बात उन दिनो की है जब मेरे देवर की शादी थी. मेरी शादी के कोई 2 साल बाद मेरे देवर की शादी हो गई थी. मैं ज़यादा लंबी बातचीत ना करके सीधा स्टोरी पे आती हूँ. बात शादी वाली रात की है मैं ओर मेरी बड़ी ननद वंदना दोनो मेरे रूम मैं बैठे हुए थे टाइम था कोई रात के 12 बजे के करीब हम दोनो गप्पे मार रहे थे. Sasur Lund Sexy Bahu
घर के सभी लोग ओर मेहमान सो चुके थे. मेरी आपनी इस ननद के साथ बहुत बनती थी वो मुजसे आपनी हर बात खुल के कर लेती थी ओर मैं भी आपनी हर बात उसे खुल के बता देती थी लेकिन मैने अपने नाजाएज संबंधों के बारे मैं उसे कभी नही बताया था. हम दोनो यू ही आपस मैं बाते कर रहे थे कि अक्चानक वो बोली भाभी…
वंदना- भाभी आज तो समीर की मौज हो जाएगी.
मैं – वो कैसे.
वंदना – आज उसकी सुहाग रात जो है.
मैं – वो तो है ही.
वंदना – आप की सुहागरात कैसी थी भाभी.
मैं – चलिए दीदी ऐसी बातें नही करते.
वंदना – इसमे शरम की क्या बात है भाभी ये तो सब के साथ होता है.
मैं – अब मैं क्या बताउ तुझे.
वंदना – ये ही कि भैया ने आप के साथ क्या क्या किया था.
मैं – बहुत गंदी बातें करती हो आप.
वंदना – इस्मै गंदी बात क्या है भैया ने जो आप के साथ किया होगा वो ही मेरे साथ मेरे पति करते हैं ओर आज हमारा समीर भी करेगा है ना.
मैं – दीदी आप भी ना बस.
वंदना – अच्छा एक बात बताओ भाभी अगर कहो तो पूछ लू.
मैं – कहिए अगर मैं ना भी कहूँगी तो भी आप पूछ ही लेंगी.
वंदना – हमारे अमरीश का कितने इंच का होगा.
मैं – क्या पूछ रही हैं आप दीदी.
वंदना – अरे भाभी मैं लंड की बात कर रही हूँ.
मैं – अब मुझे क्या पता दीदी.
वंदना – मैने सोचा कि श्ययाद आप ने कभी देख लिया हो को कि देवर भाभी में बहुत प्यार है ना.
मैं – दीदी आप कैसी बातें करती हैं मैं एक दम सकपका गई थी.
वंदना – अरे मैं तो मज़ाक कर रही थी.
मैं – दीदी आप भी ना बस.
वंदना – मैं तो सोच रही थी कि आज नई भाभी खूब चीखेगी. भाभी एक बात बताओ कि भैया के लंड का साइज़ क्या है.
मैं – दीदी आप क्या बातें कर रही हो.
वंदना – अरे जब मैं आप से हर बात कर लेती हूँ तो शरमाती क्यू हो भाभी.
मैं – ओके बाबा बोलो.
वंदना – भाभी भैया के लंड का साइज़ क्या है.
मैं – 7इंच लंबा ओर 3इंच मोटा होगा.
वंदना – फिर तो समीर का भी इतना ही साइज़ होगा.
मैं – मुझे क्या पता पर आप कैसे कह सकती हैं (एक बार को तो मेरा मन किया के कह दू कि अरे पगली वो तो 8 इंच का है ओर मैने तो उसका स्वाद बहुत ही ज़यादा चखा है) लेकिन मैं चुप रही.
वंदना – क्या सोचने लगी.
मैं – कुछ भी नहीं.
वंदना – एक भाई का भी दूसरे के बराबर ही होगा थोड़ा बहुत बड़ा या छोटा हो सकता है.
मैं – आप कैसे कह सकती हैं.
वंदना – बस यू ही अंदाज़ा लगा रही हूँ.
मैं – मैने सोचा शायद आप ने देखा हो.
वंदना – भाभी सुधर जाओ.
मैं – ये बताओ आप के पति का किस साइज़ का है.
वंदना – 9 इंच लंबा ओर 3.5 इंच मोटा.
मैं – हाई मैं मर गई.
वंदना – क्या हुआ.
मैं – अरे मेरी तो ये 7इंच वाला ही जान निकाल देता है तुम 9इंच का कैसे लेती होगी.
वंदना – पहले पहले डर लगता था भाभी अभी तो कोई डर नही लगता अभी तो बहुत मज़ा आता है जितना बड़ा लंड उतना ही ज़यादा मजा आता है.
मैं – वो कैसे.
वंदना – क्यो कि ज़यादा बड़ा लंड ज़यादा अंदर तक जा के पूरी तसल्ली करा देता है.
मैं – तो क्या किसी का इससे भी बड़ा हो सकता है.
वंदना – हो सकता नही भाभी है ओर मैने देखा भी है.
मैं – किसका है ओर तूने कब देख लिया दीदी ये क्या चक्कर है क्या किसी ओर पे भी मेहरबान हो आप.
वंदना – अरे नही भाभी वो तो अपने घर मैं ही देखा है.
मैं – (उतावली हो कर) किसका देखा है घर पे तुमने इतना बड़ा.
वंदना – बाबू जी का.
मैं – बाबू जी का.
वंदना – हाँ भाभी बाबू जी का.
मैं – तुमने कब देखा है क्या तूने बाबू जी के साथ ये सब किया है.
वंदना – अरे नही भाभी सिरफ़ देखा ही है.
मैं – कब ओर कितना बड़ा है.
वंदना – क्या बात है बड़ी उतावली हो रही हो क्या तुम्हे भी देखना है.
मैं – (सकपका गई) अरे मैं तो यू ही पूछ रही थी.
वंदना – 11इंच लंबा ओर 4इंच मोटा है.
मैं – हाई माआ.
वंदना – सच मैं भाभी.
मैं – लेकिन तुम ने कब देख लिया.
वंदना – मेरी शादी के 2 दिन पहले की बात है मोम ओर बाबूजी आपने रूम मैं थे मैं रात को बाथरूम के लिए उठी तो मैने उनके रूम से कुछ आवाज़े आती सुनी जब मैं पास गई तो समझ गई कि ये आवाज़े क्यो आ रही है क्यो कि उस वक़्त बाबूजी मोम को गरम कर रहे थे उनकी चूत चाट रहे थे ओर वो सिसकियाँ भर रही थी.
मेरे से रहा नही गया ओर मैने के होल मैं आँखे लगा दी और अंदर का नज़ारा देख कर दंग रह गई क्यो कि मैने नोट किया कि बाबूजी का लंड 11 इंच लंबा ओर 4 इंच मोटा होगा जिसे मोम चूस रही थी ओर बाबूजी कह रहे थे कि डार्लिंग आज रात जी भर के देदो.
फिर तो वंदना की शादी मैं बिज़ी हो जाएँगे फिर तो कितने दिन टाइम भी नही लगेगा ओर हम तरसते रहेंगे ओर फिर बाबूजी ने मोम को जी भर के चोदा ये नज़ारा मैने नेक्स्ट डे भी देखा ओर मेरे मन मैं भी पूरी आग लगी हुई थी जो फिर दो दिन बाद तुम्हारे जीजा जी ने बुझाई.
मैं – दीदी क्या सस्च मैं बाबूजी का इतना बड़ा है या मज़ाक कर रही हो.
वंदना – मुझ पे यकीन नही है तो खुद देख लो.
मैं – दीदी आप बड़ी खराब हैं (लेकिन मन ही मन मे मैं बाबूजी का लंड देखने को तरस रही थी क्यो की वंदना के मुख से उसका वर्णन सुन के मेरे मन मैं उसे देखने ओर पाने की चाहत बढ़ गई थी ओर मैने निश्चय कर लिया था कि किसी भी कीमत पे उसे हासिल कर के ही दम लूँगी).
वंदना – इस मैं खराब वाली क्या बात है अच्छा ये बताओ तुम्हारा दिल नही करता कि तुम्हे ओर बड़ा लंड मिले.
मैं – दीदी आप कैसी बातें करती हो.
वंदना – शरमाओ मत भाभी मेरा तो बहुत दिल करता है कि मुझे भी बाबूजी वाले जितना बड़ा मिले ओर मेरा दिल तो कभी कभी बाबूजी के लंड को लेने का भी करता है.
मैं – दीदी तुम्हे शरम नही आती क्या.
वंदना – शरम की क्या बात है जब अंदर घुसता है तो सब शरम भाग जाती है.
मैं – (मेरा भी मन मचलने लगा था सो बोली)दीदी दिल तो मेरा भी बहुत करता है लेकिन मैं तुम्हारे भैया को धोखा नही दे सकती वरना मेरा भी मन करता है कि मुझे बड़ा लंड चोदे.
वंदना – इस्मै धोखे की कोई बात नही है भाभी.
मैं – दीदी अब तो मेरा मन भी मचल रहा है कि तुम्हारे भैया को बुला लूँ यहाँ पे ओर तुम जाओ जीजा जी के पास आप ने तो मन मैं एक आग सी लगा दी है.
वंदना – भाभी एक बात बोलू बुरा तो नही मनोगी.
मैं – बोलो.
वंदना – भाभी हो सके तो तुम बाबूजी को पटा लो फिर मैं ओर तुम दोनो मज़े करेंगी.
मैं – ये तुम क्या कह रही हो दीदी तुम्हे लाज नही आती वो ससुर जी हैं मेरे ओर तुम्हारे बाबू जी है.
वंदना – मुझे पता है पर सच मैं भाभी अगर तुमने भी उनका लंड देख लिया तो ये ही कहोगी कि तुम्हे बस वो ही चोदे.
मैं – बहुत गंदी हो आप (अंदर से मैं पूरी तैयार हो गई थी कि एकबार बाबूजी के लंड का दीदार तो ज़रूर करना है लेकिन प्रकट नहीं करना चाहती थी वंदना के सामने).
वंदना – भाभी देखो जब भी तुम्हे मौका मिले तुम कोशिश करना बाबूजी को पटाने की जब भैया बाहर गये हो तब कोशिश करना ओर अगर काम बन जाए तो मुझे भी बता देना मैं कोई ना कोई बहाना बना के आ जाउन्गि अगर कोई मौका लगे तो मुझे बुला लेना हम दोनो मिल के बाबू जी को पटा लेंगी ओर मज़ा ले लेंगी लेकिन आप यहाँ पे ज़यादा रहती हो इसलिए आप को पहल करनी होगी ओर मुझे बुलाना होगा..
मैं – दीदी अगर किसी को पता चल गया तो मैं मारी जाउन्गि.
वंदना – अरे भाभी ऐसा कुछ नही होगा आप हिम्मत तो करो फिर मैं भी तो आप के साथ हूँ.
मैने कहा कि ठीक है मैं कॉसिश करूँगी जब भी मौका लगे गा तुम्हे बुला लूँगी बस तुम तैयार रहना मैने ये कह कर उसे टाल दिया ओर वो झट से बोली कि ठीक है मैं तुम्हारी कॉल का इंतज़ार करूँगी ओर फिर वो सो गई लेकिन मेरी आँखो से तो नींद गायब हो चुकी थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
बस बाबूजी के बारे मैं सोचती रही मैं सारी रात और सुबह मैने सभी को नाश्ता करवाया ओर सभी आपने आपने काम पे चले गये ओर वंदना दीदी भी जीजा जी के साथ वापिस चली गई. सुबह जब मैं आपने देवर को चाइ देने गई तो मेरी देवरानी बाथरूम मैं थी मैने पूछा कि समीर कैसे रहे रात को तो बोला कि भाभी आप का सिखाया हुआ हर एक गुर मेरे बहुत ही काम आया रात सच में बहुत मज़ा आया.
ओर फिर उसकी वाईफ भी आ गई और दोनो चाइ पीने लगे. उस रात मेरे हब्बी ने मुझे बताया कि नेक्स्ट वीक समीर ओर उसकी वाइफ 15 दिन के लए गोआ जा रहे हैं हनीमून के लिए मैने कहा कि ठीक है. और नेक्स्ट सुबह ही मेरी सासू मोम के माएके से फ़ोन आ गया कि उनके बड़े ब्रदर की तबीयत अचानक खराब हो गई है.
ओर डॉक्टर. ने 2 या 3 वीक के लिए हॉस्पिटल मैं अड्मिट किया है सो मामी जी ने मेरी सासू मोम को वहाँ पे बुला लिया था ओर जिस दिन मेरे देवर ओर देवरानी ने गोआ जाना था उससे एक दिन पहले ही इनको भी मसेज आ गया कि टूर पे जाना है 15 दिन के लिए मुंबई ओर नेक्स्ट डे ये भी मेरे देवर ओर देवरानी के साथ ही घर से चले गये.
