लंड और चूत को जोड़ने वाला गणित सिखा दिया

यह मेरे पड़ोस में रहनी वाली नंदिनी-गुंजन की कहानी जिनको मैंने गणित सिखाने के बहाने कैसे चोदा। एक दिन मेरे घर पर कोई नहीं था। उस दिन नंदिनी और गुंजन दोनों मेरे घर चली आई। मैं उनके लिए चाय बनाने के लिए रसोई में गया। वे दोनो गप्पे हांक रही थीं.. मैं पीछे छुप कर उनकी बात सुन रहा था। Village Lover Fuck

नंदिनी : गुंजन, मैं कुछ पूछूँ तुझे?

गुंजन: हाँ नंदिनी । पूछ ना !

नंदिनी : आजकल अंकेश और तू दोनों हमेशा इतने खुश रहते हैं, इसके पीछे कोई खास बात तो नहीं है?

गुंजन: अरे नहीं नंदिनी ! वो मुझे गणित का प्रोब्लम है इसलिए मैं अकसर उसके घर जाती हूँ, इसमें बुरा क्या है?

नंदिनी : गुंजन, तुम रोज दरवाजा क्यूँ बंद करके पढ़ते हो?

गुंजन: अरे नंदिनी वो तो ऐसे ही कि कोई तंग न करे !

नंदिनी : गुंजन, तू तो ऐसे जवाब दे रही हो जैसे कि मैं बच्ची हूँ, मुझे कुछ पता ही नहीं है।

गुंजन: तू ऐसा क्यूँ बोले रही है ?

नंदिनी : मैंने एक दिन दरवाज़े पर कान लगा कर आपकी पढ़ाई की कहानी सुनी थी ! मुझे सब पता है वहां कैसी गणित की पढ़ाई होती है !

गुंजन मुस्कुराते हुए) अच्छा तो तुझे सब पता है ! तो ऐसा बोलो ना ! देखो किसी से बोलना मत ! तो तू चाहती है कि अंकेश तुझे भी ऐसे ही गणित सिखाए?

नंदिनी : चाहने से क्या होगा गुंजन !

गुंजन:.. अच्छा यह बता ! तेरे स्तन से दूध अभी भी आता होगा ना ?

नंदिनी : हाँ गुंजन, दूध तो निकलता है और अब बच्ची भी नहीं पीती.. सो भरा हुआ है..

गुंजन: तब तो अंकेश जरुर तुम्हें गणित सिखाएगा, रुक जा मैं उसे कल हिंट दे दूँगी !

तभी मैं नाश्ता लेकर वहाँ आ गया। तुरंत दोनों ने विषय बदल दिया। उसी दिन शाम को फ़िर नंदिनी मेरे घर चली आई।

नंदिनी : अंकेश, गुंजन जैसे मुझे भी गणित सिखाओ ना !

मैं : नंदिनी तुझे भी गणित सीखना है..

नंदिनी: अंकेश, तुझसे कुछ सवाल पूछने हैं..

मै: हाँ नंदिनी, गुंजन ने बोला था.. मैं तेरा ही इन्तज़ार कर रहा था, हा पूछ ना !

मैं: नंदिनी तुम सलवार-कमीज में बहुत खूबसूरत लग रही हो..

नंदिनी : तुझे अच्छा लगा यह ड्रेस?

मैं: हाँ नंदिनी, तू ऐसे ही ड्रेस पहना कर.. बहुत अच्छी लगती है.. पूछ क्या पूछना है?

नंदिनी: तू तो बस गुंजन से ही बातें करता है..

मैं: नहीं नंदिनी ऐसी कोई बात नहीं है.. तू भी बहुत अच्छी है..

बात करते करते नंदिनी ने अपना दुपट्टा सरका दिया.. नंदिनी के उभार अब छुपाये नहीं छुप रहे थे.. मैं भी अपने आप को रोक न सका.. नंदिनी की चूचियों को देखने लगा..

