शराबी चाचा से चाची बिस्तर में खुश नही थी

मेरा नाम प्रविन है.. मेरी उम्र 22 है.. मैं इंजीनियरिंग स्टूडेंट हु.. मुझे सेक्स करने मैं बहुत मज़ा आता है.. सेक्सी किताब पढ़ना अच्छा लगता है.. मैं आंटी से सेक्स करने में मज़ा आता है.. बहुत से आंटी के चुत चुदाई.. मेरा लंड 8 इंच और मोटाई 3 इंच है.. घोड़े के जैसा बड़ा और काला ताकतवर है.. मैं कहाँ से हु बताना भूल गया महाराष्ट्र से छोटे गांव से हु.. Hot Chachi Chudai

अब सीधा चलते कहानी पर.. मैं अपने चाचा चाची के पास रहता था ज़ब चाचा ने शादी कि तो मैं चाची पे फ़िदा हो गया. मेरा लंड उसे देख कर पूरा टाइट हो जाया करता था. मेरे चाचा बहुत शराबी थे चाची को जिस तरह से ख़ुश करना चाहिए उस तरह से से खुश नहीं रखते थे..

एक दिन मैं चाची अकेली बैठी थी उनके पास जाकर बैठे गया और इधर उधर की बात करने लगे कोई कि चाची और मेरी खूब जमती थी.. एक दिन कि बात है. बहुत बारिश हो रही थी चाची बाहर सब्जी लाने गयी तो पूरी भीगी थी मैं उन्हें देखता ही रह गया क्या बदन था चाची का.

ब्लाउज़ में से साफ साफ दिख रहा था ब्लैक कलर की ब्रा पहनी हुई थी और कमर लचकती थी पतली कमर थी चाची की.. बाल के लट तो पानी से और भी सेक्सी दिख रही थी.. कोई हीरोइन से कम नहीं थी मेरी चाची.. सॉरी उनका नाम शुभांगी है उनका साइज 36, 34, 32, है.

मेरी चाची कि उम्र 39 है.. लेकिन उन्होंने मेंटेन करके रखा था तो 30 कि दिखती थी.. फिर अन्दर आयी बाथरूम में अपने जिस्म के कपड़े उतारी पूरी नगी हो चुकी थी मैं छुप के देख रहा था.. मेरा लंड सुनने के लिये तैयार ही नहीं है और वो बेकाबू हो गया… ऐसा लग रहा था कि अपनी चाची को चोद ही डालू..

फिर बाथरूम से बाहर निकलनें के बाद मैं चला गया वहाँ उनके पैंटी और ब्रा थे. पैंटी के ऊपर मुठ मारकर अपना माल गिरा दिया और ब्रा को महसूस किया.. फिर थोड़ी देर बाद चाचा आये पीकर वो भी अपनी रूम पर चले गये चाची भी चली गयी.. मैं अपने रूम पर था..

थोड़ी देर बाद उठा तो चाचा चाची के ऊपर थे सिर्फ 2 मिनट के लिये. अब मैं समझ गया कि चाची हर वक़्त नाराज़ क्यों रहती है.. फिर दूसरे दिन कि शुरूवात हुई चाची बोली मैं थोड़ा बाहर से किराना लेकर आती हु.. मैं ने कहा चाची को मैं भी आता हु आपके साथ आप उतना वजन उठा नहीं पाओगी.

चाची ने मुझे कहा आज कल मेरी बहुत फ़िक्र होने लगी तुझे. मैं चाची को हल्के सी मुस्कान दे दी. फिर चाची बोली आपके चाचा दिन रात पीकर रहते है और तू एक है मेरी फ़िक्र होती है, तेरे चाचा को तो मेरी कोई परवाह नहीं है.. मैंने चाची बोला मैं हूँ ना.

चाची को बहुत अच्छा लगा ये सुनकर.. फिर हम घर चले गये रात के 9 बजे चाचा अभी तक आये नहीं थे. थोड़ी देर बाद कॉल आया कि दोस्तों के साथ कही टूर पर 20 दिन के लिये गये है.. फिर मैंने अब सोच लिया चाची चोद ही देता हु चाचा से खुश नहीं चाची भी.. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

चाची बोली चलो खाना खालो फिर चाची और मैं खाना खाते समय टीवी देख रहे थे. ऐसा सीन लगा कि वो देखती रह गयी मेरे तरफ देखी तो मैं निचे झुक गया.. खाना खाने के बाद चाची बाथरूम चली गयी और मैं उनके पीछे मैंने बाथरूम में होल बना दिया था.

