ये मेरी ब्रदर इन लॉ के वाइफ के साथ मेरा एक्सपीरियंस है. मैं 32 साल का इंजीनियर हु. मेरी लव मैरिज हुई है. मेरी ससुराल के साथ कुछ खास बनती नहीं है. मैं ज्यादा इगोइस्टिक हु. मैं पुणे का रहनेवाला हु. जब मेरी शादी हुई तो मेरा साला कुछ खास खुश नहीं था इस शादी से. वो और मैं कभी बात नहीं करते थे. Sasural Me Chudai Story
इस कहानी के शुरुआत के लिए हम जायेंगे पिछले साल अक्टूबर में. आपको पहले ही बताया है की मेरी लव मैरिज है. तब मैं एक कंपनी में वेंडर डेवलपमेंट इंजीनियर था. मेरा काम हर वक़्त आउट ऑफ़ फैक्ट्री ही रहता था. मेरी लवर मुझे मेसेज किया करती फिर मैंने उसे फ़ोन करता और फिर हम मिलते.
एक दिन (अक्टूबर 12) उसका मेसेज आया दोपहर डेढ़ बजे. मैंने उसे रिप्लाई किया. समृद्धि (मेरी लवर) ने कहा “आज घर पर कोई नहीं है, सब बाहर गए है 4-5 घंटे के लिए, कुछ करो. मैंने कहा “मैं फ़ोन करके आऊंगा तब मुझे सिचुएशन बताना.” फिर मैंने कंपनी में बहाना बनाया और बताया “एक वेंडर के पास जा रहा हु.”
गेट पास ले कर बाहर निकला वेंडर को फ़ोन करके बताया “किसी ने मेरे बारे में पूछा तो संभाल लेना”. वेंडर ने भी कोऑपरेट किया. फिर मैंने समृद्धि को फ़ोन करके पूछा तो वो बोली “पीछे का दरवाजा खुला रखा है आ जाओ.” मैं एकदम खुश हो गया. मैं 20-25 मिनट में उसके घर पर पहुंचा. दरवाजा लॉक किया और समृद्धि की रूम में आया.
वो तो एकदम तैयार थी. उसने सिर्फ ट्रांसपेरेंट नाईटी पहनी थी वाइट रंग की अंदर कुछ नहीं. अंदर आते ही मुझसे लिपट गयी. वो पूरी गरम थी. उसका बदन भी सिकुड़ रहा था. मुझे उसने कसके जकड लिया था. मैं भी उसकी पीठ सहलाने लगा. सेक्स हमारे लिए नया नहीं था. बहुत बार हम चुदाई कर चुके थे. उसकी सास बहुत गरम चल रही थी.
मैंने कहा “बहुत गरम हो आज ऊँगली डाल रही थी क्या.”
उसने कहा “नहीं आज तुम्हारा लंड ही अंदर लुंगी, इसलिए चाहकर भी ऊँगली नहीं की है. जरा निचे हाथ लगाकर देखो.”
मैंने हाथ लगाया, चूत एकदम गीली थी. फिर मैं एक ऊँगली अंदर डाल के गीली कर ली और उसे सूंघा. वो बहुत गरम थी.
“विशु, मेरी चाटो ना” समृद्धि ने मदभरी आवाज में कहा.
मैंने पूछा “क्या?”
उसने जवाब नहीं दिया.
मैंने फिर पूछा “क्या चाटू?”
तब उसने कहा “तुम्हे मालूम है.”
फिर मैंने कहा “अगर बताओगी तो चाटूँगा”.
फिर उसने कहा “चूत”.
मैंने उसे बेड पर धकेल दिया, वो पीठ के बल गिरी. मैं बेड के निचे बैठ गया. उसने पैर फोल्ड करके फैलाये, मैंने उसकी चूत की गंध ली और फिर चाटना शुरु किया. उसकी चूत पर पहले से ही एक सफ़ेद रंग का चिपचिपा पदार्थ जमा था, वो फेविकोल जैसे दिख रहा था. वो थोड़ा सुखना चालू हुआ था.
लेकिन बहुत टेस्टी था कुछ खट्टा था और उसको बताना मुश्किल है. उसकी चूत से कुछ पानी भी निकल रहा था. वो भी मैं चाट रहा था. एक अलग ही स्मेल अलग ही टेस्ट थी उसकी.. मेरी खुरदरी जीभ मैं उसके दाने पर रगड़ रहा था. वो उछल रही थी. उसका मुँह खुला और आँखे बंद थी..
