रंडीखाने में 2 रंडियों के साथ मजे किये

मेरा नाम नमन है ओर में बिहार का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 22 साल है। आज मे अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ। तो अगर कोई ग़लती हो जाए तो माफ़ करना। ये कहानी तब की है जब मे इंजिनियरिंग कॉलेज मे गया था और नया नया सेक्स का जोश जागा था. Hard Fucking Porn

जब मे अपने लंड की भूख को पॉर्न फिल्म देख कर,पॉर्न किताबे देख कर, देसी सेक्स स्टोरी पढ़ कर मूठ मार लिया करता था। फिर धीरे धीरे मुझे चुदाई की भूख जागने लगी और उस टाइम मेरी कोई गर्ल फ्रेंड भी नही बनी थी। और एक बनी भी तो मेने उसे बहुत जल्दी चुदाई का ऑफर दे दिया। जिससे वो गुस्सा होकर मुझे छोड़ दिया।

मेने कई बार सोचा रंडी खाना जाकर चुदाई करू पर कभी हिम्मत नही हुई. पर वो जगह सही नई थी। आये दिन पेपर मे आता रहता था की कोई ना कोई वाहा से पकडा ही जाता है। और ऐसे ही सोचते सोचते 3 महीने निकल गये।

फिर एक दिन मेरे दोस्त ने बताया की उसने चुदाई की। जब मेने पूछा कहा और कैसे यार तब उसने बताया की उसकी तरफ एक घर है जिसमे एक आंटी रहती है माध्वी उनके पास बहुत सी औरते है। वो पैसे ले कर चुदाई करवाती है। और वो जगह भी अच्छी है। पर एक बात उसने अजीब बताई की वहा कोई कुवारी लड़की नही मिलेगी तुझे। सब की सब शादीशुदा औरते है।

तब मेरा दिल टूट गया की औरतो को चोदने मे क्या मज़ा आयेगा। लेकिन मेरे दोस्त ने मुझे समझाया यार जो औरतो को चोदने मे मज़ा है वो लड़कीओ को चोदने मे कहाँ, औरतों को ज्यादा अनुभव होता है। वो तेरा अच्छा ख्याल रखेगी।

मेने उससे बोला ठीक है और जाने के लिए हमने मंगलवार का दिन तय किया।  मुझे तो दो दिन तक मानो नींद ही नही आ रही थी चुदाई करने की ख़ुशी मे। फिर मंगलवार की सुबह मे जल्दी उठा. दोस्त का फोन आया की अभी तू नया खिलाड़ी है ज्यादा देर नही टिक पायेगा। इस लिय तू मूठ मार ले और मे थोडी देर मे तेरे घर आता हूँ।

फिर मे बेड से उठा और बाथरूम मे जा कर सारे कपडे उतारे और लंड पे साबुन मला और लंड हिला कर अपना सारा माल निकाल दिया और फ्रेश हो कर नास्ता करने बैठा। थोड़ी ही देर मे मेरा फ्रेंड आया और फिर घूमने का बहाना कर के घर से बाहर निकल आया।

फिर हमने ऑटो पकडी और उस जगह पर पहुच गये। देखने से तो वो आम घर की तरह था फिर मेरे फ्रेंड ने बोला चल अंदर मेरा दिल तो तेज़ी से द्ड़क रहा था और लंड टाइट हो गया था। अंदर घुस कर हमने घन्टी बजाई दरवाजा माध्वी आंटी ने खोला मेरे दोस्त को देखकर मुस्कुराई और बोली आजा बेटा अंदर आजा.

और माध्वी ने आवाज़ लगाई बाहर आओ देखो कोन आये है। फिर मेरे दोस्त ने बोला आंटी आज मेरे इस दोस्त की गर्मी को ठंडा करना है बेचारे को आज तक चूत का मज़ा नई मिला है नया खिलाडी है। पर मेरी नियत तो उन ओरतो पर थी सब एक से बढ़ कर एक क्या लग रही थी और मुझे गंदे गंदे इशारे कर रही थी जिससे मेरे लंड मे करंट दोड गया।

