मैं एक सेक्स का प्यासा 22 साल का लड़का हु. मैं 1 साल से ये सब स्टोरीज पढ़ता आया हूँ. अपनी BA की पढाई ख़त्म करके UP के एक गाँव में अपनी माँ और बहन के साथ रहता हूँ. मेरे पापा पास के एक शहर में काम करते है जो सिर्फ संडे को घर आते है. Indian Nudes Sex Kahani
हमारा यहाँ खेत है जो हम तीन लोग सँभालते है. तो चलो मैं आपको मेरे एक खास सफलता के बारे में बताता हूँ. मेरी माँ की उम्र 50 साल की है और वह एक मोटी औरत है. उसके बूब्स बहुत बड़े है जो मुश्किल से कपड़े में समाते है. और उसकी गांड तो क्या कहना. मेरी बहन 28 साल की है जिसकी शादी गाँव में ही हुई है.
बचपन से मैं दोनों के हुस्न का दीवाना हूँ. हमारे गाँव में सब घर छोटे से एक रूम के होते है बाथरूम बाहर कपड़े बांधकर बनाये जाते है. मैंने कई बार अपनी माँ और बहन को नहाते देखा है पर उन्हें पूरा नंगा कभी नहीं देखा है. और ये मेरी बड़ी तमन्ना थी की मैं उन्हें नंगा देखु.
दिन में माँ और बहन साड़ी पहनते थे जिससे मुझे उनके बदन की झलक दिखती थी और मैं तड़पता था. रात को वह साड़ी निकाल देते थे और कभी कभी गाउन भी पहनते थे. घर छोटा होने के कारण हम एक ही रूम में सोते थे और रात को उनके बदन को देखके मैं मुठ मारता था.
अब मैं बड़ा हो गया था जिससे पहले की तरह घर में लोग कपड़ो की बात में बेपरवाह नहीं रहते थे. मेरा इस से दम घुटता था. शहर जाता तब ऐसी स्टोरी पढ़के और फोटो देखके मुझे आनंद आता. अब मैंने कुछ ऐसा सोचा जिससे मुझे अपने घर की स्त्रियों का बदन देखने मिले.
माँ और बहन अब फसल काटने के काम में लगे थे. यहाँ खेत के बॉर्डर पे हम ऐसे पेड़ लगाते है जिसपे उगने वाली चीज़ अगर कोई छुए तो उसे बहुत खुजली होता है. आदमी खुजा खुजा के आधा हो जाता है. अपने प्लान के अनुसार में एक दिन ऐसे कुछ फल तोड़ लाया.
और उन्हें माँ और बहन के सारे कपड़ो से घिस दिया और ब्रा पेंटी पे सबसे ज्यादा घिसा. इसके अलावा कुछ संभाल के रख लिए जो आगे यूज करने थे. रोज जैसे माँ और बहन खेत से आये और खाना बनाया, हमने खाया. बहन के पति को पापा ने अपने काम में जोड़ दिया था इसलिए वह हमारे साथ ही पूरा हफ्ता रहती थी.
खाने के बाद हम सोने चले. मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था. माँ ने बिस्तर लगाया. मैंने किसी को पता न चले ऐसे थोड़े कवाच(वह खुजली वाला फल)उस पे घिस दिया. थोड़ी देर काम ख़त्म करके दोनों आये. लाइट बुझी और सोने की तयारी की. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं चाहता था की दोनों गाउन पहने जिससे मेरा प्लान कामयाब हो पर माँ ने सिर्फ साड़ी निकाली और बहन ने तो वह भी नहीं निकाली. मैं जान बुझकर थोड़ा दूर सोया था. सोने की थोड़ी देर में उन्हें कुछ काटना शुरू हो गया. असर थोड़ा कम था लेकिन जो भी कमर का खुला भाग था वहाँ ज्यादा था.
