मेरा नाम पल्लवी है। मैं एक २२ वर्षीय युवती हूँ। परिवार मैं मेरे माता पिता के अलावा मेरी दीदी है जो मुझसे २ साल बड़ी है। हम दोनों बहनें काफी सुंदर हैं बस दीदी कद में मुझसे थोडा लम्बी है। बचपन से ही हमारी आपस मैं बहुत अच्छी बनती है और हम आपस में एक दूसरे से कुछ नहीं छुपाते। Desi Sister Lesbian Sex
बात तब की है जब मैं दसवी में पढ़ती थी और दीदी बारहवी में। उस समय हमारा अधिकांश समय लड़कों और सेक्स की बातें करते हुए ही निकलता था। दीदी की दोस्ती अपनी ही क्लास के एक लड़के प्रशांत से हो गयी थी जो शारीरिक रूप से काफी हट्टा कट्टा था।
दीदी ने ही बातों बातों में मुझे बताया हुआ था कि उसने प्रशांत को एक दो बार उत्तेजित अवस्था में देखा है और उसका लंड बहुत मोटा और तगड़ा है। अक्सर ही जब भी में उत्तेजित होती थी तो यही सोचती थी कि प्रशांत का मोटा लंड जब दीदी कि चूत में जायेगा तो उसे कैसा लगेगा?
एक दिन मैं और दीदी घर पर अकेले थे और हमारे घर वाले ४ दिन के लिए किसी शादी में बाहर गए थे। रात को खाना खा कर हम लोग अपने बेडरूम में आकर टीवी देखने लगे। उस पर कोई हिंदी फिल्म चल रही थी जिसमें कुछ गुंडों एक लड़की साथ जबरदस्ती करने कि कोशिश कर रहे थे।
मैं और दीदी बड़े ध्यान से सीन देख रहे थे पर तभी हीरो ने आ कर उसे बचा लिया। मेरे मुंह से अचानक निकल गया कि इस हीरो को भी अभी आना था, थोडी चुदाई हो जाने देता तो इसका क्या चला जाता। दीदी मेरी बात सुन कर हंसने लगी और बोली कि अगर कोई तुझे चोद रहा होता तब तुझे पता चलता।
मैंने भी कहा कि चोद देता, मुझे तो अच्छा ही लगता। इसी तरह हम लोग फिर से अपने पसंदीदा विषय पर बात करने लगे। थोडी देर मैं दीदी को नींद आने लगी और वो सो गयी, पर मेरी आँखों मैं नींद नहीं थी। मैं तब भी यही सोच रही थी कि घर पर मेरे और दीदी के अलावा कोई नहीं है, कितना अच्छा हो कि कोई लड़का यहाँ आ जाये और हम दोनों की जबरदस्त चुदाई करे।
यही सब सोचते सोचते अचानक मेरा ध्यान सोती हुई अपनी दीदी की तरफ गया। सोते हुए उसका मासूम चेहरा बहुत प्यारा लग रहा था और उसके बड़े बड़े कड़े उभार उसके टॉप के अंदर से बहुत सेक्सी लग रहे थे। ये देख कर में अपने आप को रोक नहीं पाई और दीदी के टॉप के २ बटन खोल कर अपना हाथ उसके दायें उभार पर रख दिया।
हम लोग आपस में कई बार ऐसी हरकतें करते रहते थे पर उसके सोते हुए बदन से खेलने में मुझे अलग ही आनंद आ रहा था। मुझे जोश बढ़ता जा रहा था और मैं अपने आप पर काबू नहीं कर पाई और दीदी की स्कर्ट को धीरे धीरे ऊपर की और सरकाने लगी।
उसकी गोरी गोरी और मांसल जांघें ट्यूबलाइट की दूधिया रौशनी में बहुत प्यारी लग रही थी। मैंने धीरे से उसकी स्कर्ट को उसकी कमर के ऊपर तक ला दिया और उसकी काली चड्डी के अंदर कैद चूत को निहारने लगी। यूं तो इससे पहले भी मैं और दीदी एक दूसरे के अंगों से छेद छाड़ करते रहते थे.
