गर्मियों की छुट्टी में कजिन बहन ने चुदवाया

याद रखें कि लंड और चूत एक-दूसरे के लिए बने होते हैं और जब आप भाग्यशाली होते हैं तो आपको अपने लिए सही चीज़ मिल जाती है। इस बार मैं आपको अपनी चचेरी बहन डिंपल के साथ अपने चुदाई के अनुभव के बारे में बताऊँगा। उस समय डिंपल 18 साल की थी और मैं 22 साल का था। Desi Sex Kahani

जब भी मैं उससे मिलता था, मैं उसकी ओर आकर्षित हो जाता था और जब हम मिलते थे तो वह भी मेरे साथ बहुत बिंदास व्यवहार करती थी। मेरे मामा एक मेट्रो सिटी में रहते थे। हम अपनी छुट्टियों में उनसे मिलने जाते थे। उस साल जब हम वहाँ गए और मैंने डिंपल को देखा, तो वह बिल्कुल कमाल लग रही थी।

उसने मुझे देखकर मुस्कुराया और कहा, दादा, यह बहुत अच्छा है कि आप सभी यहाँ आए हैं, इन छुट्टियों में बहुत मजा आएगा. मैं भी उसकी ओर देख कर मुस्कुराया. सुबह मामा के घर पहुँच कर हम लोग नहाये फिर ब्रेकफास्ट लिया और फिर हम सबने फिल्म देखने जाने का फैसला किया। हम मराठा मंदिर गए और फिल्म “दिलवाले दुल्हनिया ले जाएँगे” देखने गए।

डिंपल ने मेरे बगल में बैठना पसंद किया। जब फ़िल्म शुरू हुई और जब गाना शुरू हुआ “मेरे ख्वाबों में वो आये” चला तो काजोल को देख कर मन मस्त हो गया और न जाने कब मेरा हाथ डिंपल के हाथ पर पहुँच गया. उसने मेरा हाथ छूने पर अपना हाथ हटा लिया.

मैंने फिर थोड़ी देर बाद उसके हाथ पर अपना हाथ रखा वो कुछ नहीं बोली. थोड़ी देर में हिम्मत बढ़ने पर मैंने उसके हाथ को बहुत आहिस्ता से सहलाना शुरू किया तो उसने अपना हाथ फिर हटा लिया. अब मैं घबरा गया. खैर पिक्चर के बाद घूमते हुए हम लोग जब घर लौटे तो रात के 10 बज रहे थे.

मामा के घर में दो कमरे थे, एक में मामा मामी सोते हैं और दूसरा हम लोगों के लिए था. उसमे दो पलंग और एक बड़ा सा तख़्त था उस पर मैं डिंपल और मामा का लड़का राजीव सोते थे. राजीव को बहुत नींद आती थी और वो लेटते ही सो गया. मैं कुछ कन्फ्यूज्ड था मन में डिंपल के प्रति आकर्षित भी हो रहा था और डर भी लग रहा था.

काफी देर मैं सोचता रहा की डिंपल काश एक रात को चोदने को मिल जाती तो जीवन का हसीन मजा आ जाता. थोड़ी देर बाद मैं हल्के से खाँसा तो अपने तख़्त पर से डिंपल भी हलके से खांसी. मैं समझा की या तो ये एक कोइन्सिडेन्स है क्योंकि वो तो सो रही थी या फिर क्या आज कुछ लाइन क्लियर हो रही है.

मैं दुबारा खाँसा और फिर वो भी खांसी अब मैं श्योर सा था की लाइन मिल रही है. मैं बाथरूम करने को उठा और मैंने पहले राजीव की तरफ देखा वो घोड़े बेच कर और अपनी बहन को भूल कर सो रहा था. फिर मैंने डिंपल को देखा वो भी बहुत गहरी नींद में सोती लगी. मैंने बाथरूम से लौट कर लाइट बंद कर दी.

अब कमरे में काफी अँधेरा हो गया और फिर मैं फिर से धीरे से खाँसा तुरंत डिंपल भी खांसी. अब मैं हिम्मत कर के डिंपल के तख्त के पास गया और झुक कर उसके माथे को हल्का सा छुआ वहां कोई रिएक्शन नहीं था. फिर मेरी हिमत बढ़ी और मैं उसके गालो पर हाथ फेरने लगा.