वहाँ से देखा तो चाची ने अपने साड़ी ऊपर करके अपनी चुत में ऊँगली डालकर मज़े ले रही थी. धीरे धीरे थोड़ी देर बाद जोर जोर से ऊँगली डालने लगी. अब चाची को भी रहा नहीं जा पा रहा था. मैं इधर अपना लंड बाहर निकालकर मुठ मारने लगा चाची की चुत क्या थी पूरी चिकनी.

चुत में से अब पानी निकलनें लगा चाची अब शांत हो गयी थी और सोने चली गयी.. फिर मैं भी रूम पर चले गया बस मुझे वही याद आ रहा था. मेरा लंड और खड़ा हुआ मैं दोपहर में सेक्सी कि टेबलेट ख़रीदा था और वो खा ली फिर चाची के रूम के तरफ गया.

तो चाची ऐसी सोयी थी उसकी कमर उसकी ओट उसकी साड़ी भी ऊपर आ गयी थी पूरी सेक्सी दिख रही थी.. उसके बेड पर गया चाची के बगल में थोड़ी देर सोया अब मुझे सेक्स टेबलेट का असर होने लगा और मैं बेशरम होकर उसके गर्दन को चुमते रहा 10 मिनिट तक.

फिर धीरे धीरे उनके पुरे जिस्म को चुमते रहा फिर दोनों हाथो से ब्लाउज़ का बटन खोला और ब्रा दिखी. धीरे धीरे कमर से गर्दन तक आधा नंगा कर दिया था. फिर चाची को होश आया और बोली मुझे प्रविन तू पागल है क्या मैं तेरी चाची हु ये सब अच्छा नहीं है.. मैं कहा रुकने वाला था मैं दोनों हाथो से उनके बूब्स दबाने लगा गया और अपनी दांतो से निप्पल को चबाने लगा.

चाची बोली नहीं ये ठीक नहीं है मैं ज़बरदस्ती से पुरे बदन को चूमता रहा. तक़रीबन 20 मिनिट चाची अब गरम होने लगी धीरे धीरे मुझे अपने दोनों हाथो से मेरे पीठ पर सहलाने लगी और उनकी होंठो को भी 15 मिनिट तक किस करता रहा.. फिर धीरे से साड़ी भी निकाल कर बेड के निचे फेक दिया उसके बाद पैरो से पैंटी तक अपने नरम हाथो से सहलाने लगा. धीरे से पेटीकोट भी का नाला भी अपनी मुँह से निकाल दिया चुमते चुमते.

फिर एक हाथ से पेटीकोट भी निकला अब पैंटी को भी निकालकर उसकी चुत को अपने प्यारे जीभ से चाटने लगा. पानी निकल रहा था वो पानी खट्टा मीठा था फिर अपनी ऊँगली से उसकी चुत के अन्दर डाल दिया. अन्दर बाहर कर रहा था चाची आ आ आ करने लगी. मैं अब जान गया कि चाची अब छूटने के लिये बेकाबू हो गयी है.. फिर अपने दोनों हाथो से उसके टांगो को ऊपर किया अपना लंड उसकी चुत पर डाल दिया. धीरे से सिसकने लगी धीरे ज़ोर से करने लगा अन्दर बाहर.

वो चिल्लाते जा रही थी प्रविन ओ माय गॉड. फिर 1 घंटे बाद उसकी चुत में माल गिरा दिया, क्या चुत थी चाची की. अब मैं हर दिन चाची कि चोदते रहता हु अब वो मेरे साथ खुश है.. चाचा तो कुछ करते ही नहीं चाची अब प्रेग्नेंट भी है चाची बोली तुम्हारा ही बच्चा है मेरी गोद मैं है. फिर मैं भी चाची के साथ शादी कर ली और कही दूसरी जगह अब हम दोनों सेटल हो गये समाज क्या कहे ये सोचा भी नहीं दोनों ने. हर दिन उसके साथ प्यार करता हु और चोदता भी हु अपनी शुभांगी को. एक सत्य आधारित पर एक घटना है कैसे लगी मेरी स्टोरी कहानी…

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