विधवा दीदी की जिंदगी में सेक्स का रंग भरा

मेरा नाम प्रेम है मैं छत्तीसगढ़ से रामपुर गाँव से हु.. मेरी उम्र 24 साल है.. यह कहानी की कल्पना एक सच्ची है.. मैं अपनी बुआ इधर रहता हु बचपन से ही और मेरी बुआ के पति शादी के कुछ साल बाद मर गये थे इसलिये मुझे गोद ले लिया था उनको एक बेटा चाहिए था.. Cousin Incest Sex

अब कहानी की शुरूवात करते है.. बात उन दिनों की है.. की मैं 12 कक्षा मैं था तब मेरी बुआ की लड़की की शादी हुई वो अपने पति के साथ रहती है नागपुर मैं.. शादी होने के कुछ महीने बाद उनके पति बहुत ज्यादा ड्रिंक करते थे और घर आकर दीदी की साथ मार पीटाई करते थे और उनके एक रात भी नहीं सो पायी..

यह बात दीदी ने मुझे कॉल पर बताई और प्रेम यह बात बुआ को मत बताना प्लीज ठीक है दीदी. और दूसरे दिन बुआ की तबियत खराब हो गयी.. दीदी को कॉल किया और बताने लगा बुआ की एडमिट है करके दीदी शाम तक आयी.. अगले ही महीने बुआ का रिटायरमेंट होने वाला है.

फिर 2 महीने दीदी हमारे पास थी उधर दीदी के पति का एक्सीडेंट हो गया और वो भी मर गये अब दीदी विधवा हो गयी थी और बुआ और डिप्रेशन में चली गयी.. कुछ दिनों के बाद बुआ भी चल बसी.. अब मैं भी अकेला हो गया था और दीदी भी.. अब दीदी भी मेरे साथ ही रहती थी..

मैं कंपनी में इंजीनियर पोस्ट में था.. दीदी का बर्थडे था हम दोनों होटल गये वहाँ खाना खाए और घर आ गये दीदी जल्दी ही सोगयी थी.. मैं अपने लैपटॉप में कंपनी का कोई प्रोजेक्ट कर रहा था ऐसी ही दीदी के तरफ मेरी नजर गयी उनके खुले बाल चेहरे पर थे और उनकी साड़ी जांघो तक आ गयी थी एक सेक्सी औरत दिख रही थी.

लेकिन मैंने दीदी के बारे में गलत नहीं सोचा था. और दीदी के पास सो गया लेकिन ज़ब 4 बजे नींद खुली तो देखा उनका एक हाथ मेरे मुँह पर एक पैर मेरे पैर पर था उनको मैंने साइड किया और मैं बाहर गया. अगले दिन मेरी ड्यूटी ऑफ थी.. फिर दीदी बाथरूम गयी थी नहाने मुझे पता नहीं था क्यूकी मैं बाहर से आया था.

मैं सीधा बाथरूम गया तो दीदी मेरे सामने नंगी थी मैं देखते ही रह गया. दीदी मेरे तरफ देख रही थी और हल्की स्माइल दिया और मैं वहाँ से जल्दी से बाहर आया.. फिर 11 बजे हम दोनों खाना खा रहे थे. दीदी ने मुझे बाथरूम वाली बात छेड़ी आप मेरे पे ही चांस मार रहे थे ना.

मैंने बोला नहीं मुझे नहीं पता और मैंने अपना हाथ धोकर बाहर आया.. फिर अपना प्रोजेक्ट करने बैठ गया.. दीदी मुझे घर में नहीं दिख रही थी बाद में देखा तो दीदी बाथरूम गयी थी और कुछ चीखे सुनाई दे रही थी. मैंने बाथरूम के और नजदीक गया ज़ोर ज़ोर से आवाज आ रही थी.

फिर थोड़ी हिम्मत की दीदी को क्या हुआ करके मैंने हल्के से डोर खोला तो दीदी साड़ी ऊपर करके अपने चुत में ऊगली कर रही थी ज़ोर ज़ोर से. वो देखकर मेरा सांस और दिल तेज धड़कने लगी और सीधा मैं अपना काम करने लगा.. फिर थोड़ी देर बाद दीदी बाहर आ गयी बहुत खुश दिख रही थी क्यूकी अपना काम करके आ गयी थी.. और वो सोने चली गयी..

