कजिन बहन साथ लाइफ का पहला सेक्स किया

कजिन बहन की चुदाई मैं एक मिडिल क्लास फॅमिली से हु और मैं पहले नासिक में रहता था. बाद में पापा की ट्रांसफर होने की वजह से मैं पुणे में आ गया फॅमिली के साथ. मेरे अंकल पड़ोस में रहते थे. वहाँ पे रहने के लिए रूम नहीं मिल रही थी, इसलिए अंकल ने हमे उनका घर कुछ दिनों तक शेयर करके रहने को बोला और हम सब वहाँ  पे रहने लगे. Mast Incest Sex Story

मेरे अंकल की फॅमिली में 4 मेंबर थे अंकल, आंटी और उनकी दो बेटियाँ श्रुति और मानसी. श्रुति मेरे एज की थी और मानसी हमसे दो साल बड़ी थी. दोनों भी बहने और आंटी बहुत सेक्सी थी. मैं हमेशा उनको याद करके मुठ मारता हु. आंटी का पल्लू बहुत बार ब्लाउज के निचे आता था.  

उसके बूब्स देखते ही मेरा लंड टाइट होता था. मेरी दोनों बहने भी फ्री नेचर की थी इसलिए हम बहुत बार एक दूसरे को ताली देते थे, हाथ देते थे, लेकिन उनको क्या पता के मेरे लंड में खुजली होती थी.. उनके स्पर्श की वजह से मैं बहुत बार हिलाता था. मानसी (मेरी बड़ी कजिन) उसके बूब्स डेवलपिंग थे, हमेशा पढाई करती थी.

मैं बहुत बार उसके पास जाके देखता रहता की हु क्या पढ़ रही. वह जब कभी लिखने को झुकती तो मैं चोरी से उसके निप्पल देखता था. ऐसा कुछ दिनों तक चलता रहा. हम सब एक ही बाथरूम शेयर करते थे और मैं हमेशा सुबह लेट उठता था. एक दिन मैं मेरी मम्मी-पापा से पहले नहाने चला गया.

तो मैंने देखा की बाथरूम में कई कपड़े रखे थे और अचानक मैं कुछ ढूंढ़ने लगा और थोड़ी ही देर में मुझे मेरा खजाना मिल गया. वहाँ पे मेरी आंटी और दोनों सिस्टर्स की पेंटी थी. मैं थोड़ी देर देखता ही रह गया. फिर मैंने एक पेंटी उठा ली और उठाते ही उसमे से दूर से ही एक अजीब सेक्सी स्ट्रांग स्मेल आ रहा था.

वह पेंटी शायद मेरी बड़ी बहन की थी, उसपे बहुत दाग थे और वो सेण्टर में गीली थी (इट वाज मिक्सचर ऑफ़ हर स्वेट, यूरिन एंड पुस्सी जूस). धीरे धीरे मेरा लंड टाइट होने लगा था. मैं उस पेंटी को सूंघने लगा माय गॉड क्या स्मेल था उसका. फिर मैं पागलों की तरह उसे जोर जोर से मुँह पे रगड़ने लगा.

फिर मैंने तीनो पेंटी उठा ली और उसे जी भरके सूंघने लगा, चाटने लगा, मुँह पे लंड पे रगड़ने लगा. माय गॉड, आई वाज इन हेवन. फिर मैंने तीनो पेंटी एक साथ मेरे मुँह में रख दी और जोर जोर से चबा रहा था, तीनो पेंटीज में से डर्टी जूस मैंने पी ली, ईट वाज वैरी वैरी टेस्टी, ऐसा लग रहा था की वो परमानेंट मुँह में रहे.

मैं मास्टरबैशन करके बाहर निकलने से पहले वो पेंटी मेरे हाथ पे रगड़ ली और दिन भर मेरा हाथ सूँघ के मैंने बहुत मुठ मारी. दोस्तों लड़की की गीली(यूज की हुई) पेंटी का स्मेल हर आदमी ने अपने लाइफ में कम से कम एक बार तो भी लेना चाहिए, फिर पता चलेगा लड़की की पेंटी क्या चीज होती है.

उसके बाद में हर दिन ऐसा करता था. कभी कभी तो मुझे बहुत ही डर्टी पेंटी मिलती थी. वह पेंटी जितनी डर्टी थी उतनी ही अच्छी लगती थी. मुझे मेरी बड़ी बहन बहुत सेक्सी लगती थी, वो थी ही ऐसी की कोई भी लड़का उसे चोदने की ही सोचता. मैंने धीरे धीरे उसे पटाने का सोचा और उसी तरह से मैं एक्ट करने लगा.

