रक्षाबंधन में चुदाई का तोहफ़ा दिया

मेरा नाम ऋतिक हैं. मैं दिल्ली में जॉब करता हूँ. मैं अपने मम्मी पापा के पास हर 2 महीने में घूम कर आता हूँ. मेरे घर में मेरी मम्मी और मुझसे 2 साल छोटी सिस्टर कुसुम हैं. जो अभी 19 साल की हैं. मैं और कुसुम हमेशा एक दोस्त की तरह रहते थे और मेरे दिल में कभी भी कुसुम के लिए कोई गलत इरादा नहीं था. Hot Bhai Bahan Chudai

एक बार जब मैं घर गया तो कुसुम को देखा तो मुझे  भाई बहन के चुदाई के किस्से याद आ गये. उस वक़्त मुझे मेरे सामने मेरी बहन नहीं बल्कि एक बहुत ही खूबसूरत सी कच्ची कली दिख रही थी. मेरी नज़र कुसुम को घूरते हुए उसके बूब्स पर जा टीके उस वक़्त कुसुम ने दुपट्टा नहीं ओढ़ रखी थी बिलकुल संतरे की तरह और कसे कसे से थे.

तभी कुसुम की नज़र मेरे तरफ गयी और बोली ऐसे क्या देख रहे हो. मैंने झट से अपनी नज़र हटा ली और बोला कुछ भी नहीं. हमारा घर छोटा सा हैं जिसमे 3 रूम और किचेन और खुला सा आंगन हैं मेरी मम्मी घर में हमेशा रहती हैं. इसलिए मैं सोच रहा था कि कुसुम के साथ कैसे सेक्स के लिए राज़ी करू.

अगले दिन सुबह सुबह मैं उठा और किचेन में गया तो कुसुम खाना बना रही थी मैं कुसुम से पूछा की कुसुम मम्मी कहा हैं तो कुसुम बोली मम्मी मंदिर गयी हुई हैं आधे एक घंटे में आ जायेगी. फिर मैंने कहा की कुसुम एक कप चाय बना दो. कुसुम चाय बनाने लगी और मैं किचेन से बाहर आ गया.

फिर मैंने सोचा की एक अच्छा मौका हैं इस वक़्त घर पर कोई भी नहीं था पापा भी खेत में गए हुए थे. मैं वापिस किचन में आया कुसुम गैस के पास खड़ी थी और उसकी पीठ मेरी तरफ थी. मैं धीरे से गया और कुसुम को पीछे से जकर उसके दोनों बूब्स को दबोच लिया कुसुम घबरा गयी और चिल्लाना चाही.

पर मैंने झट से उसका मुँह दबा दिया फिर मैंने कुसुम को प्यार से समझाने लगा की डर मत मैं हूँ. कुसुम ने ग़ुस्से में बोली ये क्या बतमीजी हैं. मैंने कुसुम के बूब्स को फिर पकड़ कर उसके होठो को चुम लिया और बोला कुसुम आई लव यू तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो प्लीज बुरा मत मानो.

कुसुम मुझे धकेलते बोली ऋतिक तुम तुम्हारे दिमाग में मेरे बारे कैसे कैसे ख्याल हैं चुपचाप यहाँ से जाओ नहीं तो मैं मम्मी को सब बता दूंगी. और मैं उसे सॉरी बोल कर बाहर आ गया. थोड़ी देर में मम्मी मंदिर से आ गयी और मेरी बुआ भी उसी वक़्त आ गयी. फिर हम बुआ से बाते करने लगे.

कुसुम ने मम्मी से इस बारे में कुछ भी नहीं बोली. मेरी बुआ थोड़ी शरारती हैं और अकसर हमसे खुल कर बात करती हैं. शाम को जब मैं अकेला था तो बुआ मेरे पास आयी और बोली की अगर तुमसे बर्दास्त नहीं होता तो तुम्हारी मम्मी से तुम्हारी शादी की बात चलाओ.

मैं चौंक गया और बोला बुआ आप भी लगी मजाक करने मैं इतनी जल्दी शादी नहीं करने वाला. बुआ बोली अरे बीबी आ जायेगी तो कम से कम बहन पर तो नहीं हाथ डालोगे और बुआ ने अपनी एक आँख दबा दी. मैं समझ गया कि कुसुम ने बुआ से सब बता दी हैं.

बुआ ने बोला चल कोई बात नहीं पर आगे से ऐसा मत करना. अगले दिन मैं वापिस दिल्ली आ गया. अपने काम में मशगुल हो गया अब मैं घर ना तो फ़ोन करता ना ही 3 महीने में घर जाता था. घर से मम्मी का फ़ोन आता तो बात कर लेता था अगर कुसुम होती तो फ़ोन काट दिया करता था.