अब घर पे मैं ओर मेरे ससुर जी ही थे. मेरे मन मे तो लड्डू फुट रहे थे लेकिन ये समझ मे नही आ रहा था कि मैं करू तो क्या करू. सारा दिन सोचने मैं गुजर गया. ईव्निंग मे मैं बाजार गई तो मन मैं एक आइडिया आ गया और मैं बाजार से सारा समान ले आई.
रात को मैने आपने ससुर जी को खाना खिला दिया ओर जब दूध पकड़ाने गई तो उसमे मैने दो नींद की गोलियाँ डाल दी जो मैं बाजार से लेकर आई थी करीब उनके दूध पीने के 20 मिंट बाद मैं उनके रूम मे गई तो वो सो रहे थे. उन्होने लोवर & शर्ट पहनी हुई थी मैने उनको हिला के देखा लेकिन वो तो गोली के नशे मैं सो रहे थे.
मैने उनकी लोवर नीचे की तो देखा कि उन्होने अंडरवेर नही पहना हुआ था ओर जो मैने देखा वो देख के दंग रह गई अभी उनका लंड सोया हुआ था लेकिन फिर भी करीब 5 इंच के करीब था मैने उसे हाथ मे पकड़ा ओर इधर उधर कर के देखने लगी तो उसका आकार बदलने लगा ओर फिर वो एकदम टाइट हो गया और उसका आकार 11इंच का हो गया जो कि वंदना ने बताया था.
अब मुझ से रहा नही जा रहा था मेरी चूत मैं खुजली होने लगी थी मैने उसे मूह मे लिया ओर चूसने लगी ओर 15 मिंट चूसने के बाद मैं उठी ओर उनकी लोवर ठीक की और आपने रूम मैं आ गई ओर उंगली से आपनी आग को शांत किया मैं चाहती तो उसी वक़्त लंड का मज़ा ले लेती.
लेकिन मेरी तमन्ना थी कि जब बाबूजी जाग रहे हों ओर वो पूरे प्रेम से ओर जोश से खुद मुझे चोदे अब मैने उनके लंड का दीदार तो कर लिया था अब उसे पाने की ललक मेरे मन मैं बहुत तीब्र हो चुकी थी मैं सारी रात सोचती रही कि ये सब कैसे होगा मैं सारी रात सोई नही और कोई प्लान बनाती रही और आख़िर मैं मुझे एक प्लान सूझ ही गया ओर नेक्स्ट सुबह जब बाबूजी नहाने गये.
तो मैने उनके मोबाइल से अपनी ननद को फ़ोन किया ओर कहा कि मुझे फ़ोन करो इसी नंबर पे बाबूजी वाले पे अभी मेरी ननद वंदना ने फ़ोन किया तो बाबूजी बोले के कुसम बेटा देखो किस का फ़ोन. है तो मैने कहा कि वंदना दीदी काहै तो बोले कि बात कर लो मैने कहा कि ठीक है और फ़ोन ले कर आपने रूम मैं चली गई और बात करने लगी.
वंदना – हां भाभी कहो क्या बात है.
मैं – दीदी क्या कर रही हैं आप.
वंदना – कुछ भी नही आप बात तो बताओ.
मैं – दीदी एक मज़े की बात है अगर कहो तो तुम्हारी तमन्ना पूरी करवा दूँगी.
वंदना – बताओ भी भाभी क्या बात है पहेलियाँ मत बुझाओ.
मैं – दीदी मोम, समीर उसकी वाइफ और तुम्हारे बड़े भैया कोई भी घर पे नही है 15 दिन के लिए सिर्फ़ मैं अकेली हूँ घर पे बाबूजी के साथ और रात तो मैने उनके लंड के दर्शन भी कर लिए हैं ओर अब उसे पाने का प्लान भी बना लिया है अगर तुम भी चाहती हो तो आ जाओ आज बोलो क्या कहती हो.
वंदना – सच भाभी मैं आज ही पहुँच जाउन्गि.
मैं – लेकिन घर पे क्या कहोगी एक बात सुनो मैं तुम्हारी बाबूजी से बात करवाती हूँ जब वो तुम्हे बताएँगे कि घर पे कोई नही है तो तुम कहना कि बाबूजी अगर आप कहों तो मैं आ जाती हूँ 10 दिन के लिए बाबूजी मान जाएँगे फिर तुम कहना के आप उनको एक बार कह दो इसी बहाने मैं भी आप के पास 10 दिन रह जाउन्गि. शादी पे तो मैं आप के पास ठीक से बैठ भी नही पाई और आप से कोई बात भी नही कर पाई. कहना मैने तो यू ही फ़ोन. किया था हालचाल पूछने के लए.
वंदना – ठीक है भाभी बात कर्वाओ मेरी बाबूजी से.
तभी बाबूजी नहा के आ गये ओर मैने फ़ोन उन्हे दे दिया ओर कहा कि वंदना दीदी आप से बात करना चाहती है. जब बाबूजी ने बताया के घर पे कोई भी नही है तो वंदना दीदी ने वही कहा जो मैने उसे समझाया था तो बाबू जी ने कहा कि वहाँ घर पे खाना वग़ैरा कौन बनाएगा तो उसने बता दिया कि घर पे सासू मोम और उसकी छोटी ननद भी है जो छुट्टियो मैं आई हुई है.
ओर अभी 15-20 दिन यही रहेगी तो बाबूजी ने कहा कि ठीक है मेरी बात कर्वाओ. वैसे भी बाबूजी वंदना दीदी से बहुत प्यार करते थे और वो उनकी लड़ली बेटी थी. वंदना दीदी ने फ़ोन जीजा जी को दे दिया ओर बाबूजी के कहने पे वो दीदी को भेजने के लिए राज़ी हो गये. मैने बाबूजी को खाना बना के दिया ओर वो खा के शॉप पे चले गये और मैं घर के काम मैं बिज़ी हो गई.
करीब 2 बजे के करीब वंदना दीदी भी आ गई और आदर आते ही मुझसे बोली है भाभी पहले ये बताओ के आप ने वो कमाल कैसे किया. मैने कहा कि कॉन सा कमाल तो बोली कि ज़यादा भोली मत बनो ये बताओ कि बाबूजी के लंड का दीदार कैसे किया मैने कहा कि बताती हूँ पहले थोड़ा सबर करो कोई चाइ पानी तो पी लो तो बोली की नही पहले मुझे बताओ.
तो मैने उसेकहा कि इतनी उतावली क्यों होती हो दीदी अगर अभी सब कुछ जान लोगि तो सस्पेंस क्या रहेगा मैं बता दूँगी आप को आप फिकर क्यो करती हो बस ये जान लो कि रात मैने उनके लंड का दीदार कर लिया है ओर उसे छू के भी देखा है और उसे चूसा भी है तो वो बोली है भाभी आप तो सच मैं कमाल की चीज़ हो एक ही दिन मैं मोर्चा मार लिया अब बताओ कि आगे का प्लान क्या है.
मैने उससे कहा कि कल हम बाजार चलेंगे और आगे के प्लान पे काम शुरू कर देंगे तो वो बोली कि फिर मुझे आज ही क्यो बुलाया तो मैने कहा कि धीरज रखो आगे आगे देखो होता है क्या. मैने कहा कि आज तुझे भी बाबूजी के लंड के दर्शन करवा दूँगी ओर उसे छूने का सोभाग्य भी दिलवा दूँगी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
तो उसने मुझे बाहों मैं भर लिया और मेरा मूह चूम के बोली थॅंक यू भाभी पर एक बात बताओ आप तो कहती थी कि भैया को धोखा नही दोगि फिर ये इरादा कैसे बन गया तो मैने कहा कि दीदी उस दिन आप ने बाबूजी के लंड की तारीफ ही इतनी की थी के मुझे सारी रात वो ही बातें सताती रही ओर सोने नही दिया.
उसके बाद तो रोज रात में मुझे आप दिखाई देती थी सपने मैं बाबूजी के लंड को देख के खुश होती हुई बस फिर मैने मन बना लिया कि मैं भी उसे देख के ही दम लूँगी ओर उसका मज़ा भी लूँगी ओर आप को भी मज़ा दिलवाउंगी तो वो बोली भाभी आप बहुत अच्छी हो तो मैने कहा कि दीदी अब मस्का मत लगाओ और फिर हम आपस मैं बातें करने लगी.
रात 8 बजे के करीब बाबूजी घर आ गये ओर उन्होने खाना खाया और फिर हम तीनो बैठ के आपस मे बातें करने लगे. करीब 9.30 बजे मैने पूछा कि बाबूजी आप को दूध अभी ला दू या बाद मैं मुझे नींद आ रही है तो वो बोले कि ला दो बहू मुझे भी नींद आ रही है.
बाबूजी बोले वंदना बेटी तुम कहाँ सोओगी तो वो बोली के मैं भाभी के पास ही सो जाउन्गि फिर मैं दूध लेने चली गई.मैने दूध गरम किया ओर बाबूजी के दूध मैं 2 नींद की गोलियाँ मिला के मिक्स किया और वंदना दीदी को आवाज़ लगाई तो वो किचॅन मैं आ गई तो मैने कहा कि आप भी अभी पिएन्गि या बाद में.
तो वो बोली के अभी दे दो तो मैने कहा के नही हम बाद मैं पी लेंगे पहले ये दूध बाबूजी को दे दो ओर हाँ एक बात का ख्याल रखना कि वहीं पे बैठ जाना जब वो दूध पी लें तो ये गिलास ले आना अगर वो बोले के मैं बाद मैं पी लूँगा तो कहना भाभी अभी हमारे लिए दूध गरम कर रही है तब तक आप पी लीजिए वो ये गिलास भी अभी धो के रख देगी.
भाभी कह रही थी कि कल भी बिल्ली ने गिलास तोड़ दिया है एक जो उनके रूम मे पड़ा था. वो बोली के अभी क्यों पीना है वो बाद मैं पी लेंगे मैने कहा कि वो करो दीदी जो मैं कहती हूँ फिर आगे के बारे मैं भी बताती हूँ वो बोली ठीक है ओर दूध ले कर चली गई ओर बाबूजी को वोही बोली जो मैने कहा था.
मैं किचन मे ही खड़ी उसका वेट करने लगी मैने उसे कहा था कि मैं किचॅन मे ही हूँ बस तुम दूध पीला के जल्दी से वापिस आ जाओ. मैं किचॅन मे ही वंदना दीदी का वेट कर रही थी कि तभी वो दूध पिला के आ गई तो मैने कहा के लो अब आप भी दूध पिओ ओर मैं भी पी लेती हूँ फिर कोई 15 मिंट तक हम दोनो किचॅन मे ही बातें करते रहे.
ओर फिर गिलास धोने के बाद मैने उसे कहा कि देखो बाबूजी क्या कर रहे हैं तो वो बोली कि टीवी देख रहे थे मैने कहा कि अब देखो क्या कर रहे हैं और हाँ चुपके से देखना तो वो देखने चली गई और वापिस आ के बोली कि भाभी वो तो सो रहे हैं. उन्हे दूध पिए 25 मिंट के करीब हो गये थे ओर मैने केमिस्ट से पूछ लिया था कि ये अगर कोई दो गोलिया ले ले तो 20 या 25 मिंट मैं पूरी तरह सो जाता है.
ओर फिर 2 अवर तक वो नही उठते आप जो मर्ज़ी शोर मचा लो उसके पास. मैने गोलियाँ ये कह के ली थी कि मुझे नींद नही आती है. अब मैने वंदना दीदी को कहा कि चलो मेरे साथ और मैं उन्हे पकड़ कर बाबूजी के रूम मे ले गई. मैं बाबूजी के बेड पे चढ़ गई तो दीदी मुझे देख रही थी.
मैने बेझीजक बाबूजी की लोवर नीचे की ओर उनका लंड बाहर निकल आया आज भी बाबूजी ने सिरफ़ लोवर ही पहन रखी थी. दीदी देख के डर गई कि भाभी बाबूजी उठ जाएँगे आप ये क्या कर रही हो तो मैने कहा कि फिकर मत करो नही उठेंगे मैं हूँ ना तुम मेरे पास आओ तो वो भी मेरे पास आ गई.
मैने कहा कि लो इसे छू के देखो अब हमारा हाथ लगने के बाद बाबूजी का लंड टाइट होने लग गया था ओर पूरे जोबन पे आने को तैयार था. वंदना दीदी तो उसे देख कर पागला सी ही गई थी ओर कह रही थी हाई भाभी ये तो बहुत ही कमाल का है ओर पागलों की तरह उसे चूमने लगी और चूसने लगी.
करीब 15 मिंट तक हम दोनो ने उसे जी भर के चूसा ओर फिर मैने दीदी को कहा के अब चलो वरना ये पानी छोड़ देगा ओर बाबूजी उठ जाएँगे तो दीदी बोली के नही भाभी मेरी तो चूत पे खुजली हो रही है मैं तो लंड का मज़ा ले कर ही जाउन्गि. मैने कहा कि दीदी आप इतनी उतावली क्यो हो रही हैं आप ने सुना ही होगा कि हमेश ठंडा कर के खाना चाहिए वरना मूह जल जाता है.
