सेक्स का गेम खेला कजिन भाई बहन ने

आज मैं जो आपको कहानी सुनाने जा रहा हु वो मेरी और मेरी कजिन की है. आज से करीब एक साल पहले मेरी मम्मी का एक्सीडेंट हुआ इस लिए घर के काम काज के लिए मेरी कजिन को बुलाया था. वो बहुत ही सुन्दर थी उसकी उम्र करीब मेरी जितनी ही थी. उसका रंग थोड़ा सांवला था लेकिन फिर भी बहुत सुन्दर लग रही थी. Chudai Nude Bahan Kahani

उसके बूब्स गोल गोल और बहुत बड़े बड़े और एकदम टाइट थे मेरा लंड तो उसको देख कर ही खड़ा हो जाता था. वो हमेशा टाइट ड्रेस ही पहनती थी इसलिए उसके बूब्स और उभर कर दिखते थे. उसका नाम आरती था. दोपहर को मैं वीडियो गेम्स खेल रहा था तब मेरी कजिन मेरे पास आयी और देखने लगी.

थोड़ी देर बाद उसको भी गेम्स खेलने का मन हुआ उसने कहा मुझे भी सिखाओ. वो मेरे पास ही बैठी थी मैंने उसके हाथ में गेम्स का रिमोट दिया और उसको बटन के बारे में बताने लगा. तभी मेरा हाथ उसके बूब्स को छू गया मेरे बदन में तो करंट दौड़ गया.

शायद उसको भी ऐसा ही हुआ उसको भी झटका लगा क्या सॉफ्ट सॉफ्ट बूब्स थे. वो थोड़ी दूर बैठ गई. मैं उसको सभी बटन का उसे बता रहा था. तभी दूसरी बार मेरा हाथ बूब्स को छुआ मुझे तो बहुत ही मज़ा आ रहा था. अब तो मैं जानबूझकर उसके बूब्स को हाथ लगा रहा था.

अब उसे भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा था वो गेम्स खेलने लगी लेकिन उसका हाथ नहीं बैठ रहा था. अब मैं उसके हाथो में रिमोट रखकर उसका हाथ मेरे हाथो में रख कर उसे सीखाने लगा. अब तो मेरे हाथ बारी-बारी उसके बूब्स को छू रहे था तभी मेरी मम्मी उठ गयी और उसे बुला लिया.

दूसरे दिन दोपहर को वो अकेली गेम्स शुरु कर के बैठी थी तभी मैं वहाँ गया तो उसे अभी भी गेम्स खेलने में दिक्कत हो रही थी. उसने मुझे कहा मेरा हाथ अभी भी रिमोट पे नहीं बैठ रहा. मैंने कहा ऐसा करो तुम मेरी गोदी में बैठ जाओ वो मेरी गोदी में बैठ गयी.

वाह क्या उसकी गांड थी उसके कूल्हे बड़े बड़े और मुलायम मेरा लंड तो फट से टाइट हो गया और उसके दो कूल्हों के बिच की दरार में बैठ गया. अब तो मेरे हाथो को उसके बूब्स और लंड को उसकी गांड का मजा मिल रहा था. अब उसे भी मजा आ रहा था लेकिन उसने ड्रेस पहना था इसलिए मजा नहीं आ रहा था.

आज रात को मेरे पापा ऑफिस वर्क से बाहर जाने वाले थे इसलिए रात के करीब 10 बजे मैं मेरे पापा को बस स्टेशन छोड़ कर जब मैं घर आया तो मेरी कजिन आरती वीडियो गेम्स खेल रही थी. उसने ट्रॉउज़र और टीशर्ट पहना था ट्रॉउज़र लूज था. मेरी मम्मी सो रही थी.

मैंने भी ट्रॉउज़र और टीशर्ट पहन लिया और अंदर कुछ नहीं पहना जिससे मेरे लंड वाला हिस्सा बाहर निकल गया था और मेरा लंड साफ दिख रहा था. मैं जैसे ही आरती के पास गया वो चेयर पर से उठ गयी और मैं चेयर पर बैठ गया तो आरती मेरी गोदी में बैठ गयी.

