दिल्ली की मॉडर्न भाभी गाँव में आकर चुदी

जीन्स वाली भाभी जब दिल्ली से गाँव आई तो उनकी गांड की उभार को देखकर मन ही मन सोचने लगा था की काश वो मुझे चोदने देती या गांड मारने देती तो मजा आ जाता। और ये मेरा ख्वाब कुछ ही दिनों में सच हो गया और फिर जो हुआ वो मखमली बदन, हिरणी सी चाल और टाइट चूची गोल गोल गांड लम्बे बाल वाली भाभी की चुदाई एक गाँव के लड़के ने कर दी। मौक़ा मिल गया था भाभी को पेलने का। Chut Ki Garmi Porn

मेरा नाम किशोर है मैं ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं हूँ। इस कहानी को अपनी दोस्त की मदद से लिख रहा हूँ। मेरी उम्र 21 साल है। गाँव में आवारा घूमता हूँ लड़कियों को ताड़ता हूँ लाइन मारते रहता हूँ पर कोई मुझे चोदने नहीं दी। पटी तो कई पर चूत तक मुझे पहुंचने नहीं दी।

मेरे चाचा का लड़का मदन भइया जिनका दूकान दिल्ली में है। वो राशन की दूकान चलाते हैं। पहले वो नौकरी करते थे फिर उन्होंने एक राशन की दूकान सकरपुर में कर ली। धीरे धीरे उनको एक बड़ी ही अमीर लड़की जो की दिल्ली की रहने वाली है उनसे उनको प्यार हो गया। फिर धीरे धीरे प्यार परवान चढ़ा और फिर शादी हो गयी।

लड़की अमीर घराने की है सुन्दर है। बस यूँ कहिये की बहक गयी और शादी कर ली। पर दोस्तों सच तो ये बात है की कभी भी गरीब लड़के को अमीर लड़की से शादी नहीं करने चाहिए वो जमाना गया जब फिल्मो में गोविंदा अमीर की लड़की को पटा कर शादी करता था और हमेशा वो पत्नी बन कर रहती थी चाहे वो गराज में काम करता हो या कुली का।

पर आजकल की लड़कियां ऐसी नहीं है उसे भी मस्त लड़का चाहिए और अमीर चाहिए तभी बात बन पाती है। मदन भैया की ज़िंदगी धीरे धीरे नरक बनने लगी। क्यों की लड़की अपने पुराने बॉयफ्रेंड को कॉंटॅक्ट करती और फिर ओयो होटल में जाकर अपनी चूत की गर्मी को शांत करती।

पर ये बात तो किसी भी पति को अच्छा नहीं लगेगा भले वो कितना भी गरीब क्यों ना हो। धीरे धीरे बात बिगड़ती गयी और मदन भैया की लड़ाई होने लगी। फिर मदन भैया के पापा मम्मी बोले की गाँव आ जाओ और गाँव में भी ट्रेक्टर खरीद देंगे और दूकान भी कर देंगे तुम आराम से रहना।

तो पापा मम्मी की बात मानकर मदन भैया दिल्ली से गाँव आ गए और साथ में भाभी भी आ गयी. भाभी सुन्दर गोरी मस्त लड़की थी अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ था। मदन भैया पतला दुबला काला से लड़का। और भाभी जस्ट अपोजिट। हॉट और सेक्सी लड़की जो की किसी भी लड़के को पागल कर दे ऐसी सुन्दर।

जब मैं शाम को छत पर जाता तो बगल वाले छत पर भाभी होती जो को अपने मायके वाले से बात करते रहती थी। छत पर घूम घूम कर। वो जीन्स पहनती थी। कट बाँह का टॉप पहनती तो और भी सेक्सी और हॉट लगती। शहर की लड़की जब गाँव में आ जाये तो आप खुद ही सोचिये। ऐसा लगता है की चाँद पर से अप्सरा घरती पर आ गयी.

धीरे धीरे मेरी बात चीत होने लगी। वो मेरे से बात करने लगी पर मेरा ध्यान उनकी बड़ी बड़ी गोल गोल और टाइट चूचियों पर होती और उनके जांघ पर होती तो गांड पर होती। उनका अंग अंग उनके कपडे से दिखाई देता था की कौन सा अंग कैसा होगा और उभार कैसा होगा।

एक दिन की बात है भैया अपने मम्मी पापा के साथ अपने रिस्तेदार के यहाँ गए। तो भाभी जाने के मना कर दी तो अकेले ही यहाँ रह गयी। भइया और उनके पापा मम्मी मुझे बोल कर गए की ध्यान रखना भाभी घर पर है। कल बारह बजे दिन तक आ जाऊंगा। मैं ख़ुशी से झूम उठा मुझे मौक़ा मिल गया था भाभी से गप्पे लड़ाने का। मैं सोचा तो नहीं था मुझे चुदाई का आनंद भी मिलेगा।

रात को मैं खाना पीना खाकर उनके यहाँ चला गया सोचा की उनके छत पर ही सो जाऊंगा जब भाभी निचे सो जाएगी अपने कमरे में तब। पर उन्होंने कहा चलिए मैं भी आज छत पर ही सोऊंगी। मुझे भी छत पर सोने का आज आनंद उठाना है। हम दोनों ही छत पर चले गए मैं अपना बिछावन बिछा दिया वो मेरे बिछावन से मात्रा 12 इंच का दुरी छोड़कर अपना बिछावन डाल ली।