तो वो बोली कि मेरा क्या मूह जलेगा मेरी तो चूत जल रही है भाभी तो मैने कहा कि एक बात तो है कि अगर तुम अभी मज़ा लोगि तो एक तो बाबूजी जाग जाएँगे. दूसरा सोते हुए इंसान का लंड उतना जोश मैं नही होता जितना जागते हुए का होता है मेरे होते हुए चिंता मत करो तुम्हे लंड का मज़ा भी मिलेगा इंतजार तो करो थोड़ा अगर एक बार ये तुम्हारी चूत मे घुस गया.
तो फिर तुम वो आनंद कभी नही पा सकोगी जिसके लिए तुम इतनी उतावली हो ओर बात उसकी समझ मैं आ गई ओर वो उठ खड़ी हुई मैने बाबूजी की लोवर को वैसे ही खुली हुई छोड़ दिया ओर उनके लंड को बाहर ही छोड़ दिया. आपने साथ मैं लिपीसटिक ले गई थी उसे अपने होठों पे आछे से लगाया ओर बाबूजी के लंड पे चारो तरफ किस के निशान छोड़ दिए और उठ खड़ी हुई.
तो वंदना बोली भाभी इसे तो उपेर कर दो तो मैने कहा कि नही दीदी इसे ऐसे ही रहने दो तो वो बोली कि वो क्यो तो मैने कहा कि आप बस चुप चाप देखती रहो कि होता क्या है ओर हम वापिस आपने रूम मे आ गई लेकिन आग दोनो की चूत मैं भड़क रही थी सो दोनो ने एक दूजे की चूत मैं उंगली डाल के वो आग भुज़ाई.
जब आग भुज गई तो वंदना दीदी बोली कि भाभी अब मुझसे रहा नही जा रहा अब मैं और सस्पेंस मे नही रह सकती क्या आप मुझे मेरे कुछ सवालों के जवाब देंगी तो मैने कहा कि ठीक है बाबा अब मैं भी आप को सस्पेंस मैं नही रखूँगी सब कुछ बता दूँगी पूछो क्या पूछना है तो वो बोली की भाभी पहले तो ये बताओ कि बाबूजी उठे क्यो नही थे ये सब क्या चक्कर है.
मैने कहा कि आप अभी भी नही समझी तो वो बोली की नही तो मैने कहा कि ठीक है दीदी मैं बताती हूँ आप को मैने जो दूध आप को दिया था बाबूजी को पिलाने के लिए उस्मै नींद की गोलिया घोली हुई थी मैने तभी तो हम 20-25 मिंट बाद गये थे बाबूजी के रूम मे तो वो मुझे हैरानी से देखती हुई बोली के भाभी आप तो कमाल की चीज़ हो यार ओरये बताओ कि आप ने बाबूजी के लोवर को उप्पेर क्यो नही किया ओर उसपे किस के निशान क्यो छोड़ दिए.
मैने कहा कि वो इसलिए दीदी कि जब बाबूजी उठेंगे तब तक हम सो चुके होंगे अगर हम लोवर को उप्पेर कर देते तो उन्हे ये पता नही चलता कि उनके साथ क्या हुआ है लेकिन जब वो आपने लंड को लोवर के बाहर पाएँगे तो सोचेंगे कि ये बाहर कैसे आ गया अब रही किस के निशानो की बात तो वो इस लिए कि अगर बाबूजी लंड को बाहर देखते तो पहली बार तो सोचते कि ये बाहर कैसे आ गया.
फिर सोचते कि हो सकता है मैने ही इसे नींद मैं बाहर निकाल लिया होगा लेकिन अब जब वो आपने लंड पे किस के निशान देखेंगे तो ज़रूर सोचेंगे कि ये निशान कैसे आ गये ओर वो भी लिपीसटिक के ओर फिर वो सोचेंगे कि हम दोनो के सिवा तो घर मैं कोई भी लेडी नही है सो हो सकता है.
कि वो हमारे रूम की तरफ भी आएँ कि हम क्या कर रही हैं ये सब उनके मन मैं हमारे खिलाफ शक का बीज़ बोने के लिए है ताकि वो सोचें कि कहीं ये दोनो ही ऐसा तो नहीं कर रही. वो बोली भाभी आप तो बहुत ही गजब की चीज़ हो लगता है कि आप ने बहुत लंड खाए हैं.
पहले तो मैने कहा कि नही दीदी लेकिन जितनी उतावली आप हो रही हैं आप ने ज़रूर लगता है कि बहुत खाए है तो वो बोली नही भाभी एक बाबूजी के लंड को पाने की तमन्ना की है ओर लगता है कि वो अब आप की वजह से पूरी हो जाएगी लेकिन भाभी एक बात पूछूँ. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैने कहा कि पूछो तो वो बोली के भाभी जो तुम्हारा प्लान है उसे तो तुम अकेली भी पूरा कर सकती थी घर पे किसी और को तो क्या मुझे भी पता नही चलता कि आप ने क्या किया है फिर आप ने मुझे क्यो बुला लिया तो मैने कहा कि दीदी पहले मेरा इरादा भी अकेले मज़ा लेने का था लेकिन जब मैने पहले दिन बाबूजी का लंड देखा.
तो मैं सारी रात प्लान बनाती रही उसे पाने का ओर प्लान मैने बना भी लिया था अकेले ही मज़ा लेने का लेकिन फिर मैने सोचा कि जिसने मुझे उकसाया और ये बताया कि मेरे घर पे इतना बड़ा लंड है ओर मेरे मन मे उसके लिए लालसा भड़काई मैं उसे तो भूल ही रही हूँ. अगर मैं अकेली ही मज़ा ले लूँगी तो ये ठीक नही होगा.
मैने सोचा कि ये आप का एहसान चुकाने का अच्छा मौका है वो बोली कि कौन सा एहेसान चुकाने का तो मैने कहा कि यही कि आप ने मुझे बाबूजी के लंड के बारे मैं जानकारी दी ओर मेरे मन मैं उसे पाने की ख्वाइश पैदा की अब मैं भी तसली पा सकूँगी और तुमसे कह सकूँगी कि सिर्फ़ आप ही नही हैं जिसने बड़े लंड से मज़ा लिया है बल्कि मैं भी आप के बराबर ही 11इंच के लंड से चुद चुकी हूँ.
मेरी बातें सुन के वो बोली कि भाभी मैं आप को बहुत चाहती थी लेकिन आज वादा करती हूँ कि अगर आप मेरी जान भी माँगोगी तो मैं दे दूँगी आप मेरे बारे मैं इतना सोचती हैं.मैने उसे कहा कि दीदी आप कैसी बातें करती हो आप आख़िर ननद हो मेरी मैं आप के बारे मैं नही सोचूँगी तो किस के बारे मैं सोचूँगी.
फिर वो बोली की वो तो ठीक है भाभी लेकिन ये बताओ कि अभी आगे प्लान क्या है बाबूजी को पटाना कैसे है अभी तो मैने उसके कान मे अपना सारा प्लान सुना दिया जिसे सुनकर वो मेरी गालो को चूमने लगी और बोली कि भाभी गजब की चीज़ हो आप मैने कहा की ठीक है अभी सो जाओ ओर वो सो गई.
लेकिन मेरी आँखों मैं नींद नही थी ओर मैं अपने प्लान के मुताबिक वेट कर रही थी क्यो की मुझे यकीन था कि बाबूजी जब उठेंगे तो हमारे रूम की तरफ ज़रूर आएँगे और मैं ये देखना चाहती थी कि वो आते हैं या नही इस लिए मैं डोर के की होल मे आँखे लगा के बैठी थी और करीब 12.30 बजे बाबूजी उठे.
ओर मेरी सोच के मुताबिक वो हमारे रूम की तरफ आए और डोर से कान लगा कर कोई आहट सुनने की कोशिश करने लगी लेकिन दीदी सो गई थी और मैं कोई आहट करने वाली नही थी और 10 मिंट रुकने के बाद वो आपने रूम मैं वापिस चले गये ओर मैं भी सो गई लेकिन मन ही मन मैं बहुत खुश हो रही थी क्यो कि सब कुछ मेरे प्लान के मुताबिक ही हो रहा था.
(आप सोच रहे होंगे के मैने अपनी ननद को साथ मे शामिल क्यो किया वो इस लिए क्यो कि मैं बाबूजी को ये शो करवाना चाहती थी कि उनकी बेटी मुझ से ज़यादा उतावली है किसी से सेक्स करने के लए मुझे तो वो इस्तेमाल कर रही है जब कि मैं अपनी ननद को इस्तेमाल कर रही थी.)
नेक्स्ट सुबह हम उठी और घर के काम मे लग गई जब मैं बाबूजी को चाइ देने गई तो वो मुझे अजीब सी नज़रों से देख रहे थे मैं समझ गई कि ये सब रात की वजह से है और मैने ये बात दीदी को बता दी और जब वो बाबूजी के पास गई तो वो उसे भी उन्ही नज़रों से घूर रहे थे.
ये दीदी ने बताया मुझे मैं समझ गई कि उनके मन मे हमारे खिलाफ शंका का बीज जनम ले चुका है और ये ही हमारी सफलता के लिए ज़रूरी भी था. बाबूजी खाना खाने के बाद शॉप पे चले गये थे मैं और दीदी घर पे थी दीदी बहुत खुश नज़र आ रही थी.
मैने कारण पूछा तो बोली कि भाभी क्यो अंजान बन रही हो ये सब आप की ही वजह से है क्यो की आप के ही कारण मुझे बाबूजी के लंड के दर्शन हुए ओर उसे चूसने का सोभाग्य मिला है मैं तो ये सोच कर खुश हो रही थी की जब वो मेरे अंदर जाएगा तो मुझे कितना मज़ा आएगा.
कुछ देर हम यू ही बातें करते रहे और फिर शाम हो गई तो मैने कोई 6 बजे के करीब वंदना दीदी को बुलाया और आगे के प्लान पे काम करने को कहा तो उन्होने झट से मेरे बेडरूम के डोर का शीशा तोड़ दिया हमारे यहाँ डोर में हाफ प्लाइ और हाफ शीशा लगा हुआ था जो हमने तोड़ दिया रात को अंदर कुछ ना दिखे इस लिए हर शीशे के आगे परदा लगा हुआ था.
हमने काँच वहाँ से उठा दिया जब रात को बाबूजी आए तो दीदी ने सब से पहले बाबूजी से ये ही कहा कि कल एक शीशा लगाने वाले को भेज दीजिएगा वो मुझसे सफाई करते हुए शीशा टूट गया है बाबूजी बोले कि ठीक है फिर मैने उन्हे खाना दिया और फिर 10 बजे गोलिओं वाला दूध पिला दिया और फिर मैने और दीदी ने जी भर के बाबूजी के लंड को 20 मिंट तक चूसा.
और फिर मैने दीदी से कहा क्या आज आप को पता है ना कि हमने क्या करना है तो वो बोली कि याद है और फिर मैने बाबूजी के लंड पे अपनी लापिसटिक के किस के निशान छोड़ दिए और हम दोनो बाबूजी का लोवर नीचे ही छोड़ कर अपने रूम मे आ गई.
हम दोनो को आज नींद नही आ रही थी ओर हम लोग बाबूजी के उठने का इंतज़ार कर रही थी और कोई 12.30 बजे के करीब बाबूजी उठे और हमने देखा कि वो हमारे रूम की तरफ ही आ रहे हैं आज हमने रूम में नाइट बल्ब जलता हुआ छोड़ रखा था और हमे पता था कि बाबूजी पर्दा हटा के शीशा टूटा हुआ होने की वजह से अंदर ज़रूर देखेंगे.
जब बाबूजी हमारे रूम के नज़दीक आ गये तो मैने धीरे से कहा कि दीदी ये आप क्या कर रही हैं ये मैने बिल्कुल धीरे से कहा लेकिन इतनी आवाज़ ज़रूर थी कि बाबूजी के कानो तक पहुँच जाए. बाबूजी रूम मे झाक रहे थे पर्दे को थोड़ा सा सरका के हम दोनो ने डोर की तरफ देखना ही बंद कर दिया था ताकि बाबूजी आराम से खड़े हमारा तमाशा देखते रहें.
मैने कहा कि दीदी ये आप क्या कर रही हैं दीदी मेरी बूब्स को सहला रही थी वो बोली कुछ नही भाभी बस नींद नही आ रही है तो मैने कहा कि आप ने मेरी नींद को खराब कर दिया वो बोली मैने क्या किया और वो फिर मेरी बूब्स को सहलाने लगी तो मैं उठ के बैठ गई और बोली कि दीदी क्या बात है वो बोली भाभी एक बात पूछूँ सच सच बताना.
मैने कहा कि पूछो तो वो बोली भाभी भैया भी यहाँ पे नहीं हैं और तुम्हारे जीजा भी नही हैं क्या तुम्हारा मन नही करता कुछ करने को मैं तो मरी जा रही हूँ सो सोच रही हूँ कि तुम से ही दिल बहला लूँ तो मैने कहा कि दीदी ये आप कैसी बातें कर रही हैं तो वो बोली कि भाभी अगर अभी कोई मरद सामने आ जाए.
