मेरा नाम आरफा खान है. में २० साल की हूँ. मेरा कलर फेयर और चूची मध्यम साइज की हैं. मेरी फिगर है ३४-२४-३३. यह जून २०२३ की बात है. उस समय में वर्जिन थी. में बहुत ही शर्मीली हूँ. मेरे फादर पुलिस में हैं. उस दिन मेरी मदर घर पर नहीं थी और मेरा भाई स्कूल गया हुआ था. Hot Desi Girl Fingering
मेरी एक क्लासमेट है रागिनी. उसने मुझे एक सेक्सी स्टोरीज की बुक दी थी में उसी बुक को पढ़ रही थी. ओह नो जब मैंने वह बुक पढ़ना शुरू की तो मैं हैरान रह गयी. उसमें बहुत ही सेक्सी और चुदाई की स्टोरी थी जिसे पढ़कर मेरा मन बैचेन हो उठा. उसमे लड़की के भाई के दोस्त भी लड़की को भाई के साथ मिलकर चोदते हैं.
मैं स्टोरी पढ़ते हुए हॉर्नी हो गयी और अपने एक हाथ को चूत पर ले जाकर चूत सहलाने लगी. अपने हाथ को शलवार के अंदर डालकर चूत सहलाते हुए क्लाइटोरिस को मसलने लगी. चूत से पानी लीक होने लगा था और मैं आँखें बंद कर मस्ती ले रही थी. तभी दरवाज़े पर रिंग हुई.
मेने दरवाज़ा खोला तो देखा कि सामने एक पुलिस वाला खड़ा था. वो बोला कि उसका नाम ओमप्रकाश है और उसको पापा से मिलना है. मैंने कहा किया पापा ऑफिस में गयी हैं तो वो बोला कि उसकी मेरे पापा से बात हुई है और मेरे पापा ने उसको वेट करने के लिये बोला है और क्युकी मेरे पापा ऑफिस से आने वाले हैं.
मैंने उसको घर के अंदर बुला लिया. उस समय मैं स्टोरी पढ़ने की वजह से काफी सेक्सी मूड में थी. मैं उसको बैठा कर किचन में टी बनाने चली गयी. मैं अभी भी स्टोरी के बारे में सोच रही थी कि तभी किसी ने मुझे पीछे से अपनी बाँहों में ले लिया. मैंने देखा तो वह ओमप्रकाश था.
मैंने कहा यह क्या बदतमीज़ी है.
तो वो बोला “जानेमन बहुत मज़ा आएगा”.
यह कह कर वो मेरी चूची को कपड़ों के उपर से ही दबाने लगा. मुझे मज़ा आने लगा और मेरा विरोध ख़तम हो गया.
मैं बोली “कोई देख लेगा”.
तो वो बोला कोई नहीं देखेगा.
और वो मुझको बेड रूम में ले आया. उसने मुझे बेड पर बैठा दिया और कूद कर मेरे पास आकर घुटने के बल बैठकर मेरी चूची को मुंह में लेकर चूस रहा था और दुसरे हाथ से दूसरी चूची को दबाने लगा. मैं तो खुद मस्त थी इसलिए ओमप्रकाश की गर्दन में हाथ डालकर उसे अपने चेहरे पर झुका लिया.
अब उसके गरम लिप्स मेरे लिप्स से चिपक गए. वो बड़ा ही मज़ेदार किश था. ओमप्रकाश अपनी जीभ को मेरे मुंह में डालकर किश कर रहा था. मैं भी अपनी जीभ को उसके मुंह में डालकर चारो तरफ घूमाने लगी. हमलोगो के चुम्मा चाटी की आवाज़ें बैडरूम में गूँज रही थी.
ओमप्रकाश ने मेरी जम्पर के बटन को खोल दिया और मेरी संतरे के बराबर चूचियों को नंगा कर दिया. फिर एक चाची को दोनों हाथ से पकड़कर दबाते हुए चूसने लगा. मैंने उसके सर को हाथ से पकड़कर अपनी चूचियों पर दबा लिया ताकि वह सही से चूस सके.