इस तरह मुझे पुरे एक साल हो गए मम्मी जब भी घर आने के लिए कहती तो मैं झूठ बोल देता कि मम्मी छुट्टी नहीं मिल रही हैं. पापा आकर मुझसे मिल कर चले जाते थे. एक दिन कुसुम का फ़ोन आया और वो रोती हुई बोली ऋतिक प्लीज फ़ोन मत काटना पहले बात तो सुन लो.

मैंने कहा कि बोल क्या बोलना हैं तो बोली क्या बात हैं तुम घर नहीं आ रहे हो मुझसे क्या गलती हो गयी, तुम जो चाहते थे वो गलत था और मैंने मना कर दिया बस इतनी सी बात. मैंने कहा की तुम्हे ये बात बुआ को क्यों बताई कुसुम बोली मैंने तो बस इसलिए कही थी कि वो तुम्हे समझा देगी और बुआ ये बात किसी को नहीं बताएगी.

मैंने कहा की ठीक हैं अब मैं समझ गया हूँ और कुछ. तो कुसुम ने पूछा की घर कब आओगे. मैंने उसे कह दिया की अब कभी नहीं आऊंगा. कुसुम बोली क्यों तो मैंने साफ़ साफ कह दिया मैं घर आऊंगा और अगर फिर वही हरकत कर दिया और फिर तुम बुआ से बोल दोगी और मैं इसलिए घर नहीं आना चाहता. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

कुसुम रोने लगी और बोली ऋतिक प्लीज घर आ जाओ और फिर अगले हफ्ते रक्षाबंधन भी है मम्मी तुम्हे रोज याद करती रहती हैं प्लीज. मैंने कहा की मैं घर तभी आऊंगा जब तुम मुझे किस करने दोगी और अपने बदन को छूने दोगी, नहीं तो नहीं आऊंगा. कुसुम बोली ऋतिक तुम पागल तो नहीं हो गए मैं तुम्हारी बहन हूँ और तुम मेरे साथ ऐसा सोचते हो.

मैंने कहा की तुम मेरी एक अच्छी दोस्त भी हो और तुम मेरे प्रॉब्लम को नहीं समझोगी तो कौन समझेगा और मैं तुम्हे सिर्फ छूना ही चाहता हूँ इसमें गलत क्या हैं, सोच लो और सोच कर कल तक बता देना तभी राखी तक आ सकुंगा नहीं तो नहीं आऊंगा. अगले दिन कुसुम का फ़ोन आया और वो बोली ठीक हैं मुझे मंजूर हैं पर जल्दी आना.

मैं खुश हो गया कि मेरी तरकीब कामयाब हो गयी मैं घर जाने की तैयारी करने लगा. मैं राखी के से दो दिन पहले घर पहुंच गया कुसुम थोड़ी नर्वस सी थी पर खुश थी कि मैं घर आ गया हूँ. दो दिन मुझे मौका ही नहीं मिल पा रहा था कि मैं कुसुम के साथ कुछ करू क्योकि कुसुम हर वक़्त मम्मी के साथ होती थी.

वो जानबूझ कर मम्मी से अलग नहीं होती थी. मैं भी मौका की तलाश में रहता था. राखी के दिन से एक दिन पहले ही रात में मम्मी ने मुझसे कहा की बेटा कल राखी हैं बहुत दिन हो गए मैं तुम्हारे मामा से नहीं मिली सोचती हूँ कल चली जाऊ वैसे भी घर को अकेला छोड़ कर जाने का दिल नहीं करता हैं अभी तू हैं तो कल मैं और तेरे पापा कल सुबह तेरी बुआ से मिलते हुए तेरे मामा के घर चले जायेंगे.

मैंने कहा की ठीक हैं मम्मी मैं अभी यहाँ हूँ तो तुम्हे चिंता करने की जरुरत नहीं हैं आप आराम से जाओ. अगले दिन मम्मी और पापा सुबह 5 बजे ही घर से निकल गए. मैं उन्हें बस स्टैंड तक छोड़ कर आया वापिस आने के बाद मैं नहाने चला गया और कुसुम नहाकर तैयार बैठी थी राखी बांधने के लिए.

मैं तैयार हो कर बेड पर बैठ गया कुसुम हाथ में थाली लिए हुए जिसमे राखी मिठाई और दिया जल रहा था. वो मेरे पास आयी और बोली ऋतिक अपना हाथ आगे करो. मैंने कहा की पहले तुम अपना वादा पूरा करो तब मैं राखी बँधवाउंगा. कुसुम ने कहा की ऋतिक मजाक नहीं.

मैंने कहा मैं कोई मजाक नहीं कर रहा हूँ, सिर्फ हाँ या ना. कुसुम ने कहा ऋतिक प्लीज आज तो कम से कम ऐसी बात मत करो. मैंने कहा की कुसुम तुम जाओ मैं कल ही वापिस चला जाऊंगा ओके बाय. और मैं बेड से उठ कर जाने लगा तो कुसुम ने मेरा हाथ पकड़ कर बेड पर बैठा दी और बोली बताओ तुम क्या चाहते हो.