तो मैं तो उसी के आगे टाँगे फैला दूँ सच मैं मेरा तो इतना मन कर रहा है तो मैने कहा कि दीदी धीरे बोलो कहीं बाबूजी उठ गये और उन्होने तुम्हारी बातें सुन ली तो हमारी खैर नही.वो बोली की भाभी डरो मत पहली बात तो बाबूजी रात को उठते ही नही हैं क्यो कि मैं उनकी आदत जानती हूँ कि वो रात मे आपने रूम मे से बाहर नही निकलते.
और अगर निकल भी आए तो हम कोन सी कोई दूसरी दुनिया की बात कर रहे हैं जो बाबूजी सुन लेंगे. बाबूजी का कौन सा मन नही करता होगा पता नही मा के बिना वो भी कितना तड़पते होंगे उनका भी तो मन करता ही होगा मैने कहा कि दीदी ये आप कैसी बातें कर रही हैं आज तो वो बोली कि भाभी आज मेरा मन बहुत मचल रहा है आज प्लीज़्ज़ आप ही मुझे मसल दो मेरे बूब्स को सहलाओ ओर मेरे बूब्स को चूस्लो वरना मैं सारी रात तड़पती रहूंगी.
बाबूजी वहीं पे खड़े हमारी बातें सुन रहे थे मैने कहा कि दीदी आप तो मेरा भी मूड खराब कर रही हैं मुझे भी आप उनकी याद दिला रही हैं तो वो बोली कि भाभी आओ आज मैं आप के बूब्स को मसलती हूँ आप मेरे बूब्स मस्लो और फिर उसने मेरी नाइटी उपर उठा दी और नीचे से मेरे 36 साइज़ के बूब्स बाहर निकल आए.
तो वो बोली कि हाई भाभी ये तो बहुत ही प्यारे लग रहे हैं तो मैने कहा कि इन्ही पे तो मरते हैं दीदी आप के भाई साहिब और वो मेरे बूब्स को मसलने और चूसने लगी तो मेरे मूह से सिसकियाँ सी निकलने लगी तो मैने भी उसकी नाइटी उपर करदी तो उसके भी 38साइज़ के बूब्स बाहर आ गये.
और मैने कहा कि दीदी आप के बूब्स देख के कई मनचले सीटी बजाते होंगे तो वो बोली कि दीदी इन्ही की वजह से तो तुम्हारे जीजू मुझे हर रोज 2 बार तो ज़रूर ही चोद्ते हैं तभी तो मुझे जल्दी भेजते नही हैं यहाँ पे. तो दोस्तो सोचिए इन दोनो प्यासी चूतो की बात सुनकर बिचारे बाबूजी पर क्या बीत रही होगी.
फिर दीदी ने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया अब मेरी हालत अजीब सी हो रही थी मेरे मुँह से किलकरियाँ सी चूत रही थी और दीदी पूरे ज़ोर से मेरी चूत को चाट रही थी और मेरी चूत मे अपनी जीब घुमा रही थी. ओर मैं सिसक रही थी हाईईईईईईईईईईईईईईईई दिदीईईइ यी आपप्प्प्प क्याआआआआआआ कर रायियैयियी हययेयैयिन्न्न. ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआईईईई म्म्म्ममाआआअ उउउउउईईईईईई म्म्माआआआआअ.
और दीदी पूरे मज़े से मेरी चूत चाट रही थी फिर दीदी ने मुझे कहा कि अब तुम मेरी चूत चॅटो और मैने उनकी चूत चाटनी शुरू कर दी और फिर दीदी सिसकने लगी वो बॉली भाभी आप तो कमाल की चूत चाटती हो इतनी बढ़िया तो कभी तुम्हारे जीजू ने भी मेरी चूत नही चॅटी फिर तो तुम भैया का लंड भी बड़े मज़े से चुस्ती होगी.
तो मैने कहा कि हाँ दीदी वो तो मुझे कई बार कहते हैं कि कुसम मेरा दिल तो कई बार करता है की तुम्हे चोदु ना बस सारी रात तुम मेरा लंड ही चुस्ती रहो और कई बार तो मैं 3 3 घंटे भी उनका लंड चुस्ती हूँ ओर फिर दीदी ने दुबारा से मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मेरे मुख से सिसकियाँ निकलने लगी हाईईईईईईईईईईई मैईईईईईईईई मार्र गाईईईईईईई डीईईईईईईईययड्डिईईईईईईईई आआआअप्प्प्प्प्प नीईएए कैसी आग लगा दी है प्ल्ज़ अब इसे शांत भी कर दीजिए चाहे अपनी उंगली से ही बुझा दीजिए वो बोली कि भाभी काश कि अभी भैया और तुम्हारे जीजू यहाँ आ जाए और हमे जी भर के चोदे.
तो मैने कहा कि दीदी अभी तो मैं मरी जा रही हूँ अभी तो यहाँ पे कोई भी मरद आ जाए और मुझे चोद कर मेरी प्यास भुजा दे तो मैं सारी रात उससे चुदवाने को तैयार हूँ अगर कोई आज या कल मैं भी मुझे चोद दे तो भी मैं सारी रात उससे चुद जाउन्गि हाईईईईईईईईईई दडिईईयययद्ड् माइईईईईई मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर राहहीी हूओन्न.
मैं क्या करूँ और फिर हम दोनो 69 के पॉज़ मे आ गई ओर एक दूसरे के चूत चाटने लगी ओर फिर हम दोनो ही खलास हो गई तो मैने कहा की दीदी आप ने तो बहुत तंग किया है आज मुझे. है मेरी चूत तो अभी भी लंड को तरस रही है. वो बोली कि हाँ भाभी दो चूत हैं जो लंड को तरस रही हैं.
और इस घर मैं उनकी प्यास भुजाने वाला या उनकी फरियाद सुनने वाला कोई लंड नही है कैसी विडंबना है.मैने कहा कि काश मुझे कोई खड़ा हुआ लंड दिख जाए तो मैं तो चूम लूँ उसे और जी भर के चुदवाउ उससे. यू ही बातें करती हुई हम दोनो लेट गई और सोने का नाटक करने लगी तो मैने देखा कि बाबूजी अपने रूम की तरफ जा रहे हैं तो मैं और दीदी भी उठ गई ओर जल्दी से नंगी ही उनके पीछे उनके रूम की तरफ चल पड़ी.
हमने दिन मे ही बाबूजी के रूम की एक खिड़की खुली छोड़ कर उसका पर्दा इस तरह से कर दिया था ता कि हम अंदर का नज़ारा देख सके जब हमने अंदर देखा तो बाबूजी बेड पे बैठे हुए थे और उन्होने अपना 11इंच का तना हुआ लंड आपने हाथ मे पकड़ रखा था और उसे हिला रहे थे.
दीदी ने मेरे कान मे कहा कि भाभी मैं अंदर जा रही हूँ मैं अब नही रह सकती बाबूजी से चुदे बिना मेरे मूह मे पानी आ रहा है उनका खड़ा हुआ लंड देख कर मैं नही रह सकती चुदे बिना भाभी देखो ना बाबूजी का लंड भी चूत के लिए तड़फ़ रहा है ओर उन्हे मूठ मारनी पड़ रही है लेकिन मैं उसे आपने रूम मे ले गई ओर उसे समझाया की अगर तुम अब बाबूजी के सामने गई.
तो बाबूजी समझ जाएँगे के ये हमारी चाल थी उन्हे फसाने की हमे खुद उनके पास नहीं जाना है बल्कि ये करना है कि वो हमे चोदने को तड़प उठें और तुम ये क्यू भूल रही हो कि वो मूठ भी तो हमारा नाम ले कर ही मार रहे होंगे ओर फिर मैने दीदी को समझा भुजा कर सुला दिया. मैने दीदी को करीब 4 बजे फिर उठा दिया कपड़े तो हम लोगों ने पहने हुए ही नही थे.
दीदी ने पूछा कि अब क्या करना है तो मैने उसके कान मे सारी बात समझा दी और खुद बाबूजी के रूम की तरफ गई और देखा कि वो सो रहे हैं मैने जान बूझ कर किचन मे से एक गिलास ले कर नीचे गिरा दिया और अपने रूम मे भाग कर आ गई मेरे अंदाज़े के मुताबिक बाबूजी उठे ओर किचॅन मे गये और वहाँ देखा कि एक गिलास नीचे गिरा हुआ है ओर सोचा कि कोई बिल्ली गिरा गई होगी.
ओर फिर वो हमारे रूम की तरफ आने लगे उन्हे आता हुआ देख कर मैं ओर दीदी फिर शुरू हो गई और एक दूसरे के बूब्स सहलाने लगी और चूत चाटने लगी एक दूसरी की. बाबूजी पर्दे के पीछे खड़े हुए सब देख ओर सुन रहे थे. दीदी बोली कि भाभी प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज या तो एक या दो दिन मे अपने जीजू को एक रात के लिए यहाँ बुला लो नही तो मैं किसी और लंड से चुद जाउन्गि अब मुझसे रहा नही जा रहा है मैं किसी को पकड़ के ही ले आउन्गि यहाँ दिन मे मुझे चोदने के लिए.
तो मैने कहा कि और किस लंड से चुदवाने का इरादा है दीदी तो वो बोली कि भाभी यही तो प्रॉबलूम है कि इस घर मे अभी कोई भी लंड मोजूद नही है और फिर मैं बोली कि हे भगवान सुबह मुझे किसी खड़े हुए लंड का दीदार करवा दे. और फिर हम दोनो एक दूसरे को चूमती ओर चाटती हुई सोने का नाटक करने लगी.
सुबह जब मैं उठी और बाबूजी के लिए चाइ ले कर गई तो मैने देखा कि पहले के विपरीत आज बाबूजी नहा कर तैयार हुए नही बैठे थे बल्कि लूँगी पहने हुए बैठे थे. मैने टेबल पे चाइ रख दी ओर पूछा कि नाश्ते मे क्या लेंगे तो वो बोले कि जो भी हो बना लो. बाबूजी बैठे हुए न्यूसपेपर पढ़ रहे थे.
मैने दीदी को नस्ता बनाने को कहा और खुद रोज की तारहे सफाई करने मे लग गई. जब मैं बाबूजी के रूम मे झाड़ू लगाने गई तो भी वो सोफे पे बैठे हुए न्यूसपेपर पढ़ रहे थे. जब मैं उनके सामने सफाई कर रही थी तो मैने देखा कि अचानक उन्होने आपनी टाँगें थोड़ी सी खोल दी और उनकी लूँगी थोड़ी सी सरक गई जिस की वजह से बाबूजी के तने हुए लंड का सूपड़ा दिख रहा था.
मैने उसे देखा तो देखती ही रह गई और जल्दी से सफाई कर के किचॅन मे गई. मैं समझ गई थी कि बाबूजी हमे अपना लंड दिखना चाह रहे हैं. मैने दीदी को जा के चूम लिया ओर कहा कि दीदी हम सफल हो रहे हैं आज बाबूजी ने मुझे आपने लंड के दर्शन खुद करवा दिए हैं तो वो बोली कि मुझे भी दर्शन करने हैं तो मैने कहा कि तुम नाश्ता ले कर जाओ मैं तुम्हे तरकीब बताती हूं तुम वैसे ही करना.
दीदी नाश्ता ले कर बाबूजी के रूम मे गई ओर उन्हे कहा कि नाश्ता कर लें तो वो बोले कि टेबल पे रख दो दीदी ने खाना टेबल पे रखा ओर वापिस मुड़ते हुए पानी का गिलास नीचे गिरा दिया. और बोली कि बाबूजी मैं अभी पोंच्छा ले कर आती हूँ और पोंच्छा ले कर फ़राश साफ करने के लिए चली गई.
उन्होने देखा कि बाबूजी अभी भी पेपर पढ़ रहे हैं तो वो बाबूजी की तरफ मूह कर के पोंच्छा लगाने लगी तो बाबूजी ने फिर आपनी टाँगें थोड़ी सी खोल दी ता कि दीदी को भी उनके लंड के दर्शन हो जाएँ ओर दीदी ने भी उनके लंड का दीदार कर लिया और वो भी बाबूजी ने खुद करवाया था.
सो वो भी खुश होती हुई आई ओर बोली कि सच में भाभी आप का प्लान काम कर रहा है और मुझे लगता है कि आज की रात हम दोनो की इच्छा पूरी हो जाएगी लेकिन उसे कैसे पूरी करना है ये रात को ही पता चलेगा. मैने कहा कि वो तो है ही. और फिर बाबूजी शॉप पे चले गये ओर हम दोनो रात का इंतज़ार करने लगी.