अब ओमप्रकाश मेरे ब्राउन कलर के निप्पल को दबा दबाकर चूस रहा था और दूसरी चूची को दबा रहा था. ओमप्रकाश मेरी चूचियों को बारी बारी से चूस रहा था. मैं मज़ा लेती अपने हाथों से उसे पिला रही थी. मेरी चूत मेरी गोरी-गोरी जांघो के बीच गीली हो गयी थी और उससे चूत का रस टपक रहा था.
तभी ओमप्रकाश अपना एक हाथ नीचे लाया और मेरी शलवार का इज़ारबंद खोलकर उसे सरका दिया और मैं नीचे से एकदम नंगी हो गयी. मेरी चूत जब नंगी हुयी तो वह अपने हाथ से मेरी चूत पर उगी घनी घनी झांटों को सहलाने लगा. मेरी झांटें चूत के पानी से भीग गयी थी.
तभी उसने अपनी ऊँगली मेरी चूत में डाली तो मैं बोल पड़ी “ओह्ह ओमप्रकाश डार्लिंग बहुत मज़ा आ रहा है. राजा प्लीज अपने लंड को मेरी चूत में पेलकर फाड़ दो मेरी चूत को. हाय अपने लंड का पानी मेरी चूत को पिलाकर इसकी प्यास बुझा दो.”
वो काफी एक्सपीरियंस था. मुझे सीसकारते देखकर समझ गया की लौंडिया पेलने के लिए तैयार है. मेरी बेचैनी देखकर वह मुस्कराने लगा. वह मुझसे अलग हुवा और अपने कपड़े उतारने लगा. जब वह नंगा हुवा तो उसका अनकटा मोटा लम्बा लंड आज़ाद होकर फुदकने लगा.
वो दिखने में बहुत काला था. फिर मैंने उसके हार्ड लंड को पकड़ा तो मेरा बदन कापने लगा. उसके लंड को सहलाते हुए अपनी चूचियों को दबवा रही थी. उसका लंड चिपचिपा गया था जिससे मेरी उँगलियाँ भी लसलसा गयी और मेरा मन उसके प्रीकम को चाटने का हुवा तो मैं बोली “ओह ओमप्रकाश मैं तुम्हारे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना चाहती हूँ. इसका रस चाटना है मुझे.”
मेरी बात सुनकर वह अपना लंड मेरे गुलाबी गालों पर रगड़ने लगा. गाल पर गरम लंड का टच मुझे बेचैन करने लगा. इतने पास लंड को देखकर मेरी प्यास बढ़ी तो मैंने लिप्स खोल दिए तो ओमप्रकाश ने अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया. उसका लंड इतना मोटा था और केवल उपर का हिस्सा ही अंदर गया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट पर पढ़ रहे है.
मैं उस पर लगे नमकीन रस को चाटने लगी तो ओमप्रकाश अपने लंड को इन आउट करते मेरे मुंह को चोदने लगा. मैं भी उसके लंड पर अपना मुंह दबा दबाकर उसका लंड चूस रही थी. तभी वह उठा और मेरे मुंह से लंड निकालकर मेरी टांगों के बीच आ गया. उसने मेरी जाँघों को फैलाया और बीच में बैठ गया.
उसने मेरे पैरों को अपने कंधे पर रख लिया जिससे मेरी चूत उसके लंड से टच करने लगी. मेरी चूत लंड के लिए बेक़रार थी पर वह अपने लंड को चूत के चारो तरफ रगड़ने लगा. कुछ देर बाद लंड को चूत के छेद पर लगाकर दबाया तो १/४ लंड मेरी गीली चूत के अंदर चला गया.
लंड अंदर जाते ही मैंने अपने पैरों से ओमप्रकाश की गर्दन कस ली और उसके पूरे लंड को खाने के लिए कमर को उछालने लगी. मेरा मन ओमप्रकाश के पूरे लंड को निगलने को हो रहा था. चूत में लंड जाते ही ओमप्रकाश लंड को धक्का देने लगा और मैं चूत को उसके मोटे लंड से चिपकने की कोशिश करने लगी.