मैं उसके पास जाने की कोशिश करता था. जब कभी चांस मिले तो उसके सेंसेशनल एरियाज पे टच करता था, कभी कभी उसके झुकने में उसके बूब्स पर टकराता था. वो भी उसे नेग्लेक्ट करती थी और मेरी डेयरिंग बढ़ती थी. मैं जान बचकर उसके सामने विदाउट बनियान रहता था और वो भी मेरे चेस्ट को बार बार देखती थी.

शायद वो मेरे चेस्ट के बाल देखके एक्साइट होती थी. मैं अपनी चेस्ट पे से हाथ घूमाता था, ताकि उसका ध्यान मेरी तरफ जाए. एक बार घर पे कोई नहीं था सिर्फ मैं और बड़ी बहन थी तो मैंने जान बुझ के मेरी जीन्स उसके पढाई के टेबल पे रख दी. थोड़ी देर में वह टेबल के पास मेरी बहन आ गयी.

में मेरा लंड सहलाने लगा और टाइट होने के बाद जान बुझ के सिर्फ अंडरवियर पर ही उसके रूम में जाके जीन्स ढूंढ़ने का नाटक करने लगा. उस टाइम वो मेरी तरफ देख रही थी, लेकिन मैं मेरी जीन्स ढूंढ़ने का नाटक कर रहा था, मैं उसकी तरफ जान बच के देख नहीं रहा था. वह मेरे अंडरवियर की तरफ देख रही थी.

बाहर से मेरा टाइट लंड साफ़ दिखाई दे रहा था. मैं जानबुझ के मेरा लंड हाथ लगा के बार बार एडजस्ट करता था ताकि वो उत्तेजित हो जाए. बाद में मैंने मेरी जीन्स लेकर उसके सामने ही पहनी, उस टाइम उसका ध्यान सिर्फ मेरी अंडरवियर पे ही था. मुझे ऐसा लग रहा था की वो अब बहुत एक्साइट हो चुकी थी.

मैं मेरे प्लान में सक्सेसफुल हुआ था. उस दिन के बाद वो भी मेरे पास आने की कोशिश करने लगी. और उसे चोदने का मौका एक दिन आ ही गया. उस दिन घर पे कोई नहीं था सिर्फ मैं और मानसी(बड़ी बहन) ही थे. हम दोनों पलंग पे बैठ के टीवी देख रहे थे और गप्पे मार रहे थे. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

हम बहुत करीब बैठे थे और मैंने ऐसे ही हसते हसते मेरा हाथ उसके जांघ पे रख दिया. वह कुछ नहीं बोली. फिर मैं ऐसे ही गप्पे मारते मारते उसके जांघ पे से अंजान बनके हाथ धीरे धीरे घुमाने लगा. फिर भी उसने ध्यान नहीं दिया. थोड़ी देर के बाद वो भी एक्साइट होने लगी.

मैंने फिर उसका हाथ मेरे हाथ में पकड़ लिया. अब उसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा था, उसकी आंखों में एक नशा आ रहा था. मैं उसकी आँखों में आँखे डालकर बाते कर रहा था. मेरा लंड भी टाइट हो चूका था. उसने अपनी आँखे बाद में ऑलमोस्ट पूरी बंद कर दी थी. मैंने उसके गाल को धीरे से चूमा.

फिर मैंने पलंग पे ही उसको किस करते करते लेटा दिया. वो पूरी एक्साइट हो चुकी थी. मैंने उसके दोनों हाथ मेरे हाथों में पकडे थे और मैं उसके ऊपर लेट कर किस कर रहा था. मैं जोर से मेरी चेस्ट उसके बूब्स पे रगड़ रहा था और वो भी आँखे बंद कर के मुझे रिस्पांस दे रही थी. मेरा लैंड उसके थाई में खेल रहा था.

हम पागलों की तरह एक दूसरे को किस कर रहे थे. मैं धीरे धीरे निचे आ रहा था और उसके बूब्स मेरे हाथों से जोर जोर से दबाने लगा, वो सिसकारियां भर रही थी. फिर मैं उसके निप्पल को चूसने लगा और वो भी मेरे सर को सहला रही थी. थोड़ी देर के बाद वो मेरे ऊपर आ गयी और वो मेरे गर्दन और चेस्ट को चूमने लगी.