लेकिन वो गहरी नींद सो रही थी. फिर मैंने हिम्मत और बढ़ गई और उसकी चूची पर हाथ रखा वहां कोई रिएक्शन नहीं था. मैंने हल्के से उसकी चूची को सहलाना शुरू किया कि तभी दूसरे कमरे मैं कुछ आहट हुई. और तभी डिंपल ने एक झटके से मेरा हाथ हटा दिया.

मैं घबरा गया की जाने अब क्या होगा. और मैं डर के अपने बिस्तर पर आ गया और सड़का मार के डरता हुआ लेकिन मस्त सो गया. अगले दिन मैं डरते हुए डिंपल के सामने गया की कहीं वो मामा या मामी से सबकुछ कह न दे लेकिन उसका व्यव्हार बिलकुल नार्मल था.

फिर दिन भर हम लोग घूमते रहे, रास्ते में बात बात में ही जब मैं और डिंपल अकेले थे तब डिंपल ने कहा दादा आप हो तो अच्छे लेकिन बेवकूफ हो. मैंने कहा क्यों? वो तिरछी मुस्कान मारते हुए बोली लोग पेप्सी पिने को तैयार हैं लेकिन आप पिलाते ही नहीं हो. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मैंने कहा सचमुच तैयार हैं लोग. वो बोली हम्म्म्म. मैंने कहा आज फिर लोगों से कह देना नखरे न दिखाएं. वो धत कह के आगे चल दी. अब तो मेरा मन हिलोरें लेने लगा. मुझे हर पल रात का इंतज़ार था. और आखिर रात आ ही गयी और आज राजीव बातों के मूड में था, बोला दादा मैं बहुत थक गया हूँ आज बहुत मजा आया लेकिन आज इतना पैदल चला हूँ की बस आई ऍम वैरी वैरी टायर्ड. और जल्द ही वो घोड़े बेच कर सो गया.

थोड़ी देर बाद ये निश्चित कर की राजीव सो गया है मैं उठा बाथरूम गया और वहां मैंने दो काम किये एक तो अपने लंड पर जो काफी एक्साईटेड हो कर खड़ा हो चूका था कंडोम चढ़ाया और फिर लाइट बंद की. लौट के मैं डिंपल के तख़्त पर हिम्मत करके लेट गया. वो गहरी नींद में सो रही थी.

फिर मैंने उसके गाल सहलाने शुरू किये वहां कोई रिएक्शन नहीं था. फिर मैं उसकी टी-शर्ट के अंदर हाथ डाला वह आज वो ब्रा नहीं पहने थी और उसकी चूचियां मैं सहलाने लगा. लेकिन वो बहुत ही गहरी नींद में थी. फिर मैंने उसकी टी-शर्ट ऊपर खिसका दिए और उसकी निप्पल से खेलते हुए मैंने उसकी चूचिया अपने मुँह में भर ली.

लेकिन वो सो ही रही थी हालाँकि उसकी सांस की गति काफी तेज हो चली थी. फिर आहिस्ते से मैंने उसकी स्कर्ट के अंदर अपना हाथ खिसकाया वहां स्कर्ट के नीचे वो पेंटी नहीं पहने थी और उसकी चूत सफाचट थी. मैंने उसकी चूत में हाथ लगाया तो वो बिलकुल गीली हो रही थी.

अब मुझसे नहीं रुका गया मैंने राजीव की तरफ देखा तो वो घोड़े बेच कर गधों की तरह सो रहा था. मैंने सोचा की देखो इसको पता नहीं और इसकी बहन चुदाने जा रही है. मैंने तुरंत अपना फेस उसकी स्कर्ट के अंदर ले जा कर और अपनी जीभ उसकी चूत में लगा दी और कुत्ते की तरह उसकी चूत चाटने लगा अब वो भी मोन कर रही थी.

मैं उसकी चूत में पूरी जीभ घुसा कर बिलकुल अल्सतियन कुत्ते की तरह चाट रहा था और वो गरम होती जा रही थी. तभी दूसरे कमरे की शायद खिड़की खुलने से हलकी सी लाइट डिंपल के ऊपर पड़ी तो मैने देखा उसका गोरा चेहरा बिलकुल लाल हो रहा था चूचियां बहुत तेजी से उठ और गिर रही थी.