जब जब मैं उसके दाने को चाटता उसे एक झटका लगता. चूत पर काले झाटो का जंगल था. मुझे झांटे पसंद है इसलिए वो नहीं काटती. मैंने उसे बगल के भी बाल काटने को मना किया था. उसकी तन की गंध मुझे पागल करती है उसका पसीना उसकी चूत का स्मेल मुझ मे जानवर जगा देते है. फिर उसे रौदने में मुझे और उसे भी बहुत मजा आता है.
मैं उसे 15-20 मिनट तक चाटता रहा. जब मैंने एकदम उसके दाने(जहाँ से लड़की मूतती है.) उसे चाटा तो वो एकदम बेड से उठी मेरा माथा जकड लिया, चूत पूरी ताकत से मेरे मुँह में ठूस दी और फिर जैसे एक झरना फुट पड़ा उसकी चूत से, और मैं उसका रस पीता रहा. वो हलके धक्के दे रही थी और मानो मेरे मुँह को चोद रही थी.. वो शांत होती रही. लेकिन उसने मेरा हेड नहीं छोड़ा मेरा मुँह उसके रस गिला हुआ और चिपचिपा भी..
मुझे ऐसा लगा की ये अब यही मूतना शुरु करेगी क्यों की उसकी आदत है की उसे चुदवाने के बाद जोरो की पेशाब आती है. कुछ देर बाद उसकी जकड़न ढीली होती गयी और वो बेड पर पीठ के बल लेट गयी उसकी आँखे बंद थी. अबतक मैंने उसके अंदर लंड नहीं डाला था. अब मुझे उसे लंड पर चढ़ाना था पर वो शांत हो चुकी थी. उसने आँखे खोल दी. मैं उसके चहरे पर ख़ुशी देख रहा था. वो बैठ गयी और मुझसे लिपट गयी.
“दो मिनट में आती हु” उसने कहा.
“कहा जा रही हो” मैंने मालूम रहते हुवे भी पूछा.
“लैट्रिन जा रही हु” जवाब मिला.
पता नहीं मुझे क्या सूझा और मैंने उसपर झड़प डाल के जकड लिया.
“छोड़ो यार मूतने ही जा रही हु” समृद्धि ने प्यार से कहा.
मैंने कहा “देख आज तू जब तक मुझे सटिस्फाई नहीं करती तब तक नहीं मुतेगी”.
“पागल हो गए क्या, आधा मिनट भी होल्ड नहीं कर पाऊँगी.” वो बोली.
“समृद्धि अगर तू बाथरूम में गयी तो मैं अभी यहाँ से चला जाऊंगा.” मैंने नाराजगी दिखाई
“मैं दो मिनट में आकर सटिस्फाई कर दूंगी प्लीज छोड़ो.” वो बोली.
“समृद्धि यहाँ पर भी किया तो भी मैं नहीं चोदुंगा”.
मैं दो मिनट तक उसे ऐसे ही जकड़ रखा, फिर पुरे ताकत से उसे बेड पर गिरा दिया. वो होल्ड करने की पूरी कोशिश कर रही थी. मैं इस सबका बहुत मजा ले रहा था. अब मैंने उसके पैरो में जगह बनाई. मेरा लंड खड़ा ही था. उसको पूरी तरह मेरे निचे दबोच रखा था. छुटने की वो पूरी कोशिश कर रही थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
पर अब मैं उस पर पूरी तरह से हावी था. और मेरा लंड चुत का अंदाजा ले रहा था. आधे मिनट में मेरे लंड ने उसकी चिर ढून्ढ निकाली और जगह बनाई. अब उसने एफ्फोर्ट्स छोड़ दिए और वो पेशाब कण्ट्रोल पर ही ध्यान देने लगी. मैंने स्लो बट श्योर एंट्री करी. अब मैंने चोदना चालू किया. लिप लॉक कर दिए. उसकी लार चाटने लगा.
उसके मम्मे मेरे निचे पूरे दबा दिए थे. और मेरी कमर हिल रही थी. लंड उसे चोद रहा था. 20-22 मिनट मैंने चुदाई चालू रखी. उसे हिलने का एक भी मौका नहीं दिया मैंने. अब मुझे चेंज चाहिए था. मैंने उसे कहा “अब तू चढ़.” उसे मन नही था. मैं उसके बदन पर से हटा. लंड पूरा गिला था. उसकी चूत गीली थी. मैंने जब चूत को स्मेल किया तो मुझे पेशाब की भी स्मेल आयी.
