सोई माँ के जिस्म से मजा लिया बेटे ने

यह स्टोरी मेरी खुद की है जो की सेक्स के प्रति बहुत ही आकर्षित होता है. मेरी उम्र अभी 27 साल की है और मेरी मम्मी की उम्र अराउंड 45 साल है. और मैंने अपने बचपन से ही अपनी मम्मी को नंगे बदन कई बार देखा है. चाहे वह मम्मी का बाथरूम में नहाना हो या फिर अपनी साड़ीयों का बदलना हो या मम्मी का नहाने के बाद कपड़े पहनना हो. Sexy Figure Mom Chudai

मम्मी शुरू से ही बहुत ही सेक्सी दिखती है. उनका फिगर 36-30-36 है. उनकी सबसे अच्छा आकर्षण मुझे उनका बूब्स देखना लगता है. उनके बूब्स बहुत ही गोर गोर और भरे भरे है और उनके निप्पल का रंग हल्का गुलाबी है. मम्मी अभी भी कई बार साड़ी खुले में ही बदलती है और मुझे उनकी खूबसूरती देखने का मौका मिल जाता है.

सुबह के समय वो नहाती है तब उनकी गोरी खुली पीठ देखना मुझे अच्छा लगता है. उनकी मांसल जाँघे, उनकी चूचियां और उनके भरे भरे चूतड़ बहुत ही अच्छे लगते हैं देखने में. कई बार मेरा नाईट फॉल भी हो जाता है उनके बारे में सोचते सोचते. मैंने उनकी ब्रा और पेंटी कई बार स्मेल की है और मैं उस स्मेल का दीवाना हूँ.

बात उन दिनों की है जब पापा किसी काम से बाहर गए हुए थे और मम्मी ने मुझे साथ में सोने के लिए कहा. हाँलाकि मेरा इरादा कोई बुरा नहीं था और ना ही मम्मी ऐसा कुछ सोचती हैं मेरे बारे में. मैं उनके साथ सो गया. सुबह मेरी नींद खुली तो मैंने देखा की मम्मी नहा के आयी है और वह अपनी ब्रा और पेंटी पहन रही हैं.

मुझसे रहा नहीं गया और सोचा की आज अच्छा मौका मिला है मम्मी की खूबसूरती देखने का. मैंने चुपचाप से सोने का बहाना किया और अपनी आँख को धीरे बंद कर लिया और धीरे से एक आँख खोल कर नजारा देखने लगा. मैंने देखा की मम्मी ने अपना टॉवल गिरा दिया और मिरर के सामने पूरी नंगी खड़ी हो गयी.

उनके उभरे और गोर हुए नितम्बों को देख के मेरा लंड खड़ा हो गया. उनकी भरी-भरी चूचियां भी काफी अच्छी लग रही थी. मन कर रहा था की जाकर उनको पकड़ लू और अपने मुँह में ले लू. मम्मी ने अब अपनी काली रंग की पेंटी पहनी, फिर उन्होंने अपनी गुलाबी रंग की ब्रा निकल कर पहनने लगी.

मैं चुपके चुपके सब कुछ देख रहा था जब तब की मम्मी पूरी तरह से रेडी नहीं हो गयी. मैं उसकी थोड़ी देर के बाद उठा और रेडी हो कर ऑफिस चले गया. दिन भर मुझे ऑफिस में मुझे वही सीन नजर आ रहे थे और मैं अपने वर्क पर कंसन्ट्रेट नहीं कर पा रहा था. ऐसा मेरी साथ फर्स्ट टाइम हुआ.

इससे पहले भी मैंने मम्मी को देखा नंगा था पर पता नहीं इस बार क्या हुआ था. रात को मैं घर आकर डिनर लिया और फिर मम्मी के साथ रूम में सोने चला गया. मेरा मन अभी शांत था और मैं मम्मी के बारे मैं कुछ गन्दा नहीं सोच रहा था और हम एक साथ सोने चल दिए.