फिर आंटी ने बोला क्या देख रहे हो बेटा किसी भी आंटी को चुन लो सब की सब सेक्स की भूखी है। और तुम्हारा पहले सेक्स को यादगार बना देगी। पर एक आंटी का 1500 रुपय लगेगा मेने बोला ठीक है तो फिर से आंटी बोली लेकिन तू मेरा पहला ग्राहक है तो तेरे लिय मे एक आंटी तुझे फ्री दूंगी मतलब की आज तू एक साथ दो दो को चोदेगा।

मेरा तो ख़ुशी का ठीकाना ना रहा सिर्फ पॉर्न फिल्म मे ही देखा था. आज सच मे करने मिलेगा। आंटी ने बोला चुन ले कोई भी अपने पसंद की दो औरते मेने एक औरत की ओर इशारा किया जिसका नाम कंचन था बड़ी मस्त थी वो औरत। उसका फिगर 32-28-36 था. फिर मेरी नज़र दूसरी औरत पे गई जो अपने चूत को कपडे के उपर ही से खुज़ला रही थी.

मेने उसे भी पसंद कर लिया अपने लिय वो थोड़ी मोटी थी पर मस्त थी. उसका फिगर 34-30-38 था. और उसका नाम प्रतिमा था। फिर माध्वी आंटी ने उन दोनो को बोला जाओ और आज इसकी कच्ची जवानी का मज़ा लो। वो दोनो मेरे करीब आई और मेरा हाथ पकड कर एक कमरे मे ले गई और दरवाज़ा बंद कर दिया। फिर दोनो ओरतो ने मुझे किस किया।

प्रतिमा : क्या उमर है तेरी.

मे : 22.

प्रतिमा : क्या कच्ची जवानी है कंचन आज तो चुदाई का मज़ा ही आ जाएगा तू भी इतने दिन से किसी जवान लंड की तलाश मे थी।

कंचन : हा.. रे.. आज तो बस पागल हो जाने दे, प्रतिमा रानी ज़रा लडके का औज़ार तो चेक कर कैसा है। प्रतिमा मेरी पेंट के उपर से ही लंड पे हाथ रख दीया। मेरा लंड तो खुद टाइट था प्रतिमा आंटी का हाथ लगने से और भी ज्जादा फॅन फ़ना उठा।

प्रतिमा : उई मा लंड है तेरा, मेरे राजा का गधे का लंड है।

मे : नही प्रतिमा आंटी मेरा ही लंड है, और आज ये लंड आप दोनो की चूत मे पानी टपकायेगा।

मेरी बात सुन कर दोनो हसने लगी फिर प्रतिमा मेरे होट पे अपना होट रख कर चूसने लगी और कंचन पीछे से अपने हाथो से मेरे पूरे बदन पे घूमाने लगी जिससे मेरे अंदर की वासना और जाग उठी फीर पीछे से ही उसने मेरी पेंट खोल दिया.

और फिर प्रतिमा ने मेरी पुरी पेंट और अंडरवेयर उतार दी और मेरे लंड को हाथ मे ले कर सहलाने लगी जब तक कंचन अपने कपडे उतार चुकी थी और जब वो मेरे पास आई तो मे देखाता ही रह गया। पहली बार किसी औरत को नंगा देखा था मेरे मुहं से तो लार टपकने लगा।

कंचन : प्रतिमा रानी मुझे भी लंड चुसने दो. अकेले ही सारा मज़ा लेगी क्या।

प्रतिमा : नई रानी लो ना तुम्हारा ही तो है ये आज लो। इस लंड पे थूक मल कर गीला करो लंड महाराज को। जब तक मे इनके लिय कंडोम ले कर आती हूँ।

प्रतिमा अलमारी से कंडोम निकालने गई और इधर कंचन ने मेरे लंड पे हमला बोल दिया मेरे लंड को पागल कुतिया की तरह चूस रही थी मे तो मानो जन्नत मे था। ऐसा लग रहा था जैसे मेरा लंड की गरम और मुलायम जगह मे जा रहा है।