वो बुरी तरह से एक्साईटेड महसूस हो रही थी और तम्मना भाटिया और उर्वशी रतौला से ज्यादा सेक्सी और कियारा आडवाणी से ज्यादा सुन्दर लग रही थी. और फिर मैंने उसकी चूत से अपनी जीभ निकाली, कि तभी उसने मेरे लंड को छुआ और सहलाने लगी. मैंने भी कहा अब डिंपल पेप्सी पीने को तैयार हो जाओ वक़्त आ गया है.

वो धीरे से बोली जल्दी पेप्सी की पूरी बोतल मेरे अंदर डाल दो दादा. मैंने देर न करते हुए उसकी कमर के नीचे हाथ लगा कर उसकी चूत के गुलाबी मुँह से अपने लंड का सुपाड़ा सटा दिया और फिर धीरे से घुसाने की कोशिश कि तो वो चिहुंक उठी. मैं समझ गया की मामला टाइट है. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

फिर मैंने उसके होठ अपने होंठो से दबा कर एक जोर का झटका दिया और किला फतह हो चूका था. वो चीखी तो लेकिन उसकी चीख मेरे होठों ने संभाल ली पहले तो कुछ शॉट्स मैंने धीरे धीरे लगाए और जब लंड आराम से अंदर बाहर होने लगा और वो भी दर्द भूल कर अपनी कमर और गांड उर्वशी की तरह हिलाने लगी.

तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और फिर धीरे धीरे ट्रैन स्पीड पकड़ती जा रही थी. आह आआअह उईईई फ़क मी मैं चिल्लाने लगूंगी ऊयी मर गयी दादा यू आर हार्ड आआउउउउउउ मजा आ गया. मैंने कहा धीरे डिंपल राजीव यहीं सो रहा है तो डिंपल बोली अरे दादा ये तो सोता ही रहेगा यहाँ इसकी बहन की चूत फट गयी और ये खर्राटे ही मार रहा है.

मैं भी हसने लगा और अब मेरी स्पीड बढती जा रही थी और वो भी नीचे से पूरा उछल उछल कर चुदवा रही थी. मैं बीच में उसकी चूचिया भी दबाता और पीता जा रहा था. मैं चोद डिंपल को रहा था और मुझे लग रहा था की मेरा लंड तम्मना भाटिया की चूत के अंदर है एंड आई ऍम सकिंग हर बूब्स.

वो चिल्ला रही थी की आह ऊऊह्ह्ह्ह मममममम उम्म्म्म मर गयी और जोर से पूरा फाड़ दो दादा. वो चूँकि ये सब धीरे धीरे बोल रही थी तो और भी सेक्सी मजा आ रहा था. चेहरा डिंपल का और चूत कियारा आडवाणी का मजा दे रही थी. मेरी स्पीड अचानक राजधानी एक्सप्रेस की हो चली थी फाछह फाछहहहाआआ फक्क्क्क तक तक टकटक पांच आअह्हह्ह्ह्ह आह्ह्ह्हह उईईईईई डाल दिया आआआउउउउउउ मर गयी और और और और डीप दादा आयआईईई मैं तो गयी आआह्ह्ह्ह. और मैं भी खूब जोर से चोद रहा था उसको.

वो धीरे से सिसकारी भरते हुए बोली आइइइइइइइ गयीईइ मैं तो गयी दादा जाने क्या हो रहा है. और फिर साथ ही मैं भी उसकी चूत में झड़ गया कंडोम के अंदर. अब मैं उसको चुम रहा था वो बोली दादा आई लाइक यू एंड लव यू. मैंने भी कहा डिंपल यू आर मस्त. तो वो बोली दादा आज तो आपने तम्मना भाटिया और कियारा आडवाणी दोनों को सोच कर मुझे चोदा ना. मैंने कहा तुमको कैसे मालुम वो हँसते हुए बोली अरे तुम्ही तो चोदते में इनका नाम ले रहे थे. फिर मैंने उसको एक बार और चोदा. उन छुट्टियों मैं मैंने डिंपल को खूब चोदा.

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