बॉयफ्रेंड का लंड चूसते भैया ने पकड़ लिया

वैलेंटाइन डे चुदाई कहानी मेरा नाम दिव्या है मैं 19 साल की लड़की हूं खूबसूरत हूं हॉट हूं जमाने के हिसाब से चलती हूं। जवानी जब हिलोरी मारती है ना दोस्तों तो कुछ ना कुछ अच्छा भी होता है बुरा भी होता है। जवानी का पड़ाव आते-आते कई बार बेहतरीन सपने लड़कियां सजाने लगती है. Desi Lover Caught

कई बार सपने सच हो जाते हैं कई बार सपने बिखर जाते हैं टूट जाते हैं शीशे की तरह टूट जाते हैं सपने। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ मैं खूब सपने देखे थे जब 14 साल की थी तब से ही मैं सपने देख रही हूं कि मैं जब बड़ी होंगी तो अपने पैर पर खड़ी होंगी.

फिर मैं खुद से अपने लिए एक लड़का ढूंढ दूंगी और फिर उसके साथ शादी करूंगी। सब कुछ सोचना आसान होता है कहना आसान होता है करना बहुत मुश्किल होता है। मेरे साथ भी यही हुआ सपने तो देखे थे सोचे थे दोस्तों के साथ हमने शेयर भी किया था कि मुझे कैसा लड़का चाहिए मैं क्या करना चाहती हूं मैं कैसे शादी करना चाहती हूं।

पर सब गुड गोबर हो गया दोस्तों आज मैं इस पड़ाव पर खड़ी हूं कि ना उगलते बनता है ना निगलते बनता है मैंने जो भी जिंदगी में फैसले लिए थे वह सब फैसले सही नहीं हुए। एक गलत फैसला मेरी जिंदगी को दोराहे पर खड़ा कर दिया है.

अब शायद मैं लोगों के सामने अपना मुंह कैसे दिखाऊंगी या अपने घर में कैसे अपने आपको एक अच्छी और संस्कारी लड़की कैसे अपने आपको अपने परिवार के सामने साबित कर पाऊंगी यह सोचकर बड़ा दिक्कत महसूस होने लगा है मुझे।

वैलेंटाइन डे मुझे जिंदगी भर याद रहेगा। मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी आज के दिन को यह जिंदगी का सबसे बेकार दिन है मेरे लिए। मैं सोची थी आज का दिन मेरे लिए एक बेहतरीन दिन होगा यादगार दिन होगा पर यादगार तो हो गया पर जिंदगी भर में एक बुरे सपने की तरह इसको मैं याद रखूंगी। 

सीधे कहानी पर आती हूं बड़ी कहानी तो नहीं लिख पाऊंगी पर हां मैं जल्दी से जल्दी अपनी बात बता देना चाहती हूं ताकि आपका इंतजार भी खत्म हो और मेरे दिल को भी ठंडक मिले। वैलेंटाइन डे पर जवान लड़के लड़कियां खुशियां मनाते हैं अपने लिए पार्टनर ढूंढते हैं। इजहार करते हैं किसी का दिल टूटता है तो किसी को खुशियां नसीब होती है।

आज मुझे दोनों मिला है। बात ये हैं दोस्तों कि मैं एक लड़के से बहुत प्यार करती हूं उसका नाम है विकाश। विकाश मेरे बगल के गांव का लड़का है देखने में बहुत अच्छा है हॉट है सेक्सी है मैं ऐसे ही लड़के की कल्पना करके सोचते रहती थी कि ऐसा ही मेरा दूल्हा हो।

पर मेरा परिवार इज्जत दार परिवार है उन्होंने मुझे बचपन से ही सिखाया कि मैं तुम्हारी शादी करूंगा तुम्हारे लिए अच्छा लड़का ढूंढ कर लाऊंगा। पर मुझे हमेशा लगता था कि मैं अपने लिए खुद से एक लड़का ढूंढ दूंगी और उसी के साथ शादी करूंगी।

मैंने ढूंढ लिया था विकाश को मैंने जीवन साथी बनाने के लिए सोच ली थी। मैं और विकाश दोनों व्हाट्सएप के माध्यम से एक दूसरे से बात कर रहे थे पर कभी मिले नहीं थे इजहार करने का दिन हम दोनों ने 14 फरवरी को ही चुना था। ये कहानी आप हमारी वासना पर पढ़ रहे है.

मेरे गांव की और उसके गांव के बीच में एक मंदिर है मंदिर के बगल में एक धर्मशाला था जो अब खंडहर बन चुका है। नदी किनारे मंदिर और धर्मशाला दोनों था तो दिन में वहां पर ज्यादा लोग नहीं रहते थे आज ऐसे भी वहां पर कोई नहीं था सोमवार वहां भीड़ होती है इसके अलावा वहां पर कोई नहीं होता है।

हम दोनों ने वहीं पर मिलने का प्लान बना लिया था कि 11:00 बजे खंडहर में मिलेंगे। मैं समय से पहुंच गई। विकाश भी आ गया था मेरे लिए एक बुके लेकर आया था चॉकलेट लेकर आया था और एक टेडी लेकर आया था। उसने घुटनों के बल बैठकर अपने प्यार का इजहार किया.

