दोस्त की खूबसूरत पत्नी की जवानी को भोग लिया

ये कहानी मेरे दोस्त की पत्नी की है उसका नाम नंदिनी है। बहुत सुंदर और मस्त फिगर है उसके फिगर का साइज 32-28-30 का है। मेरे दोस्त का नाम मनोज है। उसकी शादी 2 साल पहले हुई थी। शादी के 1 साल तो मनोज नंदिनी में खूब प्यार भरी बात होती थी। Cute Wife Sex

मगर कुछ दिनों से मनोज के ऑफिस में काम बड़ जाने से वो नंदिनी को समय नहीं दे पा रहा था मनोज की इस बेरुखी से नंदिनी की हसरत व मन में वासना की आग भड़कने लगी। एक बार मनोज को ऑफिस के काम से दिल्ली जाना था 5दिन.

नंदिनी उसे रुकने को कहा मगर ऑफिस का जरूरी काम बताकर उसने नंदिनी को मना कर दिया रुकने से। जिससे नंदिनी उदास हो गई। में कभी कभी मनोज के घर जाता था तो मनोज को बहुत खुशनसीब मानता था कि उसे नंदिनी जैसी बहुत खूबसूरत वाइफ मिली।

में उसकी जवानी आखो से पीने की कोशिश करता था। ये बात नंदिनी ने भी नोटिस कि थी। नंदिनी मेरे सामने अपनी अदा और अपनी जवानी का प्रदर्शन भी करने लगी। धीरे धीरे में नंदिनी से बाते करना शुरू की और फिर दोस्ती में मजाक में उससे कभी कोई गलत बात भी कर लेता तो बुरा नहीं मानती फिर एक दिन जब पांच दिनों के लिए घूमने जा रहा है।

तो मैने नंदिनी को साथ फिल्म देखने के लिए पूछा उसने भी हा कहा। हम फिल्म देखने गए तो हमे एक कोने की सीट मिली जो कि हॉलीवुड फिल्म थी तो दोस्तो हॉलीवुड फिल्म में सेक्सी सीन तो होते है जब हॉट सीन आता तो नंदिनी मेरा हाथ पकड़ कर सहलाती.

धीरे धीरे में होठ उसके होठों से जुड़ गए और हम वही एक दूसरे को किस करने लगे थिरे से मैने उसकी चुद की सहलाना चालू किया. और वो मेरी पैंट के ऊपर से ही लंड को दबाने लगी हम इतना गरम हो गए की हम ने फिल्म बीच में ही छोड़ कर घर आ गाए और उसे अपनी बाहों में लिया.

वो मेरी तरफ देखने लगी और मैंने मौका देखकर उसका हाथ पकड़ा और अपनी ओर खींच लिया। और उसके होंठों पर होंठ रख दिए और उसका अधर-पान करने लगा। हम दोनों ने देर तक एक-दूसरे के होंठों का रसपान किया। अब मेरा हाथ उसके ब्लाउज के ऊपर गया और मैं उसके मम्मों को दबाने लगा.. तो वो और उत्तेजित हो गई।

फिर मैंने उसकी साड़ी उतार दी और वो सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में रह गई। उसकी नाभि बहुत ही सुन्दर थी। मुझे देखकर उसने नज़रें झुका लीं। वो बहुत शर्मा रही थी। फिर मैंने उसका ब्लाउज और पेटीकोट उतार दिया तब वो सिर्फ लाल ब्रा और पैन्टी में रह गई। उस वक्त वो बड़ी कातिल लग रही थी।

उसके बाद उसको मैंने दीवार के पास खड़ा किया और उसके हाथ पकड़ कर बोला-नंदिनी आप बड़ी ब्यूटीफुल और सेक्सी लग रही हो। कौन सा पति आप जैसी बीवी को तड़पा कर छोर कर जाएगा.. आप तो कम से बढ़कर हो नंदिनी। आज तो मैं आप कि जवानी का रस अवश्य पिऊंगा।