करीब 2 बजे मेरी आँख खुली और वही सुबह की तस्वीर मेरे दिमाग में ताजा हो गयी. मुझसे मेरे मन पे काबू नहीं हो पा रहा था मुझे पता था की कुछ सोचना भी पाप है. पर मेरे दिमाग में तो जैसे भूत सवार हो गया था कि आज मैं जैसे भी हो मम्मी की चूचियों के साथ खेलूंगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मम्मी अभी गहरी नींद में थी और मैंने सोचा की इससे अच्छा मौका मुझे कभी नहीं मिलेगा. मैंने झट से मम्मी की तरफ खिसकना शुरू किया और उनके पास जा सटा. अब माँ आधी करवट ले के सोई हुई थी मैंने हलके हलके अपना हाथ उनकी कमर पर रखा.

उनकी कमर मानो शीशे की तरह हो मेरा हाँथ फिसल जा रहा था. मैंने कुछ देर तक अपना हाँथ वैसे ही रखा रहा. मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था. फिर मैंने अपना हाथ उनकी नितम्बो पे रखा. उनके नितम्ब काफी भरे भरे होने की वजह से मुझे बहुत ही मजा दे रहे दे मैंने उन्हें सहलाये जा रहा था.

मम्मी अभी भी गहरी नींद में थी. फिर मैंने अपने हांथो को उनकी जांघो में रखा, वैसा अनुभव मुझे बहुत ही मजा दे रहा था. थोड़ी देर तक मैंने हाँथ को उनकी जाँघों में ही रखा रहा. अब मैं हिम्मत कर के अपने हाथ उनके पेटीकोट में ले गया मुझे डर लग रहा था की अगर मम्मी की नींद खुल गयी तो क्या होगा.

पर मेरे सर पे मानो आज मम्मी से मजा लेने का भूत सवार था. मैंने अपने हाथों को पेटीकोट के अंदर अंदर उनकी जाँघों से होते हुए उनकी चूत तक ले गया पर ठीक तरह से उनकी चूत को नहीं छु सका पर मुझे बहुत ही मजा आ रहा था. अचानक मम्मी की नींद खुली और उन्होंने मेरा हाँथ धीरे धीरे हटा दिया.

मुझे लगा की मम्मी उठ गयी हैं पर अभी भी नींद में थी. मेरी सांस में सांस आयी. मैंने फिर हिम्मत करके एक बार फिर मम्मी से चिपक गया और मम्मी अभी भी वही आधी करवट ले कर सोयी हुई थी. मैंने अपना लंड निकाल कर उनकी नितम्बो के ऊपर रख दिया. थोड़ी देर तक मैं वैसे ही अपने लंड को रखा.

फिर अपने हाथ को उनके बूब्स के ऊपर धीरे धीरे रख दिया. अभी भी मैं मम्मी से पूरा चिपका हुआ था और जैसे ही मैंने अपने हाथ उनकी बूब्स पे रखे मेरे तो होश ही उड़ गए. वाह क्या बूब्स हैं ऐसे शेप के बूब्स शायद किसी के ना हो. थोड़ी देर तक मैं अपने हाँथ दोनों बूब्स की और हलके हकले रखता गया. ऐसा शायद मैंने होश में पहली बार किया था मम्मी के साथ. मुझे डर था की मम्मी शायद जग न जाए इसलिए मैं ज्यादा बूब्स को प्रेस नहीं कर रहा था. पर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने हाथ उनकी ब्लाउज में घुसा दिया.

और दो तीन हुक्स को खोल दिया ताकि मैं उनके निप्पल्स टच कर सकू. मुझे बहुत ही टाइम लगा ऐसा करने में पर धीरे धीरे मैं उनके बूब्स का मजा लेते हुए उनके निप्पल्स को जैसे ही अपनी उंगलियों में लिया वह मानो की मेरा ड्रीम ही पूरा हो गया हो. वाह क्या सॉफ्ट निप्पल हैं मेरी मम्मी के. इतने में ही मम्मी की आँख खुल गयी और उन्होंने मेरा हाथ हटा दिया और मैं भी नींद में होने का बहाना करने लगा. पता नहीं मम्मी को क्या पता चला होगा या नहीं की उनका लड़का उनके अंग का मजा ले रहा था…

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