ये उन दिनों की बात है जब हमारे घर में नए किरायेदार रहने आये थे. घर के निचे के हिस्से में हम लोग रहते थे और ऊपर के हिस्से में किराएदार रहते थे. एक रूम में 2 लड़किया और दूसरे रूम में एक भाई और बहन रहते थे वो सभी एक ही सिटी से थे और सब एक दूसरे को जानते थे. Sexy Virgin Girl
दोनों लड़कियों के नाम पल्लवी और निशा था दोनों देखने में बहुत खूबसूरत थी खासकर पल्लवी बहुत खूबसूरत थी. जब घर में रहते थी तो स्कर्ट और शर्ट पहनते थी. निशा भी खूबसूरत थी लेकिन पल्लवी के जितनी नहीं पल्लवी की बॉडी फिगर भी बहुत अच्छा था. उसका बॉडी भरा भरा था जिससे वो और भी अच्छे लगती थी.
काले बाल उसके खूबसूरती को और भी बढ़ाते थे. गर्मी में शाम देर से होते है तो मैं अक्सर शाम को छत पर चला जाया करता था और छत पर 1-2 घंटा रहता था. पल्लवी मेडिकल की तैयारी कर रहे थे और उसके क्लास 2 बजे तक ख़तम होते थे और वो 3 बजे तक घर आ जाते थे.
जब मैं शाम को छत पर जाता था तो अक्सर पल्लवी भी अपने रूम के बाहर देखती थी. मैं पल्लवी से हमेशा बात करने के कोशिश में रहता था और जैसे ही मौका मिलता था वैसे ही मैं उससे बाते करता था. उसे इंटरनेट के बारे में कुछ भी पता नहीं था एक दिन उसने मुझसे कहा की मुझे अपने एक फ्रेंड को मेल करना है लेकिन मेल कैसे करते है मुझे पता नहीं है क्या आप मेरे हेल्प करेंगे.
मैंने कहा ठीक है मैं आपको बता दूंगा. हमारे घर से थोड़े दूरी पर ही एक साइबर कैफ़े है जिसमे मैं और पल्लवी गए. और मैंने उसे मेल करने के बारे में बताया. जब मैं उसे बता रहा था तो कितने बार मेरा हाथ उसके हाथो से टच हुआ. तो मुझे तो बहुत अच्छा लग रहा था.
लेकिन जब भी हाथ टच होता तो मैं सॉरी बोलकर बात को इग्नोर करने की कोशिश करता. उसने कहा सॉरी बोलने की जरूरत नहीं है जब आप मुझे कुछ सीखा रहे है तो हाथ टच हो गया तो क्या हुआ!!! फिर मैंने वही कैफ़े में उसके हाथ को हल्के से पकड़ने की कोशिश करने लगा और एक बार पकड़ भी लिया.
उसके हाथ इतने सॉफ्ट थे की बता नहीं सकता हूँ बस दिल कर रहा था की उसके हाथो को इस तरह पकड़े रहू. थोड़े देर बाद कैफ़े से हमलोग घर चले आये और वो अपने रूम में चले गए. मैं उस दिन बहुत बेचैन हो गया की पल्लवी से कैसे बात करु. वो मॉर्निंग में अपने मेडिकल क्लास जाते थे.
वो क्लास करने के लिए घर से ऑटो से जाते थे. ऑटो घर से थोड़े दूरी पर ही मिलता था तो मैंने डीसाइड किया की जब वो क्लास से लौटेंगे तब उससे बात करूंगा. और मैंने दूसरे दिन 1:30 बजे घर से निकल गया और उसके कोचिंग क्लास के बाहर जाकर उसके क्लास छूटने का वेट करने लगा.
उसके क्लास छूटी तो देखा की निशा भी उसके साथ में है तो मैं निराश हो गया की अब कैसे बात करूंगा. तभी मैंने देखा की निशा ने पल्लवी से कुछ कहा और वो कही और जाने लगी और जब पल्लवी आगे बढ़ाकर ऑटो के तरफ जाने लगी. तो मैंने अपने बाइक पल्लवी के बगल में रोका और कहा की घर जा रहे हो तो मेरे साथ चलो मैं भी घर ही जा रहा हूँ.
