खूबसूरत कुंवारी बहन के जिस्म से खेला 2

नमस्कार दोस्तो तो कैसे है आप लोग उम्मीद करता हु आप सब लोग ठीक ही होंगे और अपनी जवान बहनो और अपने परिवार की सभी औरतों को जैसे की मामी, चाची, बुआ, मौसी, भाभी, साली सभी को मजे से चोद रहे होंगे जैसे मैंने चोदा था अपनी सगी बहन को आपने मेरी पिछली कहानी “खूबसूरत कुंवारी बहन के जिस्म से खेला 1” मे पढ़ा ही होगा की कैसे मैंने अपनी बहन को अपनी रंडी बनाकर चोदा. Sister First Anal Sex

आपने पढ़ा कि मैंने मेरी बहन को बेहरेहमी से चोदा और इतनी जोरदार सिलतोड़ चुदाई के बाद वो थककर सो गयी और मे भी थकने की वजह से आराम कर रहा था. तभी मुझे बहुत जोर से बाथरूम लगता है जिससे मुझे नींद मे भी टॉयलेट जाना पड़ता है.

और टॉयलेट करने के बाद मुझे ऊपर छत से कुछ आवाजे आती है जिससे मैं थोड़ा चौंक जाता हु और छत की और चेक करने ऊपर जाने लगता हु. ऊपर बारिश देख कर मेरा नहाने का मन होता है क्युकी मुझे और मेरी बहन को बारिश बहुत ही ज्यादा पसंद है.

और अगर आधी रात को भी बारिश आती है तो हम दोनो एक दूसरे चुपचाप नहाने लगते है हम हर साल होने वाली बारिश मे ऐसे ही नहाते है. तो बारिश देख कर मैं  ये भूल गया की मैंने अपनी बहन को रंडी की तरह चोदा है और वो थककर सो रही है और मैं सब भूलते हुए उसे जगाने के लिए निचे कमरे की ओर भाग कर जाता हु.

वहाँ आरती नंगी ही अपनी टांगे फैलाये चूत फाड़े पड़ी थी जिससे मेरा पानी बाहर आ रहा था मैंने कुछ नही देखा और उसे उठाने लगा और उसे 2 -3 आवाजे देकर मे उसे जोर जोर से हिलाने लगा मेरी बहन घबरा कर उठी और कहने लगी “क्या हुआ भइया सोने दो ना क्यू उठा रहे हो.”

“अरे उठना यार चल ना बाहर बहुत जोर से बारिश हो रही है चलना नहाते है तु भी तो मुझे हर बार बारिश आने पे उठाती है आज मैं उठा रहा हु चल ना नहाते है.”

इतना सुनते ही मेरी बहन अपनी चूत के दर्द को और तेज नींद को भूलकर जल्दी से ऊपर छत की और भागने लगती है. छत पे जाकर मेरी बहन नंगी ही उस तेज मूसलाधार बारिश में नहाने लगती है जिसे देख कर मेरा उसे चोदने का मन करता है और मेरा लौड़ा दवा की वजह से फिर टाइट खड़ा हो जाता है.

जिससे मुझे उस खड़े लंड के साथ ही नहाना पड़ता है मैं भी नंगा ही अपनी छत पर नहाने लगता हूँ, बारिश इतनी तेज थी की आस पास के घर भी नही दिख रहे थे अचानक से तूफानी तेज हवाएं चलने लगी जिससे बारिश की बूंदो से भी लगने लगी.

बारिश अपने पूरे जोर मे थी तो मेरी बहन ने मुझे आवाज़ दी. मुझे इतनी तूफानी बारिश मे लवड़ा कुछ समझ नही आ रहा था तो वो ही मेरे पास. बहन पास आई और बोली की “भईया मैंने आज तक ऐसी बारिश नही देखी. मुझे डर लग रहा है चलो ना निचे चलते हैँ.”

ये सब सुनकर मैंने कहा की “जैसे शावर मे नहाती है वैसा ही हैँ और क्या.”

“नही भईया शावर मे तेज तूफानी हवा नही चलती और भाई अपना खड़ा और नंगा लंड लेके बहन के पास खड़ा नही होता” और ये कह कर वो हसने लगती है.

