अपनी बहन को चुदवाया दोस्त ने

शाम को ऑफिस से लौटते ही मैं बाथ रूम में चला गया. जैसे ही निकला तो फ़ोन की घंटी बज़ी और मैंने फ़ोन उठाया तो भुवनेश्वर से मेरा दोस्त समीर था. उसने मुझे भुवनेश्वर आने का इनविटेशन दिया और बोला के यहाँ आ जाओ मिलके घूमेंगे फिरेंगे और फिर मौका मिला तो पूरी भी जायेंगे. Friend Hot Sister Chudai

मैंने कहा देख यार सिर्फ घुमाई फिराई के लिए मेरे पास वक़्त नहीं है. हाँ लेकिन तुझे मालूम है के मुझे क्या पसंद है. अगर तू उसका इंतज़ाम कर दे तो मैं आ जाऊ. वैसे मुझे सुन्दर लड़कियां पसंद है (किसको नहीं है?) जो गोरी हो लम्बी हो पतली हो छाती पे छोटे छोटे दूध हो और कमर बिलकुल पतला हो. और उम्र सिर्फ बचपने जैसी हो.

वह बोला आ जा यहाँ तुझे सरप्राइज दूंगा. मुझे मालूम था वह जो भी कहता करता जरूर. पिछले बार जब मैं गया था तो उसने एक लड़की का बंदोबस्त करा था जो मोटी थी लेकिन अच्छी थी. इस बार भी वह कुछ न कुछ जरूर इंतज़ाम करेगा. इसलिए मैं भुवनेश्वर निकल पड़ा.

दोपहर को वहां पहुंचा तो समीर स्टेशन पे मेरा इंतज़ार कर रहा था. काफी परेशान दिख रहा था. मैंने पूछा क्या हुआ तो बोला चल रस्ते में बोलता हु. उसने जो कहा उससे मेरा सर चक्कर खा गया. उससे शक था की उसकी बहन का किसके साथ चक्कर था.

उसकी बहन अभी कमसिन और सुन्दर थी (बिलकुल मेरे चाहत जैसी मैंने एक बार यह भी सोचा था के अगर मौका मिले तो उससे चोदुंगा जरूर). तो मैंने कहा यार इस उम्र में तो सभी प्यार के चक्कर में पड़ते है. तो वह बोला लेकिन अगर कोई उसको इस्तेमाल करेगा तो? यह तो सोचने की बात थी.

मैंने पूछा तो क्या करें और उसने जो सुझाव दिया उससे मुझे फिर से चक्कर आने लगा. वह बोला के कोई मेरे बहन को चोदे उससे पहले मैं उसे चोदना चाहता हु. मेरे मन में लड्डू फुट रहे थे सोच रहा था चलो मौका मिल ही गया. शाम को हम उसकी बहन रागीनी से मिला और बाते की उससे साथ में लेके घूमने के लिए निकले.

ऐसे ही बाते करते करते मैंने पूछा रागीनी तुम्हारी कोई बॉयफ्रेंड नहीं है क्या? तो वह बहुत चालाक निकली और बोली है तो नहीं पर हाँ अगर आप मान जाओ तो जरूर हो जायेगा. मैंने हसते हुए कहा नेकी और पूछ पूछ. तो आज से हम फ्रैंड्स है. वह हसते हुए बोली जरूर.

दूसरे दिन हम मिल के पूरी जाने का प्रोग्राम बनाया और मैंने रागीनी से कहा चलोगी अपने नए बॉयफ्रेंड के साथ पूरी वह बोली जैसे आप कहो. फिर मैंने बोला लेकिन वहां अपने बॉयफ्रेंड की हर बात माननी पड़ेगी. तो वह बोली मानूंगी. दोपहर तक हम पूरी पहुंचे और होटल में कमरा ले लिया.

समीर मुझे और रागीनी को अकेले छोड़ के घूमने चला गया. वह हमे अकेले छोड़ना चाहता था क्यों की मैंने रागीनी को सेक्स के लिए राज़ी जो करनी थी. मैंने ऐसे ही बातो बातो में कहा रागीनी बुरा न मानो तो एक बात कहु. उसने कहा कहो. मैंने कहा तुम बहुत हसीन हो सेक्सी हो.