और वो बिना कुछ कहे मेरे बाइक पर बैठ गई. मैं बहुत खुश था की पल्लवी मेरे बाइक पर मेरे साथ बैठी थी. जब वो बाइक पर बैठी थी तो उसके बूब्स बार बार मेरे पीठ से टच हो रहे थे. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था तभी मैंने पल्लवी से कहा की मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो आप बहुत खूबसूरत हो… और आज मैं आपसे बात करने के लिए ही यहाँ तक आया हूँ.
मेरी बाते सुनकर पल्लवी हसने लगी और बोली आप भी मुझे अच्छे लगते है मैं भी आपसे बात करना चाहती थी लेकिन आप बात ही नहीं करते थे. फिर मैंने पुछा की निशा कहाँ गई है तो बोली कि निशा आपको देखकर मुझसे अलग चली गई थी वो जानती थी की आप मुझसे बात करने के लिए यहाँ तक आये है.
बात सुनकर मैं बहुत खुश हो रहा था दिल में एक अजीब सी ख़ुशी हो रही थी… पल्लवी से बाते करते करते कब घर के पास आ गए पता ही नहीं चला. फिर मैं शाम होने का इंतज़ार करने लगा कि शाम होंगे तो छत पर जाऊँगा तो पल्लवी से बाते करूँगा!!! शाम हो गया मैं छत पर गया तो पल्लवी बाहर ही बैठी हुई थी और निशा अंदर रूम में सो रही थी.
जब पल्लवी ने मुझे देखा तो मुझसे बैठने के लिए कहा तो मैं उसके बगल में ही एक चेयर पर बैठ गया. और थोड़े देर बाद पल्लवी मेरे लिए चाय बनाकर ले आई और बोली चाय पी लीजिये. मैंने चाय का कप हाथ में लेकर पीने लगा और एक हाथ पल्लवी के हाथो के ऊपर रख दिया.
पल्लवी देखकर थोड़ा से मुस्कुराई लेकिन बोली कुछ नहीं. मैं समझ गया की पल्लवी भी चाहती है की मैं उसके साथ कुछ करु. लेकिन शाम का टाइम था ज्यादातर लोग अपने अपने छतो पर थे तो मैं कुछ कर नहीं पा रहा था. मैंने पल्लवी के चहरे के तरफ हाथ बढ़ाकर उसके गालो को छूते हुए अपने हाथ उसके लिप्स पर ले गया.
तो पल्लवी बोली क्या कर रहे हो राहुल निशा देख लेगी तो क्या सोचेगी. फिर उसके बाद मैं थोड़े देर वहां बैठा रहा और फिर निचे चला आया और रात होने का इंतज़ार करने लगा. रात में करीब 11 बजे मैं छत पर गया तो देखा की पल्लवी के रूम के लाइट ऑन है तो मैं वही छत पर खड़ा होकर उसके बाहर आने का इंतज़ार करने लगा.
रात को 11:30 वो रूम से बाहर आई तो मुझे देखकर चौक गए और बोले आप यहाँ क्या कर रहे है. मैंने कहा आपके बिना रहा नहीं जा रहा था आपकी याद आ रही थी सो छत पर चला आया. ये कहते हुए मैंने उसे अपने बाहों मे खींच लिया तो बोली अरे ये क्या कर रहे है कोई देख लेगा तो.
मैंने कहा इस टाइम कौन देख रहा है और कहते हुए मैंने उसके होंठो को किस करना चाहा. पहले तो उसने मना किया लेकिन फिर खुद ही वो मेरे होंठो पर किस करते हुए बोले अब आप निचे जाये. मैंने बिना कुछ कहे दोबारा उसके होंठो पर किस करने लगा इस बार वो कुछ नहीं बोली.
इस टाइम भी वो स्कर्ट और शर्ट पहन रखी थी. जब मैं उसके होंठो पर किश कर रहा था तो उसके बूब्स पर चेस्ट से टच हो रहे थे तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. फिर मैंने उसे पीछे से पकड़ते हुए उसके गले पर किस करने लगा और उसके चूचियों को अपने हाथो में लेकर दबाने लगा.
पहले तो उसने थोड़ा सा विरोध किया लेकिन फिर जब मैं उसके चूचियों को जोर जोर से दबाने लगा. तो सिसकते हुए आआआआअह्ह्ह्ह धीरे धीरे कीजिये ऊऊऊह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह. अब मेरा भी लंड टाइट होने लगा था. फिर मैंने पल्लवी से कहा की चलो सबसे ऊपर वाले छत पर चलते है और कहते हुए मैंने उसे गोद में उठा लिया.