करीब 8 बजे बाबूजी आ गये ओर हम ने उन्हे खाना खिला दिया ओर फिर वहीं पे बैठ के टीवी देखने लगी. दीदी बाबूजी के पास ही बैठी हुई थी बल्कि यू कहें कि उनकी टाँगो से टाँगे ज़ोड कर बैठी हुई थी और मैं सोफे पे बैठी हुई थी. दीदी की टाँगों के सपर्श की वजह से बाबूजी का लंड तना हुआ था और उनकी लोवर ने टेंट बना रखा था.
और बाबूजी जान बूझ कर उधर देख लेते थे ताकि दीदी का ध्यान भी उधर चला जाए और कभी कभी मेरी तरफ भी देख लेते थे लेकिन मैं तो अंजान बनी बैठी थी. ओर अब दीदी की धड़कने भी उनके खड़े हुए लंड को देख कर बढ़ने लगी थी कितभि दीदी ने मेरे प्लान के मुताबिक एक दम से हाई मैं मर गई हाई मैं क्या करूँ कर के चिल्लाना शुरू कर दिया.
बाबूजी ने पूछा कि क्या हुआ तो मैने कहा कि कुछ नही बस दीदी को थोडा सा दर्द शुरू हो जाता है तो बाबूजी बोले कि कहाँ पे तो मैने कहा कि बाबूजी अब आप को मैं क्या बताउ तो वो बोले कि प्ल्ज़ बताओ कि क्या हुआ है दीदी अभी भी चिल्लाने का नाटक कर रही थी.
मैने कहा कि दीदी की छातियो मे दरद होने लगता है आप मेरे रूम मे से क्रीम वाली शीशी उठा कर ले आइए मैं तब तक दीदी की छातियों पे मालिश करती हूँ बाबूजी उठे ओर भाग कर मेरे रूम की तरफ गये लेकिन उन्हे वहाँ पे कोई क्रीम मिलनी ही नही थी क्यो कि ऐसा कुछ है ही नही था और दिन मे हम लोगों ने एक फालतू क्रीम की शीशी ला कर छुपा कर रख दी थी.
बाबूजी वापिस आ गये ओर बोले कि मुझे वहाँ पे कोई शीशी नही मिली है मैं तब तक बैठी हुई दीदी की बूब्स को मसल रही थी तो मैने कहा कि आप दीदी को गोद मैं ले लीजिए और इनकी छातियों को मालिश कीजिए मैं तब तक क्रीम ढूंड के लाती हूँ और मैं बाहर चली गई और क्रीम की शीशी ले कर आ कर रूम के बाहर खड़ी हो गई और तमाशा देखने लगी.
बाबूजी ने दीदी को गोद मैने लिटा रखा था और उसकी बूब्स को मसल रहे थे इस वजह से दीदी ने चिल्लाना थोड़ा कम कर दिया था लेकिन जैसे ही बाबूजी रुकने लगते तो वो चिल्लाना तेज कर देती थी बाबूजी का लंड दीदी की बूब्स को सहलाने की वजह से तन चुका था ओर वो दीदी की पीठ को टच कर रह था.
बाबूजी ने मुझे आवाज़ लगाई तो मैं रूम मे आ गई और कहा कि बाबूजी ये रही क्रीम आप इसे लगा कर मालिश कीजिए एक छाती की मालिश मैं करती हूँ और फिर बाबूजी के सामने बैठ कर मैं दूसरे बूब्स को मसलने लगी बाबूजी का लंड दीदी की पीठ को टच कर रहा था इसलिए दीदी उसपे दबाव डाल रही थी और फिर धीरे धीरे दीदी को मज़ा आने लगा और वो बाबूजी से लिपटने लगी.
और फिर बाबूजी ने अपना हाथ दीदी की शर्ट के अंदर डाल कर उनके बूब्स को सहलाना शुरू कर दिया मैं समझ गई कि अब बाबूजी का मूड भी बन रहा है और फिर बाबूजी ने दीदी के बूब्स को ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया और दीदी सिसकने लगी. मैं जान बुझ कर उठ कर बाहर आने लगी तो बाबूजी बोले कि तुम कहाँ जा रही हो कुसम.
मैने कहा कि अपने रूम मे तो वो बोले कि आज तुम दोनो यहीं पे सो जाओ मेरे पास.मैने कहा कि वो क्यो तो वो बोले कि अगर रात को कोई ज़रूरत पड़ी तो मैं हेल्प कर दूँगा. हम तो चाहती यही थी सो मैने कहा कि ठीक है मैं आप के लिए दूध ले कर आती हूँ तो बाबूजी ने कहा कि रूको तो मैं रुक गई.
तो बाबूजी ने दीदी को एक तरफ लिटा दिया और मुझे बाजू से पकड़ लिया और कहने लगे कि आज मुझे वो दूध नही पीना है बहू आज तो मुझे तुम दोनो का दूध पीना है और इतना कह कर उन्होने मुझे बाहों मे भर लिया और मेरे होंठ चूसने लगे तो मैने कहा कि बाबूजी आप ये क्या कर रहे हैं तो वो बोले की मैं तुम दोनो से प्यार करना चाहता हूँ.
मैने कहा कि मैं तो आपकी बहू हूँ तो वो बोले कि हाँ मैं आज अपनी बेटी और बहू दोनो से प्यार करना और दोनो को पाना चाहता हूँ और दोनो को चोदना चाहता हूं. मैने कहा कि कहीं आप पागल तो नही हो गये हैं तो वो बोले हाँ मैं पागल हो गया हूँ दीदी ने कहा कि बाबूजी कुछ तो शरम कीजिए तो वो बोले कि शरम कैसी बेटी मुझे तुम दोनो बहुत अच्छी लगती हो जब से तुम दोनो को नंगा देखा है तब से मैं पागल हो गया हू.
हम दोनो ने सकपकाने की ज़बरदस्त आक्टिंग की के आप ने हमे कब नंगा देखा है तो उन्हो ने रात वाली सारी बात बता दी ओर फिर मेरे बूब्स सहलाने लगे दीदी और मैने थोड़ी देर और विरोध किया और फिर आख़िर हमे मानना ही था सो हम मान गई फिर बाबूजी मेरे बूब्स को सहलाने और उनसे खेलने लगे.
फिर मैने और दीदी ने बाबूजी को बिल्कुल नंगा कर लिया और जब उनका तना हुआ लंड देखा तो हैरान होने का नाटक करने लगी ओर कहने लगी कि हे भगवान इतना बड़ा है आप का तो तो बाबूजी बोले कि हाँ बहू मैं जानता हूँ कि अब तक तुमने सिरफ़ मेरे बेटे का लंड ही देखा है इसी लिए तो मैने आज तुम्हे आपने लॉड के दर्शन करवाए हैं ता कि मेरी बहू और बेटी भी ये सोच कर गर्व महसूस करें कि उन्होने सिर्फ़ लंड ही नही लॉडा भी खाया है.
मैने कहा कि बाबूजी ये तो बहुत मोटा भी है और लंबा भी ये ये तो मेरी चूत मे आएगा ही नही उसे फाड़ ही देगा तो वो बोले की डरो मत कुछ नही होगा बॅस दम देखती रहो आज हम कैसे मज़ा करते हैं. मैने कहा कि अगर मेरी चूत फट गई तो वो बोले कि वो तो मैं आज फड़ुँगा ही.
मैने कहा कि मैं सहन नही कर पाउन्गि तो बोले की जब लॉडा मज़ा देगा तो सब कुछ सहन कर जाओगी और फिर उनके एक तरफ दीदी लेट गई दूसरी तरफ मैं. अब बाबूजी ने भी हम दोनो के कपड़े उतार दिए थे और वो भी एक एक हाथ से हम दोनो के बूब्स को मसल रहे थे. ओर हम दोनो उनके लंड से खेल रही थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
फिर बाबूजी ने मुझे बेड पे लिटा दिया और बोले कि रोज तुम मेरे बेटे का लंड चूस्ति हो आज मुझे भी दिखाओ कि तुम लंड कितने मज़े से चुस्ती हो मैने जान भुज कर कहा कि बाबूजी आप ने क्या हमारी सारी बातें सुनी थी तो वो बोले कि हाँ और फिर मैं सारी रात सो नही पाया और तुम दोनो को चोदने का प्लान बनाता रहा.
फिर बाबूजी ने अपना लॉडा मेरे मूह मे डाल दिया ओर मैं लोलीपोप की तरह उसे चूसने लगी तो बाबूजी बोले कि कुसम सच मे ही तुम बहुत गजब का लॉडा चूस्ति हो. अब बाबूजी का लौंडा मैं चूस रही थी और मेरी चूत को दीदी चाट रही थी दीदी ने आपनी टाँगे बाबूजी के कंधो पे रखी हुई थी बाबूजी दीदी की चूत चाट रहे थे हम दोनो की सिसकियाँ फुट रही थी.
करीब 30 मिंट हम दोनो यू ही एक दूसरे की चूत चाटते और बाबूजी के लंड को चूस्ते रहे. दीदी ने बाबूजी से कहा कि बाबूजी आप तो बहुत प्यार से चूत को चाटते हैं तो बाबूजी बोले की सिर्फ़ चाटते ही नही चोद्ता भी बहुत प्यार से हूँ और सुनो तुम्हारी भी 10 या 11 इंच का लॉडा खाने की तमन्ना आज पूरी कर दूँगा.
तो दीदी बोली कि बाबूजी आप को मेरी तमन्ना का कैसे पता तो वो बोले कि मैने रात सब कुछ सुन लिया था. अब बाबूजी बोले कि ये बताओ कि पहले मैं किसे चोदु तो मैने कहा कि जिसे आप ठीक समझे तो बाबूजी बोले कि तुम बताओ वंदना. तो दीदी बोली कि बाबूजी वैसे तो मैं आप से चुदवाने को मरी जा रही हूँ अब मुझ से सहन नहीं हो रहा है.
लेकिन फिर भी आप भाभी को पहले चोदिए तो बाबूजी बोले कि तुमने बिल्कुल सही कहा है बेटी बेटी तो होती ही पराई है लेकिन बहू यहाँ आ के बेटी ही बन जाती है इस लिए पहला हक़ उसी का बनता है सो आज मैं पहले कुसम को ही चोदुन्गा और फिर तुम्हे चोदुन्गा आज मैं तुम दोनो को चोद चोद कर तुम्हारी चूत की धज़ियाँ उड़ा दूँगा.
मैं तो चाहती यही थी लेकिन मैं कह नही सकती थी. अब बाबूजी और वंदना दोनो ही मुझे कचोट रहे थे वंदना मेरी चुचिओ को मसल और चूस रही थी बाबूजी मेरी चूत चाट रहे थे. मेरे मूह से सिसकियाँ निकल रही थी मैं चिल्ला रही थी हाई बाबूजीइइईईईईईईईईई हाईईईईईईईईईईई प्पल्ल्ल्ल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़ कककककचूऊऊऊद्द्द्द्दद डिईईईईईए मुझहीईईई हहाइी म्माआईयईईन्न म्माररररर गाईईईईईईई प्ल्ज़ अब आअप्प्प्प्पं ल्ल्ल्लाओंडीई क्का ज्जलवा द्दिखा दीजिीए मीयर्र्रईयियी कक्च्छूत्त्त ककूऊ प्प्प्ल्ल्लज़्ज़्ज़.
हहााईयइ कचछूड्दडिईईईएन्न्नाअ म्मम्मूउुझहही हहाइईइ प्पल्ल्लज़्ज़ ज्जाअल्ल्लद्ददडिईई सस्स्सीए आआप्प्पंन्न्नाआ ल्ल्ल्लाआओउउद्दााअ द्ददडााल्ल्ल द्ददडियईीजज्ज़िईइईए न्न्नाअ म्म्मीईरररिइ कक्चहूत्त्त म्म्माईिईन्न हहाऐईइ प्प्प्ल्लज़्ज़्ज़ फफफफफ़ाआद्दद्ड द्ददडियईीजज्ज़िइ आआप्प्पंनननी ब्ब्ब्बाअहहुउऊ क्क्कीई कक्चहूउट कूओ आअज्जजज.
ओर बाबूजी बोले कि तुम तो कह रही थी कि लॉडा से नही पओगि और अब लॉडा खाने को मरी जा रही हो तो मैने कहा कि हहाआंन्न ब्ब्बाअब्ब्बुउउज्ज्जीइ म्म्म्माऐईन्न्न्न म्म्माअर्र्रीइ ज्ज्जाअ र्र्र्राअह्ह्हीई हहूओंन्न आआप्प्प ककक्कीए ल्ल्लओउउद्दीई सस्सीए कक्चहुद्दड़नन्नईए ककककूऊ उउउन्न्ंककूऊ ब्ब्ब्बाअहहाअरररर ग्ग्गाआययईए.