मैंने पूछा “ये क्या?”
समृद्धि बोली “क्या करू बूँद बूँद टपक रही थी.”
इससे मैं और वाइल्ड हुआ. “अब मेरे लंड का राइड ले” ऐसा कह कर मैं पीठ पर लेट गया. उसने थूक से लंड गिला किया. मेरा लंड और उसकी चुत 3 चीजों से लथपथ थे. उसकी चूत का रस, उसके मूत की बूंदे और उसकी लार. पूरे रूम में ये अजीब कॉम्बिनेशन का स्मेल आ रहा था. अब उसने मेरे दोनों तरफ पैर रखे और लंड पर बैठती गयी. पूरा लंड अंदर धस गया. मैंने दोनों हाथ मे मम्मे पकड़ लिए और मसलना चालू किया. बीच बीच में चूची भी ऊंगलियो मे दबाता रहा.
“धीरे दबाओ विशु, दर्द हो रहा है.”
“साली मर्द तो दर्द ही देगा, तुझे पसंद नहीं तो उठ.” मैंने डायलाग मारा.
इससे वो गरम हो गयी और खुन्नस में बोली “ले दबा और दबा” और दांत दबा के उछलने लगी. उसके आंखो मे बहुत मस्ती थी मुझे घूर घूर कर चोद रही थी. मैं भी मेरा दबाव मम्मो पर बढ़ता रहा. वो और गरम होकर चढ़ाई की.. उसकी आँखों में साफ़ दिख रहा था अब वो झड़ेगी.
“ले, शर्म कर औरत से चुदवा रहा है, नामर्द हरामी, आज मैं तेरी उखाड़ दूंगी.”
वो मुझे उकसा रही थी. अब मैंने उठके उसका साथ देना चालू किया. मैं भी निचे से हरकते कर रहा था. “आह आआआह्ह, किस मी विशु किस मी.” वो बड़बड़ा रही थी. किसी भी सेकंड वो झड़ने वाली थी. मैंने उठाकर उसके लिप पर मेरे लिप लॉक किए. और वो सिहर उठी. आधे घंटे में दूसरी बार वो झड़ रही थी.
2-3 मिनट के किस के बाद आँख बंद करके मेरे कंधे पर वो सो गयी. मैं भी वही करने जा रहा था और अचानक मुझे महसूस हुआ की रूम में और कोई है, जो ये सब देख रहा है. मैंने रूम के दरवाजे की तरफ देखा और मेरी पूरी हवा निकल गयी. बहुत ही खूबसूरत औरत बेहतरीन सिल्क साड़ी पहने हुए मेरे उम्र की आस पास की होगी.
दरवाजे से ये सब देख रही थी, मैं उसे नहीं पहचानता था. लेकिन यक़ीनन वो इस घर की सदस्य थी. मेरी और उसकी आँखे मिली कुछ सेकण्ड्स ही हमारी आँखे मिली और उसने थम्ब्स अप करके मुझे आँख मारी और हाथ से बाय करके वो घर में चली गयी. दोस्तों अब आप ही सिचुएशन समझ सकते है.
आज तक उसके घर के किसी अन्य सदस्य को मैं जानता भी नहीं था. पहली मुलाक़ात वो भी इस हालत में मेरा दिमाग बंद होने लगा. यहाँ से फटाक से भागना यही एक मेरे हाथ में था. मैंने वेंडर (सप्लायर) का बहाना बनाके बहुत ही जल्दी मे वहाँ से निकलना मुनासिब समझा और निकल गया. मैं पूरे रास्ते में यही सोच रहा था की आखिर ये हुआ कैसे. दिमाग पर बहुत जोर देने के बाद समझा.
वो औरत लॉक खोलकर अंदर आयी और समृद्धि से मिलने के लिए वो वहाँ आयी होगी. और समृद्धि के रूम का दरवाजा ठीक से लॉक नहीं था. मैं सोच रहा था की उसने क्या क्या देखा होगा. और सबसे अहम् बात ये है के इस से समृद्धि पूरी तरह अनजान थी. अब समृद्धि को भूल जाऊ या क्या करू मेरी कुछ नहीं समझ में आ रहा था. मैंने वेट करने का सोचा. समृद्धि ने मुझे शाम में कांटेक्ट किया मैं बहुत टेंस था.