फिर वो धीरे-धीरे शर्म को त्याग कर बोली- मैं आज से आपकी ही हूँ.. जिस तरह मुझे पीना चाहो.. उस तरह पी लो मुझे सिर्फ आपका प्यार चाहिए दीपक और फिर एक औरत को प्रेम से बढ़कर क्या चाहिए। इतना सुनते ही मैं जोश में आ गया।

मैंने नंदिनी को गोद में उठाकर बिस्तर पर लेटा दिया और उसके पूरे बदन को गौर से देखा। उसके चूचे ब्रा में से निकलने के लिए आतुर थे। उसकी पतली कमर पर मैं फ़िदा था। हमें जल्दी नहीं थी क्योंकि हमारे पास पूरे पांच दिन थे।

मैं भी जल्दी नहीं करना चाहता था इसलिए मैंने फ़ोरप्ले में ज्यादा ध्यान दिया और सच बताऊँ तो सेक्स का असली मज़ा आराम से करने में ही है। फिर मैंने उसकी ब्रा का हुक खोलकर उसके मम्मों को आज़ाद कर दिया। एक चूचे को मुँह से चूसता और दूसरे को अपने हाथों से मसलता था। नंदिनी के मुँह से मादक सिसकारियाँ निकलने लगीं ‘आह.. और चूसो दीपक.. आज तो इन्हें मसल ही दो।’

मैं उसके दोनों चूचों को बेरहमी से मसलता हुआ बोला- नंदिनी, ये तो काफी कड़क हैं।

तो वो बोली- दीपक मेरे बूब्स की  पकड़ने वाला ही नहीं हो, तो ये तो कड़क ही रहेंगे ना। आज तीन महीने बाद किसी ने इन्हें मसला है।

मैं बोला- नंदिनी अब तुम चिंता मत करो.. अब मैं इनको सॉफ्ट बना दूंगा और तुम्हारी चूत को फाड़कर भुरता बना दूंगा।

फिर नंदिनी ने मेरे कपड़े उतारे और मैं सिर्फ अंडरवियर में ही रह गया। उसने मेरे सलामी मारते लण्ड का तंबू देखा तो उसने और जल्दी से मेरी चड्डी उतार दी। मैंने भी नंदिनी की पैन्टी निकाल दी। अब हम दोनों एक-दूसरे के सामने नंगे थे, हम 69 की अवस्था में आ गए.

वो मेरा लम्बा लण्ड चूस रही थी और मैं उसकी की चूत पी रहा था। कुछ देर बाद मैंने अपने लण्ड को उसकी क्लीवेज के बीच रखा और वो अपने दोनों चूचों से लण्ड को दबाकर चुदवाने लगी। फिर मैं वापस उसके मम्मों को चूसने में लग गया और वो सिसकारियां लेती हुई अपने हाथों से मेरे सर को अपने मम्मों में दबाने लगी।

मैं बोला- आज तो मैं तुम्हें मेरी रखैल बना लूँगा।

नंदिनी बोली- प्लीज ऐसी गालियां मुझे पसन्द नहीं.. मैं आपसे प्यार करती हूँ किसी की रखैल बनना नहीं चाहती हूँ।

यह सुनकर मुझे उस पर बहुत प्यार आया और मैंने उसे चुम्बन किया और बोला- नंदिनी डार्लिंग सेक्स में थोड़ी बहुत गालियां तो चलती हैं.. पर अगर तुम्हें पसंद नहीं, तो मैं नहीं बोलूंगा.. जानू।

मैं उसके पेट पर चुम्बन करने लगा और वो मचलने लगी.. क्योंकि मैं पहले ही उसके चूचों को चूसकर और मसल कर लाल चुका था। फिर मैंने उसे उल्टा लिटाया और उसकी पीठ सहलाने लगा। उसकी पीठ में बना हुआ निशान उसकी सुंदरता को और मनमोहक बना रहा था।