उसने अपने आँखे बंद कर ली और मैं उसे उठा कर सबसे उपर वाले छत पर चला गया. वहाँ जाते ही पल्लवी मेरे सीने से लिपट गई और मेरे होंठो पर किस करने लगी और बोलने लगी राहुल मैं तुमसे बहुत प्यार करते हूँ और वो मेरे होंठो को बेतहाशा चूमे जा रहे थी और मैंने अपने हाथो से उसके चूचियों को दबाना स्टार्ट कर दिया.
उसके चूचिया बहुत टाइट थे. थोड़े देर में ही मेरे हाथो में दर्द होने लगा तो मैंने पल्लवी का पकड़कर हल्का सा ज़मीन के ऊपर लेटाते हुए उसके शर्ट के सारे बटन खोल दिए. उसने शर्ट के निचे कुछ नहीं पहना था उसके चूचियों को देख कर तो मानो मेरा लंड में 440 वोल्ट का करेंट दौड़ गया हो.
फिर मैंने उसके चूचियों को अपने हाथो में लेकर दबाने लगा और अपने मुँह को उसके चूचियों के पास ले जाकर उसके निप्पल को अपने दोनों होंठो को बीच में दबाकर अपने जीभ से हल्का हल्का चूसने लगा. अब पल्लवी को और भी अच्छा लगने लगा था. अब मैंने उसके चूचियों को पूरा मुँह में लेकर चूसने लगा.
और पल्लवी जोश में बोल रही थी राहुल मेरे राहुल मेरे चूचियों का सारा दूध पी लो और आआआआआह्ह्ह्ह चूसते रहो मेरे राहुल और जोर से चुसो. उसके ये बाते मेरे अंदर और भी जोश पैदा कर रहे थे और मेरे चूसने की स्पीड भी तेज हो गई थी. उसके चूचियों को चूसते हुए मैंने अपना एक हाथ उसके पेट के ऊपर से उसके जान्घो के पास ले गया और उसे हलके हाथ से सहलाने लगा.
और पल्लवी ने जोश में मेरे मुँह को अपने चूचियों पर जोर से दबाने लगे और आआआ आःह्ह्ह आआआआ आह्हह्हह्हह, मैं उसके चूचियों को चूसते चूसते अपने हाथो से उसके स्कर्ट खोलने लगा. तो पहले तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया फिर खुद ही उसने अपने स्कर्ट खोल दिए. उसने ब्लैक कलर की पैंटी पहन रखी थी.
चांदनी रात में उसके खूबसूरत जिस्म और ऊपर से उसके ब्लैक पैंटी मेरे ऊपर क़यामत कर रहे थे. मैंने उसे अपने बाहों में भर कर उसके उसके पुरे जिस्म को अपने हाथो से सहलाने लगा. मेरा लंड अब मेरे कण्ट्रोल में नहीं हो रहा था. फिर मैंने जल्दी से उसके पैंटी उतार दी उसके क्लीन शेव्ड चूत को देखकर तो मेरे होश ही उड़ गए.
क्लीन शेव्ड चूत इतनी सॉफ्ट चूत थी की क्या बताऊ. मैंने उसके चूत पर एक हल्का सा किश किया तो जोश से भर गई और फिर मेरे कपडे उतारने लगी. अब हम दोनो पुरे नेकेड थे, पल्लवी के शरीर पर भी कोई कपड़ा नहीं था और मेरे शरीर पर भी नहीं. उसने जैसे ही अपने मुलायम हाथो से मेरा लंड को टच किया.
मेरे तो होश ही उड़ गए लंड पुरे तरह से उसके हाथो में नहीं आ रहा था वो बार बार लंड को पुरे तरह से पकड़ने की कोशिश कर रहे थे. फिर उसने एक बार मेरे लंड पर झुक कर उसे किस कर लिया और मेरा लंड बेकाबू हो गया. फिर मैंने उसे अपने ऊपर से हटे हुए उसे निचे लेटा दिया और मैं उसके चूत के पास अपना मुँह ले जाकर उस पर किश किया.
