कचरे वाले ने भी चोद दिया चुदासी दीदी को

Hiiii दोस्तो मैं सुमित, आज फिर एक नई सच्ची कहानी लेकर आया हूं, सीमा दीदी की सादी के करीब 3 साल बाद दीदी ने एक बच्ची को जन्म दिया. आपको बता दू कि यह बच्चा जीजा जी का नहीं था, दीदी को मैने, अपने दोस्तो से मिलकर चोदवाया था जैसे राजा, गुड्डू, बबला, अरमान, शाद, मिक्की, सौरव ना जाने कितने लोगों का मेहनत का फल थी ये बच्ची. Young Boy Big Dick

लेकिन बच्ची की शकल सौरव जैसा था, लेकिन मां बनने के बाद दीदी के ससुराल वाले बहुत खुश थे, उन्हें क्या पता कि दीदी ने बच्चे के लिए क्या क्या कुर्बानी दी है, लेकिन हमें पता था कि बेटी सौरव की है. फिर करीब 4 साल बाद दीदी अपने मायके आई.

दीदी अब पूरी भाभी लग रही थी, मगर खूबसूरती कम नहीं हुई थी, बल्कि और भी निखर गई थी, मैने शाम को सीमा को बोला कि ये बच्चा बिल्कुल सौरव के जैसा है, तभी दीदी बोली हा मुझे पता है क्योंकि सौरव का पहला वीर्य मेरे अन्दर ही था.

और ये सौरव की पहली पेलाई थी, बाकी तो कई लोग को चोद चुके थे, लेकिन सौरव सिर्फ मुझे ही चोदता था. रात को मैं दीदी को बोला, आज क्यों ना एक बार फिर हो जाए, दीदी ने मुझे मन कर दिया, दीदी ने मुझे बोली कि भाई मुझे कोई नया लन्ड चाहिए, दो दिन के बाद मै और दीदी मंदिर घूमने गए.

सीमा = अरे सुमित कितना बदल गया है ये शहर.

मै = दीदी आप तो 3 साल बाद आई हो.

दीदी ही स्कूटी चला रही थी और मैं पीछे बैठा था, जब मेरे दोस्तों को पता चला कि सीमा आई है तो सभी उसे चोदने के लिए घर आने लगे लेकिन दीदी ने सभी को मना कर दिया, यहां तक कि सौरव को भी सीमा ने मना कर दिया, करीब सात दिन बाद दीदी बालकनी में बैठ चाय पी रही थी. तभी एक कचरे वाला जो कि कचरा के लिए आवाज दिया, सीमा ने देखा कि वो लड़का, फटे पुराने कपड़े पहने है.

दीदी ने उसे बुलाया और पूछा क्या नाम है तुम्हारा, उसने बोला मेरा नाम फलक है, दीदी ने मेरे कुछ पुराने कपड़े उसको दे दी, अब जब भी इधर आता तो दीदी उसे कुछ ना कुछ दे देती. फलक कोई 18 साल का सवाला लेकिन बहुत ही आकर्षक था, एक दिन बाहर बहुत बारिश हो रही थी, उसी बारिश में वो काम कर रहा था, सीमा ने उसे देखा तो आवाज दी, और घर में बुला ली.

सीमा = तुम कितने भाई और बहन हो.

फलक = दीदी मैं, मम्मी, और एक बहन.

सीमा = तुम्हारे पापा कहा है.

फलक = उसने मम्मी को तलाक देकर दूसरी निकाह कर लिए है.

सीमा = तब तुम्हारा घर कैसे चलता है.

फलक = दिन में म्युनिसिपल का काम और शाम को गैराज में काम, महीने में 10 12 हो जाता है.

दीदी उसे खाने के लिया ब्रेड टॉस दिया और वो खाने लगा, फिर सीमा ने मजाक मजाक में बोली क्या तुम्हारी कोई गर्लफर्ड है.

फलक = कोई नहीं, मगर जब भी आपको देखता हु कुछ कुछ होने लगता है.

सीमा = अरे गधा मै तुमसे 10 साल की बड़ी हु.

फलक = मुझे पता है लेकिन ये सच है.

फिर बारिश बंद हुआ और वो जाने लगा, कुछ दिन बाद उसने सीमा को बोला कि आज उसका बर्थ डे है, सीमा ने उसे बर्थ डे विश किया है और पूछा क्या चाहिए गिफ्ट में.

फलक = कुछ नहीं बस आज शाम मेरे संग चलना.