पर उस दिन तो मैं अपने आप पर काबू करने की हालत में ही न रही और अपना टॉप उतार कर दीदी के चेहरे पर अपना चेहरा झुका दिया और उसके होठों को अपने होठों से कस लिया। दीदी एक दम से हडबडा गयी और जब उसे समझ में आया तो कहने लगी कि “प्लीज़ पल्लवी, अभी नहीं, इस टाइम बहुत नींद आ रही है”।
पर मैं तो तब तक बहुत गर्म हो चुकी थी और मैंने दीदी से खेलना जारी रखा। उसकी आँखें अभी भी मुंदी हुई थीं और वो आधी नींद में थी। मैं उसके होठों को चूम रही थी और उसके उभारों को सहला रही थी। धीरे धीरे मैंने उसके टॉप के सारे बटन खोल दिए थे और अब मेरे हाथ उसके सीने पर घूम रहे थे। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैंने एक हाथ उसके कंधे से ले जाकर उसको अपनी ओर हल्का सा मोडा और उसकी ब्रा का हुक भी खोल दिया। अब उसके दोनों आजाद पंछी मेरे हाथ में थे और मैं उनसे भरपूर मज़े ले रही थी। मेरे उभार अभी दीदी कि तरह बड़े और विकसित नहीं थे इसलिए मुझे दीदी के उभारों से खेलने में और मज़ा आ रहा था।
मेरी हरक़तों से दीदी को मज़ा आ रहा था और अब वो भी नींद से जाग गयी थी और मुझे इस तरह अपने शरीर से खेलते देख कर मुस्करा रही थी। उसके निप्पल तन कर खड़े हो गए थे और मुझे मुझे उन्हें चूसने के लिए आमंत्रित कर रहे थे। मैंने तुंरत अपना चेहरा उन पर झुका दिया और उनके दायें उभार के निप्पल को अपने मुँह में ले लिया.
दीदी के मुँह से एक हलकी सी सिसकारी फूट पड़ी और उसने भी हाथ बढा कर मेरे उभर पर अपना शिकंजा कस दिया। अब हम दोनों बहनें एक दूसरे के उभारों से खेल रही थीं। मैं दीदी के निप्पल मुँह में लेकर कभी काट रही थी और कभी जोर जोर से चूस रही थी, दीदी भी मेरे उभारों को अच्छी तरह से मसलने में लगी हुई थी।
बीच बीच में उसके मुँह से सीइई … की आवाज़ निकल रही थी जो मेरा जोश और ज्यादा बढा देती थी। थोडी देर में मेरा ध्यान दीदी की चूत की तरफ गया और मैं उनकी चड्डी के ऊपर से उनकी चूत के ऊपर हाथ फेरने लगी। हाथ फेरते ही मुझे महसूस हो गया की दीदी की चूत ने पानी छोड़ दिया है।
उसकी चड्डी काफी गीली हो रही थी। हालत तो मेरी भी ख़राब थी पर अभी मैं इतनी गीली नहीं हो पाई थी। दीदी की गीली चूत देख कर मैंने उसे छेडा की क्या बात है आज तो तुम काफी बरसात करने के मूड में दिख रही हो। मेरी बात सुन कर दीदी ने भी मेरी चूची बहुत जोर से मसल दी और मुस्करा कर बोली कि तू चिंता मत कर, अभी तेरा भी ट्यूबवेल शुरू करती हूँ।
मैंने दीदी की चड्डी खीच कर निकल दी और उसकी चूत को गौर से देखने लगी। मुझे तो उसकी चूत अपनी चूत से भी ज्यादा गोरी लग रही थी, उसने अपने चूत के बाल हाल ही में साफ़ किये थे और इस वज़ह से उसकी गीली,गोरी और टाइट चूत बहुत मनमोहक लग रही थी।
उसकी टाइट चूत देख कर मुझसे रुका नहीं गया और मैंने उसे सहलाते सहलाते एक झटके से उसकी चूत में अपनी बीच की ऊँगली सरका दी और चूत गीली होने के कारण मेरी ऊँगली सीधे अंदर तक घुस गयी। दीदी एकदम से चिहुंक उठी और उसके मुँह से आईईई… की आवाज़ निकल गयी।
वो कसमसाते हुए मुझसे हल्के से बोली कि “बाहर निकल छोटी, दर्द हो रहा है मेरे”। पर मुझे समझ मैं आ रहा था कि उसे बहुत मज़ा आ रहा है। मैंने अपनी ऊँगली अंदर घुमानी शुरू कर दी और उससे बोली कि “हाँ, मेरी छोटी सी ऊँगली से तुम्हें दर्द हो रहा है और प्रशांत का मोटा तगड़ा लंड लेने के लिए उतावली हो, जब तुम्हारी चूत को ऊँगली लेने की ही आदत नहीं होगी तो इतना बड़ा और मोटा लंड अंदर कैसे लेगी?”