मैंने कहा कि मैं एक बार तुम्हे सिर्फ ब्रा और पेंटी में देखना चाहता हूँ. तो कुसुम बोली इतनी बात ठीक वो तो तुम कभी भी देख लेना. मैंने कहा नहीं अभी और इसी वक़्त. वो बोली अभी मुझे शरम आ रही हैं. मैंने कहा की कोई बात नहीं अगर तुम चाहो तो मैं भी अपने कपड़े उतार देता हूँ.

और मैंने अपने कपड़े उतार दिए सिर्फ अंडरवियर पर था. कुसुम शर्मा कर दूसरे कमरे में चली गयी. थोड़ी देर बाद वो वापिस आयी तो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी. उसे देखते ही मेरा लंड तन गया मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया और कुसुम से बोला शरमाओ मत अब आकर राखी बांधो.

कुसुम ने मुझे आकर राखी बाँधी फिर मेरे मुँह में मिठाई खिलाई. मैंने अपने होठो से आधी ही मिठाई को पकड़ा और खड़ा होकर कुसुम से के पास गया और मुँह में दबी हुई मिठाई कुसुम के खाने के लिए बोला. कुसुम ने मेरे होठो से दबी हुई मिठाई को अपने होठो से पकड़ी.

फिर हम दोनों ही मिठाई खाते हुए एक दूसरे के होठो तक पहुंच गए. मैंने कुसुम के होठो को अपने होठो से चिपका कर उसे चूसने लगा और कुसुम को गरम करने लगा. मैं उसे बेतहाशा चूमने लगा. थोड़ी देर में ही कुसुम की सांसे तेज तेज चलने लगी और वो बोली ऋतिक बहुत मजा आ रहा हैं.

फिर मैंने उसका ब्रा और पैंटी उतार दिया और उसे बेड पर पटक दिया फिर मैं उसके ऊपर चढ़ गया. फिर मैं उसके चूत को सहलाने लगा और अपना लंड उसके चूत में डालने लगा तो वो चिहुंक गयी और बोली नहीं ऋतिक दर्द होता हैं. फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाला.

और उसे मुँह को चोदने लगा और अपना सारा कम उसके मुँह में ही निकाल दिया. फिर मैंने कुसुम के चूत में थोड़ा सा आयल डाल कर उसे सहलाने लगा और कुसुम मेरे लंड को सहला रही थी. थोड़ी ही देर में मेरा लंड फिर तन गया और मैं कुसुम के चूत में अपना लंड धीरे धीरे डालने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

तो कुसुम फिर बोली ऋतिक धीरे धीरे दर्द हो रहा हैं. और मैं धीरे धीरे कुसुम के चूत में अपना लंड डालने लगा जैसे ही मेरा लंड कुसुम के चूत के अंदर गया वो चिल्ला पड़ी. मैंने कहा की कोई बात नहीं फिर मैं उसे आराम आराम से चोदने लगा अब वो भी मजे ले रही थी.

हम दोनों एक दूसरे के मुँह में जीभ डाल कर चूस रहे थे उसके बाद कुसुम ने मुझसे जोर से लिपट गयी और फिर धीरे धीरे ठंडी हो गयी. मैं समझ गया की कुसुम झड़ गयी हैं और फिर मैंने भी अपना रस कुसुम की चूत में छोड़ दिया कुसुम उछल पड़ी और बोली की तुम्हारा रस कितना गरम हैं.

फिर हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से लिपट कर सो गए अगले दिन सुबह जब मेरी आँख खुली तो कुसुम सो रही ही. मैंने उसे अपने गोद में उठाया और बाथरूम में ले गया और नल खोल कर सीधा पानी उसके उपर डाल दिया वो उठ गयी और मुझ पर पानी डालने लगी. फिर हम दोनों नहाने लगे कुसुम मेरे बदन पर सोप लगा रही थी. और मैं कुसुम के नंगे बदन पर सोप लगा रहा था. फिर मैंने कुसुम की फर्श पर सुला कर उसकी चूत में अपना लंड डाला और फिर उसे चोदने लगा. उसे चोदने के बाद हम दोनों नहाकर फेश हुए.

तो मैंने पूछा की कुसुम कैसा लगा राखी बाँधने का तोहफा कुसुम बोली ऋतिक मुझे नहीं पता था की इस खेल में कितना मजा हैं. वो बोली तुम्हारा ये तोहफा मेरे तुम्हारे दिए हुए सारे तोहफ़ो से भी कीमती हैं मैं इस राखी को कभी भी नहीं भूल सकती और वो मेरे करीब आकर मुझसे लिपट गयी. इस तरह मैंने कुसुम के साथ अपना सेक्स की शुरूआत किया और अब मैं अपनी सेक्सी बुआ और उनकी 18 साल की खूबसूरत बेटी को चोदने का प्लान बना आया हूँ क्योकि मेरी सेक्सी लाइफ की राजदार मेरी बुआ भी तो हैं.

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