प्यासी माँ मेरे लंड पर गांड रगड़ने लगी

दोस्तों आपने एक नाम और गाली सूना है मादरचोद, हां मैं वही हु, माँ को चोदने बाला कमीना, ये सब आज मुझे पता चल रहा है की मैं कितना मादरचोद था, पर मैं क्यों इतनी बड़ी जिम्मेदारी अपने सर पे ले रहा हु, माँ भी क्या काम थी वो भी तो मुझसे चुदवाई, माँ ने भी अपनी सेक्स की भूख को मिटाया, खूब चुदवाई थी. Mother Son XXX Story

आज भी याद है वो रात, जिस दिन पहली बार अपने माँ के साथ सेक्स किया था, मैं आपको उस रात की कहानी बताता हु. मेरे पिताजी की मृत्यु हो चुकी है और मैं माँ का एकलौता संतान हु. मैं 18 साल की उम्र तक मैं माँ के साथ ही सोया, फिर मैं पढ़ने चला गया.

मुझे रोज रात को नींद खुल जाती थी, और मैं सोचता था की मैं माँ की चुदाई करू, मुझे लगता था की माँ को जगा के कहु की माँ क्या आप मुझे चोदने दोगे, पर डर लगता था इस वजह से कुछ भी नहीं कह सकता था, पर रात में एक बार उनके चूच को जरूर छू लेता और चूत पे भी हाथ फेर लेता.

एक दिन की बात है, रात को अचानक मेरी नींद खुल गयी मैंने महसूस किया की माँ हिल रही थी मैंने कोशिश की जानने की की ये हिल क्यों रही है कमरे में अन्धेरा था पर मैंने महसूस किया की माँ अपनी चूत में ऊँगली डाल रही थी, और काफी जोश में थी, मैं चुपचाप उनकी सेक्सी आवाज़ को सुन रहा था, मेरा लंड खड़ा हो गया, पर मैं कुछ भी नहीं कर सकता था.

मैं माँ के तरफ मुह करके सो गया, फिर माँ शांत हो गयी उनका गांड मेरे लंड के पास था लंड मेरा काफी बड़ा एंड टाइट होने की वजह से उनके चूतड़ को टच कर रहा था मैंने महसूस किया की माँ अपना गांड मेरे लंड में सटाने लगी, फिर वो हौले हौले से धक्का देने लगी, मेरा लंड और भी खड़ा हो गया, अब वो रगड़ने लगी अपनी गांड को मेरे लंड पे.

मैं अपना बरमुडा पेंट के ऊपर से लंड निकाल दिया अब मेरा लंड तना हुआ सीधा माँ के गांड के बीच के दरार को टच कर रहा था, माँ को भी एहसास हो गया की मैंने अपना लंड निकाल चुका हु माँ दो तीन बार और धक्का लगाई फिर वो अपने नाईटी को निचे से ऊपर कर दी, और हौले हौले से धक्का लगाने लगी.

मेरा लंड काफी मोटा हो चुका था, पर मैं चुप चाप रहा और माँ भी चुपचाप थी. फिर करीब पांच मिनट बाद माँ ने मेरा लंड पकड़ कर पीछे से ही अपने चूत के पास रख के पीछे धीरे धीरे दबाने लगी, माँ का चूत पूरी तरह से गीला था, लग रहा था कुछ लुब्रीकेंट लगाई थी, पर वो लुब्रीकेंट नहीं था वो चूत का ही लसलसिला पानी था.

माँ ने मेरे लंड को पूरी तरह से अंदर कर की और एक मिनट तक शांत रही, पर मैं महसूस कर रहा था वो तकिये को कस के पकड़ राखी थी, और सेक्सी आवाज़ निकाल रही थी अचानक माँ ने धक्का देना सुरु कर दिया, फिर वो ओह्ह्ह्ह करके चूत से लंड निकाल ली.

फिर वो बैठ गयी और नाईटी पूरी तरह से खोल दी माँ रात को ब्रा नहीं पहनती थी, स्ट्रीट लाइट जलने की वजह से हल्का हल्का रौशनी आ रहा था जिससे उसकी जिस्म को मैं देख सकता था, मैं उस समय वैसे ही लेटा रहा.

माँ ने मुझे सीधा कर दिया धक्के देके और वो मेरे ऊपर चढ़ गयी और लंड को अपने चूत से सामने रख के बैठ गयी. मेरा लंड आराम से उनकी चूत में समा गया फिर वो मेरे ऊपर लेट गयी, और गांड उठा उठा के धक्का देने लगी, मैं चुपचाप था माँ ने फिर अपने चूच को पकड़ के दबाने लगी.

फिर उन्होंने मेरा दोनों हाथ पकड़ के अपने दोनों चूच के ऊपर रख दी मैं धीरे धीरे दबाने लगा पर उनको गुस्सा आ रहा था वो इस इस इस बोली जोर से दबा. मैं उनके चूच को जोर से दबाना सुरु कर दिया, वो लेट गयी मेरे ऊपर फिर मेरे होठ को किश करने लगी, बोली बेटा आज से मेरा बेटा भी तू है और मेरा सैया भी तू है, चोद मुझे, खूब चोद, आज मैं १५ साल बाद चुदवा रही हु, आज तू मेरी वासना को शांत कर दे मेरे लाल, अब मैं तुम्हारी हु, तेरी माँ भी हु तेरी पत्नी भी हु.

मैंने कहा माँ आप चिंता ना करो मैं आपको वो सब सुख दूंगा वो एक पति अपने पत्नी को देता है, मैं आपको रोज चोदूंगा, आप चिंता ना करो, और हम दोनों ने कई पोज़ में सेक्स किया, करीब 40 मिनट तक चोदने के बाद दोनों स्खलित हो गए, माँ ने कहा एक काम करते है कल हम दोनों मनाली के लिए निकलते है, हनीमून मनाने के लिए, मैं तुम्हारे सामने एक दुल्हन की तरह सजी सवंरी बेड पे रहूगी जैसे की मेरा पहला सुहागरात हो, दूसरे दिन सुबह ही हम दोनों बस से दिल्ली से मसूरी के लिए निकल पड़े, आगे की कहानी अगले भाग में.

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