“सॉरी विशु, मैंने तुझे सटिस्फाई नहीं किया, अगली बार पहले तुझे सटिस्फाई करुँगी.”
और ऐसे ही कुछ नार्मल बाते होती रही मेरा उन बातों मे ध्यान नहीं था. दोस्तों समृद्धि के पिता जाने माने पॉलिटिशियन थे उन दिनों. मेरी हालत का अंदाजा आप लगाकर देखो. मुझे कुछ भी नहीं सूझ रहा था. समृद्धि को ये सब बताकर टेंस करू या नहीं. आगे क्या होगा. वो औरत बताएगी या नहीं. समृद्धि का क्या होगा. मैंने अब क्या करना है. एक बार तो सोचा शहर से भाग चले, भूल जाऊ समृद्धि.
रात में डेढ़ बजे समृद्धि का फ़ोन आया. हमने फ़ोन पर गरम बाते की. उसने मुझे सटिस्फाई करने के लिए बहुत कोशिश की. मैंने भी झूठ मूठ का सटिस्फैक्शन बताया. चार दिन ऐसे ही बीते. और फिर समृद्धि का फ़ोन आया कह रही थी “विशु उस दिन बाल बाल बचे रे, मेरे भाई की बीबी गोपी आई थी उस समय, बोली के दोपहर में मैं आयी थी तुझसे बाते करने, लेकिन शायद तू सो रही थी, अच्छा हुआ उसे पता नहीं चला नहीं तो मैं तो मर ही गयी थी.”
मैंने भी नाटक किया और बोला “बच गए यार.” फिर समृद्धि ने आगे इनफार्मेशन दी, बोली “वो मेरे बड़े भाई की बीबी है, गुज्जु है, लव मैरिज है उनका.” मेरा थोड़ा टेंशन काम हुआ अगर कुछ होना होता तो अब तक हुआ होता. लेकिन वो उस आदमी की बीवी थी जिससे मैं नफरत करता था और वो आदमी (मेरा होनेवाला साला) भी मुझसे.
दोस्तों असल कहानी शुरू होगी अब. बहुत सी कठिनाईयों को पार करके हमारी शादी तय हुई. अब हमारी इंगेजमेंट थी फेब्रुअरी मंथ में. फंक्शन उसके घर पर था. उसके पिता लैंडलॉर्ड थे. घर बहुत ही बड़ा है. इस वाकिये के 3-4 महीने के बाद की ये बात है. मैं जब उसके घर मेरे दोस्तों और परिवार के साथ पहुंचा तो गेट पर मेरे होनेवाले ससुर हमें ग्रीट करने के लिए खड़े थे. मेरा साला नहीं था.
फिर मुझे घर की चौखट पर रुकने को कहा गया और मेरे सामने मेरी आरती उतरने के लिए गोपी खड़ी थी. वो एक दबी स्माइल में मेरी आरती उतार रही थी. सिर्फ हम दो ही जानते थे की उस स्माइल का मतलब क्या है. फिर मेरी समृद्धि ने गोपी के साथ ऑफिसियल इंट्रोडक्शन किया और मुझे सोनिआ विश्वेश भाई कहने लगी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अब मेरे एफ्फोर्ट्स से सम्बन्धो में सुधार आता गया. लेकिन एक दूरी हमने बनाये रखी थी समृद्धि की फॅमिली के साथ. मेरे ससुर सितम्बर में बीमार पड़े. उस समय मैं ही उनके पास था और थी मेरी डॉक्टर साली. मैंने उन्हें अस्पताल में भरती किया. मेरे ससुर 2 महीने अस्पताल में रहे. और फिर वो अक्टूबर में चल बसे.
इस बिच मेरी सही पहचान समृद्धि के फॅमिली को हुई और वो अब मुझे रेस्पेक्ट करने लगे, मेरा साला भी बहुत नरम पड़ गया. एक दिन रात 3 बजे मैं अस्पताल से पेपर लेने के लिए समृद्धि के मायके पहुंचा. गोपी के पास पेपर्स थे. वो जग गयी थी. हम किसी खास मेल का इन्तजार कर रहे थे जो विदेश से आनेवाला था.
