छात्रा के 2 किलो के चूचो का दूध निकाला

मेरा नाम सुन्दरम है। मेरी उम्र 24 साल है। यह कहानी मेरी जिन्दगी का असली और सत्य अनुभव है। उन दिनों मैं भोपाल में एक इंजीनियरिंग कॉलेज का छात्र था। मैं जुलाई 20019 भोपाल में आया था। मैंने भोपाल आने से पहले कभी चुदाई नहीं की थी। Chubby Girl XXX

चुदाई करने की कसक मेरे दिल में हमेशा से ही थी लेकिन न जाने क्यों 24 की उम्र में आते आते मुझे अपने नाग की तरह फुनकते लंड को थामना बहुत ही मुश्किल पड़ रहा था। मुठ मारने से भी में अब बोर हो गया था। मुझे चूत की बहुत जरूरत थी और इस बार किस्मत ने भी मेरा भरपूर साथ दिया।

मेरी कक्षा में सिर्फ दो लड़कियाँ थी। उन दोनों में से एक थी समीक्षा ! समीक्षा क्या लड़की थी, उसके दो दो किलो के चूचे थे और गांड भी खूब भारी थी। उसी दिन मुझे लगा कि समीक्षा की चूत ही मेरे लंड की गर्मी को ठंडा कर सकती है। अगले दिन समीक्षा ने मुझे बताया कि उसे मोबाइल फ़ोन खरीदना है।

कॉलेज से मार्केट काफी दूर था और मेरे पास बाइक भी नहीं थी। मैंने अपने दोस्त से पल्सर मांग ली। फिर क्या था, क्लास ख़त्म होने के बाद समीक्षा और मैं बाइक पर चल दिए। मैंने बाइक की स्पीड १०० से भी ऊपर कर दी और उसने मुझे कसकर पकड़ लिया.

जैसे ही उसके नाजुक नाजुक हाथ मुझे छू रहे थे मेरी पूरी बॉडी में सनसनाहट दौड़ रही थी और मेरे लंड तो आज सारी हदें पार कर रहा था। उस वक़्त मुझे लगा कि अभी बाइक रोक कर उसे अपने लंड का स्वाद चखा दूँ। लेकिन मैंने अपनी भावनाओं को काबू में रखा।

मुझे तो समुन्दर में तैरना था, नदी में नहाने में क्या रखा था। उस दिन बाइक पर जो तीस मिनट का सफ़र था, उसको रात को सोच कर मैं मुठ ही लगा रहा था कि समीक्षा का फ़ोन आ गया। अब मैंने समीक्षा से फ़ोन पर बात करते करते ही लंड से ऐसी पिचकारी छोड़ी कि वीर्य दो मीटर दूर जाकर गिरा।

लेकिन आज की मुठ में और दिनों से अलग मजा था। अगले दिन क्लास में समीक्षा मेरे आगे बैठी थी तो उसकी सलवार से उसकी पैन्टी दिख रही थी। उसने गुलाबी रंग की पैन्टी पहनी थी। अब तो मेरा लंड फ़ुफ़कारने लगा। क्लास छुटने के बाद मैं समीक्षा को कॉफ़ी के लिए कैंटीन ले गया।

बात बात में उससे पता चला कि उसका अभी कोई बॉयफ़्रेंड नहीं है। अब तो मुझे समीक्षा की चूत की सुरंग और मेरे लंड की तोप का मिलन साफ़ नजर आ रहा था। धीरे धीरे हमारी दोस्ती प्यार में बदल गई। एक दिन शाम के 4 बजे लैब में कोई नहीं था। मैंने समीक्षा को अपने दिल की बात कह दी।

उसने भी हामी भर दी, मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और इमरान हाश्मी स्टाइल में समीक्षा के होंठों का सारा रस चूस लिया। अब मेरे हाथ धीरे धीरे उसके वक्ष पर पहुँच गए। मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरु कर दिया। उसके स्तन डनलप के गद्दे से कम नहीं लग रहे थे और मेरा लंड तो उस वक़्त हीरे से भी सख्त हो रहा था। “Chubby Girl XXX”

उसने भी मेरा लंड अपने कोमल हाथो में ले लिया और सहलाने लगी। अपने हॉस्टल में मैंने खूब ब्लू फिल्म देखी थी और मैंने लैब के कंप्यूटर में गूगल से ढूंढ कर ब्लू फिल्म चला दी। अब मैंने फिल्म की नक़ल करते हुए अपना लंड समीक्षा के मुँह में दे दिया।