इतना सुनके मुझे बुरा लगा की ये क्या मुझे ढीला समझती है की खड़ा लंड लेके बस खड़ा है कुछ कर नही रहा। तो मैंने उसके बाल पकड़कर उसके गाल पे 2 चाटे मारे खींच कर वो रोने लगी और पूछने लगी “अरे मैंने क्या किया भइया  अचानक क्यू मार रहे हो मुझे.”

मैं उस पर गुस्से मे चिल्लाते हुए कहता हु की “बहन की लोड़ी, साली 2 टक्के की राण्ड साली छिनाल, तु मुझको क्या नामर्द समझती है की खड़ा लंड लेके बस खड़ा है. तेरी चूत मे बहुत गर्मी है भोसड़ी की, हाँ आज मैं तुझे पुरा सबक सिखाऊंगा की तुझे बहुत घमंड है ना इस पहाड़ जैसे बदन का तेरा ये यौवन एक दिन भरे बाजार मे नही बेचा ना तो मेरा नाम मोहित कुमार नहीं. आज तेरी चूत की सारी गर्मी निकाल दूंगा.”

आरती – नहीं भइया  आप गलत समझ रहे हो मैं आपको नीचा नही दिखा रही हु बस बता रही थी की यहां की बात अलग है बाथरूम की अलग.

मैंने कहा “अच्छा तुझे सब जानता हु मैं, क्या कहा तूने आज तेरी सारी अकड़ निकाल दूंगा.”

उसे मैंने नीचे बिठाया और उसके मुँह मे दे दियाँ और उसके मुँह को मे अपने खड़े लंड से चोदने लगा. और वो भी बड़े मजे लेकर मेरे लोडे को चूस रही थी बिना कोई बहस करे. शायद उसे अब पता था लेकिन मैं उसके मुँह से सुनना चाहता था तो मैंने अपना लंड उसके मुह से निकाला और पूछा बता आज से तु किसकी रण्डी है. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

वो बस मुझे देखती है कुछ नही बोलती तो मैं एक थप्पड रख देता हु उसके मुलायम गाल पे. फिर वो बोलती है “हाँ हाँ मैं आपकी रंडी हु, आप जो बोलोगे वो करूंगी, जैसे बोलोगे वैसे करूंगी, जिससे बोलोगे उससे चुदूंगी, जैसे चोदोगे वैसे चुदूंगी, पर आपकी रंडी बन कर रहूंगी अपनी मर्जी से प्लीज अब मुझे छोड़ दो भइया  प्लीज मत मारो प्लीज..”

वो मेरी रंडी बन चुकी है मेरा सपना पुरा हुआ ये सोचकर मैंने उसे माफ करने की सोची पर उसके मजाक ने मेरी नियत मे खोट ला दी इसलिए मैं उसके गीले बालो को पकड़कर उसके मुह को चोदने लगा. और उस घर की रंडी के मुँह से कुछ ऐसी आवाजे आ रही थी ऊगगगगगग वुक्कग्गकग उउउग्ग ऊउग्वग्गग्ग व्ककक् कककक ग्ग्ग्ग्गुग्ग् ग्वयोक गुगबव्हग्ग उउउउह्ह्ह्हह्ह्ह्ह।

ऐसी मादक और मदमस्त करने वाली आवाजो से मेरा लौड़ा और टाइट हो गया. इतने तेज बारिश मे मैंने मेरी बहन को अब खड़ा किया और उसे उल्टा किया और घोड़ी बना दी और मैं उसकी गांड  पे चाटे मारे जा रहा था लगभग 20 चाटो के बाद मैं उसके गांड के छेद को जोर शोर से बारिश मे ही रगड़ने लगा.

और निचे बैठकर मैं उसकी चूत और गांड के दोनो छेदो को चाटने लगा. हा दोस्तों मैं अपनी बहन की गाण्ड का वो हल्का भूरा-काला छेद चाट रहा था. जिससे वो बहुत ही मादक और सेक्सी सिसकारीया  भर रही थी और ये कहने पे मजबूर हो गयी की “और जोर से खाओ भइया अपनी बहन की कुंवारी गाण्ड को.”