शायद अब वो भी मुझसे चुदाई करवाना चाहती थी उसने भी निचे पेंटी नहीं पहनी थी जिससे मेरे लंड का डायरेक्ट कॉन्टेक्ट उसकी गांड (गुदा) से हो रहा था. मेरा तो एकदम कड़क हो गया अब तो मुझसे रहा नहीं जा रहा था. तभी उसने कहा मुझे निचे कुछ लग रहा है.

और वो खड़ी हो गयी और देखने लगी तो मेरा लंड टेंट की तरह खड़ा हो गया था. उसने कहा ये क्या है. मैंने कहा तुम्ही देख लो तो वो शर्मा गयी तो मैंने खुद ही मेरा लंड निकल के दिखाया. तो उसकी आँखे फटी सी रह गयी वो बोली ये क्या है स्नेक जैसा.

वो जानबूझकर अनजान बन रही थी फिर मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया तो वो उसे सहलाने लगी. उसे तो बहुत अच्छा लगा उसने कहा ये तो बहुत सॉफ्ट और टाइट है. मैंने कहा तुम्हे खेलने का मजा आ रहा है? तो वो बोली वीडियो गेम्स से तो ये गेम अच्छी है.

अब मैंने उसके बूब्स पर हाथ फिराने लगा तो वो बोली ये क्या कर रहे हो? मैंने कहा तुम मेरे लंड से खेलो मैं इससे खेलता हु. वो कुछ नहीं बोली इससे मैं समझ गया और बूब्स पे हाथ फिराते फिराते दबाने लगा. तभी मेरी मम्मी ने उसे बुला लिया और वो चली गयी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

उस रात मैंने उसको सोचते हुए मुठ मारके सो गया. दूसरे दिन मैं स्नान करके किचन में पानी पिने गया तब मैंने सिर्फ टॉवल पहन रखा था. तब आरती ब्रेकफास्ट बना रही थी मैंने फ्रीज का दरवाजा खोला और पानी की बोतल निकाल कर पानी पिने लगा.

तभी मेरी नज़र आरती पर पड़ी वो मेरी चेस्ट को घूर घूर के देख रही थी और उसकी आँखों में नशा दिखाई देता था. मैंने कहा आरती क्या देख रही हो तो उसे न जाने क्या हुआ एकदम मेरे सीने से लग गयी और मुझे चूमने लगी उसने मेरे कंधो पे किस किया फिर मेरी चेस्ट पे मेरी निप्पल को भी चूसने लगी.

अब मेरा लंड भी टाइट हो गया मैंने उसे जोर से बाहों में भर लिया और उसके होंठो को जोर से चूसने लगा. और उसके होंठ बहुत ही सॉफ्ट थे मुझे तो किस करने में बहुत मजा आ रहा था. इसलिए मैं और जोर से उसके होंठो को चूसने लगा. जब मैंने उसके होंठ मेरे मुँह से बाहर निकाले तो उसके होंठो से खून निकल रहा था लेकिन उसे कोई फर्क नहीं पड़ा.

उसने मेरा टॉवल निकाल दिया और मेरा 7″ का लंड पकड़ कर जोर जोर से चूसने लगी. अब मुझे भी दर्द हो रहा था, उसके टीथ मेरे लंड पे लग रहे थे कि तभी मेरे अंकल और आरती के पापा का फ़ोन आ गया और फिर हम दोनों प्यासे रह गए. अब मैं ऐसा मौका देख रहा था कि कोई डिस्टर्ब ना करे.

तभी मेरे पापा ने कहा कल मेरी मम्मी को डॉक्टर को दिखाने अहमदाबाद जाना था. और अहमदाबाद हमारे शहर से 6 घंटे का रास्ता है इसलिए पूरा दिन लग जाता है. मैं तो बहुत खुश हो गया और पूरा दिन और पूरी रात यही सोच कर खुश होता था की कल आरती से जम कर चुदाई करूँगा. उस दिन मैंने दो बार मुठ भी मार लिया.

दूसरे दिन करीब सुबह नौ बजे आरती मुझे उठाने आयी पापा और मम्मी चले गए थे. जैसे ही आरती ने मुझे उठाने के लिए हाथ लगाया. मैंने उसे खींच कर अपनी रजाई के अंदर ले लिया और उसको अपनी बाँहों में लेकर मसलने लगा और उसको किस करने लगा.