गोपी ने चाय बनाई. हम सिप करके बाते कर रहे थे. और गोपी ने एक नॉन वेज जोक बताया. उसने पूछा “क्या तुम्हे किट्टी पार्टी का मतलब मालूम है”. मुझे मालूम था पर मैंने कहा “नहीं” फिर उसने मुझे समझाया “हाई सोसाइटी में सब कपल्स पार्टी करते है फिर सब मर्द अपनी कार की चाबी एक जगह रख देते है, फिर औरते एक एक करके आकर कोई भी की उठाती है, की जिसकी होती है उसके साथ वो औरत रात गुजारती है”.
दोस्तों ये मेरे लिए एक खास झटका था. आप सोचो किसी और की बेहद खूबसूरत बीवी आपको ऐसे जोक बता रही है जो आप सोच रहे हो वहीँ मेरी हालत थी. अब मैंने इसका फायदा उठाना शुरू किया. कोई औरत खुद टॉपिक ओपन कर रही है तो मैं क्यों पीछे रहूँगा.
मैंने पूछा “क्या मजे करती है”.
उसने फौरन जवाब दिया “जो तुम उस दिन कर रहे थे अरे कंडोम तो पहनते शादी के पहले ही सब कर बैठे तो शादी के बाद क्या करोगे मुझे तो लगा की समृद्धि प्रेग्नेंट होगी शादी पर.”
मैंने कहा मुझे कंडोम्स पसंद नहीं, ऐसा लगता है की रबड़ की लव डॉल को चोद रहा हु.”
गोपी बोली “आज तक कंडोम कभी पहना नहीं?”
मैं बोला “समृद्धि के लिए डॉटेड और फ्रूट फ्लेवर्ड पहने थे, पर मेरे लिए नहीं, नेचुरल कांटेक्ट मस्त लगता है”.
उसने पूछा “उस दिन आगे क्या किया?”
“गोपी बहुत डर गया था ५ मिनट में भाग गया.” मैंने जवाब दिया.
फिर दो मिनट हम खामोश हुए हम एक दूजे का जायजा ले रहे थे. पहले कौन आगे बढे यही मेरे मन में चल रहा था. करीब 4 बजे थे सुबह के. मैं अपनी जगह से उठा और दरवाजा ठीक से लॉक किआ.
मैंने कहा “आज दरवाजा ठीक से बंद किया है”.
वो खामोश थी. वो चेयर पर बैठी थी मैं उसके सामने जा खड़ा हुआ. उसके कंधे पर ब्लाउज के ऊपर हाथ रखा. वो बहुत गोरी है. उसके स्किन एकदम दूधिया है. मैं अब उसके गरदन पर हाथ फिरा रहा था. वो खामोश थी, उसे पता नहीं था कि क्या करे, कैसे रियेक्ट करे. इस उलझन का मैं पूरा फ़ायदा ले रहा था. अब गालों पर हथेली घुमा रहा था.
उसकी नजरे अब भी खुली थी. मैं घुटनो पर उसके सामने बैठ गया. और उसके होटों पर ऊंगलिया फेर रहा था होंठो को मसल रहा था. फिर मैंने हाथ गर्दन से होते हुए ब्लाउज़ के ऊपर तक लेकर रखा. जहाँ से मम्मो की पहचान चालू होती है वहाँ तक ले आया, और रुक गया.
अब मैने उसकी नजर से नजर मिलाना शुरू किया. दूसरा हाथ गाल पर रख कर मैंने होठ सहलाना चालू किया. अब उसने मेरा मम्मो के नजदीक वाला हाथ एक हाथ से पकड़ा और बोली “क्या हमें ये करना चाहिए?” वो कन्फ्यूज्ड थी और मैंने कहा “ये सब सोचना पीछे रह गया अब या तो मर्जी से या फिर मर्जी बगैर करना है”.
उसे अब ये महसूस हुआ की अब ये पीछे नहीं हटेगा. उसने मेरे लेफ्ट हैंड के तलवे को चूमा और अपने मम्मे पर मेरा हाथ दबा दिया. मैंने किस करने के लिए होंठ उसके होंठ पर रख दिए. और उसने बहुत ही पैशनेट रिस्पांस दिया या काटना चालू किया. मैं उसके लेफ्ट मम्में को दबा रहा था और वो मेरे हाथ को 3-4मिनट मेरा किस चला.