आआज्जजज टत्त्तीईएन्णन्न् ददडिईईईन्न्न्न् हहूऊ गग्ग्गाआययईए हहाऐईिईन्न्न्न् ऊऊररर म्म्मईएरररी कक्चहूत्त्त प्प्पाआय्यासस्सिईई हहाऐईयइ ऊओररर ज्ज्ज्जाअब्ब्ब्ब सस्सीई ईीइसस्सन्न्नईए आअप्प्प्प कक्क़ीए ल्ल्लाओउउद्ददीए कककूऊ द्डडीएककखाअ हहाऐईइ ययईए म्म्माअरर्री ज्ज्जाअ र्र्राअह्ह्हीइ ह्ह्ह्हाआईइ उउउस्स्सीए आआप्प्प्न्न्नीए आअन्न्न्द्द्दाअर्र्र ल्ल्लीएन्न्नईए कककू.
और बाबूजी ने चाट चाट के मेरी चूत का पानी निकाल दिया था. बाबूजी मेरी चूत को चाट भी रहे थे और कह रहे थे तड़पो बहू और तड़पो जितना तड़पो गी उतने ही चुदवाने मे मज़ा आएगा ओर बाबूजी अभी भी लगातार मेरी चूत को चाट रहे थे और आपनी जीब अंदर घुमा रहे थे जिस की वजह से मेरी सीस्कियाँ बढ़ती जा रही थी मेरे होंठ कांप रहे थे.
ह्ह्हाआईई ब्ब्बाअब्ब्बुउउज्जीइ प्प्प्ल्ल्लज़्ज़ दददाअल्ल्ल द्द्दीइज्ज्जीइईए न्न्नाअ आअप्प्पन्न्नाअ ल्ल्लाओउउद्ददाअ आआब्ब्बब तत्तूओ म्म्मीर्ररी कचहूत्त्त म्म्माईिईन्न्न ददडिययड्ड्डिईई प्प्प्ल्ल्लज़्ज़ आआप्प्प्प हहिईिइ कककाअहहिईिईए न्न्नाअ ब्बबाआबब्बुऊुज्ज्जि ससीए किी आअब्ब्ब ऊओररर न्नाआ त्टाअदफफफाआईएँन्न मंमुज़्ज़झहहीए प्प्प्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़ ब्ब्बब्उुज्ज्जि हहाऐईइ प्प्प्ल्ल्लज़्ज़्ज़.
ओर मेरी आँखो से पानी निकल रहा था क्यो कि मैं बहुत तड़प रही थी लौड़ा पाने के लिए और फिर बाबूजी ने भी देर नही की बेड पे मेरे कंधे नीचे लगा दिए ओर मुझे मेरे घुटनो पे खड़ा कर लिया और पीछे से मेरी चूत के मुख थोड़ा से आयिल लगायआ फिर आपने लंड का सूपड़ा मेरी चूत के मुख पे रख दिया मुझे एक लोहे की रोड अपनी चूत को टच करती हुई महसूस हुई.
दीदी मेरे सामने लेटी हुई थी मैं उसकी चूत को चाट रही थी अब दीदी भी सिसकने लगी थी की बबूजी बोले कि कुसम आज तक तुमने सिरफ़ लंड का स्वाद चखा है आज तुम्हे लॉड का स्वाद चखा रहा हूँ बस तुम आपना वादा याद रखना तो मैने कहा कि कोन सा वादा तो बोले कि वही जो तुम रात कह रही थी कि अगर आज या कल मैं मुझे कोई लंड चोदे तो उस से सारी रात चुदोगि लेकिन तुम्हारी किस्मत देखो कि तुम कितनी सोभाग्य शाली हो कि तुम्हे लंड की जगह लॉडा चोदेगा सारी रात.
मैने कहा कि ठीक है बाबूजी मैं आपना वादा नही तोड़ूँगी पर आप भी मुझे पूर जोश से चोदिए वो बोले कि ठीक है फिर तभी बाबूजी ने एक धक्का मारा और 11 मे से 4इंच लॉडा मेरी चूत मे समा गया मेरे मूह से एक चीख निकल गई मुझे यू लगा कि जैसे कोई लोहे की रोड मेरी चूत मे घुस रही हो.
मैने चिल्ला कर कहा कि बाबूजी प्ल्ज़ इसे निकाल लीजिए ना तो वो बोले की अभी तो कह रही थी कि मेरी चूत फाड़ दीजिए ओर अभी निकालने को कह रही हो बेटी ये कोई लंड नही है जो बीच मे ही निकल जाएगा ये तो लॉडा है ये तो अब अपना काम कर के वापिस निकलेगा ये तो अब तुम्हारी चूत की प्यास भुजा कर ही निकलेगा.
फिर उन्होने मेरे बूब्स को सहलाना शुरू कर दिया तो मुझे कुछ सकुन मिला लेकिन तभी उन्होने एक और धक्का मारा लॉडा 8इंच तक अंदर घुस गया लॉडा मोटा होने की वजह से मुझे दरद भी हो रहा था लेकिन अब दरद तो सहना ही पड़ना था क्यो कि बाबूजी के लॉड का स्वाद भी तो चखना था.
फिर बाबूजी ने एक और धक्का मारा ओर लॉडा पूरे का पूरा मेरी चूत में समा गया और मेरे मूह से निकला हाई बाबूजी मैं मर गई तो वो बोले कि नही मरोगी मेरी प्यारी बहू अभी तो तुम्हे इससे मज़ा लेना है मैने कहा कि हाई बाबूजी आपने तो मेरी चूत का कचूमर ही निकाल दिया तो बोले कि अभी तो जब ये अंदर बाहर होगा तब तुम्हे स्वाद देगा ये मेरी जान और मुझे यू लग रहा था जैसे कि वो मेरे बूब्स को अंदर से टच कर रहा है.
मुझे दरद भी बहुत हो रहा था इस लिए अब दीदी मेरे बूब्स को चूस रही थी अब मुझे उसकी चूत चाटनी थी. कुछ देर यू ही रुकने के बाद बाबूजी ने धीरे धीरे से लॉड को अंदर बाहर करना शुरू किया शुरू मे तो बहुत दरद हुआ लेकिन फिर चूत ने लॉड को आक्सेप्ट कर लिया ओर इतनी जगहे आराम से दे दी कि वो आंदार बाहर हो सके.
अब बाबूजी मुझे मेरी कमर से पकड़ के धीरे धीरे चोद रहे थे अब दरद गायब होने लगा था ओर मुझे मज़ा आने लगा था. मुझे लॉड से चुदवाने मे आनंद आने लगा था मेरे मूह से कंपकंपियन सी निकल रही थी ऊओररर तीज़्ज़ज ब्ब्बाअब्ब्बुउउज्जीइ ऊओररर त्ट्तीएजज़्ज़्ज प्प्पुउर्र्रीए ज्ज्ज्ओर्रर सस्सीए कक्चछूड्दडिईईईए आआज्जज.
प्प्प्ल्ल्लज़्ज़्ज़ ब्ब्ब्बाआबब्बुऊुज्जिइ प्प्प्ल्ल्लज़्ज़्ज़ प्प्प्उर्रीए ज्ज्ज्ओर्रर्ससीई हहाऐईइ म्म्माररर ददडीइयजज्जी मम्मूउुज्झहही हहाऐईयईईई फ़फफ़ाआड्द्ड़ दडीइयजज्ज़ि म्म्मीर्ररी कक्चहूत्त्त कक्कूव हहाऐईइ प्प्प्ल्लज़्ज़्ज़ ऊररर ज्ज्जूर्र सस्सीए हहााईइ म्म्मीरररी र्रााज्जा फ़फफादद्ड़ ददडीइयजज्ज़िईईए आआज्जजज आअप्प्पननन् ब्बबाहहुउऊ क्क्की कचहूथत् प्प्प्उउर्री ज्ज्ज्ओर्रर ससीई.
और बाबूजी ने भी अब थोड़ी तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया था ओर मेरे मूह से आवाज़ें निकल रही थी ह्ह्हाआईईइ म्म्माआअ उूउउइइ म्म्म्माआअ हहाऐईयइ ऊओररर्र ट्टीएजज्ज़ हहाऐईयइ म्म्माईिईन्न म्म्म्माअरररर ग्ग्गाऐइ हहाऐईइ प्प्प्ल्लज़्ज़ ऊओररर त्ट्तीएजज्ज़ हहाऐईयइ प्पल्लज़्ज़्ज़.
और बाबूजी पूरे ज़ोश से मुझे चोदने लगे अब वो पूरे ज़ोर से धक्के मार रहे थे मुझे लग रहा था जैसे कोई लोहे का डंडा मेरी चूत मे घूम रहा हो मैं नीचे चिल्ला रही थी हाई और तेज बाबूजी और तेज हाईईईई आअहह ह उउउइइ ऊओररर ट्टीज़्ज़ज्ज आअहह प्पल्ल्लज़्ज़्ज़ पूरे ज़ोर से चोदिए मुझे हाईईईईईईई ऊओह मीररीममा आआआआ हॅयियी आहह अहह ऊऊऊऊऊओह.
बाबूजी के धक्के तेज़ी पकड़ते जा रहे थे करीब 5 मिंट बाद मैं झाड़ गई और शांत हो गई बाबूजी बोले की चलो अब वंदना को चोद्ता हूँ तो मैने कहा कि हाई बाबूजी इसे बाहर मत निकालिए जब तक ये झाड़ाता नही है तब तक आप मुझे ही चोदिए प्ल्ज़ मैं नही निकालने दूँगी इसे तब तक प्ल्ज़ तो वो बोले कि ठीक है और उन्होने फिर से मेरी कमर पकड़ के धीरी धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए मेरे बूस भी मसलने लगे.
मैं दीदी की चूत चाट रही थी दीदी बाबूजी की गोलिओं को चाट रही थी मैं फिर से गरम होने लगी थी मुझे फिर से मज़ा आने लगा बाबूजी बोले कि ये बताओ कि मेरा कम तुम पिओगी या तुम्हारी चूत मे ही निकालना है मुझे फिर से मज़ा आने लगा था सो मैने कहा कि नहीं बाबूजी पिउन्गि बाद मे पहला कम आप मेरी चूत मे ही निकाल दीजिए हाईईइ बहुत मज़ा आ रहा है.
बाबूजी बोले कि वो क्यो तो मैने कहा कि हॅयियी बबबबूजी मैं आब्ब्भी ताअक प्ररेज्न्ननेंट नाही हुउऊइ हूओन पल्लज़्ज़्ज़ आअप्प्प्प म्मुज्ज्झे प्र्र्रेग्नीन्त कर द्दीइजिई म्म्मायना आअप्प्प्प क्कीए बाकचईए की म्माआ ब्बबांन्ना कक्चाहहति हहूओंन्न मम्मूझही आअपपंनी ब्बाची की म्मा ब्बबांन्ना दडीइयजज्ज़िई.
वो बोले कि वो क्यो तो मैने कहा कि ता कि उसका भी आपके बेटे की तरह लंड ना हो बल्कि आप की तरह लॉडा हो वो जिसे भी चोदे आप की तरह ही चोदे वो बोले कि ठीक है और उन्होने आपने धक्को की सपीड़ बढ़ा दी करीब 15 मिंट बाबूजी मुझे चोद्ते रहे और बोले कि मैं झड़ने वाला हूँ.
मैं भी झड़ने को तैयार थी सो मैने उन्हे और जोश दिलाने के लिए कहा कि हाइईइ ब्बाबबबुऊुजि पल्लज़्ज़ ओर ज़ोर से हाईईईईईईईईईईई आहह म्मूउज़्झहही म्म्माआ ब्बबांन्ना दीजीई प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ ओर फिर बाबूजी के धक्को की सपीड़ फुल हो गई और मेरी चीखें निकलने लगी हॅयियी मैं मर गई है मेरी चूत फट गई हाइममाआ माररर गाइइ माऐन्न्न्नाहियिइ आहह उउउइइ म्म्माआ.
ओर फिर हम दोनो एक साथ ही झाड़ गये बाबूजी के लॉड से निकली हुई एक लंबी पिचकारी मेरी चूत में समा गई ओर बाबूजी मेरे उपर यू ही लेट गये करीब 15 मिंट यू पड़े रहने के बाद बाबूजी उठे ओर मुझे सीधी कर के मुझे बाहों मैं भर लिया और बोले कि कैसा लगा मेरी जान मज़ा आयआ की नहीं.
तो मैने कहा की बाबूजी आप एक रात की बात करते थे ना तो मैने नेक्स्ट 10 दिन और रात आप के नाम कर दिए हैं अब आप चाहें तो शॉप खोलें और चाहें तो ना खोलें और लगातार 10 रात दिन मेरी चूत मे यू ही अपना लॉडा डाले पड़े रहे ओर मुझे चोद्ते रहें तो वो बोले ठीक है जैसा तुम कहो तभी दीदी बोल पड़ी कि बाबूजी अब आप आपनी बहू से ही चिपके रहेंगे या बेटी का भी कुछ ख्याल करेंगे.
तो उन्होने कहा कि घबराती क्यों हो अब तुम्हारी तरफ ही आते है. वो बोली कि अरे भाभी आप तो चुद गई अब मुझे भी मज़ा ले लेने दो तो मैने कहा कि ठीक है तो बाबूजी जी ने उसकी तरफ मूह किया और बोले कि लो बेटी तुम मेरे लॉड को चाट के साफ करो तब तक मैं तुम्हारी भाभी चूत को चाट के साफ कर्दु और उसके पानी का स्वाद चख लूँ तो वो बोली कि ठीक है बाबूजी.