फिर मैं भी लैपटॉप में कुछ सर्च किया सेक्सी मूवी धीरे धीरे मुझे कुछ होने लगा और देखते देखते मेरा लंड अडरवियर के बाहर आ गया था.. वो देखने बाद कुछ दीदी के सपने देखने लगा. फिर मैं दीदी के बेडरूम गया तो उनकी साड़ी ऊपर के ओर थी उन्होंने नींद में एक टांग ऊपर की तो मैंने निचे देखा तो दीदी बिना पैंटी की सोयी थी.

मैंने पहली बार असल में चुत देखी थी गोरी गोरी उनकी चुत थी एक भी बाल नहीं थे पूरी चिकनी चुत. ऐसा लगा थोड़ी देर बाद अपना लंड डाल दू क्यूकी मैं ने भी कभी सेक्स नहीं किया था.. और अपना ढीलापन करने बाथरूम गया वहाँ देखा तो दीदी की पैंटी पड़ी हुई थी और मैं ने सोचा दीदी तो सोयी है.

फिर दीदी की पैंटी उठाई पिंक कलर की थी. वहाँ देखा तो दीदी का लेस चिकता हुआ था उसे अपने जीभ से चाटने लगा और सुगंध लेने लगा. बहुत मजा आ रहा था और अपना लंड निकला 8 इंच बिलकुल काला घोड़े जैसा और दीदी की पैंटी पर मूठ मारने लगा आँख बंद कर सपना देख रहा था दीदी को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.

मुझे क्या पता दीदी जाग गयी है करके वो बाथरूम आ गयी और मेरी उस हरकत को देख लिया और दीदी के पैंटी पर अपना माल गिरा दिया. अब शांत हो गया मैं भी बाहर आ गया. अब दीदी के तेवर कुछ अलग ही दिख रहे थे.. 8 दिनों तक बात नहीं किए हम दोनों ने क्यूकी दोनों ने एक दूसरे ऐसे करते समय देख लिया था..

फिर दीदी की कोई फ्रेंड् आयी थी एक दिन के लिये रूकी थी घर पर, उनका नाम पूजा था.. मैंने अपने दीदी का नाम बताया नहीं आपको उनका नाम प्रीति था उनकी उम्र 34 है.. फिर रात को दीदी मैं और पूजा जी खाना खा रहे थे.. पूजा ने कह दिया क्या आप एक दूसरे बात नहीं करते क्या दीदी और मैं दोनों चुप ही थे.. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

फिर थोड़ी देर बाद पूजा बोली आप दोनों एक दूसरे शादी कर लो फिर दोनों की प्रॉब्लम ही ख़त्म हो जायेगी.. मैंने देखा दीदी की और तो दीदी हस रही थी हल्की सी. फिर दूसरे दिन पूजा अपना काम करके चली गयी.. मैं भी उधर से कंपनी गया. शाम हो रही थी और बारिश का मौसम होने लगा.

उतने में दीदी का कॉल आया मैं ने भी तुरंत रिसीव किया बोलो दीदी क्या हुआ. दीदी बोली क्या मैं आपकी दुश्मन हु जो बात नहीं कर रहे हो और बोली जल्दी घर आओ बारिश हो सकती है मैं भी घर अकेली हु हा कोई सब्जी ले लेना. मैंने ओके यह कहकर रख दिया..

मैं भी थोड़ा खुश हुआ और अपनी गाड़ी से घर ही जा रहा था तो बारिश हुई और मैं गिला हुआ. कुछ देर बाद घर गया तो दीदी ने कहा इतनी भी जल्दी नहीं है रुक जाते. फिर दीदी ने टावेल लाया और मेरे बाल के ऊपर से पोंछने लगी.. फिर सामने आकर मेरी शर्ट उतारी.