मैं उसकी पीठ को चूमने लगा और फिर मैंने उसके कूल्हे पर एक हाथ से चपत मारी तो उसके मुँह से ‘आह..’ निकल गया। मैंने और मारी तो बोली- जान और मारो बहुत मजा आ रहा है.. गुदगुदी भी हो रही है। फिर जब तक उसने मना नहीं किया तब तक मैंने उसको मारते हुए उसकी गांड को लाल कर दिया।

उसके बाद वो सीधी हो गई और मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर टिका दी। चूत पर जीभ के स्पर्श से वो मादक आवाज़ निकालने लगी। अधिक उत्तेजना से वो अपने दोनों पैरों से मेरा सर दबा रही थी और अपने चूचों को खुद ही मसल रही थी। उसकी चूत से खुशबू आ रही थी और चूत पानी भी निकाल रही थी।

नंदिनी बोली- और चाट जानू.. बहुत मज़ा आ रहा है।

मैं बड़ी देर तक नंदिनी की प्यासी चूत को चाटता रहा।

वो बोली- जानू.. अब बहुत हुआ अब मत तड़पाओ.. मेरी चूत में अपना लंड डाल ही दो।

मुझे भी वो सही लगा क्योंकि चुदास का ऐसा जलजला बहुत कम समय के लिए आता है और मैं उसे गंवाना नहीं चाहता था। मेरा लण्ड तैयार था.. मैंने उसे चूत की दरार पर रखा और एक धक्का मारा तो मेरा आधा लण्ड घुस गया।

वो चीख पड़ी और बोली- ओह गॉड मैं तो मर गई.. बहुत मोटा है.. अपना लण्ड निकाल लो।

तभी मैं उसे बोला- नंदिनी तुम्हारी चूत कम चुदी है न.. इसी लिए थोड़ी टाइट है.. लेकिन थोड़ा ही दर्द होगा।

मैं धक्का लगाते हुए उसे चुम्बन करता गया और उसका दर्द कम होता गया, उसे मज़ा आने लगा और हम दोनों चुदाई का आनन्द लूटने लगे। थोड़े से धक्कों में ही वो झड़ गई।

मैंने कहा- मैं भी झड़ने वाला हूँ.. कहाँ निकालूँ?

तो वो बोली- अन्दर ही डाल दो।

उसने जैसे ही कहा उसी पल मेरे वीर्य का लावा बाहर निकला और उसकी चूत को भर दिया। उसके मुख पर संतृप्ति की ख़ुशी दिख रही थी। लेकिन खेल अभी बाकी था। मेरा लण्ड कुछ पलों के बाद फिर से सलामी देने लगा था। इस बार वो कुतिया तरह बन गई..

मैंने पीछे से उसकी चूत में लण्ड घुसाया और उसकी पतली कमर पकड़ कर धक्के लगाने लगा। वो मज़े लेते हुए अनाप-शनाप बोल रही थी- आह्ह.. चूत फाड़ दो मेरी.. इसका भोसड़ा बना दो। रंडी और रखैल बना लो अपनी.. आह्ह्ह.. मुझे पता था उसे बड़ा मजा आ रहा है इसी लिए वो ऐसे बोल रही है.. क्योंकि वो तीन महीने की प्यासी चूत जो थी।

फिर मैं लेट गया और मेरे लण्ड पर वो बैठ गई.. और उछल-उछल कर मेरा लौड़ा ले रही थी। उस दौरान वो फिर झड़ गई.. थोड़ी देर बाद मैं भी निकल गया। फिर वो उठकर बाथरूम की ओर गई.. उससे चला भी नहीं जा रहा था। मैं भी उसके पीछे गया और हम दोनों साथ में नहाए।

फिर हम वापस बिस्तर पर गए और एक-दूसरे से लिपट गए। नंदिनी- दीपक, आज तुमने मुझे पति का सुख दिया है। मेरी शादी के बाद पहली बार मेरी ऐसी चुदाई हुई है। मुझे बहुत ही संतोष हुआ.. मनोज के साथ आज तक कभी भी मैं चरम सीमा तक नहीं पहुँची थी। यह कहते हुए उसने मुझे चुम्बन किया।

मैंने भी जवाब में चुम्बन किया और चूचे दबाए। हम मस्ती करते हुए सो गए.. तब रात के 3 बज गए थे। सुबह उठकर हम ने एक दूसरे को किस किया और में नहाने चला गया जब में नहा कर आया तो उसे देखता ही रहा गया। वो बला की ‘काँटा माल’ लग रही थी..