वह शर्मा गयी मैं उसके पास पहुँच के उसके चेहरे को हाथो में लेके उसे देखने लगा तो वह बोली ऐसे क्या देखते हो. मैंने कहा अरे मेरी गर्लफ्रेंड को देख रहा हु इसमें कोई प्रॉब्लम तो नहीं. वह हसी और मैंने उसके मुँह में मुँह डाल के किस कर दी. एक पल के लिए वह चौंक पड़ी फिर उसने मुझे देखा और फिर मैंने उससे चूमना शुरु किया.

हमारी किस कितनी देर तक चली पता नहीं लेकिन इसी दौरान मेरे दोनों हाथ उसके बूब्स पे जाके सिर्फ अटक नहीं गए बल्कि जोर जोर से उन्हें दबाने और मसलने लगे थे. वह भी जोर जोर से आह अहह कर रही थी. फिर मैंने उसकी कपडे उतार दिए और उसे नंगी कर दिया. वह इतनी सुन्दर दिख रही थी की कह नहीं पाउँगा.

छाती पे छोटे छोटे दो दूध और जांघ पतली टाइट चूत और चूत के पास बाल ना के बराबर. मैंने उसकी बदन को चाटना शुरु किया और फिर उसकी चूत के पास आके अटक गया फिर उससे जोर जोर से चाटने लगा. वह आहे भर रही थी और मैं उसे चूस रहा था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

उसके चूत को ऊँगली से दोनों और फैला के उसकी क्लाइटोरिस को जैसे ही मैंने जुबान से चूसा वह मेरे सर को अपने चूत पे जबरदस्ती दबा के रख ली. लग रहा था जैसे वह वर्जिन थी मतलब कभी चुदवाई नहीं थी. हम वैसे ही बिस्तर पे लेटे लेटे सेक्स कर रहे थे.

तभी समीर वापस आ गया और जैसे ही उसने बेल्ल बजायी मैंने दौड़ता हुआ जाके दरवाज़ा खोल दिया. रागीनी नंगी थी और कुछ पहन नहीं पाई थी. समीर उससे देख के बोली रागीनी तू तो बहुत सेक्सी हो गयी है रे, क्या अपने भाई को थोड़ा सा प्यार नहीं देगी. देख मैं किसी से कुछ नहीं बोलूंगा.

रागीनी ने अपने बदन पे ओढ़े हुए बेडशीट को छोड़ दी तो पूरी नंगी हो गयी और हम दोनों उसपे भेड़ियों की तरह चढ़ गए. उसके सारे बदन को चूस चूस के उससे मस्ती में डाल दिया. फिर उसके हाथ को मैंने पकड़ रखा तो समीर ने अपना फनफनाता लंड उसके चूत के मुँह में दे दिया.

वह बोली भाई नहीं भाई नहीं लेकिन समीर कहाँ सुनने वाला था उसने फिर से थोड़ी बॉडी लोशन ले लिया और अपने लंड पे लगाके उसके चूत में दे घुसेड़ा तो पूरा लंड अंदर चला गया. फिर उसने उससे जोर जोर के धक्के देते हुए चोदना शुरु किया. वह भी आआआआह आआआआह्ह्ह कर रही थी. मैं उसके छाती पे उठे दोनों उभार को चुसता रहा. थोड़ी देर में ही उस की बदन में ज्वार आने लगे और वह बह गयी. और थोड़ी ही देर में उसकी चूत में पानी की फुहार आने लगी थी. समीर भी थक चूका था.

रागीनी के चूत में से थोड़ी थोड़ी खून बहने लगी थी. पर सेक्स में मस्त उससे कुछ पता नहीं चल रहा था. जैसे ही समीर निचे उतरा मैं ऊपर चढ़ गया और रागीनी के चूत को चोदने लगा. बस आधा घंटा तक उसे चोदने के बाद मेरा भी माल निकल गया. शाम को हम सब समुन्दर के किनारे टहलने गए तो रागीनी ठीक से चल नहीं पा रही थी. हम लोग बहुत बाते की फिर रूम को लौटते हुए हमने दवाखाना से दवाई के साथ साथ कंडोम भी ले लिया था. रात के डेढ़ बजे तक हम तीनो मस्त चुदाई करते रहे. सुबह ही हम भुवनेश्वर के लिए निकल पड़े थे.

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