तब मेरे सामने दीदी के बूब्स पुरे टाइट और अदर ब्रा भी नहीं पहनी थी बिलकुल उनके आगे मेरा मुँह था और एक दो बार उनको स्पर्श भी हुआ दीदी कुछ नहीं बोली.. फिर रात हुई हम दोनों सो गये रात में नींद खुली तो देखा तो दीदी के बूब्स पुरे साफ साफ दिख रहे रहे थे.

उसे मैंने सहलाया और बाथरूम गया उस टाइम ना पैंटी ना ब्रा थी. मैं रूम में आया और दीदी का ब्लाउज़ लेकर बाथरूम गया और दीदी के नाम मूठ मारने लगा पहले के जैसे और अपना वीर्य ब्लाउज़ पर गिरा कर वही छोड़ आया.. सुबह उठा तो हिम्मत नहीं हुई बात करने की और ना टिफिन ना खाना किया और चुपके से कंपनी गया.

फिर शाम को कॉल आया मुझे और बोली खाना तो खा लिया करो ना बात किये और बोली मेरे लिये 34 साइज के पैंटी लाना 4 पीस और ब्रा भी.. मैंने बोला मुझे क्या समझ आएगा उस बारे में. वो बोली आप नहीं तो कौन लाके देगा मुझे बाहर के लोग और बोली आपको सब समझता है फिर वो कैसे करते हो सब.

मैं बोला क्या करता हु. वो बोली ठीक है आओ घर बताती हु सब और कॉल रख दिया.. उस दिन मैं डर गया और आज मेरी कोई खैरियत नहीं और 30 मिनट लेट हुआ घर जाने के बाद.. फिर वही जो रोज की तरह बात न करना फिर शूज उतारे और मैं बाथरूम गया फ्रेश होकर बाहर आया.

दीदी खाना पका रही थी दूसरे दिन वट पूर्णिमा थी.. मैं बेड पर चुप कर बैठा था.. दीदी आयी और बोली ब्रा पैंटी कहा है. मैं चुप होकर बैग से बेड पर रख दिया. वो ज़ोर से बोली ज्यादा भोले मत बनो और जाओ मार्केट में मेरे लिये वट पूर्णिमा का सामान खरीद कर लाओ जल्दी वो भी.. मैंने दीदी से कहा आप एक विधवा हो फिर सब क्या है..

दीदी मेरे पास आयी और बोली प्रेम मैं आपकी हु और किसकी नहीं अभी तक जो हुआ उसे भूल जाओ और एक नई जिंदगी शुरु करते है कौन क्या कहेगा वो मुझे नहीं पता और ये सब मैं आपको ही बोल सकती हु ना और किसको नहीं इसलिये एक दो प्रेमी है एकदूसरे से मन की बात कही मा की मौत के बाद और पति के जाने के बाद आपने ही सहारा दिया मुझे हाँ आपकी कोई गर्लफ्रेंड होंगी तो अभी बता दो और मेरी किस्मत में यही लिखा होगा की मैं एक विधवा औरत हु..

दीदी ने सारी बात क्लियर कर दी मैं भी दीदी के पास गया और पास और दीदी आँखों में देखने लगा नहीं दीदी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.. हा दीदी पूजा सही कह रही थी की आप दोनों शादी कर लो है ना. हा दीदी ने कहा फिर मेरी मांग भरो अभी की मैं विधवा नहीं रहु.

फिर मैंने दीदी की मांग भर दी. दोनों एकदूसरे को देख रहे थे जैसे तैसे पास हुए और दीदी ने मेरे होंठो को चाटना शुरु कर दिया और दीदी के गुलाबी होंठो को कस के चुसता रहा ऐसा दोनों ने 30 मिनट तक करते रहे.. फिर झट से दूर हो गये. मैंने ही कहा दीदी को आज रात मैं आपके साथ सुहगरात करूँगा’

दीदी चुप थी और मैं पीछे से गया और दीदी को किसिंग किया पुरे जिस्म को. दीदी अब रह नहीं पा रही थी और हा हा करने लगी.. फिर दीदी का धीरे धीरे ब्लाउज़ खोल दिए क्या बूब्स थे दीदी के 36 साइज और अपने मुँह से चटाने लगा बहुत मजा आ रहा था..