उसने स्लीवलैस ब्लाउज और लाल रंग की साड़ी पहनी थी। आगे से नाभि से नीचे बंधी साड़ी क़यामत ढा रही थी तो पीछे से उसकी आधी नंगी पीठ कामुकता बिखेर रही थी। फिर मेरा हाथ उसके ब्लाउज में गया और मैं उसके मम्मों को दबाने लगा, फिर मैं उसे चुम्बन करने लगा और वो मेरा साथ देने लगी।

मैंने उसका ब्लाउज थोड़ा खोला और उसके मम्मों को पूरे हाथ में भरते हुए दबाने लगा। इसी तरह हम चुम्बन करने लगे, वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी। हम दोनों ने काफी देर चूमाचाटी की। अब हम दोनों हद से ज्यादा उत्तेजित हो चुके थे.. तभी नंदिनी मुझसे बोली- डियर एक मिनट में आती हूँ।

वो मुझे छोड़ कर किचन में जाने लगी। मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैं उसके पीछे-पीछे चला गया। उसने वहाँ जाकर अभी फ्रिज खोल कर आइस ट्रे ही निकाली थी कि मैंने उसके हाथ से आइस ट्रे लेकर उसे वहीं प्लेटफॉर्म पर ही लेटा दिया और उसकी साड़ी उतार दी।

अब मैंने आइस ट्रे से बर्फ का टुकड़ा लिया और उसके पूरे बदन पर फिराने लगा। वो मचल उठी.. इस स्थिति में वो और भी कातिल लग रही थी। फिर मैं उसके मम्मों को चूसने लगा। वो भी मादकता से लबरेज आवाजें निकालने लगी।

मैंने उसकी टांगों को अपने कन्धों पर रखा और उसकी मखमली चूत को चाटने लगा। अब मैंने नीचे रखी डलिया में से एक मूली निकाली और मूली को उसकी चूत में डालने लगा। वो कराहने लगी.. पर मैं उसकी जाँघों पर चुम्बन करने लगा।

मैंने मूली चूत में घुसेड़ी कुछ देर बाद उसे मजा आने लगा और उसकी चूत पानी निकालने लगा.. वो झड़ गई। फिर मैंने सही पोज में करके अपना लण्ड उसकी बुर में डाला उसने एक मीठी आह्ह.. भरी और अपने पैरों से मेरे जिस्म को जकड़ लिया। धकापेल चुदाई होने लगी। मैंने उसके मदमस्त मम्मों को अपनी मुट्ठी में भर कर उसे हचक कर चोदा। कुछ मिनट की रंगीन और रसीली चुदाई के बाद नंदिनी झड़ गई। उसके गरम रज से मेरा लौड़ा भी पिघल गया और मैंने भी अपना माल उसकी चूत में ही छोड़ दिया।

फिर हमने पूरे पांच दिन। दिन में 3 बार चुदाई की। हम दोनों ने खूब चुदाई की। आज भी हम दोनों मौका मिलते ही सेक्स करते हैं। कुछ दिन बाद नंदिनी ने बताया कि वो मेरे बच्चे की माँ बनने वाली है। तो मैं बहुत खुश हुआ। कुछ समय बाद मनोज का मुंबई में ट्रांसफर हो गया और वो दोनों वहीं शिफ्ट हो गए। अब तो नंदिनी के बिना सूना-सूना लग रहा है लेकिन मैं महीने में अभी भी दो बार नंदिनी के पास जाता हूँ।

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