फिर दीदी ने बाबूजी के लॉड को चाट के साफ किया और बाबूजी मेरी चूत को चाट के साफ करने लगे. 5-7 मिंट चाटने के बाद बाबूजी ने दीदी की तरफ मुख किया और बोले कि बेटी साफ हो गया कि नही तो वो बोली की साफ हो गया है तब तक बाबूजी का लॉडा फिर से फनफनाने लगा था तो वो बोले कि देखो बेटी तुम्हारी चूत फाड़ने को कैसे मचल रहा है ये तो वो बोली कि बाबूजी अब फाड़ भी दीजिए कि बातों मैं ही फाड़ेंगे.
अब बाबूजी ने दीदी को घुटनो के बल उल्टा खड़ा किया और उसकी चूत चाटने लगे दीदी मेरी चूत चाटने लगी 10 मिंट चाटने के बाद बाबूजी ने उसकी चूत पे लॉडा रखा और धक्का मार दिया तो दीदी भी चीख उठी हाईईईईई मररर गैइइ बाअब्ब्बुउउज्जी ईईईईईईईइ आआआआआआहह.
बाबूजी ने दो धक्के और मारे और पूरा लॉडा घुसा दिया दीदी की चूत मे अब दीदी चीख भी रही थी मज़ा भी ले रही थी बाबूजी आपने धक्को की रफ़्तार बढ़ाते जा रहे थे. दीदी अब झड़ने वाली थी वो चीख रही थी हाईईईई बाबूजी फाड़ दीजिए मेरी चूत को ज़ोर से चोदिए आपनी बेटी को आअहह आहह् आहह उउउइइ म्माआ ऊओह औच्च आहह् आहह ओर फिर दीदी झाड़ गई और शांत हो गई.
लेकिन बाबूजी के धक्के रुकने का नाम नही ले रहे थे तो दीदी बोली की हाई बाबूजी आप और कितना टाइम लगाएँगे झड़ने मे तो वो बोले कि कोई 5-7 मिंट तो दीदी बोली की आप तो मुझे घोड़ी समझ के घोड़े की तरह चोद रहे हैं आप तो बहुत जबरदस्त स्ट्रोक मार रहे हैं हाई रहम कीजिए आपनी बेटी पे तो.
मैने कहा क्या बात है दीदी बहुत जल्दी थक गई आप तो कहती थी कि सारी रात भी चुद सकती हैं तो वो बोली कि मैं तुम्हारे जितना नही सह सकती भाभी आप की सहन शक्ति बहुत ज़यादा है तो बाबूजी बोले कि बोलो बेटी आपना कम तुम्हारी भी चूत में निकाल दूँ क्या तो वो बोली कि नही बाबूजी ऐसा मत कीजिएगा उन्हे पता चल जाएगा अगर कोई गड़बड़ हो गई तो क्यो कि वो तो मुझे कोंडुम लगा के चोद्ते हैं.
तो बाबूजी बोले कि फिर मैं क्या करू तो दीदी बोली कि ऐसा कीजिए कि अभी आप आपना लॉडा बाहर निकाल लीजिए तो वो बोले कि ऐसे कैसे निकाल लूँ अभी तो तुम्हारी चूत को और फड़ुँगा तो वो बोली कि फाड़ लीजिएगा लेकिन मेरी एक बात तो सुन लीजिए. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैने कहा कि बताओ तो वो बोली की भाभी आप बाबूजी के बच्चे की मा बनना चाहती हैं तो एक काम करते हैं कि रोज पहले बाबूजी आप को चोद लिया करेंगे और अपना कम आपकी चूत मे निकाल दिया करेंगे फिर मुझे छोड़ लिया करेंगे और जब मैं झाड़ जाया करूँगी तो तुम्हे चोद लिया करेंगे ता कि अपना कम तुम्हारी चूत मे निकाल सकें.
तो मैने कहा कि ये भी ठीक है ओर मैं खुश हो गई क्यो कि मुझे एक बार और बाबूजी से चुदवाने का चान्स मिलने वाला था. बाबूजी भी मुझे देख कर मुस्कुरा उठे और मेरी मुस्कुराहट को ताड़ गये ओर बोले कि बहुत खुश हो बहू तो मैने कहा कि हाई मेरे राजा जी आप से चुदवाने का अवसर मिले ओर मैं खुश ना होउ ये हो सकता है भला.
तो बाबूजी ने अपना लॉडा दीदी की चूत से निकाला और मेरी तरफ देख कर बोले कि देखो बहू ये तुम्हारी तरफ देख कर कैसे खुश हो रहा है तो मैने कहा कि बाबूजी अब आप मुझे बहू नही आपनी जान कहिए क्यो कि अब आप मेरे साजन बन गये हैं क्यो कि अब मैं आप के बच्चे की मोम बनूँगी.
वो बोले कि ठीक है फिर आपना लॉडा मेरे मूह के पास ले आए ओर बोले कि लो इसे साफ कर्लो तो मैं उनके लॉड को पागलों की तरह चाटने लगी उस्मै से निकलने वाले पानी को गटकने लगी. फिर बाबूजी ने मुझे सीधी लिटा लिया और मेरी कमर के नीचे तकिया रख लिया फिर मेरी चूत चाटने लगे ओर दीदी मेरे मूह पे आपनी चूत कर के उल्टी खड़ी हो गई ओर मैं उनकी चूत चाटने लगी.
बाबूजी मेरी चूत चाट रहे थे मेरी सिसकियाँ निकल रही थी मैं कह रही थी हाइईईईई बाबूजजिइईईईईईई अब ओर्र्र्र्ररर मत तदफ़ईए ना पल्ल्ल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़् डाल दीजिए ना लॉड को चूत मे ओर बाबूजी ने भी मेरी बात मान ली लड को मेरी चूत के द्वार पे लगा दिया और एक जोरदार धक्का मारा एक ही झटके मे पूरा लॉडा मेरी चूत मे घुसा दिया.
मेरे मूह से आह निकल गई फिर बाबूजी ने आपना कमाल दिखाना शुरू कर दिया और ज़ोर दार स्टॉर्क लगाने लगे मेरे मूह से आवाज़ें निकल रही थी आहह उउउहह उउई म्म्माआ और बाबूजी और तेज होते जा रहे थे अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मैं झड़ने को तैयार थी सो चीखने लगी.
आहह उउउहह हाऐईयईईईई आहहहहहह आहह अहह् हह है बाबूजी ओर तेज और तेज हाई और तेज हॅयियी हाईईइ आहह ओर तेज चोदिए मुझे हाई मुझे मा बना दीजिए आपने बच्चे की हॅयियी आअहह आअहह है प्लक्ष्ज़ और ज़ोर से. और अब बाबूजी भी 10 मिंट से मुझे चोद रहे थे झड़ने को तैयार थे वो भी पूरे जोश से कह रहे थे पूरा जोरदार धक्का मार के कहते थे.
ये लो और मेरी आहह निकल जाती थी वो कहते थे ये लो बेटा ही होगा ये लो लॉड का स्वाद ये लो चुदो. और फिर हम दोनो एक साथ झाड़ गये ओर बाबूजी ने आपना सारा कम मेरी चूत मे निकाल दिया. फिर उस रात बाबूजी ने दीदी को एक बार और मुझे दो बार यानी कि एक बार मुझे और दूसरी बार दीदी के बाद चोदा मुझे बहुत ही मज़ा आया.
और फिर हम तीनो ही एक तरफ मैं और एक तरफ दीदी बीच मैं बाबूजी नंगे ही सो गये सुबह सब से पहले मैं उठी और उठते ही सब से पहले बाबूजी के लॉड को किस किया फिर नंगी ही उन दोनो के लिए चाइ बना के ले आई फिर हम तीनो ने चाइ पी. फिर मैने कहा कि एक बात कहु अगर आप लोग मनोगे तो वो दोनो बोले कि कहो.
तो मैने कहा कि जब तक हम तीनो घर पे हुआ करेंगे हम बिल्कुल नंगे ही घूमेंगे कोई भी कपड़ा नही पहनेगे तो वो बोले की ठीक है. फिर मैने उठी और कहा कि नाश्ते मे क्या लेंगे तो वो बोले कि थोड़ा दूध पिला दो तो मैं झट से उनकी गोद मे बैठ गई और बोला कि जितना चाहे पी लीजिए तो दीदी बोली कि आप अपनी बहू का दूध पीजिए मैं नाश्ता बना लेती हूँ तो बाबूजी बोले कि दूध तो मैं तुम दोनो का ही पीऊंगा.
फिर यू ही हँसी मज़ाक करते हुए हम दोनो नाश्ता बनाने चली गई और बाबूजी नहाने चले गये. हम नाश्ता बना के ले आई तो बाबूजी भी नहा के आ चुके थे और नंगे ही बैठे थे हम तीनो ने नाश्ता किया बाबूजी तैयार हो गये और जाने लगे तो मैने कहा कि बाबूजी दिल नही कर रहा आप को आज भेजने को आज आप घर पे ही रहिए तो वो बोले की सारी रात फिर तुम दोनो के साथ हूँ चिंता मत करो.
तो मैने कहा ठीक है और मैं उनके पास बैठ गई और उनकी पेंट की ज़िप खोलने लगी तो वो बोले कि क्या करने लगी हो तो मैने कहा कि सारा दिन मुझसे दूर रहेगा इसे प्यार तो कर लेने दीजिए और मैने उनके लॉड को निकाल कर चूस लिया और कहा कि अब जाइए तो वो बल कि तुम्हारी याद मुझे सारा दिन सताएगी लेकिन काम भी ज़रूरी है और वो चले गये.
फिर मैने और दीदी ने घर के काम निपटाए और नहाने लगी हम दोनो साथ ही नहा रही थी कि दीदी मेरी चूत देख कर बोली कि तुम्हारी तो बिकल्कुल सूज गई है तो मैने कहा कि दीदी कितनी बार तो बाबूजी ने रगड़ दिया है इसे सुजेगी ही और हम दोनो खुश थी दीदी कह रही थी भाभी आप का आइडिया तो कमाल का निकला बाबूजी खुद ही राज़ी हो गये हमे चोदने को अब तो 10 दिन पूरी ऐश करेंगी हम दोनो तो मैने कहा कि वो तो है ही.
सारा दिन हम घर पे बोर होती रही ओर करीब 8 बजे बाबूजी आ गये दीदी तब खाना बना रही थी तो डोर मैने ही ओपन कि बाबूजी अंदर आ गये तो मैने डोर लॉक किया ओर बाबूजी से लिपट गई और बोली कि आप की बहुत याद आ रही थी ओर मैं बैठ कर पागलों की तरह उनकी पेंट खोलने लगी तो वो बोले कि मुझे अंदर तो आ जाने दो.
तो मैने कहा कि नही पहले मुझे इसके दर्शन करने हैं जिसके लए सुबह से तड़फ़ रही हूँ तो बाबूजी ने अपनी पेंट उतार दी और फिर मैने उनके लॉड को चूस लिया और फिर हम उनके रूम मैं आ गये तब तक दीदी भी खाना ले कर आ गई थी फिर पहले तो हम तीनो ने अपने कपड़े उतारे और फिर खाना खाने लगे.
करीब 9 बजे हम लोग लेट कर टीवी देख रहे थे एक तरफ मैं एक तरफ दीदी बीच मैं बाबूजी. बाबूजी बोले कि एक बताओगि तुम दोनो हमने कहा कि कहिए तो वो बोले कि क्या तुम दोनो ने कभी गंद भी मरवाई है तो मैने कहा कि नही अभी तक तो नही और दीदी भी बोली कि नही तो वो बोले की इसका मतलब है आज मुझे दो कुँवारी गंदें फाड़ने का अवसर भी मिल जाएगा.
मैं तो ये सुनकर कांप सी गई ओर बोली कि नहीं मैं गंद नही मराउन्गि आप तो मुझे मार ही देंगे इतना बड़ा लॉडा नही से पाएगी मेरी गंद आपका. तो वो बोले कि घबराओ मत गंद तो मैं मारूँगा ही तो दीदी बोली कि गंद मैं भी नही मराउन्गि तो वो बोले कि देखते हैं और फिर उन्होने हमारे बूब्स सहलाना शुरू कर दिए.
फिर उन्होने कहा कि बहू मेरी जान ये देखो आज ये तुम्हारी गंद मारने को मचल रहा है मैने कहा कि प्लीज़ गंद का नाम मत लीजिए तो वो बोले कि वो तो मुझे मारनी ही है वो मेरी चूत और गंद को बार चाटने लगे मुझे मज़ा आने लगा और मैं दीदी की चूत और गंद चाटने लगी.