दीदी ने अपने दोनों हाथ मेरे चेहरे और बालो को सहला रही थी.. दीदी भी मजे ले रही थी उसे ऐसा किया नहीं था… फिर मैंने अपने दोनों हाथो से दीदी को बेड पर लेटा लिया और उनको पैर पर अपना एक पैर रख कमर के ऊपर एक हाथ रखकर सहलाने लगा.

दीदी बहुत सेक्सी थी उनके अन्दर कूट कूटकर सेक्स भरा था.. और जैसे जैसे दीदी के जांघो के अन्दर अपना हाथ डालकर उसे पिघलाने लगा. दीदी की टांगो बहुत गडमारी थे वो रह नहीं पा रही थी झटके से हटी और मेरा शर्ट खोल दी दोनों अंग अब चिपके हुए और इधर उधर किस कर रहे थे दोनों.

फिर दोनों हाथो से बूब्स को दबना चालू कर दिया जैसे कोई स्पंज वाला बाल हो. थोड़ी देर बाद दीदी की साड़ी उतारी तो देखा दीदी ने पैंटी भी नहीं पहनी थी सीधा चुत दिख गयी और उनकी चुत चिकनी थी उस पर अपनी एक ऊगली डाली और अन्दर बाहर करने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

दीदी शांत होने का लेने का नाम ही नहीं ले रही थी मैं भी ज़ोर ज़ोर अन्दर बाहर कर रहा था. फिर थोड़ी देर बाद चुत में से पानी निकल रहा था. मैंने अपने मुँह से चाटना चालू कर दिया और उनकी चुत में अपना मुँह डाल दिया. दीदी की चीख पुरे रूम के अन्दर सुनाई दे रही थी.. अब दीदी थोड़ी अपनी सांसे ले रही थी उसे शांत होने तक मैं भी पूरा नंगा हो गया और मेरा 8 इंच का लंड ऐसा तड़प रहा की पूछो मत.

लेकिन मुझे थोड़े आराम से करना था क्यू की दीदी की चुत बहुत गरम और प्यासी थी. उसके बाद दीदी के टांगो को ऊपर किया और पैर को रस्सी से बांध दिया था ताकि दीदी ज्यादा तड़पे मत इसलिए. फिर उनकी चुत में अपना लंड डाला. 5 मिनट तक धीरे धीरे किया उसके बाद ज़ोर ज़ोर करने लगा. दीदी तो बहुत तड़प रही थी प्रेम प्लीज मुझे रहम करो प्लीज और चिल्ला भी रही थी.

मैं कहा रुकने वाला था मैं करता चले गया और थोड़ी देर बाद दीदी की सील तोड़ डाली और अब तो ब्लड भी निकलनें लगा. फिर रस्सी को खोलकर अपना दम ले रही थी.. मैं ने ब्लड वाली चादर निचे फेक दिया और अपने लंड को तेल लगाया कोई कश्मीरी तेल था वो उसे काला और चमकिला बनाया और लम्बा किया ताकि मेरी दीदी को और मजा आये. उसे बेड के निचे लाया 45 के एंगल से झुकाया और दीदी गाड़ पूछो ही मत 40 की थी.. गाड़ को मस्त से अपने मुँह से चाटने लगा और अब दीदी उस हालत में थी.

तो अपने दोनों हाथो से गाड़ की छेद में अपना लंड डाला पहले एक दो बार शॉट मारा लेकिन अन्दर नहीं गया. फिर एक ज़ोर का शॉट मारा दीदी उछाल कर हा किया और बेड के ऊपर दोनों हाथ टेक दिए और सुबह होते तक गाड़ मारा. उस रात 3 बार चोदा उसे ज़ब उसे अहसास हुआ की चूदई क्या होती है फिर हम दोनों बेड आ पड़े नंगे. दीदी बोली आज मरते दम तक चोदना मुझे. उस दिन से दीदी को डेली चोदता हु और वो अब मा बनने वाली है.. मेरी बुआ की लड़की प्रीति की कहानी है जो आज भी एक सच्ची कहानी है और एक विधवा औरत को एक जिंदगी दी मैंने..

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