चाची की चूत को मिला भतीजे का लंड

यह कहानी एक सच्ची घटना है.. मैं प्रविन हु.. मेरी उम्र 22 साल का हु. मैं महाराष्ट्र से छोटे गांव से हु.. मैं अपने दादा दादी के पास रहने गया था.. दादा दादी को मेरा सहारा मिल जाए और मैं अपना कॉलेज कर सकूँ.. दादा दादी को 3 लड़के और 2 लड़की थी.. दादा दादी 5 में से किसका भी सहारा नहीं था.. वो उनसे दूर रहते थे.. Aunty XXX Hot Story

दादा दादी ने मेरा सहारा लिया.. दादा के साइड में उनके दोनों बहु रहती थी.. जिसे एक चाची मेरे से अच्छा बर्ताव करती थी.. उनका नाम सरिता है.. उनकी उम्र 40 है.. दिखने में ठीक ठाक है.. गोरी कमर.. 6 फिट हाईट और कमर नाजुक सी.. उनकी गाड़ भी ज्यादा बड़ी नहीं थी 30 का साइज.. और उनके बूब्स भी शायद 30 ही होंगे.

उनको दोनों लड़कियाँ थी एक 5 साल की और दूसरी 3 साल की.. उनके पति आर्मी में थे और साल में 20 या 25 दिनों के लिये आते थे और शराब पीकर चाची की पिटाई करते थे इसलिए चाची को उनसे नफरत हुई थी.. उनको पति का सुख नहीं था.. जब भी उनके रूम पर जाया करता तो कभी रोते हुए कभी उदास रहती थी..

एक दिन में चाची को उनके मायके चला गया बाइक से हम दोनों बाते बाते करते निकल पड़े.. चाची ने मूझे सारी बाते बताने लगी और की में शादी करके बहुत प्रस्ताव हो रहा है और मैं अकेली रहती तो अच्छा हुआ रहता.. मैंने भी चाची को बोल दिया चाची अब मैं आ गया हु ना आप टेंशन मत लो.. सब ठीक होजायेगा..

यह बोलकर चाची भी खुश हो गयी.. फिर हम दोनों शाम के समय वहाँ से निकले रात के 9 बज गये थे आने में हम उसी दिन इसलिए आये की चाची की दोनों लड़की घर पर ज्यादा राह न देखे हम आये तो दोनों दादा दादी के इधर सोये थे.. फिर दादी को पूछा खाना है क्या तो दादी बोली हाँ है मैं आज ज्यादा बनाई थी..

फिर चाची को लेकर दे दिया खाना चाची बोली तू भी कर ले खाना मैंने कहा मैं आपका होने के बाद करता हु.. चाची बोली नहीं मेरे साथ कर ले मूझे अच्छा लगेगा मेंने कहा ठीक है.. फिर हमने एक ही थाली में खाना करने लगे.. खाना करते समय इधर उधर की बाते करने लगे.

प्रविन अब तू बता तेरी कोई गर्लफ्रेंड है क्या? मेंने चाची को बोला कहा मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं चाची मेरे पास.. चाची बोली तू हैंडसम है टॉपर है और क्या होना चाहिये.. चाची को मैंने कहा की आप ही मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओ.. चाची हसने लगी बोली किसको पता चल जाए तो..

बातो बातो में मैंने चाची के गालो पर किस किया चाची भी थोड़ी देर चुप रही जाने चाची को लगा अब मैं चाची हर बातो पर हर घड़ी उसे खुश रखु.. फिर खाना होने के बाद में दादा के इधर सोने जा रहा था तो उन्होंने अन्दर से लॉक लगा लिया उनको लगा की मैं अपने रूम में सो गया हु..

फिर चाची बोली दोनों सोयी है क्या. मेंने कहा हाँ. प्रविन इधर आओ मैं चाची के पास गया.. चाची बोली आज रात इधर सो जाओ मुझे अकेली डर लगता है मूझे.. मैंने कहा ठीक है चाची.. फिर अन्दर चले गया और हम दोनों और बाते करने लगे रात के 1 बज रहा था उस दिन..

चाची को मेंने युहीं ऐसे पूछा शादी के पहले आपका किसके साथ अफेयर था क्या चाची बोली नहीं किसके साथ नहीं.. हा तब जवानी में बहुत सेक्सी दिखती थी अच्छा हा.. मैंने चाची को चाची आज भी आप सेक्सी दिखती हो.. चाची मेरे तरफ अलग ही देख रही थी ऐसा उस रात चाची को अपने बाहो में ले लु ऐसा लग रहा था..

