहा था। मीनाक्षी ने मुझे बाहर ही कुर्सी दे दी और अंदर चली गयी। पुरे 1 घंटे बाद वो आदमी निकला। फिर मीनाक्षी मुझे अंदर घर में ले गयी और मीठी मीठी बाते करने लगी। उसके हाथ में 500 के 2 नोट थे।

“ऋषभ भैया! आप तो कुवारे है पर चुदाई करने का दिल तो करता ही होगा आपका????” मीनाक्षी बोली.

उसकी बात सुनकर मैं हैरान था। मेरे समझ में नही आ रहा था की क्या कहूँ। मीनाक्षी देखने में काफी गोरी चिट्टी और खूबसूरत औरत थी। हमेशा फैशन में रहती थी और हमेशा नए कपड़े पहनती थी। फिर मैं भी उससे खुल गया।

“भाभी चुदाई का मन तो बहुत करता है पर कहाँ कोई लड़की है जिसे चोद सकूं” मैंने कहा और मुंह बना लिया.

अर्जुन की धंधेबाज बीवी हँसने लगी।

“बस इतनी सी बात है। ऋषभ भैया! पैसा फेंको और तमाशा देखो!” मीनाक्षी किसी धंधेबाज रंडी की तरह बोली।

जिस तरह से वो पटर पटर बोल रही थी मुझे हल्का हल्का शक होने लगा की ये जरुर धंधा करती होगी। पर मैं मासूम और अनजान बना रहा।

“भाभी!! फिर तो दिलाओ मुझे किसी खूबसूरत लड़की की चूत” मैंने अर्जुन की बीवी मीनाक्षी से कहा.

“अच्छा कडक माल चाहिए तो हजार लगेंगे और घिसा पिटा माल चाहिए तो 500 में हो जाएगा” मीनाक्षी कंधे और आँखें एक साथ मटकाकर बोली.

मैंने उसे हजार रुपये पर्स से निकालकर दे दिया।

“भाभी कल मैं दोपहर 2 बजे तुम्हारे घर आऊंगा। तुम माल तैयार रखना” मैंने कहा.

अगले दिन मैं वक्त पर पहुच गया था। अर्जुन ऑफिस में था। मैं उससे बहाना बनाकर उसके घर पर आ गया था। मैंने उसके घर के दरवाजे पर दस्तक दी तो मीनाक्षी पूरी तरह मेकअप में थी। उसके एक नई साड़ी पहनी थी। ओठो पर लाली और आँखों में काजल लगा रखा था। वो पान चबा रही थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पर पढ़ रहे है.

“आओ आओ ऋषभ भैया!” मीनाक्षी हंसकर बोली और हँसने लगी।

उसने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। कुण्डी लगा दी।

“भाभी मेरा माल नजर नही आ रहा है” मैंने कहा। मैं अच्छी तरह से जानता था की मीनाक्षी ही आज रंडी बनकर मुझसे चुदवाएगी। मुझे पता था।

“ये तुम्हारे सामने कैसी माल है??? बोलो पसंद आया की नही???” मीनाक्षी आँखें नचाकर बोली.

“ओह्ह बेटीचोद!! भाभी तू धंधा करती है???” मैंने कहा और मुंह पर हाथ लगा दिया। मैं हैरान था।

“हाँ करना ही पड़ता है। क्यूंकि तेरा गांडू दोस्त है ना अर्जुन। वो इतना कम कमाता है की मेरी बिंदी तक नही खरीद सकता। इसलिए मुझे धंधा करना पड़ता है” मीनाक्षी बोली.

“ठीक है भाभी आ जाओ बिस्तर पर। आओ गर्म करो आकर मेरा बिस्तर” मैंने कहा.

मीनाक्षी मेरे पास आ गयी। दोस्तों मेरा शक अब यकीन में बदल गया था। मेरे दोस्त अर्जुन की बीबी मीनाक्षी धंधा करती थी। अब मुझे सब मालुम पड़ गया था। उसे हजार रुँपये तो मैं पहले ही दे चूका था। मैंने मीनाक्षी को बाहों में कस लिया और उसके होठ चूसने लगा।

क्या कातिला माल थी वो। साड़ी ब्लाउस में वो एक सम्पूर्ण नारी लग रही थी। मीनाक्षी का चेहरा गोल था। रंग गोरा था और फिगर झक्कास था। मीनाक्षी बहुत गोरी और सुंदर औरत थी। उसका बदन बहुत गोरा, भरा हुआ और सुडौल था। फिगर कमाल का था।