हर धक्के के साथ लंड मेरी टाइट चूत में पिस्टन की तरह जाने लगा. मुझे हलके दर्द के साथ जन्नत का मज़ा मिलने लगा. अब ओमप्रकाश धक्का लगते हुए मेरी रसीली चूत में अपने मोटे लंड को पेल रहा था. ओमप्रकाश अपने लंड को जड़ तक मेरी चूत में पेलकर धक्के लगा रहा था.
वह अपने पूरे लंड को बाहर कर करारे धक्के के साथ चूत के अंदर तक पेल रहा था. मैं अपने पैरों से उसके कंधे को जकड़ते हुए उसकी गांड के छेद को कुरेद रही थी. उसकी मस्ती भी इनक्रीज कर रही थी. मैंने एक चूची को हाथ से पकड़कर उसे चूसने का इशारा किया तो वह अपने मुंह को चूची पर लाया और फिर खूब सा थूक उस पर गिराया और फिर जीभ से उसे पूरी चूची पर लगाने लगा.
फिर दोनों चूचियों पर थूक लगाकर एक को मसलते हुए दूसरी को चूसने लगा. निप्पल को फिंगर से चुटकी ले रहा था. और फिर वो ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और मैं उसके हर धक्के के साथ नीचे से अपनी गांड उचका उचका कर ओमप्रकाश के लंड को निगल रही थी.
काफी देर बाद ओमप्रकाश का गाढ़ा पानी मेरी चूत में गिरने लगा तो मैंने उसकी गर्दन को मज़बूती से अपने पैरो में जकड़ा और खुद भी झड़ने लगी. ओमप्रकाश भी झड़ने के बाद मुझसे अलग हुवा. मेरी चूत से ओमप्रकाश के लंड का रस बाहर आने लगा. ओमप्रकाश ने टॉवल से मेरी चूत साफ़ की और फिर में कपडे पहनकर टॉयलेट चले गए.
वह जाकर मेने पेशाब किया. जब में बैडरूम में वापस आये तो ओमप्रकाश कपडे पहनकर बेड पैर बैठा हुआ था. फिर हम दोनो आपस में गपशप करते और साथ में छेड़खानी भी कर रहे थे. अब हम लोग बेड पर ओमप्रकाश के ऊपर लेती थी. ओमप्रकाश मेरी चूचियों को छेड़ रहा था और गांड सहला रहा था.
ओमप्रकाश ने मुझ को बोला की उसने मुझ से झूठ बोला की मेरे पापा ने उसको बुलाया था. वो बोला तुम्हारे पापा तो आज लेट आयेंगे और फिर वह मुस्करा दिया. अब ओमप्रकाश मेरे गालों को चूम रहा था और मेरे निप्पल को पिंच कर रहा था. मैं ओमप्रकाश के साथ खूब आह उह कर सीसियाते हुवे मज़ा ले रही थी.
हमदोनो एक दुसरे को लिप्स पर किश कर रहे थे. ओमप्रकाश मेरे नाज़ुक बदन को भींचकर मेरे लिप्स चूमते हुए मेरी जम्पर को अलग करने लगा. मुझे इस वक़्त कपडे बहुत भारी लग रहे थे. नंगे होकर ही चुदाई का मज़ा आता है. कुछ देर में ओमप्रकाश ने मुझे नंगा कर दिया और मेरी गोरी गोरी चूचियों को मेरे पीछे से चिपक कर पकड़ लिया और दबाने लगा.
इस तरह से उसका लंड गांड पर चिपका था और मेरी सनसनी इनक्रीज करने लगा. अब ओमप्रकाश अपनी ऊँगली को मेरी चिपकी जांघो पर लेकर मेरी चूत सहलाने लगा था. तभी उसने मेरी क्लाइटोरिस को मसला तो मेरी चूत ने जोश में आकर पूछ से पानी बाहर फ़ेंक दिया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट पर पढ़ रहे है.