नंदिनी : अंकेश, मुझसे नज़रें भी नहीं मिला रहे हो.. क्या देख रहे हो नीचे?

मैं: नंदिनी कुछ नहीं, सच्ची में तू भी बहुत अच्छी है..

नंदिनी : तू मुझसे नजरें क्यूँ नहीं मिलाता.. क्या देख रहा है नीचे?

मैं: कुछ नहीं नंदिनी..

नंदिनी : कहीं तू मेरे सीने को तो नहीं देख रहा ?.. बदमाश !

मैं : नंदिनी मैं साफ बोलूँ तो गुस्सा नहीं होगी ना?

नंदिनी : नही अंकेश, तू मेरा दोस्त है उसमें क्या गुस्सा करना !

मै : नंदिनी तेरे वक्ष इतने अच्छे और बड़े हैं कि मेरी नज़र ही नहीं हट रही है वहां से..

नंदिनी : ये तो मेरी बच्ची को दूध पिलाने के लिए हैं…

मैं: नंदिनी, तेरी बच्ची तो अब बड़ी हो गई है ! उसे अभी भी दूध पिलाती हो?

नंदिनी : नहीं ! अब ओ नहीं पीती दूध !

मैं: नंदिनी, तेरी चूची में दूध है क्या?

नंदिनी : हाँ अभी भी दूध है.. इसलिए तो इतने बड़े हैं !

मैं: नंदिनी मुझे प्यास लगी है..

नंदिनी : ठहर, मै पानी लेकर आती हूँ..

मैं: नंदिनी, पानी नहीं दूध पीना है.. चूची का दूध..

नंदिनी : बदमाश ! कोई ऐसे दूध पीता है भला ?

मैं: क्यूँ नहीं? पीने दो न.. तेरे दूध का क़र्ज़ जरूर चुकाऊंगा..

नंदिनी : अच्छा ठीक है पी ले.. काफी दिन से भरी हुई हैं.. खाली करने वाला कोई है नहीं..

फिर नंदिनी ने अपना कमीज़ उतार दिया.. अब नंदिनी ब्रा में आ गई..

नंदिनी : आ जा अंकेश ! मेरी गोद में आ.. तुझे अपने बच्चे की तरह पिलाऊंगी..

मैंने नंदिनी की गोद में सिर रख लिया.. नंदिनी ने अपनी ब्रा उतारी.. और अपनी चूची को ख़ुद मेरे मुँह में डाल दिया.. लो अंकेश पी लो.. अच्छे से पीना.. उसके बाद मैं दूध का प्यासा नंदिनी का दूध मेमने की तरह पीने लगा.. कभी बाईं चूची से तो कभी दाईं से.. साथ में चूची सहला भी रहा था। “Village Lover Fuck”

नंदिनी : तू तो ऐसे पी रहा है जैसे जन्मों से प्यासा हो !

मैं: नंदिनी, तूने मुझे वो खुशी दी है कि मैं सदा तेरा आभारी रहूँगा.. तू जो बोलोगी वो सब करूँगा..

नंदिनी : जो बोलूंगी वो करेगा ?

मैं: हाँ नंदिनी, तू एक बार बोल के तो देख..

नंदिनी : अच्छा ठीक है.. सुन, मेरे नीचे में ना काफी खुजली हो रही है.. ज़रा मेरी खुजली मिटा दे ना?

मैं: नीचे कहाँ नंदिनी ?

नंदिनी : तू सब जानता है फिर क्यूँ पूछ रहा है?

मैं: बोलो ना नंदिनी ! तेरी मुँह से सुनना चाहता हूँ।

नंदिनी : अच्छा, चल मेरी चूत में खुजली हो रही है.. मिटा दे ना..

मैं: कैसे मिटा दूं? ऊँगली से या चाट के? या फिर लंड ही डाल दूँ?