चाची एक बात पुछु आपसे चाची बोली हाँ बोलो मेंने चाची को अन्दर की बात बोल दिया चाची में आपसे मोहब्बत करने लगा हु.. चाची ने कहा यह क्या पागलपन है प्रविन किसने सुन लिया ना दोनों की वाट लग जायगी.. चाची पानी पिने किचन पे गयी और मैं चाची के पीछे..

चाची का एक हाथ अपने हाथो पर कहा चाची हा सच में मैं आपको चाहने लगा हु.. एक औरत को एक मर्द का प्यार चाहिये जो में आपको देना चाहता हु. चाची कुछ न कहकर सोने जा रही थी मेंने झटके से एक हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और चाची के आँखों में आँखे डालकर देखने लगा.

चाची बोली नहीं प्रविन ये सब ठीक नहीं है.. चाची के जिस्म से अपने हाथो से सहलाने लगा और बोला चाची आई लव यू मेरी जिंदगी में सिर्फ आप हो उसके अलवा कोई नहीं रहेगा प्लीज चाची.. फिर 2 मिनट तक हम चुप ही रहे और मैंने चाची को किस करना चालू कर दिया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

धीरे धीरे उनके गुलाबी होंठो को और अपने होंठो को किसिंग करता रहा ऐसा 20 मिनट तक चलता रहा ज़ब तक चाची उत्तेजित नहीं होती तब तक. चाची को अपने दोनों हाथो से उतार कर बेड पर रख दिया.. चाची की कमर पर हाथ सहलाना चालू कर दिया चाची धीरे धीरे सिसकारने लगी और बोली प्रविन सच बता मूझे तू मरते दम तक साथ चाहिये आपका..

हा चाची जो आपके पति ना दे पा रहे मैं जिंदगी की हर खुशी आपके तरफ हो गई. धीरे धीरे मेंने चाची की साड़ी ऊपर करके चुंबन चालू कर दिया और चाची भी तड़पड़ने लगी क्यूकी चाची अकेली रहकर सेक्स नहीं कर पाती थी.. धीरे धीरे में चाची के कपडे उतारकर उसे नंगी कर दिया था और पुरे जिस्म को चुमता जा रहा था..

चाची के बूब्स क्या थे गोरे गोरे उनको में अपने हाथो से दबना चालू कर दिया था. थोड़ी देर बाद अपने मुँह से चाटना चालू कर दिया चाची अब पूरी गरम हो चुकी थी अब चाची मेरा साथ दे रही थी.. चाची की प्यास थोड़ा देर शांत कर दी थी मेंने.. और इधर मेरा लंड चाची को सलामी देने के लिये ईच्छुक था.. थोड़ी देर बाद चाची की पैंटी निकाल दी क्या चुत थी. चाची बहोत गरम और पूरी चिकनी एक भी बाल नहीं चुत पर..

अपने दोनों हाथो से चाची की टांगो ऊपर करके अपना लंड उनके चुत में डाल रहा था. उतने में लंड को तेल लगाकर उनकी प्यासी गरम चुत में अपना लंड डाला तो झटका दी और मैं अन्दर बाहर करके चाची को मजे दे रहा था. क्यूकी चाची बिना सेक्स की रहती थी लेकिन उसका एक एक दिन मेरा हो गया था.. लंड निकलकर चाची शांत हो गयी और मैं चाची की गरम चुत में ऊगली डालकर लिछड़ने लगा.

चाची आ उउ आ उउ आ उउ ऐसे करने लगी थी.. फिर थोड़ी देर बाद चाची की चुत चिकत चिकत गिला गिला पानी निकलनें लगा. उसे अपने मुँह से चाटा और वो तड़पे जा रही थी.. मूझे कहा प्रविन और चोदो मूझे मेरी चुत की आग शांत करो चाची कही सालो से चूदी नहीं थी.. प्रवीण तू मेरा हीरो है आज से हर दिन में तेरे साथ सोती चले जाउंगी.. फिर 60 डिग्री से उसे झुक कर उसके पतली गाड़ में अपना 10 इंच का लंड डाल दिया. पहले धीरे धीरे करता रहा बाद मैं ज़ोर ज़ोर से करने लगा.

चाची ज़ोर ज़ोर से चिल्लाती जा रही थी और रूम में तप तप तप तप ऐसे आवाज आ रही थी.. अभी रोज अपनी सरिता चाची की प्यास बुझाता हु.. एक दिन मूझे मेरी दादी ने चाची को चोदते देख लिया था.. दादी ने मूझे घर से बाहर जाने को कहा और चाची को मेरे लंड की आदत पड़ गयी थी. चाची भी सब छोड़ कर मेरे साथ आयी फिर चाची और मैं कही दूर जाकर शादी कर ली और अपना संसार करने लगे.. ऐसी मेरी सरिता चाची और मेरी कहानी है.. मुझसे कोई भी गलती हुई तो प्लीज माफ़ कर देना…

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