इतना कह कर मैंने अपनी ऊँगली को दीदी की चूत मैं और जोर से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और बीच बीच में अंदर के हिस्से में ऊँगली से रगड़ भी देती थी। दीदी की हालत ख़राब होती जा रही थी और उसकी सिसकारियाँ बढती जा रही थी। उसके मुँह से आह्हह्ह ऊह्हह्हह्हह्हह्हह की आवाजें आ रही थी।
मैंने भी अपनी स्पीड तेज़ कर दी और जोर जोर से अपनी ऊँगली से उसे चोदने लगी उसके मुँह से आह्हह्ह ऊह्हह्हह्हह्हह्हह की आवाजें आ रही थी। थोडी ही देर में दीदी तेज़ तेज़ सिसकारी लेते हुए मेरे हाथ पर ही झड़ गयी उसके मुँह से आह्हह्ह ऊह्हह्हह्हह्हह्हह की आवाजें आ रही थी।
मेरे हाथ उसकी चूत के पानी से भीगे हुए थे और मैंने वो सारा पानी चाट लिया। दीदी अब बहुत संतुष्ट नज़र आ रही थी और थोडी देर ऐसे ही बिस्तर पर आँख बंद करके पड़ी रही। तभी अचानक अपने हाथ से मुझे खींच कर बिस्तर पर गिरा दिया और हंसते हुए बोली कि “तू बहुत शैतान हो गयी है, रुक अभी मैं निकलती हूँ तेरी सारी गर्मी”।
और ये कह कर उसने अपना हाथ सीधे मेरी स्कर्ट के अंदर डाल दिया और मेरी चड्डी खींचने लगी। मैंने कहा कि “आराम आराम से करो न, मैं खुद ही उतर देती हूँ”। पर दीदी को पता नहीं कहाँ से इतना जोश चढ़ गया था, उसने जोर से खीच कर मेरी चड्डी मेरे शरीर से अलग कर दी और हंसते हुए बोली कि “नहीं नहीं, तुझे तो बहुत मज़े आ रहे थे न टीवी पर सेक्स सीन देख कर, तू रुक अभी, तेरा ही सेक्स करती हूं मैं अभी”।
ये कह कर दीदी ने मुझे पूरी नंगी कर दिया और मेरे ऊपर लेट गयी। उसकी चूत मेरी चूत से रगड़ खा कर मुझे पागल बना रही थी और मैं मस्ती में भरती जा रही थी। मेरी चूत गीली हो चुकी थी और छोटे छोटे निप्पल भी तन चुके थे। मुझे जन्नत का मज़ा आ रहा था और में बस आँखें बंद किये दीदी से अपनी चुदाई का आनंद ले रही थी।
दीदी भी किसी पुरुष कि तरह मेरी चूत पर झटके मार रही थी। मुझे इतना आनंद आ रहा था कि मैं बता नहीं सकती। तभी दीदी ने मेरी चूत में अपनी एक ऊँगली सरका दी, मैं मज़े से पागल हो रही थी। मेरी आँखें बंद थी और मेरे मुँह से मस्ती में आऽऽआहऽहऽहऽऽऽऽऽ ऊऽउऽउफ़ऽफ अऽअऽऽऽआ दीऽऽदी ओऽऽऊहऽनऽऽऽऽकरोऽऽ हम्मऽऽ……ऊऽऽऊफ ओ ओह येसऽस स जैसी सेक्सी आवाजें निकल रही थी।
मुझे इस तरह मस्ती से पागल देख कर दीदी को और जोश चढ़ रहा था और वो और जोर जोर से मेरी चूत में अपनी ऊँगली घुमा रही थी। तभी दीदी को पता नहीं क्या सूझा और उसने बेड के पास पड़ी एक मोटी सी मोमबत्ती उठा ली और उसे मेरी चूत में घुसाने लगी।
जब मुझे अपनी चूत पर इतना मोटा कुछ महसूस हुआ तो मैंने एक झटके से अपनी आखें खोली और दीदी के हाथ में इतनी बड़ी मोमबत्ती देख कर डर गयी। मैं दीदी से कहने लगी कि “प्लीज़ ये मत डालो, मेरा छेद काफी छोटा है”। पर दीदी को न जाने क्या हुआ था और वो बोली कि “तू चिंता मत कर, तेरे छोटे से छेद को तो मैं अभी बड़ा कर देती हूँ “, और ये कहते हुए उसने मोमबत्ती का सिरा मेरी चूत मैं फंसा दिया।
मैं दर्द के मारे चीख पड़ी। वो कैंडल मेरी चूत को बुरी तरह फैलाये हुयी थी और मेरी अपनी बड़ी बहन किसी जल्लाद कि तरह मेरी चूत को फाड़ने में लगी हुयी थी। मैंने दीदी का हाथ पकड़ने कि कोशिश कि और बोली “सीईई दीदी, फट जायेगी मेरी चूत… प्लीज़”। दीदी ने कहा “कोई बात नहीं तू चिंता मत कर”। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मुझे लगा कि अब वो मोमबत्ती बाहर निकल लेगी और मैंने अपना हाथ ढीला छोड़ दिया पर अगले ही पल वो मोमबत्ती मेरी चूत को सच में फाड़ती हुई मेरे बहुत अंदर समां चुकी थी। मैं दर्द के मारे बहुत जोर से चीख पड़ी “अआ आ ईई दीईई दीई….मऽऽऽअऽऽऽर गयी मैं”। और ये कह कर दीदी का हाथ बाहर को खींचने लगी. पर दीदी पर तो आज हैवानियत सवार थी, वो इसके लिए तैयार बैठी थी.