“चलो अब बेड पर चलो.” उसने कहा.
और वो मेरा हाथ पकड़कर खड़ी हुई जैसे वो चलने के लिए आगे बढ़ी मुझसे कण्ट्रोल नहीं हुआ और मैंने पिछे से उसे पकड़ लिया. दोनों मम्मे मेरे हाथ में भरकर उसे मेरी आगोश में दबोच लिया. उसकी गर्दन पर किस कर रहा था उसको पीछे मुड़ के लिप लॉक किस किया. मेरा लंड पीछे से उसके गांड के बिच दबा दिया.
फिर से मैंने उसके होठों पर काबू पा लिया. ये लिपलॉक मेरी लाइफ का सबसे बेहतरीन किस था. अंदाजन 4 मिनट चला उसने भी पूरा सहयोग दिया. इस किस के दौरान मम्मे पूरे मसले रहे. हमारे मुँह से लार टपकती रही हम दोनों वही लार चाटते रहे मेरी मूछे उसके होठ मेरे होठ लार से लथपथ.
इस किस में इतना जूनून था की हम दोनो मे जैसे होड़ लगी होके कौन पहले रूकता है. किस के बाद दोनो ही जीभ से एकदूसरे के मुँह पर लगी लार चाटते रहे. फिर से दोनो के बदन ने आवाज दी और फिर एक लिप लॉक हुआ. इस चुम्मे के बाद २ मिनट कुछ भी सूझ नहीं रहा था.
मैंने साइलेंस ब्रेक किया “खुश?”
उसने जवाब दिया “इसी मे खुश… ना रे बाबा कहीं और भी होठ है, देखूंगी वहाँ कितना खुश कर पाते हो?”
दोस्तों यह तो मर्द को चुनौती वाली बात है मुझे उसने उकसा दिए ये सुनते ही मेरी पकड़ मम्मो पर बढ़ गयी. मेरी पूरी ताकत हाथो के पंजो मे आ गयी. उसे दर्द तो यक़ीनन हो रहा था पर वो बर्दास्त कर रही थी. उसने मुझे आगे उकसाया जब कहा की “दम सिर्फ हाथो में है या.”
ये कहते वक़्त उसने पीछे झूककर मेरे कान के बाली (ईयरलोब) को दांतों मे पकड़ा और दांत कानो में गड़ती चली गयी मानो अब ये जंग थी के वो मम्मो के दर्द से काटना छोड़ेगी या मैं कान के दर्द मम्मे दबाना काटते हुए उसने कहा “कान काटना छुड़वाना चाहते हो तो मैं लंड पे बैठूंगी उस दिन की तरह.” और बड़ी बेरहमी से उसने मेरे लंड पे हाथ रगड़ा. शुक्र थी कि लंड जीन्स पेंट में था.
फिर मैंने ये सब सहते हुवे कहा “इस घर की सब औरते ऐसी ही है क्या?”ये मेरा परफेक्ट अटैक रहा.
“सबसे क्या मतलब है तेरा मैं और समृद्धि बस किसी तीसरी की तरफ देखने की जरूरत नहीं है तुम्हे.”
अब मैंने भी मम्मे छोड़ दिए. एक हाथ उसकी गांड के निचे और दूसरा उसकी गर्दन के निचे रखके उसे उठाया और बेडरूम में आ गया. बेडरूम में आते ही उसे मैंने बेड पर पटक दिया. और उसपर काबू करने के लिए उसपर लेट गया. उसके मम्मे मेरी छाती के निचे मानो क्रश हुए. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उसने मम्मो को मुझसे भिड़ा दिया था पीठ उठाकर. मैंने एक सिंपल किस किया तब गोपी ने कहा “अब निचे किस करो नहीं तो ये सूज जायेंगे और मैं किसी को जवाब भी नहीं दे पाऊँगी” ये सब इतना उत्तेजक कामुक था की मैं उसकी हर एक डिमांड पूरी करना चाहता था.
दोस्तों गोपी ने ब्लू साटन रंग की साड़ी पहनी थी. साड़ी मेरा वीकेस्ट पॉइंट है और उसके मम्मे परफेक्ट थे वो बड़े नहीं थे लेकिन उसके लिए परफेक्ट. त्रिकोण थे पूरी कसावट थी. मुझे सिर्फ ब्राउन चूची वाले मम्मे पसंद आते है. मैं बेड के निचे बैठ गया तब तक उसने पैर मोड़ लिए थे और फैलाके मेरे इजी एक्सेस के लिए जगह बना दी थी.