हम दोनों बातचीत करने लगे। धीरे धीरे बात उनके शादी और भैया कैसे पटाया उनपर होने लगी। धीरे धीरे वो मुझे सब कुछ बता दी की मैं खुश क्यों नहीं हूँ। उन्होंने बताया की उनका प्राइवेट पार्ट यानी की लंड बहुत ही छोटा है इसलिए शायद मैं माँ नहीं बन पा रही हूँ। उन्होंने कहा की सेक्स में भी आपके भैया संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं।

इतना सुनते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। धीरे धीरे वो मेरे करीब आ गयी और बोली आप मुझे बहुत हॉट लगते हो। और वो अपने हाथ से मेरे होठ को छूने लगी मैं समझ गया। मेरी साँसे तेज तेज चलने लगी। उनकी कजरारी आँख ओह्ह्ह और उस चांदनी रात में गजब ढा रही थी।

धीरे धीरे वो मेरे और करीब आ गयी उनके कांपते होठ मेरे होठ पर आ गए। वो मेरे होठ को चूसने लगी। इतना होते ही मैं जंगली जानवर की तरह टूट पड़ा उनके मखमली बदन पर। मैं चाटने लगा उनके अंगो को कस के दबाने लगा। उनकी बड़ी बड़ी चूचियों को कस कर मसलने लगा। उनके गांड को सहलाते हुए उनके नाभि में अपना ऊँगली डालने लगा।

वो बोली ऐसा ही मर्द मुझे चाहिए थे जिसके हाथ लगते ही पागल हो जाऊं। ओह्ह्ह्ह इतना सुनते ही मैं तुरंत ही पटक दी निचे और टॉप खोल दिया उन्होंने खुद ही ब्रा उतार दी। जीन्स को मैंने खुद खोला उन्होंने पेंटी खुद से उतारी। नंगा बदन ओह्ह्ह्हह देखकर ऐसा लग रहा था एक शेर के सामने मांस पड़ा हो।

मेरा लंड फनफना गया बड़ा लंबा मोटा हो गया। मैंने तुरंत ही अपने कपडे उतार दिए। रात ज्यादा हो गया था। आसपास कोई था नहीं छत घेरा हुआ था तो। आसमान के नीच हम दोनों ही थे। उसके बाद उन्होंने मेरे लंड को पकड़कर मुँह में ले लिया और चूसने लगे।

मैं उनकी चूचियों को बार बार रगड़ देता था उनके निप्पल को दोनों उँगलियों से दबा देता था कभी होठ को चूस लेता था। वो मेरे लंड को चूसने लगी। वो पागल जो गयी। बोली अब बर्दास्त नहीं होगा। मुझे जल्दी से चोद दीजिये। पर मैं जल्दी के मूड में नहीं था। मैं चूत को पानी को पीना चाहता था क्यों की इन्टरनेट पर भी पढ़ा था की चूत की पानी नमकीन होती है।

मैं तुरंत ही उनके दोनों पैरों को अलग अलग किया और चूत में मुँह डाल दिया। मैं जीभ से उनके चूत को चाटने लगा। वो आह आह ओह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह उफ़ उफ़ करने लगी मेरे बाल को पकड़पर अपनी चूत पर मेरे मुँह कोई लगवाती और अपना गांड गोल गोल घुमाती और चूत से पानी छोड़ती। और सिसस्स सीई की आवाज निकालती अंगड़ाई लेती और उफ्फफ्फ्फ़ करती।

मुझे भी अब देर नहीं करना था। मैंने अपना मोटा लंड निकाला और उनके चूत की छेद पर रखा और जोर से डाल दिया उनकी चूत के अंदर। पूरा लंड सपाक से अंदर चला गया और मैं धक्के जोर जोर से देने लगा। वो भी निचे से धक्के देती मुझे चूमती कभी बाहों में भर्ती कभी पैरों का फंदा बनाकर मुझे लिपट लेती।

मैं जोर जोर से चूचियों को मसलते हुए लंड पेले जा रहा था बिच बिच में मैं उनके होठ को अपने दांतो से काटने लगता और फिर निप्पल को चूसने लगता। फिर वो ऊपर हो गयी मुझे निचे की और फिर चुदवाने लगी। करीब एक घंटे तक उन्होंने मुझसे चुदवाई और फिर पसीने पसीने होकर बोली बस कीजिये मैं थक गयी और फिर मैं जोर जोर से धक्के देने लगा और पांच मिनट में अपना सारा वीर्य उनकी चूत में डाल दिया।

उन्होंने कहा काश आपके वीर्य से ही मैं माँ बन जाऊं तो मजा आ जाये। और उन्होंने मुझे चूमते हुए प्यार करने लगी। हम दोनों एक दूसरे के बाहों में ब्याह डाल कर तारे देखने लगे। मैं सोच रहा था काश ये मेरी बीवी होती तो मेरी ज़िंदगी कुछ और होती। रात में चार बार मैंने उनको चोदा। उन्होंने कहा की आज पहली बार मैं संतुष्ट हुई हूँ चुदाई में। काश आप मेरे पति होते। यानी की जो मैं सोच रहा था वो भी यही सोच रही थी। पर विधाता को ये सब मंजूर नहीं था। सुबह जल्दी हो गयी और वो लोग जल्दी ही आ गए। 

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