शाम 6 बजे वो सफेद रंग का शर्ट और ब्लैक कलर की जींस पहन कर आया और दीदी को बोला आपने वादा किया है संग चलने की, सीमा बोली अच्छा रुक मै रेडी हो कर आती हु. एक घंटे बाद सीमा ग्रीन रंग की सारी और ब्लैक ब्लाउज पहन कर आई, फलक सीमा को एक टक देखने लगा. तभी सीमा बोली सिर्फ देखेगा या कही ले चलेगा, फिर फलक मेरी दीदी को लेकर एक घर में गया वहा आस पास कोई घर नहीं था बल्कि कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था.

सीमा = ये कहा लेकर आया है मुझे.

फलक = दीदी यहां कॉन्ट्रैक्शन का काम हो रहा है, और सिर्फ यही फ्लैट बन चुका है, बड़ी मुश्किल से दोस्त से चाभी लेकर आया हु.

सीमा अन्दर गई तो देखी रूम में एक सोफा और एक बेड है, और सामने टेबल पे एक केक है, खाने के लिए बिरयानी का पैकेट और पानी का बोतल है.

सीमा = अच्छा तो पार्टी है, तुमने अपने दोस्तों को क्यों नहीं बुलाया.

फलक = मेरा तो एक ही दोस्त है और वो आप.

सीमा हसने लगी फिर उसने केक काटा और सीमा को खिलाया. सीमा ने पूछा कि तुम्हे क्या चाहिए.

फलक = पहले खाना खा लो फिर मैं आपसे मांगूंगा.

खाने खाने के बाद उसने कोल्ड ड्रिंक खोला और एक ग्लास सीमा को और एक ग्लास खुद पीने लगा.

फलक = दीदी मै मांगूंगा आप दीजिएगा.

सीमा तो पहले ही समझ चुकी थी कि हाई स्कूल के स्टूडेंट ग्रेजुएट की पढ़ाई करने इच्छा रखता है.

सीमा = ठीक है मगर सोच समझ के मांगना.

फलक = दीदी आप बहुत सुंदर हो और आज मैं आपको अपने संग में रंगना चाहता हु.

सीमा नकली गुस्से से बोली अरे औकात में रहो, मै कहा और तुम कहा.

फलक = दीदी प्लीज एक बार.

और फिर दीदी के पांव के पकड़ कर जोर करने लगा, दीदी का भी तो मन था लेकिन नाटक कर रही है.

सीमा = मगर यहां कोई आ जाएगा तो.

फलक = दीदी यहां कोई नहीं आता, कल सुबह ही लोग आयेंगे काम करने के लिए.

फिर सीमा राजी हों गई, फलक सीमा के होठों को चूसने लगा.

सीमा = ये सब कहा से सिखा तुमने.

फलक = दीदी जब मैं कचरा उठा रह था तो एक घर ये चल रहा था और ओहि पे देखा, मैने ओहि पे मूठ मारा.

फिर उसने सीमा को गर्दन को हिंदी फिल्मी स्टाइल की तरह चूसने लगा, फिर पीछे जाकर सीमा की पीठ और कंधे के चूसने लगा. सीमा को बहुत मजा आ रहा था, फिर उसने सीमा का ब्लाउज खोला और दीदी के दोनो चुचियों को आजाद किया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

फलक = दीदी मैने बहुत सारे लड़कियों की चूची देखी है मगर आप जैसा कोई नहीं.

सीमा = तुम सब की चूचियां देखते हो क्या, और हा तुम मुझे सीमा बोलना दीदी नहीं.

फलक = नहीं दीदी सारी सीमा जब मैं कचरा चुनने जाता हु तो सुबह सुबह सुबह बहुत सारे लड़कियों नहा रही होती है और मैं देख लेता हु.

सीमा = मतलब पक्के आम हो लेकिन सकल से तो नहीं लगता.

फलक दीदी के चूचियों को मसलने लगा, फिर उसने इतना कस के चूची के निप्पल को दांत से दबा कर चूसा की सीमा की आह निकल गई.

सीमा = आसते करो तुम्हारा दांत लग रहा है.

फलक = मां कसम इतनी सुंदर और टाइट चूची है आपकी.

काफी देर फलक दीदी के चुचियों के साथ खेलता रहा और फिर दीदी के गर्दन को चूसते हुए होठों पे आ गया.

सीमा = अरे फलक नीचे आग लग गई है जल्दी बुझाओ.

फलक = बस रानी अब नीचे ही आता हु.