तो बोली राहुल ये क्या कर रहे हो मुझे कुछ हो रहा है. और वो ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़फफफफफ ऐसे मत करो. फिर मैंने अपने जिभ निकाली और उसके चूत के ऊपर अपने जीभ को फेरने लगा और पल्लवी ने जोर जोर से आआआआआह्ह्ह्हह्ह्हह्ह्ह्ह करते रहो आआआआआअऊऊऊऊऊउ. पल्लवी को देखकर लग रहा था की अब उससे भी कण्ट्रोल नहीं हो रहा था.
फिर वो बोलने लगे मेरे राहुल जो करना है जल्दी से कर लू जल्दी जल्दी कर लो ऊऊऊऊऊऊऊऊउह्ह्ह्ह अअअअअअअ बस करो राहुल अब और नहीं आआआआआअह्ह्ह्ह ऊऊऊऊऊऊह्ह्ह्ह राहुल जल्दी से कर लो. फिर मैंने अपने दोनों हाथो से उसके चूत को हल्का से फैलाया और अपनी जिभ उसके चूत के अंदर डाल दिया.
उसकी चूत बहुत ही गरम थी अब पल्लवी ने मेरे मुँह को जोर से अपने चूत पर दबा कर अपने कमर को हिलने लगी और साथ में बड़बड़ रही थी पूरा चूस लो मेरे चूत को चूस लो राहुल राहुल आई लव यू राहुल चुस लो मेरे चूत का सारा रस राहुल मेरे राहुल ऊऊऊऊऊऊ आआआआआआह्ह्ह्हह्ह्ह्हह ओओओओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह.
और फिर उसके कमर हिलाने की स्पीड थोड़ी धीरे हो गई और उसके चूत से रस निकलने लगा. जब तक उसके चूत से रस निकल रहा था तब तक उसने मेरे मुँह को अपने चूत पर कसकर दबा रखा था. फिर मैं उठा और उसके बगल में लेट गया और वो मेरे से लिपट गई और मेरे लंड को अपने हाथो में लेकर हिलाने लगी.
एक हाथ से वो मेरे लंड को हिला रही थे और उसका दूसरा हाथ मेरे सारे शरीर पर चल रहा था. मेरा लंड पूरा टाइट खड़ा हो चुका था. पल्लवी उठकर मेरे लंड के पास गई और अपने होंठो से मेरे लंड के चारो तरफ किस करने लगी अब मैं पुरे तरह से बेकाबू हो कर चोदने के लिए तैयार हो गया था.
मैंने पल्लवी को निचे लेटा कर उसके दोनों पैरो को फैलाया और उसके बीच में जाकर बैठ गया. और वो बड़े ध्यान से मेरे ओर देख रही थी. मैंने उसके चूत में एक ऊँगली डाली तो लगा कि उसकी चूत बहुत टाइट है. मेरी 1” ऊँगली भी उसके चूत में बड़े मुश्किल से जा पा रही थी. फिर मैंने अपने ऊँगली को उसके चूत के अंदर डालकर अपने ऊँगली अंदर बाहर करने लगा.
थोड़े देर में ही ऊँगली आसानी से अंदर बाहर होने लगा. तब मैंने अपना लंड उसके चूत के छेद पर रखा तो उसने अपने आँखे बंद कर ली. मैंने हल्का से अपने लंड को उसके चूत पर दबाया ही था की वो चिल्ला उठी नहीं राहुल अब नहीं दर्द हो रहा है. मैंने एक्साइटमेंट में थोड़ा सा अपने लंड को और दबा दिया.
मेरा आधा लंड उसके चूत में जा चुका था और वो जोर से चिल्लाई राहुल नहीं मैं मर जाऊंगी प्लीज रहने दो आआआअह्ह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है ऊऊऊऊऊऊउह्ह्ह्ह राहुल अब मत करो बहुत दर्द हो रहा है. मैंने अपने लंड को वैसे ही छोड़ दिया आधा अंदर आधा बाहर. थोड़े देर में जब उसका दर्द जैसे ही कम हुआ मैंने जोर का एक झटका दिया और मेरा पूरा लंड पल्लवी की चूत में घुस गया.