वह मेरे चेस्ट के बालों से पागलों जैसी खेल रही थी, चाट रही थी. उसे शायद मेरे चेस्ट हेयर्स ज्यादा पसंद थे. मैं  उसकी गांड को सहला रहा था. फिर मैंने उसकी जीन्स उतार दी उसने चूमते चूमते ही मुझे उतारने में मदद की. अब वो सिर्फ निकर में थी. वही निकर जिसे मैंने कई बार चाटा था, सुंघा था.

मैंने भी मेरी पेंट निकाल दी. वो मेरे लंड को अंडरवियर के उपर से ही मसलने लगी. वह उसकी लम्बाई और चौड़ाई माप रही थी. वह उसे अंडरवियर के उपर से ही चूमने लगी. अब मुझे भी बहुत खुजली हो रही थी. मैंने उसे मेरे निचे लेटा के सीधा उसके थाई पे किस करने लगा.

उसकी चूत से गजब की सुपर स्ट्रांग स्मेल आ रही थी. मैं  उसे जोर जोर से सूंघ रहा था. उसकी निकर बहुत गन्दी और गीली हो चुकी थी. मैं उसकी चूत को निकर के ऊपर से ही चाटने लगा. उसके निकर का डर्टी जूस मैं टेस्ट कर रहा था. ईट वाज वैरी टेस्टी. फिर मैंने उसकी निकर निकाली और सूँघके बाजू में फेक दी.

अब मैं उसकी चूत देख रहा था. उसकी चूत पे तो इतने बाल थे की पूछो मत. उसकी चूत लम्बे लम्बे और गीले झांटो से एकदम भरी हुई थी. वह बाल देख के मैं और एक्साइट हो गया और उसके झांट को मुंह में लेकर चूसने लगा. झांटो के उपर का सारा जूस मैंने पी लिया.

वह भी मेरा सर उसकी चूत पे दबा रही थी और मोन कर रही थी. फिर मैंने अपनी जीभ उसके चूत के गैप में डाल दी. अब मैं उसकी चूत के अन्दर गिला गिला महसूस कर रहा था. उसकी चूत में से बहुत सारा रस टपक रहा था. और मैं उसे टेस्ट कर के पी रहा था. मेरा मुँह पूरा उसकी टेस्टी पुस्सी जूस से भरा हुआ था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मैं अपनी जीभ पूरी तरह से उसके चूत में डाल दी थी और पागल हो रहा था. थोड़ी देर के बाद उसने मेरा सर बहुत ही टाइट पकड़ के रखा. और उसका शरीर थरथराने लगा. और उसने अपना चूत का सारा का सारा पानी मेरे मुँह में डाल दिया. मैंने वो सारा का सारा टेस्टी पानी पी लिया.

फिर भी वो एक्साईटेड ही थी. उसने मेरी अंडरवियर निकाल दी और मेरे लंड के साथ खेलने लगी. उसने मेरा लंड मुँह में लिया और अपनी जीभ उसपे घूमने लगी आई वाज इन हेवन. शी वाज टेस्टिंग माय प्रिकम. मैंने भी उसका सर दबा के रखा था और मेरा लंड उसके गले को टच कर रहा था अब मुझे कण्ट्रोल नहीं हो रहा था. आई वाज मॉनिंग लाइक मैड. मेरा लंड पानी छोड़ने के लिए बेताब हो रहा था. और बाद में मैंने अपना ढेर सारा लंड का पानी उसके मुह मे गिरा दिया.

उसने वह बहुत आसानी से टेस्ट करते करते पी लिया. उसके बाद भी वो मेरे लंड को चूस रही थी. मेरा लंड फिर टाइट हो गया. वह भी अब मेरा लंड उसके चूत में लेने के लिए तैयार हो चुकी थी. मैंने उसकी चूत में मेरा लंड डाल दिया और उसका सील टूटने की वजह से थोड़ा सा खून आया था. लेकिन बाद में मैं मदहोश होकर कजिन बहन की चुदाई करने लगा. मैंने जोर जोर से धक्के मार के उसकी और मेरी पूरी खुजली मिटा दी. लेकिन ये खुजली मिटती कहा है उसके बाद हमे कई बार कजिन बहन की चुदाई की और अभी भी करते है खुजली मिटाने के लिए…

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