बदन बिलकुल संगमर्मर की तरह चिकना और तराशा हुआ था। वो बहुत सेक्सी और हॉट माल थी। 34, 28, 30 का फिगर था उसका। छरहरा और बिलकुल फिट जिस्म था। मीनाक्षी की आँखें काली काली और बड़ी बडी थी। पलके तो बेहद खूबसूरत थी। वो 20 साल की एक जवान, आकर्षक नवयौवना थी।

उसके ओठ, मम्मे, रेशमी काले बाल उसकी खूबसूरती बढ़ा देते थे। उसने साड़ी ब्लाउस पहन रखा था। बिलकुल इंडियन औरत लग रही थी वो। उसके काले रेशमी बाल खुले हुए थे और पंखे की हवा से उड़ रहे थे जिसमे वो और सेक्सी आइटम लग रही थी। उफ्फ्फ क्या भरा हुआ जिस्म था मीनाक्षी का।

उसकी लचकती छरहरी पतली कमर बहुत कामुक थी। उसने बहुत करीने से साड़ी और ब्लाउस पहन रखा था। ब्लाउस स्लीवलेस था और उसके गोरे गोरे हाथ हाथ कंधे तक मुझे दिख रही थी जिसमे वो बहुत सेक्सी माल लग रही थी। उसने बैकलेस ब्लाउस पहना था।

मीनाक्षी की पूरी पीठ खुली हुई थी। उसकी चिकनी पीठ के मैं दर्शन कर रहा था। उसके मम्मे 34” के थे। बहुत बड़े बड़े गोल गोल और रसीले थे। कोई भी लड़का उसके नंगे बूब्स को अगर एक बार देख लेता तो उसे चोदकर ही मानता। मीनाक्षी इतनी खूबसूरत माल थी।

वो अपने मम्मे आगे की तरफ और अपनी गांड मटका मटकाकर पीछे की तरफ निकाल कर चलती थी। उसके दूध मुसम्मी की तरह गोल गोल थे और दूर से ही चमकते थे। धीरे धीरे मैंने उसे बाहों में भर लिया और उसके रसीले होठ चूसने लगा। वो भी पूरा सहयोग कर रही थी।

वो रोज 1 2 मर्दों से चुदवाकर अच्छा पैसा कमाती थी। आज मैं अपने दोस्त अर्जुन की धंधेबाज बीबी को चोदने वाला था। दोस्तों कुछ ही देर में हम दोनों गर्म हो गये। मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और मीनाक्षी के उपर आ गया। उसने गहरे गले का ब्लाउज पहन रखा था।

उसकी मलाई जैसी दूधिया चूची मुझे दिख रही थी। मैं जल्दी से उसके ब्लाउस में हाथ डाल दिया। मीनाक्षी ने बहुत कसा ब्लाउस पहना था पर मैं भी कम चोदू आदमी नही था। मैंने आखिर तिकड़म करके अपना हाथ उसके ब्लाउस में डाल दिया और उसके दूध दबाने लगा।

अर्जुन की चुदासी बीवी मीनाक्षी “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” करने लगी। उफ्फ्फ्फ़!! इतने सॉफ्ट दूध थे उसके। मैं जल्दी जल्दी दबाने लगा। मीनाक्षी सिसकने लगी। मीनाक्षी का दूध 34” के थे गोल गोल और बड़े बड़े। मैं जल्दी जल्दी दबाने लगा तो मीनाक्षी पागल होने लगी। कितने मुलायम और रसीले स्तन से उसके।

“ऋषभ भैया! ऐसे तुमको मजा नही आएगा। रुको मैं ब्लाउस उतारती हूँ” मीनाक्षी बोली। फिर उसने अपनी साड़ी उतार दी और ब्लाउस भी खोल कर निकाल दिया। उसने अपने दोनों हाथ पीछे किये और कसी ब्रा के हुक खोल दिए और ब्रा निकाल दी।

अर्जुन की धंधेबाज बीवी फिर से बिस्तर पर लेट गयी। मैं उसके उपर चढ़ गया और उसके खूबसूरत मम्मो को हाथ में पकड़ लिया फिर मैं दबाने लगा। उफ्फ्फ्फ़!! क्या चिकनी छातियाँ थी उसकी। दूध पर काले काले गोल गोल घेरे बहुत सेक्सी और कामुक लग रहे थे।