ये सुनकर मैंने उसके मुँह मे 2 ऊँगली डाली और उसको थूक मे चिकना किया और मेरी बहन की गाण्ड मे डाल दी. उसकी आँखे बंद होने लगी और वो पैरो से ऐडी को ऊपर उठा कर सिर्फ पंजों पे खड़ी होने लगी. मैं उसको कमर से पकड़ कर ऊँगली कर रहा था जोर जोर से ताकि उसकी गाण्ड का छेद थोड़ा खुले.

ये करते करते मैने 3 ऊँगली डाल दी और वो आगे पीछे जाने लगी की “नही भईया प्लिज्ज्ज्ज बाहर निकालो दर्द हो रहा है आअह्ह प्लीज्ज ऊम्म्म्म्म निकालो ना.” मैंने रफ़्तार बढ़ा दी और वो गाण्ड टाइट करने लगी मैंने जबरदस्ती की तो वो भाग कर दूर चली गयी.

मैं उसके पीछे गया उसे पकड़ा 4 -5 खींचाकर थप्पड़ मारे कहा “साली रण्डी गाण्ड मरवाने मे इतने नाटक अभी तो ना जाने तुझे कितनो से गांड  मरवानी है शुरुआत तो तेरे यार, तेरे मालिक से ही होगी ना.” तो वो हाथ जोड़कर बोलती है “प्लीज्ज्ज भईया मेरी चूत मार लो लेकिन गाण्ड मे दर्द होता है.”

मैंने उसे थप्पड़ मारा और उसे खींचता हुआ बारिश मे ले गया और छत पे भारी बारिश मे उसे उल्टा किया और थूक लगा के उसके गाण्ड के भूरे छेद मे डाल दिया. मेरा काला मोटा 7″ का लम्बा लंड उसकी गाण्ड मे जाते ही वो तो बुरी तरह से चिलाने लगी आअह्ह्ह निकालो भइयाआह् प्लीज़सह्ह्ह… निकालो अह्हहनन आअह्ह्ह। आअह्ह्ह्हह बहुत जोर से दर्द हो रहा है.

वो दर्द से बचने के लिए मेरे लंड को बाहर निकालने लगी. मैंने उसके हाथो को पकड़कर आगे दबाया और उसकी गाण्ड पे पूरे जोर से दबा दबा के गाण्ड मे झटके मार रहा था. लगभग 15 मिनट ऐसे ही झटके मारने के बाद मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा तो उसने किया फिर मैंने जैसे ही उसे चोदा.

वो फिर उठके भाग गयी मुझे अबकी बर गुस्सा आ गया. मैंने छत से कपड़े सुखाने वाली डोरी उतारी और आरती को पकड़कर निचे गिरा दिया. काफी जद्दोजहद के बाद मैंने उसके पैरो के साथ उसके हाथो को भी बांध  दिया जिससे उसका एक हाथ और एक पैर एक साथ और दूसरे हाथ पैरे एक साथ बंधे और बिच मे जगह बची हुयी थी.

मैंने मेरा लंड इतने टाइम मे थोड़ा सुस्त हो गया तो मैंने इसके मुँह को पकड़ा और लंड चुसाया. मेरे मस्ताने लौड़े मे जान आ गयी और अब ये बहनचोद भड़वा भाई, अपनी रंडी बहन की मस्तानी चुलबुली गाण्ड मारेगा, जो बहुत ही सेक्सी है. मैंने उसकी गांड के छेद को चौड़ा किया और जीभ से चाटने लगा.

वाह दोस्तों बहुत ही खारा सा स्वाद आया. मैंने अपना 7 ” का लौड़ा उसके गाण्ड के छेद पे रखा और जोरदार धक्का मारा और मेरा लौड़ा एक ही झटके मे पुरा अंदर चला गया. इस झटके के बाद मेरी बहन की आँखे फटी की फटी रह गयी और उसके मुँह से बस एक ही शब्द निकला आह्ह्ह्हहह्ह्ह् अब्बबबबबब हहहह्.