नंदिनी : मुझे तो तीनों की खुजली हो रही है..

मैं: नंदिनी, मैं तेरी चूत का ख्याल रखूंगा..

नंदिनी : अपनी गुंजन से भी ज्यादा ख्याल रखेगा ना.. . गुंजन तो तेरे लंड की बहुत तारीफ करती है..

मैं: तुम लोग ये सब बातें भी करती हो ?

नंदिनी : तुझे कौन ज्यादा अच्छी लगती हैं?

मैं: नंदिनी, अभी तूने अपना पूरा जलवा दिखाया कहाँ है?

नंदिनी : अच्छा तो यह बात है ? तो जितना जलवा देख चुके हो उसमें कौन ज्यादा अच्छा लगा?

मैं: नंदिनी, इसमें तो पूछने की कोई बात ही नहीं है.. गुंजन की चूची में अमृत तो है ही नहीं ! दूध तो तू ही पिला सकती है.. तब इसमें तू ही न हुई रानी.. नंदिनी, अब तू अपने कुछ और जलवे भी दिखा ना ! “Village Lover Fuck”

नंदिनी : हाँ अंकेश तेरी नंदिनी, आज ऐसे जलवे दिखायेगी कि तू पागल हो जायेगा..

और फिर नंदिनी ने अपने कपड़े खोलने शुरु किये.. नंदिनी जब पैंटी और ब्रा में आ गई तो मैं उसकी मदद करने लगा..

मैं: नंदिनी, लाओ अब मैं खोल दूं !

नंदिनी : हाँ अंकेश ! आ अपनी नंदिनी को नंगी कर दे..

फिर नंदिनी मेरे पास आ गई.. मैं नंदिनी की ब्रा को खोल के प्यार से सूंघने लगा.. नंदिनी की मादक मुस्कराहट ने और भी मज़ा भर दिया.. फिर नंदिनी की पैंटी को एक ही झटके में खोल दिया.. पैंटी की मादक सुगंध मुझे दीवाना कर रही थी।

फिर नंदिनी अपने हाथ मेरी पैंट के ऊपर से लंड को सहलाने लगी.. मेरी हालत भी ख़राब हो रही थी.. मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं मैं झड़ ना जाऊँ. नंदिनी ने देखते ही देखते मुझे पूरा नंगा कर दिया.. अब कमरे में दो नंगे एक दूसरे से खेलने लगे.. नंदिनी मेरे लंड से ऐसे खेल रही थी कि कोई बच्चा अपने सबसे मनपसंद खिलौने के साथ खेलता है.. “Village Lover Fuck”

नंदिनी : अंकेश, तेरा लंड तो काफी बड़ा है रे..

मैं: नंदिनी मेरे लंड से ऐसे खेलोगी तो ये जल्दी ही ढीला हो जायेगा.. .

नंदिनी : क्या करूँ अंकेश, ऐसे लंड मेरे हाथ में पहली बार आया है.. .

मैं: नंदिनी तुझे पता है गुंजन तो इसे आइसक्रीम से भी अच्छा प्यार करती है..

नंदिनी : वाह रे बदमाश ! अपनी नंदिनी को लंड मुँह में लेने बोल रहा है.. .ये गरम आइसक्रीम सच में है तो मुँह में लेने के लिए ही..

मैं: नंदिनी तो ले लो ना इसे..

फिर नंदिनी प्यार से मेरे लंड को चूसने लगी.. इतना तो पता चल ही गया था कि नंदिनी को लंड चूसने में बहुत मज़ा आता है.. गुंजन ने इतने प्यार से कभी नहीं चूसा था.. फिर जब नंदिनी मेरे लंड से खेल रही थी.. मैं नंदिनी की चूची को मज़े देने लगा.. इतनी मुलायम चूचियां को सहलाना, नीचे लंड का नंदिनी से चुसवाना.. सच्ची काफ़ी बढ़िया कॉम्बिनेशन है.. “Village Lover Fuck”

मैं: नंदिनी, लंड चुसवाने में इतना मज़ा आज तक नहीं आया.. नंदिनी मेरा मुँह भी रसपान के लिए तड़प रहा है, नंदिनी उल्टा-पुल्टा करें.. .