पहले तो समीक्षा ने मना किया फिर मान गई और वो लंड चूसने लगी। मेरा लंड पहली बार किसी लड़की के मुँह में गया था। एक मिनट के अंदर ही मैं झड़ने लगा और मैंने समीक्षा के मुँह के ऊपर वीर्य बारिश कर दी और वो उसको ऐसे चूसने लगी जैसे अमृत की बारिश हो रही हो।

मैं झड़ चुका था लेकिन समीक्षा की आग अभी बाकी थी। उसने अपनी चूत में ऊँगली करके अपनी आग बुझाई। अगले दिन मुझे समीक्षा को संतुष्ट करना था इसलिए मैं अगले दिन पॉवर कैप्सूल और कंडोम लेकर गया। लेकिन अगले दिन लैब में क्लास चल रही थी और मैंने लंच के बाद कैप्सूल खा लिया था। “Chubby Girl XXX”

शाम के चार बज रहे थे और मेरा लण्ड नाग के फन की तरह जींस को फाड़ के बाहर आने को कर रहा था। आज किस्मत ने मेरा साथ दिया। एक टीचर को बाहर जाना था दो घंटे के लिए उसने मुझे अपने ऑफिस की चाबी दे दी क्योंकि टीचर का कुछ काम करना था। इधर मुझे अपने लंड की आग बुझानी थी।

मैं समीक्षा को लेकर ऑफिस में आ गया। मेरे ऊपर अब तो कैप्सूल का पूरा असर हो चुका था। ऑफिस में घुसते ही मैंने समीक्षा को बाहों में भर लिया और टूट पड़ा। मैंने उसकी ब्रा को उतार दिया और स्तनों को चूसने लगा और समीक्षा भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। “Chubby Girl XXX”

आज मेरा लंड सात इंच से बढ़ कर आठ इंच का हो गया था। समीक्षा की चूचियाँ दबाने में बहुत मजा आ रहा था, उसके स्तन काफी गुदगुदे थे। मैंने अपना लंड उसके दोनों स्तनों के बीच में रख दिया और हिलाने लगा। अब मेरा हाथ अपने आप समीक्षा की पैन्टी पर पहुँच गया और मैंने उसकी पैन्टी उतार दी।

समीक्षा की चूत पर एक भी बाल नहीं था और चूत एक दम गोरी गोरी थी। मैं चूत को सहलाने लगा। अब उसकी चूत गीली होती जा रही थी, मुझे लगा कि समीक्षा की सुरंग में तोप दागने का इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा और मैंने कंडोम चढ़ा के डाल दिया अपना लण्ड समीक्षा की चूत में !

जैसे ही पहल झटका लगा, समीक्षा कर गई- उहऽऽ ह्ह अह्ह्ह्हह्ह. और उसकी चूत से खून निकलने लगा। वो दर्द से कराहने लगी पर आज मेरा लण्ड कहाँ रुकने वाला था, मैंने उसकी एक टांग कुर्सी पर रखी और एक टांग को अपने हाथ में रख के झटके पे झटके देने लगा। “Chubby Girl XXX”

उधर समीक्षा दर्द से उफ्फ्फ अहह उफ़ आह्ह मर गई … और धीरे से डालो ..कहने लगी। और जब तीन चार बार लंड चूत में घुस कर बाहर आ गया तो समीक्षा को मजा आने लग गया। अब समीक्षा कहने लगी- और डालो … और डालो !पाँच मिनट तक मैंने समीक्षा को खूब पेला। अब मेरा झड़ने वाला था कि तभी टीचर आ गया। लंड की आग में मुझे कुछ नहीं दिख रहा था। उसने हमें दरवाज़े के छेद में से देख लिया था।

लेकिन जब तक मैंने अपने लंड से समीक्षा की चूत को तृप्त नहीं कर दिया, मैं ठोकता रहा और अंत में मैं झड़ने लगा। फिर जल्दी जल्दी समीक्षा और मैंने कपड़े पहने लेकिन टीचर हमें देख चुका था। दरवाजा खोला तो टीचर ने समीक्षा से कहा- मुझे भी अपनी चूत दे दे ! नहीं तो सबको बता दूंगा ! समीक्षा मेरी तरफ देखने लगी, मेरे पास भी कोई और रास्ता नहीं था। टीचर ने भी समीक्षा को ठोका और उसकी नई और गोरी गोरी चूत का मजा लूटा। आज भी समीक्षा और मेरा चुदाई कार्यक्रम चल रहा है और हफ्ते में एक दो बार टीचर समीक्षा की ले लेता है।

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