सीमा को उसके रानी बोलने का अंदाज बहुत अच्छा लगा, फिर फलक सीमा के बुर में अपना मुंह डाल कर चूसने लगा, और अपने दो अंगुली से सीमा के बुर के अन्दर बाहर करने लगा, काफी देर बाद सीमा उठी और अपना और फलक की सारे कपड़े उतार दिया. क्या बॉडी थी फलक की कमसिन सुंदर और हार्ड, सीमा ने उसके बदन को चूसने लगी.

फिर धीरे धीर नीचे उतरी और लंड पे अटक गई, फलक का लन्ड पूरा तना हुआ था और पूरा 7 इंच का हो गया था, फलक की सारी नशे उभर गया था. फिर सीमा उसके लंड को चूसने लगी, फलक भी सीमा के मुंह में जोर जोर से धक्का दे रहा था, थोड़ी देर बाद सीमा फिर उठी और फलक के होठों को चूसने लगी.

फिर अपना हाथ से फलक के लंद को अपने बुर के पास लाई और छेद में लगा ली, पोजीशन ऐसी थी कि फलक का मुंह सीमा की मुंह के, हाथ सीमा की चुचियों पर, और सीमा अपने हाथो से फलक को कस के पकड़ी थी, फलक ने धीरे धीरे सीमा के छेद में डालने लगा. फिर एक जोर से धक्का दिया और पेलने लगा.

सीमा = चोद फलक कस के चोद.

फलक = हा सीमा आज मैं तुझे फाड़ दूंगा.

सीमा = मेरी फटी है और एक बच्चा भी है, बस तू पूरा लन्ड डाल.

जोर जोर से धक्का देने के बाद, पोज चेंज हुआ अब दीदी दीवार पकड़ के खड़ी थी और फलक पीछे से लन्ड डाल कर पेलने लगा, फलक जितना जोर लगा के पेल रहा था उतनी ही जोर से सीमा के चूचियों को भी मसल रहा था. कुछ देर ऐसा करने के बाद उसने दीदी को सीधा लेटा कर उसके ऊपर चढ़ गया, उसने सीमा के दोनो टांगों को अपने कंधे पे उठा कर पेलने लगा.

सीमा = यार बस और जोर से, कस के मार ऐसा लगता है कि तुम अपनी मां या बहन को चोद रहे हो.

फलक = रख रण्डी अब बताता हु, और खूब जोर जोर से धक्का देने लगा.

दोनो की धड़कन की आवाजे और तेज सांसों की आवाजे पूरा गूंजने लगा. अब सीमा को बहुत मजा आने लगा. फिर काफी देर सीमा ऐसी ही चुदाती रही, फिर फलक सीधा लेट गया और सीमा को अपने ऊपर बैठा लिया, सीमा भी उछल उछल कर मजा ले रहे थी और उसकी दोनो चूचियां उछल रही थीं. थोड़ी देर बाद फलक ने सीमा को बोला कि अब मै झरने वाला हु, फिर सीमा सीधा बैठ गई, और फलक अपने हाथो से मूठ मारने लगा, सीमा अपना मुंह खोले रखी थी.

फलक = घिर यार, सामने रण्डी मुंह खोल कर रखी है.

फिर पाचक के साथ उसका पूरा वीर्य सीमा के मुंह के अन्दर, सीमा मजे से उसके वीर्य को मुंह से निकल कर अपने चूची पे लगा रही थी. फिर दोनो अपने अपने कपड़े पहने और ओहां से निकल गए. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

फलक = सीमा तुम बहुत सेक्सी हो, मन करता है तुमसे शादी कर लू.

सीमा = मेरा पहले से शादी हो गया है, और मेरे बच्चे भी है.

फलक = कभी तलाक की जरूरत पड़े तो मुझे बताना.

सीमा = हमलोगो में तलाक नहीं होगा.

फिर दोनो हसने लगे, जब सीमा घर आई तो बहुत खुश थी.

मैं = क्या हुआ सीमा तुम आज बहुत खुश हो.

सीमा = मुझे आज नया लन्ड मिल गया.

मैं = कौन है.

सीमा = फलक, जो कचरा का काम करता है.

मै सोचने लगा तब याद आया कि फलक, जो कचरा के लिए आवाज देता है, चलो अच्छा हुआ सीमा तुम्हारा मन भी भर गया और फलक का भी, फिर उसी दिन रात को जब दीदी सो रही थी तब उसके बगल में सो गया और अपना लन्ड पीछे से डाल दिया.

सीमा = क्या कर रहे हो भाई.

मैं = बस एक बार.

फिर मैं भी सीमा को चोदने लगा और सीमा के अन्दर ही झर गया, कैसी लगीं मेरा सीमा दीदी की कहानी, कॉमेंट कीजिएगा आपका अपना दोस्त सुमित.

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