और उसने कस कर मेरे हाथ दबा कर उस मोमबत्ती को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। मेरे आंसू निकल रहे थे और मैं अपने शरीर को दीदी कि दया पर ढीला छोड़ चुकी थी। दीदी अब तेज़ तेज़ उस लम्बी मोटी कैंडल को मेरे भीतर बाहर करने में लगी थी. और कह रही थी कि “पल्लवी, प्लीज़ थोडी देर और सह ले फिर देख तुझे कितना मज़ा आता है”।
मैं पड़ी पड़ी अपनी दीदी के द्वारा अपना साथ जबरदस्ती होते देख रही थी, मेरी चूत कि झिल्ली बुरी तरह फट चुकी थी और उससे खून बह कर बिस्तर पर आ रहा था। और मैं सुबकती हुई अपनी चूत का हाल देख रही थी। थोडी देर में ही सच में मुझे इसमें भी काफी आनंद आने लगा और मैं दीदी से और जोर से करने के लिए कहने लगी। दीदी के चेहरे पर भी मुस्कान खिल गयी और वो भी बड़ी कुशलता से उस मोमबत्ती से मेरी चुदाई करने लगी।
मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था और थोडी देर में मैं भी सिसकारियाँ लेते हुए झड़ गयी। जब ये सेक्स का खुमार थोडा कम हुआ तो अहसास हुआ कि इस खेल खेल में मैं अपना कोमार्य लुटा चुकी हूँ और अब मैं एक कुंवारी लड़की नहीं रही। ये ध्यान आते ही मैं रोने लगी। मुझे परेशान देख कर दीदी को भी अच्छा नहीं लग रहा था.
और वो मुझे समझा रही थी कि “ऐसा कुछ नहीं है पल्लवी, आज कल तो अधिकतर लोग शादी से पहले ये सब कर ही लेते हैं”। मैंने दीदी से कहा कि तुमने तो कभी कुछ नहीं किया और मुझे कह रही हो कि कोई बात नहीं। ये सुन कर दीदी हंसने लगी और बोली कि “तुझे पता है मैं और प्रशांत कल के लिए क्या प्लान बनाये हुए हैं? हम लोग काफी टाइम से घर खली होने का इंतज़ार कर रहे थे और अब कहीं जाके हमें मौका मिला है। कल प्रशांत यहाँ आ रहा है और हो सकता है कि उसके बाद मैं भी कल तेरी तरह कली से फूल बन जाऊँ”।
उसके बाद सुन कर मैं इतना उत्तेजित हो गई कि अपना दर्द भूल गयी, मैंने दीदी को गले से लगा लिया और बोली “सच दीदी!!” दीदी ने भी मुझे कस कर भींच लिया और शरारत से मेरे उरोज दबा दिए। मैं भी हंस पड़ी। मेरे दिमाग मैं अब बस कल होने वाली दीदी कि चुदाई घूम रही थी और मैं छुप कर वो सब देखने का प्लान बनाने लगी। इससे आगे कि कहानी कि किस तरह अगले दिन प्रशांत ने दीदी को अपने मोटे लंड से चोदा वो सब अगली श्रृंखला में…
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