करीब 5 मिनट तक उसको मैंने मसला तभी ब्रेक फ़ास्ट जलने की बदबू आयी और वो चली गयी. फिर मैंने ब्रश किया और आरती को आवाज दी की मेरा स्नान करने का पानी निकाले वो पानी लेकर बाथरूम में आयी. जैसे उसने बाल्टी निचे रखी मैंने उसे जोर से पकड़ लिया और उसके बूब्स दबाने लगा और उसके होठो पे किश करने लगा.

अब वो भी कामुक हो गयी थी मैंने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए और आरती का ड्रेस भी निकाल दिया. अब वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में ही थी क्या खूबसूरत दिख रही थी. उसकी गहरी गहरी नैवेल उसके बड़े बड़े बूब्स और उसकी मांसल जांघे देखकर मैं तो पागल सा हो गया.

और उसके बदन के हर पार्ट को चूसने लगा उसका पेट क्या कोमल था. उसकी नैवेल के पास तो बहुत ही सॉफ्ट था. मैंने उसकी नैवेल में अपनी टंग डाल दी. फिर उसकी जांघो को चूसने लगा उसकी जांघे बड़ी और मांसल थी. फिर मैंने उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से चूसा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

फिर मैंने उसके कान की बाली को मुँह में लिया अब तो बिलकुल मदहोश हो गयी और उसके मुँह से आवाज निकल गयी उम्ह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह्ह्ह. फिर मैंने उसकी ब्रा और पेंटी भी निकाल दी. क्या बूब्स थे उसकी निप्पल भी बड़ी काले अंगूर के दाने जैसी थी.

फिर उसने मेरे लंड को हाथ में लिया और साबुन लगाने लगी. फिर हम दोनों ने एक दूसरे को नहलाया और टॉवल से पोछा. फिर मैंने उसको अपने हाथो में उठाकर किचन में ले गया और उसके बूब्स को चूसने लगा. फिर वहाँ पे टोमेटो पड़े हुवे थे वो मैंने उसके बूब्स पे फोड़ दिए और टोमेटो का रस उसके बूब्स पर से चूसने लगा.

वो तो अपनी आँखे बंद करके मजे ले रही थी और मुँह से आवाज निकाल रही थी. फिर मैंने उसके एब्डोमन पे टोमेटो फोड़ा और वहाँ भी चूसने लगा. अब उसकी योनि की बारी थी उसकी योनि पे भी टोमेटो फोड़ कर उसकी योनि पर से टोमेटो का रस चूसने लगा.

अब तो पूरी तरह मदहोश हो चुकी थी और बोल रही थी अब इंतजार मत कराओ डाल दो अपना लंड अब मुझसे रहा नहीं जाता. फिर एक टोमेटो मैंने अपने लंड पे फोड़ा और उसका रस मैंने आरती से चुसवाया. वो पागल की तरह मेरे लंड को चूस रही थी. टोमेटो का रस ख़तम हो गया फिर भी वो मेरे लंड को चूस रही थी. अब तो मुझसे भी नहीं रहा जाता था. अब मैंने उसकी पुसी में लंड डालकर धक्का दिया लेकिन वो घुस ही नहीं पा रहा था. फिर मैंने उसके पैर फैला दिए और जोर से धक्का दिया.

तो पहले मेरे लंड का सूपाड़ा घुस गया और उसका सील फट गया और खून निकल गया. फिर मैंने और धक्का दिया तो पूरा लंड घुस गया और आरती के मुँह से आवाज़ निकल गयी उईईईईमए धीरे. फिर तो मैं जोर जोर से धक्के देने लगा. करीब 20 मिनट के बाद वो झड़ गयी और मुझे कसके पकड़ लिया मुझे और धक्के देने नहीं देती थी. लेकिन मैंने उसके हाथो को पकड़ लिया और धक्के देने लगी. 10 मिनट बाद मेरा भी सफ़ेद पानी निकल गया और हम दोनों ढ़ीले हो गये.

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