मैं मस्त होकर चूत में लंड डलवाने को बेक़रार हुयी तो ओमप्रकाश के कपडे खोलकर उसे भी एकदम नंगा कर दिया. ओह अल्लाह पेंट अलग होते ही ओमप्रकाश का लंड फुदकने लगा. एकदम आयरन रोड की तरह लग रहा था. उसका लंड अपने हाथ में लेकर में सहलाने लगी.
सच ओमप्रकाश के लंड काफी बड़ा था. मैं हाथ से मुठियाने लगी तो ओमप्रकाश मेरी चूत को फिंगर फ़क करने लगा. कुछ देर बाद ओमप्रकाश नीचे बैठा और अपना चेहरा मेरी जांघो के बीच ला मेरी चूत पर जीभ फिराने लगा. ओह… चूत चुसवाने पर मैं गनगना उठी. वह अपनी जीभ को चूत के चारो तरफ फिराकर चाट रहा था.
मेरी झांटो को भी चाट रहा था और में अपनी जांघो को फैलाती चली गयी. उसके थूक से मेरी चूत भीगी थी और वह क्लाइटोरिस को मुंह में लेकर चूस रहा था. ओमप्रकाश ने मेरी टांगो को फैलाया हुवा था. मैं जब बेक़रार हो गयी तो बोली “ओह ओमप्रकाश डार्लिंग अब चूत को चूसना ख़तम करो और मेरी चूत में अपना लंड डाल दो नहीं तो मैं मर जाउंगी. आह जल्दी चोदो मुझे.”
मेरी बात सुनकर ओमप्रकाश ने अपने लंड को मेरी चूत पर सटाकर एक करारा शॉट मारा तो उसका लंड मेरी चूत को फाड़ता हुवा अंदर जाने लगा. दर्द हुवा तो मेरे मुंह से निकल पड़ा “है राजा आराम से. ज़रा धीरे धीरे पेलो डार्लिंग मैं कही भागी नहीं जा रही हूँ.”
ओमप्रकाश मेरी बात सुनकर रुक गया और मेरी चूचियों को दबाने लगा. वह लंड को मेरी चूत में डाले दोनों मम्मो को दबा रहा था. कुछ देर बाद दर्द कम हुवा और मज़ा आया तो मैं नीचे से गांड उचकाने लगी. वह मेरी कमर के उछाल को देखकर समझ गया और धक्के लगाने लगा. कुछ पल में ही उसका लंड मेरी चूत की तह में ठोकर मारने लगा.
ओमप्रकाश के साथ तो अनोखा मज़ा आ रहा था. उसके पेलने के अंदाज़ से ज़ाहिर हो रहा था की वह चुदाई में माहिर है. वह मेरे मम्मो को दबाते हुवे चूत की तह तक हमला कर रहा था. मैं होश खो बैठी थी. ओमप्रकाश मेरी चूत में अपने मोटे लम्बे लंड को पुक्क पुक्क अंदर बाहर कर रहा था और में हर धक्के के साथ सिसक रही थी. ओमप्रकाश ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा तो मुझे ऐसा लगा की मेरी चूत से पानी निकल पड़ेगा. ऐसा महसूस करते ही मैं ओमप्रकाश से बोली “आह ओमप्रकाश डार्लिंग मेरा निकलने वाला है. राजा मेरी हेल्प करो तुम भी मेरे साथ ही अपनी मलाई मेरी चूत में ही निकालो.”
ओमप्रकाश पर मेरी बोली का असर हुवा और वह तेज़ी से चुदाई करने लगा. कुछ देर में ही मेरी चूत से फव्वारा चलने लगा और मेरे साथ ही ओमप्रकाश के लंड की पिचकारी भी चल दी. उसकी पिचकारी ने गरम पानी से मेरी चूत भर दी. जब मेरी चूत भर गयी तो मलाई चूत से बाहर निकलने लगी. झड़ने के बाद हम दोनो एक दुसरे लिपटकर उखड़ी साँसों को दुरुस्त करने लगे. इसके बाद ओमप्रकाश ने मुझे नेक्स्ट डे अपने फ्रेंड के फ्लैट पर बुलाया वह फिर वो अपने फ्रेंड का एड्रेस देकर चला गया.
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