पहले तो दोनों सोये रहे पर थोड़ी देर में माँ उठी. वह बोली शायद बिस्तर पे कुछ छोटे कीड़े है जो काट रहे है. बहन ने भी कहा की उसे भी खुजली हो रही है. मैं सोने का दिखावा कर रहा था. उन्होंने चादर बदली और सो गए पर आगे की खुजली अभी चालू थी.
बाद में दोनों ने कपडे बदलने का सोचा. मैंने देखा की बिना बत्ती जलाये दोनों ने ब्रा और पेंटी के सिवा सब निकाल के गाउन पहन लिया. अब मज़ा आने वाला था. पहनते ही दोनों चिल्लाये और एक ही झटके में दोनों ने गाउन निकल दिया. दोनों पुरे शरीर पे खुजा रहे थे.
उनकी ये हालत देखके मैं खुश हो रहा था. दोनों रात को ही नहाने चले और आके दूसरे कपड़े निकाल के पहने मैंने कुछ बाकि नहीं छोड़ा था. फिर से जोर से चिल्लाके उन्होंने कपड़े निकाल दिए. मैं अँधेरे में उनकी नंगी बॉडी देखने को आँख फाड् रहा था.
आवाज सुनके आस पास के लोग चले आये और मैंने भी जागने का नाटक किया. माँ ने मुझे बिना लाइट किये बाहर से पड़ोस की औरतो को भेजने को बोला. मैं मन ही मन गुस्सा होते निकल गया और दो औरत को अंदर भेजके बाहर बैठा. थोड़ी देर बाद उनके बाहर आने पे मैं अंदर गया तो दोनों बिस्तर पे कम्बल ओढ़के लेटे थे. मैं भी सो गया. दूसरे दिन इस घटना के कारण हम देरी से उठे.
पहले माँ नहाने गई और आके दूसरे कपडे पहने की फिर से चालू. थोड़ी देर में बहन का भी चालू. उन्होंने मुझे फिर से दूसरी औरतो को बुलाने भेजा पर देरी होने के कारण वह चली गई थी. आया तो उन्होंने मुझे अंदर आने से मना किया क्यों की उन्होंने कपड़े निकल दिए थे. मैं खिड़की की दरार से देखने लगा. दोनों नंगे पुरे शरीर पे खुजा रहे थे इस बार ब्रा पेंटी भी घिसे होने से जोरदार खुजली थी.
क्या मज़ा आ रहा था. दोनों के बूब लाल हो गए थे और गांड भी लाल हो गई थी. आखिर उनसे सहन नहीं हुआ तो उन्होंने मुझे बुलाया. अंदर गया तो दोनों ओढ़के खुजा रहे थे. माँ ने पाउडर लेके दोनों की पीठ पे घिसने को बोला. मैं झट से लाया और उनकी नंगी पीठ पे हाथ फिराने लगा. मैंने उनकी गांड के ऊपरी हिस्से को भी छुआ. मस्त नरम था. इस वक़्त खुजाते खुजाते माँ से कम्बल छूट गया और वह मेरे सामने नंगी हो गई. वह मेरे मुँह को देखने लगी मगर दूसरे ही क्षण फिर से खुजाने लगी. मैंने फिर साइड से उसके बूब भी छुए और दबाये भी.
फिर बहन ने भी कम्बल हटा दिया. आह लाल लाल छोटे मगर शेप वाले बूब. मैं बेशर्म होकर पाउडर उसे भी लगाने लगा. माँ तो दर्द से रोने लगी थी और बहन जमीन पे नंगी ही लेट गई. अब मैंने दोनों का सब कुछ देख लिया था. मैंने उनकी जांघ और चूत सब जगह पाउडर घिसी और पूरा मज़ा लिया. मैंने दोनों के खूब बूब दबाया और चूत और गांड में ऊँगली भी डाली पर वह कुछ कह नहीं पाई. बाद में अच्छा लगने पर दोनों नंगे ही जमीन पे सो गई. मैं उनके नंगे बदन का मजा लेता रहा.
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