फिर कंचन ने मुझे बेड पे लेटा दिया और मेरे लंड पे अपने मूह से ढेर सारा थूक निकाल के लगा दिया और अपने कोमल हाथो से मेरे लंड की मसाज करने लगी मुझे तो लग रहा था जेसे मे सपने में हु। थोड़ी देर बाद देख प्रतिमा आंटी भी अपने कपडे उतार कर बेड पे आ गई और मेरे मूह पे बैठ कर बोली चाटो इस चूत को मेरे राजा।

पहले तो मुझे तोडा घिनोना लग रहा था क्यूँकी उसकी चूत पे बहुत बॉल थे। फिर सोचा सब तो करते है मे भी करके देखता हूँ। फिर मेने उनकी चूत मे अपनी हल्की हल्की जीभ फेरनी शुरू कर दिया। प्रतिमा आंटी मस्ती मे आ गई और आहहे भरने लगी आह उहह उईईईईई माँआ.

प्रतिमा : बहुत अच्छा चाटता है रे तू लगता ही नही की नया खिलाड़ी है.

फिर प्रतिमा भी मेरे लंड की तरफ गई और कंचन के साथ मिल कर मेरे लंड से खेलने लगी। कभी तो एक लंड मूह मे लेती तो दूसरी गोलिया मूह मे लेती और दूसरी तरफ़ मे प्रतिमा आंटी की चूत मे जीभ डाल कर चोद रहा था। मेरे ऐसा करने से वो दो बार झर चुकी थी। फिर मुझे ऐसा लगा की मे झरने वाला हूँ।

मे : आंटी मे झरने वाला हूँ।

कंचन : तो निकालो ना अपना माल राजा हमने कब मना किया है।

प्रतिमा : हा हमारे राजा निकालो अपना माल अपने रंडियो के मूह मे दो.

उन दोनो की बातो से और जोश मे आ गया और उधर प्रतिमा तेज़ी से मेरा लंड हिला रही थी। और कंचन मेरी गूटलिया दबा रही थी और बीच बीच मे मेरे लंड मे थूक भी रही थी। जिससे मेरा लंड और गीला हो गया और मे जल्द ही झर गया और दोनो ओरतो ने मेरे पूरे माल को अपने मूह और चूची पे गिरा दिया और एक दूसरे के जिस्म पर से मेरा वीर्य चाट कर सॉफ किया।

प्रतिमा : क्या मीठा माल था कंचन मज़ा आ गया आज तो माल खाने का।

कंचन : हा यार बच्चे का लंड मे बहुत पावर है ये जब चूत मारेगा तो और कितना मज़ा देगा।

थोडी देर मे ऐसे ही लेटा रहा फिर कंचन मेरे मूह पर बैठ गई और प्रतिमा मेरे लंड पे हाथ फेरने लगी और मुझे उत्तेजित कर रही थी। जिससे मेरा लंड फिर खड़ा हो गया था और मे कंचन की चिकनी चूत चाटने मे मस्त था।

क्या खुशबू थी चूत की वो तो उछल उछल कर मेरे मूह को लंड समझ कर चुदवा रही थी। मुझसे थोडी देर मे वो जर गई और मेने उसका सारा पानी पी गया। वो मेरे चूत से उठी और मेरे मूह मे लगे अपने चूत के पानी को चाटा और फिर प्रतिमा को जाकर किस करने लगी।

प्रतिमा : अब बर्दास्त नहीं होता है रे अब मुझे चुदवाने दे।

कंचन : नई पहले मे चुदुगी इस लंड से।

मेरे लंड से चूदने के लिय दोनो मे बहस छिड गई।

मे : रूको रूको मेरी रंडियो क्यूँ लड़ रही हो मे तुम्हे एक खेल खिलाऊगा, जो जीतेगा उसी को मे पहले चोदुगा।

तो तुम दोनो मे से जो मेरे लंड को बिना साँस लिय हुये अपने मूह मे सब से ज्यादा रखेगी वही मुझसे पहले चूदेगी। दोनों मान गई. फिर मेने अपना लंड पहले कंचन को दिया मेने अपना लंड उसके गले तक पूरा उतार दिया वो सास नई ले पा रही थी। कंचन ने मेरे लंड को 5 मीं. तक रखा. फिर बारी आई प्रतिमा की वो मेरे लंड को 3 मीं. भी ठीक से नई रख पाई और हार गई तो शर्त के अनुसार मे पहले कंचन को चोदता। क्योकि वो जीत चुकी थी।