ये देख कर मैंने अपनी बहन को कहा “साली राण्ड इतना दर्द नही करता मैं लेकिन नखरे दिखा रही है साली कुत्त्ती छिनाल रंडी कहीं की बहन की लौड़ी मादरचोद साली.” मैंने ये देख कर उसके मुँह को दोंनो हाथो से बान्ध कर लिया और मैं लौड़े को धीरे धीरे पीछे खींचता और एक झटके मे 6″ इंच और अंदर डाल देता. . ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

इस झटके के बाद आरती रोने लोगी मुँह बन्द होने के कारण वो चिल्ला भी नही पा थी बस ऊम्म्म्म.. उण्णम्म्म्म्म.. ऊवबबबब्ब्म्म्म्म्म्.. ऐसे कर रही थी. और मैं उसे रुलाकर तड़पा तड़पा के चोद रहा था वो नहीं मे सिर हिलाकर चोदने से मना कर रही थी.

उसके आंसुओ से उसके आन्खे सूज रही थी वो लगातार रो रही थी लेकिन मैं झटके दे देकर उसकी गांड मार रहा था. हर एक झटके के बाद मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी जिससे अब मेरी बहन को दर्द कम और मजा ज्यादा आ रहा था और वो रोना छोड़ बारिश मे अपनी गाण्ड चुदाई का मजा लेने लगी और अपनी आँखे बंद करके और अपने होंठ काट कर मजे लेने लगी.

मैंने उसके मुँह से हाथ हटाया और धक्के की रफ़्तार बढ़ा दी और वो भी अब आअह्ह्ह्ह ओह्ह्ह उम्मम्मम्म हहहहहहहहआ अह्ह्ह्हह्ह हहहह भाअईइयाआह्ह्ह् आअह्ह्ह आआह आअह्ह आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह हहहहह हहहहहह ओह्ह हहहह उम्मम्मम मममम उम्म मम्म हहहहह मम्ह्ह्ह्हह्ह चोदो भइयाह्ह्ह् अपनी बहन की गाण्ड फाड़ दो इस बहन की गाण्ड आअह्ह्ह्हह आह्ह्ह्हह हहहहहह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह आह्ह अह्हह्ह्ह.

मैंने उसे चोदते हुए पूछा की तु किसकी रंडी हैँ बता साली छिनाल.

आरती – तेरी ही रंडी हु बहनचोद तूने आज मेरी सारी शर्म उतार दी आज जवान बना दिया तूने आज से तेरी बहन नही मैं तेरी पक्की वाली राण्ड हू तु जैसे मुझे चोदना चाहे वैसे चोद आजके बाद तेरा मुझ पे पुरा हक है.

मैं – तुझे मैं पक्की वाली नही धंधे वाली रांड बनाऊंगा अब तो तुझे मैं नीलाम करूंगा तेरी बोली लगेगी अमीरों, मैं तुझे पोर्नस्टार बना दूंगा बहन की लोड़ी. और वो तेरी सहेली रौशनी वो ही हैँ ना अपनी पड़ोसी अर्जुन की बहन अरे उसकी भी मैं माँ चोद दूंगा.

आरती- जिससे आप कहोगे भईया मैं उससे भी चुद लूंगी आप मेरी भड़वा गिरी करेंगे अलग अलग लोगो से मुझे चुदवाओगे, अपनी बहन से धंधा करवाओगे पोर्नस्टार बनाओगे आप मेरा इस्तेमाल करोगे ठीक है भईया मैं ये सब भी करुंगी आपकी राण्ड हु ना। आहह्ह्ह् आह्ह्ह्हह आह्ह्ह्हह आह्ह्ह्हह नहीं और जोर से। और जोर से आअह्ह्ह आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह हहहहहह आअह्ह्ह्हह.

और मैंने उसकी गाण्ड मारके उसकी गाण्ड सुजा दी उसके मैंने हाथ पेर खोले और कहा डॉगी स्टाइल (घोड़ी) बन जा वो इस बार वैसा ही कर रही थी जैसा मैंने बोला. कुछ समय धकापेल चुदाई होने के बाद मैने उस नंगी रण्डी बहन को अपनी गोद मे उठा लिया और उसके दोनो पैर मेरे कंधो पे थे और उसने हाथो से मेरी गर्दन पकड़ी हुयी थी.