ब्लू निक्कर (पेंटी) कमर से काफी निचे उसकी गांड पे पकड़ बनाये थी. ऐसी जवान औरत की चूत को सम्भालने का मुश्किल काम वो अपनी पूरी ताकत से कर रही थी. ये इसलिए कह रहा हु कि जब मैंने पेंटी देखी तो उस पर सिर्फ चूत की जगह इतनी गीली थी जैसे सिर्फ उतना ही पोरशन पानी में भिगोया हो.
पेंटी पूरी चूत के छेद में धंस गयी थी. दोस्तों सोचो गोपी कितनी गरम रही होगी. पेंटी निकलने के लिए मुझे बहुत मशक्कत करनी पड़ी. पर जब पेंटी उतर गयी तो नजारा बेहतरीन था (ये दिन भगवान ने मेरे लिए खास बनाया था) सपने में जैसी चूत सोचकर मुठ मारता था उससे कही बेहतरीन चूत सामने थी, वो भी मेरे लिए.
चूत पे एक भी बाल नहीं लेकिन चूत के ऊपर 2 इंच का झाटो का गुच्छा. झांट घुंघराले और बहुत ही क्लीन थी. अब मुझे पता चल गया की पेंटी इतनी गीली कैसे हुई चूत का पानी सोखने के लिए बाल थे ही नहीं. चूत गोरी होठ डार्क ब्राउन और थोडा सा खुला हुआ होल गहरा पिंक.
चूत के होल में चुत रस की कुछ ताज़ा बूंदे चमक रही थी. मेरे होठ उसकी चूत के होठों पे जाकर होठों को चूसने लगे. पहले मैंने चूत का पानी पी लिया खारा था. मैंने जीभ होल में डाली और अब अंदर का पानी चाटने लगा. उसकी गंध (स्मेल) ने और चूत चाटने पर मजबूर किया. ऊपर गोपी यक़ीनन आँख बंद करके चूची दबा रही होगी.
उसकी कमर कभी घूम के वो होठों से सटा देती. एक दम से वो एक तरफ मुड़ी मेरा हेड दोनों जाँघ के बिच कानों पर पकड़ लिया और पिछे से हाथ में मेरे बाल खिच के चूत होंठ पे दबाने लगी. अब उसका दाना मेरे मुँह में और मेरी नाक उसके छेड़ में थी सास लेना बहुत मुश्किल था. अब मैं दांत से दाना काटने लगा और जीभ भी रगड़ने लगा.
पहले दांत से काटना और फिर खुरदरी जीभ से रगड़ना मैंने जारी रखा. मेरे दोनों कान बंद थे नाक से मुश्किल से सास ले पा रहा था. गोपी मर्दाना आवाज में कुछ बड़बड़ाई जैसे “ईईईईईईईह्ह्ह्ह आआआआआअह्ह्ह चाट ऊऊऊऊक्क्क्क ऊक्क्क्कक हाय हाय वैसे ही उधर उधर प्लेज्ज्ज्जज्ज्ज्ज, छोड़ मत छोड़ मत बस्सस बससससससससस बसससससससस और ऑररररररररर और ना.”
ऐसा कहके उसने पूरी ताकत से मेरे मुँह को चूत से सटाया बेरहमी से मेरे बाल खींचे. और एक पानी का फव्वारा ही जैसे फुट पड़ा जो पूरा निगलना पड़ा. बहुत ही पतला चिपचिपा पानी पूरा का पूरा उसने मुझे पिलाया. मेरी गर्दन है या नहीं इसका पता नहीं चल रहा था. कुछ सेकण्ड्स में पकड़ ढीली हो गयी लेकिन मैं मेरा माथा उसके जांघ पर से उठा नहीं पाया.
फिर हल्के हल्के उसके चूत के प्यार भरे किस करता रहा. अब उसने सारी ताकत एक की और वो बैठ गयी, मेरे बालो को सहलाने लगी. “वाओ क्या बात है तुम्हारी मुझे तो यकीन नहीं होता बस एक मिनट में आये” और वो मुझे दूर करके कही जाने लगी. मैंने कहा “अब मेरी बारी आई तो कहाँ जा रही हो?”