फिर बाबूजी ने मुझे आपने लॉड को चाटने को कहा और मेरे मूह मे डाल दिया उनका 9इंच के करीब लॉडा मेरे मूह मैं चला गया था ओर मेरे गले से जा लगा था और मुझे सांस लेने मे भी मुस्किल हो रही थी लेकिन मैने उनके लॉड को चूसना बंद नही किया. करीब 10 मिंट बाद बाबूजी ने मुझे घोड़ी बना दिया तो मेरी रूह तक कांप गई ये सोच कर कि आज मेरी गंद फटने वाली है वो भी लंड से नही लॉड से.
बाबूजी ने थोड़ा से आयिल लगाया मेरी गंद पे और लॉड को गंद के मुख पे रख दिया. मेरी तो रूह तक कांप उठी फिर बाबूजी ने एक धक्का मारा लॉडा 3इंच तक अंदर पहुँचा दिया लेकिन मेरी चीखें निकल गई मैं चिल्लाने लगी हाईईईई बाबूजी मेरे राजा जी मेरे साजन जी मैं मरगई प्लीज़ निकाल लीजिए अपने लॉड को बाहर और मैं छटपटाने लगी.
और मैने लॉडा निकालने की कोशिश की लेकिन मैं नही निकल पाई क्यो कि बाबूजी की मजबूत बाहों की पकड़ ने मुझे कमर से पकड़ा हुआ था. उन्होने दीदी से कहा कि आपनी भाभी को समझाओ और इसे पकड़ के रखो और इसके बूब्स को सक करो दीदी वैसा ही करने लगी और कहने लगी कि भाभी सह लो थोड़ा ही दर्द होगा फिर तो मज़ा ही आना है.
तो मैने कहा कि मैं तो मरी जा रही हूँ प्ल्ज़ निकाल लीजिए लेकिन मुझे पता था कि अब बाबूजी बाहर नही निकालेंगे सो तड़पती और छटपताती रही फिर बाबूजी ने एक और धक्का मारा उनका लॉडा 8इंच के करीब आंदार चला गया मैं फिर चीख उठी लेकिन अब बाबूजी ने परवाह नही की और एक और धक्के से पूरा ही लॉडा मेरी गंद मे घुसा दिया अब धीरे धीरे आंदार बाहर करने लगे.
दीदी अब भी मेरे बूब्स सक कर रही थी सो अब मुझे थोड़ी राहत मिल रही थी दरद तो अभी भी हो रहा था लेकिन अब कम होने लगा था बाबूजी की रफ़्तार धीरे धीरे बढ़ने लगी थी फिर वो पूरे जोश मे धक्के मारने लगे मैं आ आहह आह आह आयी हाई हाई आह आह उउउ उउउ आहह आह आह हहाइईइ उउउइ हहहिी आहह आहह आअहह चिल्लाति रही.
फिर करीब 15 मिंट बाद उन्होने लॉड को गांद मे से निकाला ओर सारा कम मेरे चुतड़ों पे डाल दिया फिर मेरे उपर ही लेट गये 20 मिंट बाद दीदी से बोले कि चलो अब तुम्हारी गंद की भी सील तोड़ता हूँ. फिर बाबूजी ने दीदी को भी गरम किया और उनकी भी गंद मारी दीदी बहुत तदपि और छूटने की कोशिश भी की लेकिन मैने और बाबूजी ने उन्हे हिलने ही नही दिया.
दीदी की गंद मारने के बाद बाबूजी ने मुझे लिटा कर मुझे चोदा फिर दीदी को इस तरह वो 10 रातें हम ने बहुत मज़े किए. बीच मे एक सनडे को भी बाबूजी घर पे रहे और सारा दिन हम ने जम के मस्ती की थी. फिर 10 दिन बाद दीदी को फ़ोन आ गया जीजू का कि तुम वापिस आ जाओ तो वो वापिस चली गई लेकिन मेरे पति के आने मे अभी एक दिन बाकी था जिस दिन दीदी गई.
तो वो बोली कि भाभी आज तो जम के चुदाइ करना आज तो तुम अकेली ही हो आज तो मैं जा रही हूँ मैने जान बूझ कर कहा कि तुम्हारे बिना वो मज़ा नही आएगा तो दीदी बोली की भाभी एक वादा करोगी. मैने कहा कि बोलो तो बोली की बाबूजी से चुदने के बाद मेरा मान कर रहा है कि मुझे और भी लुंडों का टेस्ट देखना चाहिए अगर कोई लंड फँसता दिखा तो आओगी मेरे साथ उसे चखने के लए तो मैने कह दिया कि ठीक है ओके.
फिर दीदी चली गई. उस रात मैने खाना 7 बजे ही बना लिया था और बाबूजी भी 7 बजे ही आ गये तो मैने पूछा की आज आप जल्दी को आ गये तो बोले कि आज हमारे पास आख़िरी रात है आज मैं तुम्हे सारी रात जी भर के चोदना चाहता हूँ ओर मैं तो तैयार ही थी पहले से ही.
मैने बाबूजी को खाना खिलाया मैने भी उनके साथ ही खा लिया करीब 8 बजे हम दोनो नंगे बैठे हुए थे बाबूजी मेरे बूब्स को सक कर रहे थे और कह रहे थे कि आज मज़ा आएगा तुम्हारी दीदी तो जल्दी ही थक जाती थी लेकिन तुम बहुत ही गजब की चीज़ हो आज मैं सिर्फ़ तुम्हे ही चोदुन्गा पूरे प्यार से.
बाबूजी मेरे बूब्स को सक कर रहे थे एक हाथ से मेरी चूत को सहला भी रहे थे मैं भी उनके लॉड से खेल रही थी. फिर वो उठे और मेरी चूत को चाटने लगे मेरी चूत मे उंगली डाल के हिलाने लगे मुझ पे मदहोशी सी छाने लगी थी. मैं तड़पने लगी बाबूजी को लंड चूत मे डालने को कहने लगी लेकिन वो कहने लगे कि और तड़पो जितना तड़पोगी उतना ही प्यार से चुदोगि.
वो मेरे बूब्स सक करते और चूत मे उंगी करते रहे अब मेरे सबर की इंतहा हो चुकी थी सो मैने उन्हे नीचे लिटा लिया खुद उनके उपर चढ़ गई आपने चुतड़ों को उपर नीचे करने लगी बाबूजी भी पूरे ज़ोर से नीचे से स्ट्रोक लगाने लगे. मैं खलास होने वाली थी सो सिसकने लगी आहह आह आह है हहाई अहह् ह्ह्हहहौउउह्ह्ह्ह ईइउउउ हहु हहाऐईइ आहह आहह अहहह आहह बाबूजी प्ल्ज़ तेज ओर तेज हहाइईइ ओर तेज हाई ओर तेज हाई ओर तेज मुझे मम्मी बना दीजिए हाई बना दीजिए हाई हाई आह आह आह आह.
ओर फिर मैं खलास हो गई लेकिन बाबूजी के स्ट्रोक अभी जारी थे. फिर उन्होने मुझे बेड के किनारे पे कर लिया और खुद नीचे खड़े हो गये मेरी दोनो टाँगो को आपने कंधे पे रख लिया और जोरदार स्ट्रोक शुरू कर दिए अब मेरी आहह आहह आआई म्माआ मराई गई कोई बचा लो मुझे आहह उउउहह आहह उउउइ आह हाीइ हहाइईइ म्माआ हहाइईइ आअहह अहहहा हाईईइ की आवाज़ें रूम मे गूंजने लगी.
उनके धक्को से रूम मे छप चॅप की आवाज़ गूँज रही थी वो पूरे ज़ोर से मुझे चोद रहे थे मेरी चूत गीली होने की वजह से पच पच कर रही थी. मैं दुबारा से झड़ने वाली थी बाबूजी का भी पानी निकलने वाला था मैं फिर जानत मे पहुँच गई थी और चीख रही थी. आहह ह आह आह आह आ फिर हम दोनो एक साथ ही झाड़ गये.
बाबूजी ने पूरा कम मेरी चूत मे छोड़ दिया. फिर मेरे उपर ही लेट गये. 15 मिंट बाद उठे और मेरी चूत को चाटने लगे फिर चाट चाट के साफ कर दिया फिर मुझे आपने लॉड को साफ करने का मौका दिया. फिर मुझे बाहों मे भर के बोले कि सच मे मेरी जान जितना मज़ा मुझे तुम्हे चोद के आया है उतना आज तक तुम्हारी सांस या तुम्हारी दीदी ने भी नही दिया.
तो मैने कहा कि मेरे राजा जितना मज़ा मुझे आप से मिला है मुझे भी किसी से नही मिला मुझे पूर्ण संतुष्टि आप से ही हुई है और अब तो मैं आप के बच्चे को भी जनम दे दूँगी तो वो बोले कि तुम्हे कैसे पता तो मैने कहा कि मुझे आज से 4दिन पहले पीरियड आना था जो कि अभी तक नही आया है तो वो बोले कि हो सकता है तुम्हारे पति के चोदने की वजह से ना आया हो.
तो मैने कहा कि नही क्यो कि हम गरबनिरोधक गोलिओं का पर्योग करते थे और जिस दिन वो गये उस्दिन भी मैने गोली खा ली थी लेकिन जिस दिन आप से पहली बार चुदी थी उस दिन से गोली नही खाई थी सो आप ने आपना कमाल दिखा दिया है तो वो बोले कि अगर किसी को शक हो गया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
तो मैने कहा कि कल वो आ रहे हैं तो उनसे कहूँगी कि जिस दिन आप गये हो उस्दिन मैं गोली खाना भूल गई थी और अब पीरियड नही आया है सो अब हम ये बच्चा रख लेते हैं वो तो काफ़ी देर से कह रहे थे बच्चे के लए लेकिन मैं ही मज़ा लेने की वजह से मना कर रही थी लेकिन आप से चुदने के बाद आप के बच्चे को जनम देने की तमन्ना पैदा हो गई थी.
ये सुन कर बाबूजी ने मुझे बाहों मे भर लिया और कहने लगे कि सच में तुम मेरी जान हो मेरी रानी हो काश कि तुम मेरी बीवी होती तो मैने कहा कि वो तो मैं अब बन ही गई हूँ मेरे साजन जी मेरे राजा जी. तो वो बोले कि लेकिन हम सिर्फ़ आज की रात ही साथ हैं.
तो मैने कहा कि आप चिंता क्यो करते हैं जिस दिन भी आप का मन करे मुझे चोदने का उसी दिन मैं इंतज़ाम कर दिया करूँगी बस आप सुबह मुझे इशारा कर दिया कीजिएगा तो वो बोले कि क्या तुम्हारा मन नही करेगा तो मैने कहा कि अगर मेरे मन पे चलेंगे तो फिर तो ये रोज ही तैयार रहा करेगा तो वो बोले कि ठीक है लेकिन तुम करोगी क्या तो मैने कहा कि वो भी आप को तभी बता दूँगी.
वो बोले ठीक है फिर उस रात उन्होने एक बार मेरी गंद और उसके बाद 4 बार मेरी चूत की धज़ियाँ उड़ाई. उस्दिन वो सुबह भी लेट ही गये शॉप पे जाने से पहले भी मुझे एक बार चोद कर गये. फिर उस दिन मेरे पति घर पे आ गये और दो दिन बाद मेरा देवर देवरानी और सासू मा भी घर पे आ गये मैने अपने प्लान के मुताबिक अपने पति को बच्चे के बारे मे बता दिया. अब बाबूजी जब भी मुझे अकेले देखते तो बाहों मैं भर लेते थे.
कोई 10 दिन बाद उन्होने मुझे इशारा किया सुबह ही तो मैने कहा कि ठीक है और रात को सब को दूध पिलाने की ड्यूटी मेरी थी सो मैने सभी के दूध मे नींद की गोलियाँ मिला दी और सब को दूध पीला दिया बाबूजी को मैने दूध पीने से मना कर दिया था उन्हे सुबह ही कह दिया था कि आज आप कहना कि मुझे दूध नही पीना है मैने तो पीना ही नही था फिर जब सब सो गये तो मैं बाबूजी के रूम मे गई और उन्हे हाल मे बुला लाई तो वो बोले कि कोई उठ जायगा. तो मैने उन्हे बता दिया कि कोई नहीं उठेगा फिर उन्होने दो घंटे मुझे जम के चोदा.
फिर तो हम हर 10 दिन बाद और जब मेरे पति टूर पे जाते थे तो दूसरे या तीसरे दिन जम के मज़ा लेते थे. कभी कभी ससुर जी दिन मे भी मुझे चोद लेते थे क्यो कि मेरे पति ऑफीस जाते थे मेरे देवर देवरानी भी जॉब करते थे और घर पे मैं अकेली होती थी सासू जी शॉप पे और मैं ससुर जी के लॉड के टॉप पे होती थी, मैने उस दिन के ठीक 9महीने बाद एक बेटे को जनम दिया जिस दिन बाबूजी ने मुझे पहली बार चोदा था. उस बच्चे के बाद भी जब भी बाबूजी को मौका मिलता वो मुझे चोदते थे.
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