नंदिनी : उल्टा पुल्टा ये क्या होता है रे?

मैं: क्या नंदिनी ! तू मुझसे पूछेगी तो कैसे चलेगा.. .अच्छा चल, मैं बताता हूँ- उल्टा पुल्टा मतलब तू मेरे ऊपर रह कर मेरा लण्ड चूसना और मैं नीचे से तेरी चूत का रसपान करूँगा !

नंदिनी : अच्छा तो तू 69 पोज़िशन की बात कर रहा है.. अच्छा नाम है उल्टा पुल्टा.. चल इसमें तो और भी मज़ा आएगा..

फिर हम एक दूसरे से मज़े लेने लगे.. नंदिनी की चूत का स्वाद आते ही मन चंगा तो आया था.. नंदिनी की चूत काफी गीली हो गई थी.. इसलिए चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था.. मैं नंदिनी को बहुत मन से चाट रहा था.. नंदिनी भी काफी उत्तेजित हो गई थी.. नंदिनी ने अचानक इतना पानी निकाला कि मेरा मुँह उनके रस से भर गया था।.. ऐसा मज़ा नंदिनी ने दिया कि बस मैं तो उनका दीवाना हो गया था.. “Village Lover Fuck”

मैं: नंदिनी तेरा रस कितना स्वादिष्ट है.. अब मेरा रस भी निकाल दे.. अब मेरी लंड तेरी चूत के लिए और नहीं तड़प सकता..

नंदिनी : आ न अंकेश,.. अब ऐसा चोद कि बस मैं पानी पानी हो जाऊँ..

फिर नंदिनी बिस्तर पे लेट गई.. अपनी चूत एकदम फाड़ के मुझे अपने तरफ बुलाने लगी.. चूत तो जैसे कि लंड के लिए बनी हो.. मैंने भी अपना लंड हाथ में लेकर उसकी चूत पर लगा दिया..

नंदिनी : दे धक्का !.. चोद अपनी नंदिनी को.. चोद..

मैं: ले नंदिनी.. ये गया मेरा लंड तेरी चूत में.. चुद अपने अंकेश से मेरी प्यारी नंदिनी..

फिर नंदिनी गाण्ड उठा उठा कर मेरा लंड लेने लगी.. मैं भी नंदिनी को जी जान लगा के चोदने लगा.. फिर नंदिनी ने कुतिया बन के मुझे कुत्ता बना दिया.. उस पोजिशन में बहुत मज़ा आया.. फिर नंदिनी मेरे ऊपर सवार हो गई.. इसमें तो मेरा लंड सबसे ज्यादा अंदर तक जा रहा था.. करीब मिनट के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.. नंदिनी ने बड़े प्यार से फिर मेरे लंड को साफ़ किया.. वो मुझे बेतहाशा किस कर रही थी.. नंदिनी बहुत खुश थी.. “Village Lover Fuck”

नंदिनी : अपनी नंदिनी को चोदने में कैसा लगा.. गुंजन को चोदने में ज्यादा मज़ा आया था क्या?

मैं : नहीं नंदिनी तू कुछ माल है.. तुझे चोदने में बहुत मज़ा आया.. मैं अब तुझे ही चोदूंगा..

नंदिनी : अरे नहीं अंकेश ! दोनों को चोदना.. गुंजन भी बहुत अच्छी है उसने ही तो मुझे तेरा लंड दिलाया.. तू उसे कभी नाराज़ न करना..

फिर मैं गुंजन और नंदिनी के साथ मस्ती करने लगा.. दोनों प्यार से मुझसे चुदती हैं..

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