“चुदवाने के बाद औरत कहाँ जाती है? वही बाथरूम हो के आती हु.”
अब मैं अलर्ट सा हो गया और उसे मैंने पकड़ लिया. “बाथरूम भूल जाओ जब तक मेरा पूरा नहीं होता तब तक कुछ नहीं.” वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी “प्लीज जाने दो एक मिनट भी नहीं रुक पाऊँगी”. “नहीं जाएगी तू” ये कहकर मैंने उसे बेड पटक दिया और पैर फैलाये.
वो होठ भींच रही थी पेशाब रोकने की जी तोड़ कोशिश कर रही थी. मैंने पोजीशन ली अब मन में था की ऐसी ही ड्राई लंड उसकी चूत में पूरा एक स्ट्रोक में उतार दू. मैं उसके दाने पर लंड की नोक रगड़ ही रहा था कि “उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म ईईईईईईईईईई कह कर उसने होठ भींच लिए और उसके दाने से मूत की जोरदार गरम पिचकारी छोड़ी.
मेरे लंड पर उसकी पहली धार गिरी मैं बाजु सरका और देखा तो पांच साढ़े पांच फ़ीट की मूत की पिली पिचकारी चूत से बहुत प्रेशर से उड़ रही थी. रूकने नाम ही नहीं ले रही थी. एक डेढ़ मिनट तक वो पेशाब करती रही. सामने वाले बेड की चादर और गद्दी गीली हो गयी पूरा फर्श गिला हुआ.
फिर वो कुछ शांत हुई शांत होते वक़्त चार पांच छोटी पिचकारिया मारी. अंदाज से डेढ़ लीटर पेशाब किया उसने. अब वो निढाल होकर आँखे मूंदे पड़ गयी. अब मुझ पर जानवर सवार हुआ. और जो मन में था वो अमल में लेन लगा. उसकी सिकुड़ती-फैलती चूत को देखकर मैंने पोजीशन ली. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
गोपी इस सब से अनजान थी. मैंने निशाना साधा और एक ही झटके में पूरा उतर गया उसकी चूत में. “आआआआआआअह्ह्ह्ह” कराह के दर्द सहने लगी. वो मुझे समझाने की या कुछ करने की उसमे जान बची नहीं थी. मैंने पूरा लंड उसके अंदर धस दिए. और उसपर काबू कर लिए.
दो मिनट ऐसे ही लंड चूत में जमाये रखा. उसकी सिकुड़ती-फैलती चूत का मजा मेरा लंड लेने लगा. दो मिनट बाद शुरुआत की मैंने चोदने की. फिर 30-35 मिनट मेरे थे चोदते रहा वो सहती रही. 10-15 मिनट बाद उसने भी थोड़ा रेस्पोंद किया पर वो मेरा वक़्त था.
मेरी स्पीड बढती रही फिर एक वक़्त ऐसा आया की लंड पूरा अंदर बाहर करने लगा. उसकी चूत मेरा लंड मेरी गोटिया जाते पूरी गीली हुई थी एक अजीब मिश्रण से उसमे गोपी के चूत का पानी उसकी पेशाब मेरी थूक और मेरा पानी सब था. मैंने आखिरी 3 फटके ऐसे लगाए की गोपी दो दिनो तक पैर फैला कर चल रही थी. और फिर मेरा सब चिकना चिपचिपा सफ़ेद और गाढे वीर्य की 6-7 पिचकरिया डेढ़ दो मिनट तक उसके गर्भ तक पहुँचता रहा. मैंने उसी अवस्था में उसकी चूत को मेरा वीर्य पिलाया.
अगर उस दिन वो फर्टाइल होती तो यक़ीनन वो आज प्रेग्नेंट होती. फिर उसके ऊपर मैं पड़ा रहा और वो मुझे सहलाती रही. जब मैंने लंड निकाला तो सीधा उसके मुँह के पास ले गया और उसने बहुत प्यार से उसे चाटा. मैंने भी उसकी सूजी हुई चूत अपने जीभ से साफ़ की. सुबह के साढ़े पांच बज चुके थे मेल कब का आ चुका था. बहुत ही इंटिमेट मॉर्निंग किस करके वहाँ से मैं अस्पताल के लिए निकला. दोस्तों प्लीज ये ट्राई करना मेरा एक्सपीरियंस है की सेक्स से पहले पेशाब मत करना बहुत ही इरोटिक होता है.
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