और वो इस बार जोर से चिल्लाई राहुल्लल्ल्ल्लल्ल्ल आआआआह्ह्ह्ह स्स्स्शह्ह्ह्हह्ह ईईईईईईईईई ऊऊऊऊऊऊऊऊ राहुल्लल्ल्ल्लल्ल्ल्ल बस करो. मैंने अपना लंड उसके चूत में डालकर वैसे ही छोड़ दिया. 2 मिनट के बाद जब उसका दर्द कम हुआ तो पल्लवी ने अपने दोनों टांगो से मुझे जकड़ लिया और मेरे होंठो पर किस करने लगे.
उसके किस से मेरे अंदर एक्साईटमेंट और बढ़ने लगा और मैंने फिर से अपना लंड पल्लवी की चूत से निकाला और फिर एक जोर का झटका मारा. इस बार मेरा पूरा लंड एक ही बार में अंदर चला गया. और पल्लवी बोली स्स्सस्स्स्सश्ह्ह्हह्ह्हह्ह्ह्ह ईईईईईई धीरे धीरे करो दर्द हो रहा है.
फिर मैंने अपने लंड को उसके चूत में ही छोड़ कर उसके होंठो को चूसने लगा. जब वो मेरे होंठो को चूसने में मस्त हो गया. तो मैंने अपने लंड को एक जोर का झटका फिर से उसके चूत में मारा. इस बार उसे उतना दर्द नहीं हुआ और वो बस आआआआआ ह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह मेरे राहुल अपना लंड मेरे चूत में डाल दो मेरी चूत सिर्फ तुम्हारी है राहुल.
और मैंने अपने लंड को अब उसके चूत के अंदर बाहर करने लगा. और पल्लवी तो बस ऊऊऊऊईईईईईईईईईम्म्म्म मर गए और जोर से मेरे राहुल और जोर से करते रहो आज मेरे चूत की प्यास मिटा दो मेरे राहुल ऊऊऊऊऊऊऊफ़्फ़्फ़्फ़फ्फ्फ्फफफ्फ्फ्फ़.
अब पल्लवी को भी मजा आने लगा था और वो भी हलके हलके अपने कमर को उठा कर साथ देने लगे. मैं पुरे जोश से अपने लंड को उसके चूत के अंदर बाहर कर रहा था और साथ ही साथ उसके होंठो को भी बीच बीच में चुम ले रहा था. तभी अचानक उसके कमर उठाने के स्पीड बहुत तेज हो गई.
और कहने लगी मेरे राहुल आज मेरे चूत को फाड़ दो और जोर से करो मेरे साथ आआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह करते रहो मेरे राहुल करते रहो. और उसने अपने दोनों पैरो से मेरे कमर को पुरे तरह से जकड़ लिया और एक जोर के झटके के साथ में वो झड़ गई और मेरे होंठो पर अपने होंठो को रख कर किश करने लगी. मेरा लंड भी अब आखिरी स्टेज पर आ चुका था और मैंने और जोर जोर से उसके चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा.
और जोर जोर से झटके मारने लगा और फिर मैं भी झड़ने लगा. मैंने उसके चूत में ही झड़ गया उसके चूत मेरे वीर्य से भर गए. मैंने 2 मिनट तक तो ऐसे ही उसके ऊपर लेता रहा फिर उसके बगल में आकर लेट गया और वो मेरे कंधे पर सर रखकर लेट गए. उसका नंगा मुलायम शरीर सच में बहुत खूबसूरत लग रहा था. मैंने रात मे ही एक बार फिर उसकी चुदाई की और सुबह 5 बजे जब हलके रौशनी होने लगी तब हमलोगो नीचे गए. जब नीचे गए तब तक निशा जाग चुकी थी.
और उसने हम दोनो को साथ में देखकर हसते हुए बोली कि रात भर आप लोग सोये नहीं है क्या. पल्लवी तो उसकी बात सुनकर हस कर रूम के अंदर चली गई और फिर मैं भी नीचे अपने रूम में चला गया. उस दिन पल्लवी पूरा दिन सोते रही और वो अपने कोचिंग क्लास भी नहीं गई. 10 दिनों तक तो कंटिन्यू हमलोग रोज रात में इस तरह से चुदाई का खेल खेलते रहे. लेकिन एक दिन निशा ने हम लोगो को देख लिया और उसने मुझसे अकेले में कहा कि मैं उसके साथ भी चुदाई करु. पल्लवी और निशा की चुदाई की बात मैं आपको फिर कभी बताऊंगा.
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