प्रतिमा : जा चुद ले रंडी तू जीत गई तू तो है ही लंड चूसने मे मास्टर वैसे तूने ये सब कहा से सीखा। तुमने तो कभी चुदाई नई की थी।

मे : मेरी प्यारी आंटीओ ये सब ब्लू फ़िल्मो का कमाल है। फिर कंचन रंडी अपने हातो से कॉंडम का पॅकेट को खोला और मेरे लंड पे चड़ा दिया।

प्रतिमा : बच्चे अभी तू चूत की चुदाई मे नया है रुक मे तेरी मदद करती हूँ। कंचन तू लाती जा.

फिर आंटी मेरे लंड को अपने हाथो से ले कर कंचन जो अपने हाथो से अपने चूत को फाड़ कर रास्ता दिखा रही थी उस पर लगा दी और मेरे पीछे आ कर मेरे गांड को पकड कर झोर का झटका दिया और मेरा लंड अंदर घुस गया और बोला मुझे एक झोरदार धक्का दे राजा.

मेने दिया तो मेरा पूरा लंड कंचन की गरम चूत को चीरता हुवा घुस गया उसके मूह से चीख निकल गई। फिर प्रतिमा आंटी मेरे गांड को पकड कर पीछे करने लगी और मुझे बोला की बस ऐसे ही धक्के देता रह। में इस रंडी के चूत मे झोरो के झटके मार रहा था और कंचन मेरी चुदाई का मज़ा ले रही थी।

फिर आंटी ने मुझे कंचन पे धकेल दिया और मे उसके उपर गिर गया और अपने झटके मारना जारी रखा। मे झटके मार ही रहा था की प्रतिमा रंडी मेरी गांड मे अपनी उंगली डाल दी। मेरी चीख निकल गई मेरी चीख सुन कर दोनो रंडिया हसने लगी।

फिर प्रतिमा अपनी उंगली मेरे गांड मे अंदर बाहर कर रही थी और मे भी मज़े लेकर कंचन के चूत मे अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था। 30 मींनट की चुदाई के बाद कंचन आहह हा..उ.. आअ..अहह मे झरने वाली हूँ और तेज़ चोदो और तेज़.

फिर प्रतिमा मेरे गांड से उंगली निकाल कर मेरे गांड को ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगी और देखते ही देखते कंचन का पानी छूट गया। फिर मेरा भी लंड जोश मे था कंचन की चूत से लंड निकाला और बोला मेरा भी गिरने वाला है।

तब प्रतिमा आंटी जल्दी से मेरे लंड पे लगे कॉंडम को उतार कर फेक दिया और जल्दी से मेरे लंड को मूह मे ले लिया और मे उनके मूह में छोड़ने लगा। थोडी देर मे मेरा इतना माल निकला की मे बता नही सकता ये मेरी चुदाई का पहला रस था जो मेने प्रतिमा आंटी के मूह मे छोड़ दिया। फिर मेने उनके मूह से लंड निकाला और फिर प्रतिमा कंचन के पास गई जो चुद कर बेड पर पडी थी। मेरा सारा माल अपने मूह से निकाल कर कंचन के मुहं मे उगल दिया और वो सारा पी गई। तभी दरवाज़े पर किसी ने खटखटाया वो माध्वी आंटी थी।

माध्वी : निकलो रंडियो कितना चुदोगी एक घंटा हो गया है। अब निकल जाओ माध्वी निकलने को बोल कर चली गई।

प्रतिमा : क्या राजा टाइम ख़त्म हो गया मे तो तुझसे चुद भी नही पाई सारा टाइम ये रंडी ही चुदती रह गई।

मे : कोई बात नही आंटी अब मे अक्सर यहा आया करूगा अगली बार मे तुम्हे अकेले चोदूगा। मेने प्रतिमा से ये वादा कर के दोनो रंडियो को नंगा रूम मे छोड़ कर अपने कपडे पहन कर बाहर आ गया। पैसे माध्वी को दिये और हम दोनो दोस्त वहा से निकल गये।

अपने दोस्तों के साथ शेयर करे-

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*