मैंने निचे से उसकी चूत मे अपना लौड़ा घुसा दिया और उसको हवा मे हद्दर करके चोद रहा था और बहुत ही जोर जोर से झटके मार रहा था. फिर मैंने और ये कुछ नही कर पा रही थी सिवाय चिल्लाने और चीखने के और हर झटके मे बस आअह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह धीरे धीरे आह्ह आह्ह्ह्ह भईयाह्ह्.. आह्ह्ह आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्हह.. आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह.

तभी मैंने अपने लौड़े को चूत से निकाल कर इसकी गाण्ड मे डाल दिया जिससे वो छटपटाने लगी नहीह्ह्ह् नहींह्ह्ह्ह आअह्ह रुको नही नही आआअह्ह्ह्ह् आह्ह् रुको तो सही आह्ह आह्ह्ह प्लीज़ह्ह्ह.. आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्नन हहन आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह..

बस ऐसे ही झटको से वो पुरी ढ़ीली हो चुकी थी और वो मुझ पे पुरा वजन छोड़ के गिर गयी. मैंने उसे उठाये रखा और मेरा पानी उसकी गाण्ड मे छोड़ दिया और मैंने उसे निचे बारिश मे लिटा दिया. और मैं भी उसकी बगल मे लेट गया 2 मिनट बाद वो मुझे देखती है और कहती है की-

“मैं बारिश मे चुदने का सपना देखती थी पर आज आपने मेरा ये सपना पुरा किया है मैंने सोचा था की मेरी गाण्ड कोई जरदस्ती से और जबरदस्त तरीके से ही कोई मारे जैसे की जबरदस्ती होता है आज तुमने मेरी दोनो ख्वाहिश पुरी कर दी. और देखो अब मैं अपने दम से भी अपने पैरो पे खड़ी नही हो सकती. . ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मेरे पेट मे इतना तेज दर्द हो रहा है लगता है तुमने अपने लोडे से मेरे पेट की आतों को तोड़ दिया हो जैसे मुझे निचे ले जाना भईया आपने मेरी सारी इच्छाएं पुरी कर दी अब ये आपकी रंडी आपके लिए जान भी दे देगी आपने आरती के दिल के साथ साथ उसकी चूत और गाण्ड भी लेली. आप सच्चे मर्द हो आपकी रंडी आपके लिए कुछ भी करेगी.”

ये सुनके मैने उसे किस किया और वो भी मेरा साथ देने लगी. कुछ ही देर मे बारिश धीरे धीरे कम हो रही थी मैंने अपनी रंडी को गोद मे उठाया और उसे लेकर निचे बाथरूम मे आया. मैंने उससे कहा की शावर चालू करे. आरती ने शावर चालू किया मैं उसे गोद मे लेकर ही शावर मे खड़ा रहा. 5 मिनट बाद शावर बंद किया और उसे कमरे मे लाकर टावल से पोंछने लगा और उसे बेड पे लिटाकर खुद भी उसे बाँहों मे भरके सो गया. मेरी बहन की ये हालत मैंने उस रोशनी के चक्कर मे की है उसको तो मैं अपने सारे दोस्तों की रखेल बना दूंगा.

अगली सुबह मैं रौशनी के घर पहुंच गया ताकि मैं उससे नजदीकिया बढ़ा लु पर वो तो बहुत बड़ी रंडी है एक ही दिन मे चुद गयी मुझसे उसकी कहानी मैंने पोस्ट की है “रण्डी बहन को पटाकर चोदा दोस्त के घर में”. मैंने रौशनी और आरती दोनो को एक साथ चोदा वो कहानी अलग है वो कभी और दिन लिखूंगा. आपको मेरी कहानी अगर पसंद आयी तो प्लीस आप मुझे ईस पते पर मेसेज करे [email protected] आप मुझे जरूर बताये की आपको मेरी स्टोरी कैसी लगी सधन्यवाद आपका भाई डूम.

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