मैं अपने हाथो से उसके मम्मे सहला रहा था। मैं चुदासा और सेक्सी फील कर रहा था। हल्के हाथो से मैं अर्जुन की बीबी के मम्मे गूथ रहा था। वो “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ… ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की सेक्सी आवाजे निकाल रही थी।

फिर मैं उसके दूध मुंह में भरकर चूसने लगा। मैंने मीनाक्षी के होनो हाथों को पकडकर उपर कर दिया जिससे वो मुझे मना न कर सके। उसके बाद मैं उसके स्तन चूसने लगा। ओह्ह मजा आ गया था उस दिन दोस्तों। मुझे अर्जुन की सेक्सी बीवी पहले दिन से ही पसंद थी।

पहले दिन से ही मेरा उसे देखकर लंड खड़ा हो जाता है और चोदने का दिल करता था। आज मेरा सपना सच हो रहा था। मैं हाथ से मीनाक्षी के स्तन दबा दबाकर पी रहा था। वो भी “उ उ उ उ उ… अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी… ऊँ—ऊँ…ऊँ….” बोलकर तडप रही थी।

मैं एक स्तन पीता, फिर चूसकर दूसरा मुंह में भर लेता। इस तरह मैं काफी देर तक अर्जुन की खूबसूरत बीवी के मम्मो से खेलता रहा। फिर उसके पेटीकोट में मैं साइड से अपना हाथ डाल दिया। और उसकी चड्ढी के उपर से चूत को सहलाने लगा।

मीनाक्षी मेरा हाथ पकड़ने की कोशिश करने लगी पर मैं जल्दी जल्दी उनकी रसीली चूत को चड्डी के उपर से सहलाता रहा। उसकी चूत में मैं उपर से ही ऊँगली कर रहा था। फिर मैं पूरी तरह से नंगा हो गया और अपना लंड अर्जुन की धंधेबाज बीवी के हाथ में पकड़ लिया।

“लो भाभी चूसो इसे” मैंने मीनाक्षी से कहा.

“चूसने से एक्स्ट्रा पैसे लगेंगे ऋषभ भैया” मीनाक्षी इठलाकर बोली.

“पैसे क्या तुम कहो तो पूरी जिन्दगी तुम्हारे नाम कर दूँ रानी!!” मैंने कहा.

फिर अर्जुन की रंडी बीवी जल्दी जल्दी मेरे लंड को फेटने लगी। मैं अहह्ह्ह्हह… सी सी सी सी.. हा हा हा करने लगा। मुझे मजा आ रहा था। मीनाक्षी शायद कई साल से धंधा कर रही थी। उसे फुल ट्रेनिंग थी। वो जल्दी जल्दी मेरे 10” के लंड को उपर नीचे करके फेटने लगी।

“ऋषभ भैया तुम्हारा लंड इतना बड़ा कैसे है। अर्जुन का तो पिद्दी भर का है। बिलकुल मजा नही आता है” मीनाक्षी बोली.

“जानेमन! रोज रात में सांडे के तेल की मालिश करता हूँ तब ये लंड इतना लम्बा है। एक बार खाओगी तो रोज रोज मांगोगी और मेरे ही लंड से चुदवाओगी” मैंने कहा.

अब मीनाक्षी और जल्दी जल्दी मेरा लंड फेटने लगी। फिर झुककर उसने मुंह में ले लिया और जल्दी जल्दी चूसने लगी। मैं उसकी बेताब छातियों से खेलने लगा। मीनाक्षी के हाथो की छुअन से मेरा लंड फूल लगा था और सारी नशे तन गयी थी। मुझे भरपूर मजा मिल रहा था। मीनाक्षी के बाल बार बार नीचे को गिर जाते थे। खुले हुए काले बालों में वो बेहद सेक्सी और हॉट माल लग रही थी।

मेरे सुपाडे का रंग बिलकुल गुलाबी हो गया था। मेरे लंड के छेद में अर्जुन की बीबी जीभ बार बार लगा रही थी जिससे मुझे अजीब सी सनसनी मिल रही थी। वो बहुत आक्रामक हो गयी थी और अपने गले तक मेरे लंड को लेकर चूस रही थी। दोस्तों मीनाक्षी मेरे लंड को खा लेना चाहती थी। वो बार बार काट लेती थी। मैं तडप जाता था।

मुझे मजा आ रहा था। साथ ही मैं “अई… अई… अई… अहह्ह्ह्हह… सी सी सी सी… हा हा हा…” की आवाज निकाल रहा था। अर्जुन की धंधेबाज बीवी ने 25 मिनट मेरा लंड चूसा। फिर उसने जल्दी से अपना पेटीकोट खोल कर दूर फेंक दिया। उसने अपनी चड्डी निकाल दी।

“ऋषभ भैया!! तुमको लड़की को लंड पर बिठाकर चोदना आता है की नही????” अर्जुन की बीबी बोली.