उसने आई लव यू बोला मैंने भी उसको आई लव यू बोली उससे गुलाब का फूल चॉकलेट हम दोनों ने मिल बात कर खाए। एक दूसरे को गले लगाया और साथ जीने मरने की कसमें खाई। पर 10 मिनट में ही मामला सब बदल गया प्यार तो हो चुका था हम दोनों को प्यार वासना तक पहुंच गया।

मेरी चूचियां बड़ी बड़ी है मेरी गांड का उधार काफी सेक्सी है मैं गोरी हूं लंबी हूं खूबसूरत हूं। ऐसे में अगर मैं खंडहर में किसी लड़के के साथ अकेली मिलूंगी तो उसका मन तो खराब होगा ही। मुझे देख कर विकाश फिदा हो गया मेरे दिल में तो जा बसा था मेरे जिस्म को भी वह पा लेना चाहता था।

पर मुझे लगता था कि पहले दिन यह सब नहीं होना चाहिए मैंने उसको मना भी किया कि आज छोड़ो कभी और तुम मेरे साथ सेक्स कर लेना आज तुम मुझे चूम लो मेरी चूचियों को दबा दो और मुझे घर जाने दो इजहार हो गया बाकी प्यार मोहब्बत की बातें तो जिंदगी भर चलती रहेगी।

पर उसने एक नहीं माना उसने मेरे होंठ को चूमना शुरू कर दिया धीरे-धीरे उसके हाथ मेरे चुचियों पर आ गए मेरे चुचियों को दबाने लगा। जब वह चूचियों को दबा रहा था तो मेरे अंदर गुदगुदी हो रही थी मैं पागल हो रही थी मेरे अंदर वासना भड़क चुकी थी मेरी चूत गीली हो चुकी थी।

मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगी मैं अंगड़ाइयां लेने लगी। जब वह मेरी चूचियों को दबाता था तो मेरे अंदर करंट लगता था। मैं अपने आप को रोक नहीं पाएगी और मैं भी उसको बाहों में भर कर उसके होंठ को चूमने लगे।  

हम दोनों पागल हो गए थे एक दूसरे के प्यार में एक दूसरे के शरीर को देखकर मुझसे रहा नहीं गया मैंने तुरंत ही अपने ऊपर का टॉप खोलकर अलग करदे ब्रा में आ गई उसने ब्रा को खोला मेरे दोनों बड़ी बड़ी चूचियों को आजाद कर दिया।

मेरी चुचियों को वह पीने लगा मेरे निप्पल को दबाने लगा मेरी चूचियों को मसलने लगा मैं पागल हुए जा रही थी. मैं उसको बार-बार बोल रही थी तुमने मुझे पागल बना दिया तुमने मुझे पागल बना दिया मैं पागल हो गई हूं तेरे प्यार में।

वह भी कह रहा था कि जान मैं भी तुमको बहुत प्यार करता हूं मैं तुम्हें पा लेना चाहता हूं मैं आज के दिन को यादगार बना देना चाहता हूं। मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसको बोल दिया है कि यादगार बना ले जो करना है कर लो मैं तुम्हें नहीं रोकूंगी 14 फरवरी यादगार रहेगा मेरी जिंदगी का।

तुमको जो करना है कर लो तुम मुझे खुश कर दो तुम मेरी वासना को भड़का दिए हो अब तुम्हें ही शांत करना पड़ेगा। यह सब कहते कहते मैंने जींस के बटन खोल दिए उसने तुरंत ही जींस को नीचे कर दिया मैं लाल पहनती पहनी हुई थी लाल कलर की ब्रा भी पहनी हुई थी। ये कहानी आप हमारी वासना पर पढ़ रहे है.

मेरी सेक्सी बदन को देखकर विकाश पागल हो गया। उसने तुरंत मुझे लिटा दिया मेरे जांघिया को उसने खोल दिया दोनों जांघों के बीच में बैठकर मेरे चूत को चाटने लगा। दोनों हाथों से मेरी चुचियों को दबाते हुए मुझे गर्म कर दिया था मेरी चूत को जब वह चाहता था तो मेरे चूत से गर्म गर्म पानी निकलता था उसको वह चाटे जा रहा था।

मेरे से बर्दाश्त नहीं हुआ मैंने टांगों को अलग अलग कर दिया चोदने के लिए आमंत्रित कर दिया। उसने तुरंत ही अपना मोटा लंड निकाल कर मेरे चूत के छेद पर रखकर घुसा दिया। मैं पागल की तरह गांड गोल गोल घुमा कर उसके लंड को अपने अंदर लेने लगी।

हम दोनों ही पागल हो चुके थे मैं नीचे से धक्के दे रहे थे वह ऊपर से धक्के दे रहा था ऐसा लग रहा था कि जिंदगी का सबसे खूबसूरत पल है कि इसको मजे ले लेना है। विकाश जोर-जोर से मुझे चोदने लगा मैं भी उसको बाहों में भरने लगी वह मुझे चूमने लगा मेरे चुचियों को दबाने लगा। उसने मुझे घोड़ी बनाकर चोदा उसने मुझे लिटा कर चोदा उसने मुझे बैठा कर चोदा उसने मुझे दीवाल से खड़ा करके चोदा। मेरी चूत गीली हो चुकी थी सफेद कलर की क्रीम निकलने लगी थी।

हम दोनों ही जब आवेश में आ गए थे तो किसी के आने की आहट हम दोनों को लगा। जैसे जाकर देखा तो मेरे भैया और उसके दो दोस्त आ चुके थे डंडा लेकर। हम दोनों ने जल्दी से अपने कपड़े तो उठा लिए पर पहन नहीं पाए नंगे ही खड़े रहे भैया ने पहले विकाश की खूब पिटाई की। आज का दिन मैं जो यादगार बनाने के लिए सोची थी यादगार अब मैं कैसे कहूं आपको यादगार है या नहीं है एक तरफ से यादगार भी है दूसरी तरफ से जिंदगी भर का कलंक भी है। बॉयफ्रेंड तो हाथ से चला गया इज्जत भी चली गई.

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