“अरे जानेबहार मुझे बिस्तर पर हर तरह का करतब आता है” मैंने कहा.

मीनाक्षी उछलकर मेरी कमर पर आ गयी। मेरे 10” के लंड को उसने अपनी चूत में डाल लिया और धीरे धीरे पूरा चूत में खा गयी। मेरे लंड से उसकी कसी चूत को अंदर तक फाड़ दिया था और अंदर घुस गया था। मैंने कुछ नही किया। सब कुछ अर्जुन की सेक्सी बीवी ही कर रही थी।

वो धीरे धीरे मेरे लंड पर उछलने लगी। उसकी रसीली बुर चुदने लगी। मैं सीधा लेटा हुआ था। मीनाक्षी मेरे लंड को चूत में खाने लगी और चुदवाने लगी। इसके साथ ही वो “अई… अई… अई… अहह्ह्ह्हह… सी सी सी सी… हा हा हा…” कर रही थी।

उसे मैं खूब मजा दे रहा था। मैं तो बस आराम से लेटा था। धीरे धीरे मीनाक्षी मेरे 10” लंड रूपी घोड़े की सवारी करने लगी और उसके गोल मटोल चुतड़ करिश्माई तरह से गोल गोल घूम रहे थे। मैं तो देख कर हैरान था। इसका मतलब अर्जुन की बीवी असली रंडी थी और चूत चुदाई के सारे करतब जानती थी।

मैंने उसके पुट्ठे सहलाना शुरू कर दिया। वो जो जोर से मेरे लंड पर कूदने लगी। मीनाक्षी की बड़ी बड़ी चूचियां बार बार किसी बाल की तरह उछल रही थी। खुले बालों में वो कामवासना की साक्षात मूर्ति लग रही थी। मैं आराम से लेटकर अर्जुन की सेक्सी बीवी की चूत भोग रहा था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पर पढ़ रहे है.

दोस्तों कुछ देर बाद मेरा लंड उसकी चुद्दी में सरपट सरपट दौड़ने लगा। मुझे लगा की अब माल निकल जाएगा। पर किसी तरह मैंने खुद को सम्हाला। हम दोनों दो जिस्म एक जान हो गये थे। एक दुसरे में समा गये थे। चारो तरफ आनंद ही आनन्द हो गया था, हम दोनों जोर जोर से हांफ रहे थे।

मीनाक्षी तो जैसे रुकना जानती ही नही थी। वो जल्दी जल्दी मेरे लंड पर कूद रही थी और “ही ही ही… अ अ अ अ.अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह… उ उ उ…” की आवाज निकाल रही थी। इधर मेरा लंड अब पूरी तरह से अकड गया था। किसी भी वक़्त मेरा माल छूट सकता था। मैंने मीनाक्षी की चूचियों की निपल्स को ऊँगली से पकड़ लिया और ऐठने लगा। वो कसमसाने लगी और तेज तेज मेरे लंड पर कूदने लगी। “माँ की लौड़ी रस्सी कूद खेल रही है क्या???” मैंने कहा फिर नीचे से मैं भी हमला करने लगा।

उपर मीनाक्षी की रसीली बुर में धक्के मारने लगा। हम दोनों धक्के मारने लगे। आखिर 40 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मीनाक्षी मेरे साथ ही झड़ गयी। हम दोनों पसीना पसीना हो गये। वो मेरे सीने पर गिर पड़ी। मैं उसे प्यार करने लगा। दोस्तों आधा घंटे तक मीनाक्षी मेरे सीने पर सिर रखकर लेटी रही। आज उसने मुझे अपनी रसीली चूत बिलकुल बीवी बनकर दी थी। मैं बेहद खुश था। अब वो मुझसे पैसे नही लेती है और मुफ्त में चूत दे देती है।

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